Acquisition Meaning in Hindi With Example | Acquisition kya hai | Types of Acquisition in Hindi | Example of Acquisition in Hindi
किसी कंपनी, एसेट या प्रॉपर्टी को acquire करने की प्रक्रिया को Acquisition कहते हैं। Acquisition का अर्थ होता है ‘अधिग्रहण‘ इसका मतलब है किसी कंपनी पर कंट्रोल स्थापित करना. ऐसा कहा जाता है कि जब कोई कंपनी किसी दूसरी कंपनी को खरीदती है तो उसने दूसरी कंपनी का अधिग्रहण किया है।
आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Acquisition kya hai, Acquisition का मतलब क्या है, एक्विजिशन क्यों किया जाता है, एक्विजिशन कितने प्रकार का होता है, इसके फायदे और नुकसान क्या है और इसके अलावा हम अधिग्रहण से संबंधित महत्वपूर्ण बातों के बारे में चर्चा करेंगे।
तो चलिए सबसे पहले समझते हैं कि hindi meaning of acquisition क्या है?
Acquisition Meaning in Hindi
एक्विजिशन शब्द का शाब्दिक अर्थ अर्थात मीनिंग होता है अधिग्रहण करना, मतलब किसी कंपनी को अधिग्रहित (Acquire) करने की प्रक्रिया को अधिग्रहण (Acquisition) कहते हैं। यह अधिग्रहण किसी भी कंपनी, संस्था या बिजनेस का हो सकता है।
Acquisition का हिंदी अर्थ होता है अधिग्रहण करना या कंट्रोल (अधिकार) करना। मतलब जब कोई कंपनी किसी दूसरी कंपनी को खरीदती है तो वह Acquisition (अधिग्रहण) कहलाता है।
एक्विजिशन करने के लिए एक कंपनी दूसरी कंपनी को खरीद सकती है या फिर अगर वह शेयर बाजार में लिस्टेड है तो उस कंपनी के शेयर खरीद सकती है।
Acquisition करने का मकसद होता है अपने व्यापार को बढ़ाना या मार्केट में अपने कंपटीशन को खत्म करना. बहुत सारी कंपनियां ऐसा करती हैं कि जब उन्हें लगता है कि किसी कंपनी से उनके बिजनेस को नुकसान है तो वह उसे acquire कर लेती हैं ताकि उस पर खुद नियंत्रण कर सकें।
अब तक हमने बिजनेस की भाषा में एक्विजिशन का मतलब समझा. अब जानते हैं कि-
अधिग्रहण क्या है – What is Acquisition in Hindi?
Acquisition मतलब अधिग्रहण एक कंपनी, एसेट या प्रॉपर्टी को अपने कंट्रोल में लेने का प्रोसेस होता है। ये किसी कंपनी को ख़रीद कर अपने कंट्रोल में करना, या किसी कंपनी में कंट्रोलिंग शेयर ख़रीद कर उसे अपने कंट्रोल में करना भी हो सकता है।
एक्विजिशन के अंतर्गत उस कंपनी में इन्वेस्टमेंट किया जाता है जिस कंपनी की फ्यूचर में ग्रोथ हो सकती है।
अधिग्रहण एक कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे कंपनी को new market, customer base, technology, expertise और resources मिल जाते हैं। इसीलिए ये प्रोसेस कंपनी के विकास और विस्तार के लिए बहुत जरूरी है।
- Acquisition (अधिग्रहण) के माध्यम से, कंपनी खुद को अपने प्रतिस्पर्धी यानी competitors से अलग या बड़ा बना सकती है जिसके लिए नई रणनीतियां (strategies) और product develope करने के लिए नए संसाधन (resources) मिल सकते हैं।
ये प्रोसेस कंपनी की लॉन्ग टर्म growth और success के लिए बहुत जरूरी होता है। इस प्रोसेस में कंपनी की मैनेजमेंट टीम और financial advisors की अहम भूमिका होती है जिससे ये प्रोसेस आसानी से और सफलतापूर्वक हो जाता है।
अधिग्रहण का उदाहरण (Example of Acquisition in Hindi)
मान लीजिए एक मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी, XYZ, के लिए नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है तो उसके लिए एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी को खरीदना अधिग्रहण (Acquisition) का अच्छा उदाहरण है।
इस प्रकार आप कह सकते हैं कि XYZ मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी ने किसी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी का Acquisition किया है।
- इससे XYZ कंपनी को नया मोबाइल फोन डिजाइन और develope के लिए नई तकनीक और विशेषज्ञता मिल जाएगी।
- ये अधिग्रहण XYZ कंपनी के लिए विकास और विस्तार के लिए बहुत जरूरी हो सकता है।
- इससे कंपनी के लिए नया मार्केट, कस्टमर बेस और रेवेन्यू जनरेट होने के चांस बढ़ते हैं।
चलिए Acquisition का एक और उदाहरण देखते हैं–
अधिग्रहण का दूसरा उदाहरण:
एक फास्ट फूड चेन कंपनी, ABC, के लिए एक पॉपुलर स्थानीय रेस्तरां (local restorant) को खरीदने का प्रोसेस अधिग्रहण यानी Acquisition का एक अच्छा उदाहरण हो सकता है।
- इससे ABC कंपनी को नई लोकेशन और लोकल कस्टमर बेस मिल जाएगा।
- ये अधिग्रहण एबीसी कंपनी के लिए growth और expansion के लिए बहुत जरूरी हो सकता है। क्योंकि इससे कंपनी के लिए नया मार्केट, कस्टमर बेस और revenue जनरेट होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं।
- इसके अलावा यह Acquisition, अधिग्रहीत रेस्तरां यानी acquired restaurant की reputation, menu और local following एबीसी कंपनी को उस क्षेत्र में अपना market शेयर बढ़ाने और अपनी brand image बढ़ाने में काफी मदद करेगा।
चलिए अब अधिग्रहण का एक real उदाहरण देखते हैं;
Zomato blinkit acquisition example: अभी कुछ समय पहले फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी blinkit को खरीदा था इसका मतलब है कि Zomato ने blinkit का acquisition या अधिग्रहण किया है।
उम्मीद करता हूं अब आप Acquisition example के द्वारा meaning of acquisition in hindi को अच्छे से समझ गए होंगे। अब जानते हैं Types of Acquisition के बारे में.
अधिग्रहण के प्रकार (Types of Acquisition in Hindi)
Acquisition (अधिग्रहण) दो प्रकार के होते हैं; Horizontal Acquisition और Vertical Acquisition. जब कंपनी अपने ही सेक्टर की किसी अन्य कंपनी को खरीदती है तो उसे Horizontal Acquisition कहते हैं।
और जब वह अपनी इंडस्ट्री की सप्लाई चैन में योगदान देने वाली कंपनियों को खरीदनी है तो उसे Vertical Acquisition कहा जाता है।
कुछ अन्य प्रकार के महत्वपूर्ण अधिकरण के बारे में भी आपको जानना चाहिए जैसे;
- Asset Acquisition
- Stock Acquisition
- Merger
- Consolidation
- Leveraged Buyout
- Management Buyout
- Reverse Merger
- Tender Offer
- Friendly Acquisition
- Hostile Acquisition
इन सभी के बारे में नीचे शार्ट तरीके से बताया गया है–
- Asset Acquisition in hindi: यह किसी विशिष्ट संपत्ति यानी specific assets को खरीदने का process होता है, जैसे की property, equipment ya intellectual property.
- Stock Acquisition in hindi: ये एक्विजिशन टाइप कंपनी के कंट्रोलिंग शेयर को खरीदने का प्रोसेस होता है।
- Merger: ये एक्विजिशन टाइप दो कंपनियों को एक ही एंटिटी में combine करने का प्रोसेस होता है, जिसमें से एक कंपनी दूसरे से absorb हो जाती है।
- Consolidation: ये मल्टीपल कंपनियों को एक ही कंपनी में कंबाइन करने का प्रोसेस होता है।
- Leveraged Buyout: ये कंपनी को डेट के जरिए खरीदने का प्रोसेस होता है।
- Management Buyout: ये कंपनी के मैनेजमेंट टीम द्वारा खरीदने का प्रोसेस होता है।
- Reverse Merger: ये छोटी कंपनी को बड़ी कंपनी में मर्ज करने का प्रोसेस होता है।
- Tender Offer: ये कंपनी के शेयर्स को ओपन मार्केट में खरीदने का प्रोसेस होता है।
- Friendly Acquisition in hindi: किसी कंपनी की स्वेच्छा से खरीदने का प्रोसेस Friendly Acquisition कहलाता है।
- Hostile Acquisition in hindi: ये अधिग्रहण प्रकार की कंपनी को force करके यानी दबाव डालकर खरीदने का प्रोसेस होता है।
अब आप Acquisition कितने प्रकार का होता है यानी types of acquisition समझ चुके हैं चलिए अब इसी से रिलेटेड कुछ जरूरी terms को भी समझ लेते हैं.
Cost of Acquisition Meaning in Hindi
Cost of Acquisition का हिंदी अर्थ है अधिग्रहण की लागत. इसे शार्ट में COA भी कहते हैं। यह ग्राहक या एसेट को हासिल करने के लिए गए गए सभी खर्चो को रेफर करता है।
इसमें advertising, sales commission और दूसरे मार्केटिंग खर्चो जैसे खर्चे शामिल होते है। ग्राहक के मामले में, इसमें ग्राहक को दिए गए सामान या services के खर्चो को भी शामिल किया जाता है।
आपने बिजनेस में कई बार cost of customer acquisition के बारे में भी सुना होगा चलिए इसका मतलब समझते हैं–
- Cost of customer acquisition एक बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि ये बिजनेस को बताता है कि कस्टमर को हासिल करने के लिए कितने खर्च होते हैं।
- इससे बिजनेस को उसके कस्टमर acquire करने की strategy को optimize करने में मदद मिलती है।
COA का कैलकुलेशन कस्टमर या एसेट के लिए अलग-अलग हो सकता है। ग्राहक अधिग्रहण यानी customer acquisition के लिए COA ग्राहक के लाइफटाइम वैल्यू से तुलना किया जाता है ताकि बिजनेस को पता चल सके कि ग्राहक को हासिल करने के लिए कितना खर्च उठाना पड़ेगा।
एक उदाहरण के लिए, मान लीजिये कि एक कंपनी XYZ जो fashion product बेचती है। उनके लिए अधिग्रहण की लागत (COA) यानी खर्चे कस्टमर को लाने के लिए लगाए गए पैसे होंगे। इन खर्चों में सोशल मीडिया विज्ञापन, बिक्री, commision, रेफरल program, या first sale पर discount आदि के लिए हो सकते हैं।
- उदाहरण के लिए, यदि कंपनी XYZ ने सोशल मीडिया advertisement पर 1000 रुपये, बिक्री कमीशन पर 500 रुपये, और नए ग्राहकों को प्राप्त करने के लिए एक महीने में रेफरल प्रोग्राम पर 200 रुपये खर्च किए, तो उस महीने के लिए उनका COA यानी Cost of customer acquisition 1700 रुपये होगा।
इस XYZ कंपनी को अपनी customer acquisition strategy को optimize करने के लिए, कंपनी को COA से customer की lifetime value से compare करना होगा।
अगर कंपनी को पता चले की एक कस्टमर की लाइफटाइम वैल्यू 5000 रुपये है, तो वो कस्टमर को हासिल करने के लिए 1700 रुपये खर्च उठा सकती है।
Land Acquisition Meaning in Hindi
Land Acquisition का अर्थ है भूमि अधिग्रहण. यह निजी व्यक्ति या संगठन से सरकार या निजी संस्था के लिए ज़मीन का स्वामित्व (ownership) हासिल करने की प्रक्रिया है। ये नेगोशिएशन, एमिनेंट डोमेन या purchase के जरिये किया जाता है।
Land यानी जमीन का Acquisition लोक निर्माण परियोजनाएं (public works projects), शहरी विकास (urban development) या निजी विकास private development के लिए किया जाता है।
एमिनेंट डोमेन के जरिये सरकार प्राइवेट ज़मीन को पब्लिक यूज़ के लिए ले सकती है, लेकिन उन्हें ज़मींदार यानी जमीन के मालिक को मुआवज़ा (compensation) देना होता है।
नेगोशिएशन में सरकार या निजी संस्था ज़मींदार से ज़मीन ख़रीदने की पेशकश करती है। इस खरीद में ज़मींदार से ज़मीन ख़रीद के आपसी क़ीमत पर ख़रीद ली जाती है।
भूमि अधिग्रहण यानी Land Acquisition की प्रक्रिया विवादास्पद होती है क्योंकि ये निवासी को विस्थापित (displace) करने या समुदायों (communies) को बाधित करने के लिए हो सकता है।
लेकिन इसके लिए कुछ कानून और नियम होते हैं जो भूस्वामियों के अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं और अधिग्रहण प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करने के लिए बनाए गए हैं।
इसके अलावा भूमि अधिग्रहण स्वैच्छिक (इच्छा के अनुसार) भी हो सकता है जिसमे भूमि मालिक जमीन बेचने के लिए तैयार होता है। इस तरह के मामलों में, प्रोसेस सिंपल होता है क्योंकि जमीन का मालिक जमीन बेचना चाहता है और इसलिए किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही की जरूरत नहीं पड़ती है।
चलिए Land Acquisition और अच्छी तरह से समझने के लिए इसका एक उदाहरण देख लेते हैं–
उदाहरण के लिए, मान लो कि सरकार के लिए एक नया एक्सप्रेसवे यानी हाईवे सड़क बनाने के लिए जमीन की जरूरत है। तो सरकार, ज़मीन के मालिकों से बातचीत के माध्यम से ज़मीन ख़रीद सकती है, एक पारस्परिक रूप से सहमत कीमत पर।
या फिर, सरकार प्रख्यात डोमेन के माध्यम से ज़मीन को हासिल कर सकती है लेकिन ज़मींदार को उचित मुआवज़ा देना होगा।
इस प्रक्रिया के दौरन, सरकार भूमि अधिग्रहण के कानून और नियमों का पालन करेगी। ये कानून और नियम जमीदारों के अधिकारों की रक्षा करते हैं जोकि अधिग्रहण प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरिके से करने के लिए बनाए गए हैं।
इनके अंतर्गत land owners को fair compensation यानी मुआवजा मिलना चाहिए और उनको resettlement भी प्रदान करना चाहिए।
Knowledge Acquisition Meaning in Hindi
Knowledge acquisition का हिंदी अर्थ है ज्ञान का अधिग्रहण. मतलब जब आप ज्ञान प्राप्त करते हैं या किसी विशेष टॉपिक के बारे में समझते हैं तो उसे नॉलेज acquire करना knowledge acquisition कहते हैं।
इसके अंतर्गत formal education (स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी की पढ़ाई) और informal education (self study, एक्सपीरियंस) दोनों आते हैं।
किसी रिसर्च या observation के द्वारा इंफॉर्मेशन और डेटा को acquire करने की प्रक्रिया को ही Knowledge acquisition कहा जाता है।
Talent Acquisition Meaning in Hindi
Talent Acquisition का अर्थ या मतलब है कि एक कंपनी या organization के लिए सबसे क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को ढूंढना, अट्रैक्ट करना और hire करना।
Talent Acquisition एक कंपनी के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उसके लिए उसके फ्यूचर के लिए बेस्ट टैलेंट को ढूंढना बहुत जरूरी होता है। ये प्रोसेस कंपनी के लिए बेस्ट टैलेंट को आकर्षित करने के लिए भर्ती, विज्ञापन, कर्मचारी रेफरल, कैंपस रिक्रूटिंग या हेडहंटिंग के जरिए किया जाता है।
ये भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो कंपनी के लिए सही कर्मचारी को हायर करने में मदद करता है।
- टैलेंट एक्विजिशन प्रोसेस में प्री-एम्प्लॉयमेंट स्क्रीनिंग, बिहेवियरल एंड टेक्निकल इंटरव्यू, बैकग्राउंड एंड रेफरेंस चेक, और दूसरे असेसमेंट टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कंपनी के लिए सबसे क्वालिफाइड और बेस्ट फिट कैंडिडेट को सेलेक्ट किया जा सकता है।
Talent Acquisition प्रोसेस का अल्टीमेट गोल होता है कि कंपनी के लिए राइट एंप्लॉयी को हायर करने से कंपनी के लिए लॉन्ग टर्म बेनिफिट हो। ये प्रोसेस कंपनी के विकास और सफलता के लिए बहुत जरूरी है।
अब तक आपने Land Acquisition, Talent Acquisition और knowledge Acquisition के बारे में जाना. अब जानते हैं;
Acquisition के फायदे और नुकसान
अधिग्रहण करने के फायदे और नुकसान के बारे में नीचे बताया गया है–
अधिग्रहण के फायदे (Advantages of Acquisition in Hindi)
- बाजार विस्तार (Market expansion): अधिग्रहण एक कंपनी को दूसरी कंपनी के कस्टमर बेस, बाजार हिस्सेदारी और revenue बढ़ाने में मदद करता है। ये एक किफ़ायती तरीका है जिसमें कंपनियों को बाज़ार में विस्तार करने के लिए मदद मिलती है।
- लागत बचत (cost saving): अधिग्रहण से कंपनियों को economies of scale के साथ लागत बचत मिलती है। ये कंपनियों को रिसोर्सेज, टेक्नोलॉजी और एंप्लॉयीज के साथ मिलने के लिए मदद करता है।
- नई तकनीक तक पहुंच (Access to new technology): अधिग्रहण से कंपनियों को दूसरी कंपनी के technology और intellectual property के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है। ये कंपनियों को अपने product और services में सुधार करने के लिए मदद करता है।
- विविधीकरण (Diversification): अधिग्रहण से कंपनियों को विविधीकरण के साथ जोखिम को कम करने के लिए मदद मिलती है। ये कंपनियों को अपने रेवेन्यू स्ट्रीम को डाइवर्सिफाई करने के लिए मदद करता है।
- प्रतिस्पर्धात्मक लाभ (Competitive advantage): Acquisition से कंपनियों को दूसरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है। ये कंपनियों को बाजार में dominance के लिए मदद करता है।
- बढ़ी हुई दक्षता (Increased efficiency): अधिग्रहण से कंपनियों को दूसरी कंपनी के संसाधन और टेक्नोलॉजी के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है, जिस से कंपनियों के संचालन में सुधार होते हैं।
- बेहतर ग्राहक सेवा (Improved customer service): अधिग्रहण से कंपनियों को दूसरी कंपनी के ग्राहक आधार के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है, जिससे कंपनियों को ग्राहक सेवा में सुधार करने के लिए मदद मिलती है।
- उत्पादकता में वृद्धि (Increased productivity): अधिग्रहण से कंपनियों को दूसरी कंपनी के कर्मचारियों के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है, जिस से कंपनियों को उत्पादकता में सुधार करने के लिए मदद मिलती है।
- बढ़ी हुई बाजार हिस्सेदारी (Increased market share): अधिग्रहण से कंपनियों को दूसरी कंपनी के बाजार में हिस्सेदारी के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है, जिस से कंपनियों को अपने बाजार हिस्सेदारी में सुधार करने के लिए मदद मिलती है।
- बढ़ा हुआ राजस्व (Increased revenue): Acquisition से कंपनियों को दूसरी कंपनी के revenue के साथ मिलने के लिए मदद मिलती है, जिस से कंपनियों को अपने रेवेन्यू में सुधार करने के लिए मदद मिलती है।
अधिग्रहण के नुकसान (Disdvantages of Acquisition in Hindi)
- उच्च लागत (High costs): अधिग्रहण प्रक्रिया में कंपनियों को खर्च को उठाना पड़ता है, जिस्म कानूनी फीस, ड्यू डिलिजेंस कॉस्ट, और अन्य खर्च शामिल होते हैं।
- एकीकरण चुनौतियां (Integration challenges): अधिग्रहण के बाद, कंपनियों को दूसरी कंपनी के कर्मचारी, culture और सिस्टम को एकीकृत करना होता है, जिसमें मुश्किलें आ सकती हैं।
- प्रमुख कर्मचारियों का नुकसान (Loss of key employees): अधिग्रहण के दौरन, दूसरी कंपनी के प्रमुख कर्मचारियों का इस्तीफा हो सकता है, जिस से कंपनी को उत्पादकता और राजस्व का नुकसान हो सकता है।
- ब्रांडिंग चुनौतियां (Branding challenges): अधिग्रहण के बाद, कंपनियों को अपने ब्रांड को मर्ज या रीब्रांड करना होता है, जिस में मुश्किलें आ सकती हैं।
- कम हुआ कर्मचारियों का मनोबल (Decreased employee morale): अधिग्रहण के दौरान, दूसरी कंपनी के कर्मचारियों को अनिश्चितता और नौकरी की असुरक्षा महसूस हो सकती है, जिस से कर्मचारियों का मनोबल कम हो सकता है।
- ग्राहकों की वफादारी में कमी (Decreased customer loyalty): अधिग्रहण के दौरान, दूसरी कंपनी के ग्राहकों को सेवा या उत्पादों में बदलाव महसूस होता है, जिससे ग्राहक वफादारी कम हो सकती है।
- घटी हुई स्टॉक वैल्यू (Decreased stock value): अधिग्रहण के दौरन, कंपनी के स्टॉक वैल्यू में कमी हो सकती है क्योंकि निवेशक अधिग्रहण से संबंधित जोखिमों पर विचार करते हैं।
- नियामकीय चुनौतियां (Regulatory challenges): अधिग्रहण के दौरन, कंपनियों को विभिन्न नियमों और कानूनों का पालन करना होता है, जिसमें कई तरह की मुश्किलें आती हैं।
- सांस्कृतिक संघर्ष (Cultural clashes): अधिग्रहण के बाद, कंपनियों को दूसरी कंपनी की संस्कृति और मूल्यों के साथ सौदा करना होता है, जिस्म सांस्कृतिक संघर्ष आ सकते हैं।
- वित्तीय जोखिम (Financial risks): अधिग्रहण के दौरान, कंपनियों को वित्तीय जोखिमों पर विचार करना होता है, जिस्म कंपनी को वित्तीय नुकसान हो सकता है।
Acquisition Meaning in Hindi: इस अध्याय की महत्वपूर्ण बातें
- Acquision एक बिजनेस स्ट्रैटेजी है जिसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी या बिजनेस को खरीद कर उसके एसेट्स, कस्टमर बेस, और टेक्नोलॉजी को अपने लिए इस्तेमाल करती है।
- एक्विजिशन के दो टाइप होते हैं: हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल। हॉरिजॉन्टल एक्विजिशन में एक कंपनी दूसरी कंपनी के same इंडस्ट्री में Acquision करती है, जबकी वर्टिकल एक्विजिशन में एक कंपनी दूसरी कंपनी की सप्लाई चेन के हिसाब से अधिग्रहण करती है।
- एक्विजिशन से कंपनी को ग्रोथ के मौके मिलते हैं, मार्केट शेयर बढ़ता है, और कॉस्ट सेविंग होती है।
- अधिग्रहण की प्रक्रिया में कई स्टेप होते हैं, जिसमें नेगोशिएशन, ड्यू डिलिजेंस, और क्लोजिंग शामिल होते हैं।
- अधिग्रहणकर्ता कंपनी के माध्यम से ड्यू डिलिजेंस प्रोसेस के माध्यम से कंपनी के वित्तीय, देनदारियों, संपत्तियों, कानूनी मुद्दों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को लक्षित करे कोई भी निर्णय लेने से पहले जांच करता है।
- Acquisition के लिए फंडिंग सोर्स में इक्विटी, डेट और कैश शामिल होते हैं।
- अधिग्रहण के बाद कर्मचारियों के साथ काई परिवर्तन होते हैं, जैसे उन्हें नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां मिलती हैं, या उन्हें छंटनी भी हो सकती है।
- Acquisition करने से ब्रांडिंग पर भी प्रभाव पड़ता है, जिसमें ब्रांड को मर्ज या रीब्रांड किया जाता है या नई कंपनी के तहत डाला जाता है।
- अधिग्रहण एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कंपनियों के लिए काई चुनौतियां और जोखिम होते हैं लेकिन, अगर सही तरीके से हैंडल किया जाए तो एक्विजिशन से कंपनियों को लॉन्ग टर्म बेनिफिट मिलते हैं।
- Acquisition strategy को optimize करने के लिए कंपनियों को अपने COA को कस्टमर की लाइफटाइम वैल्यू से तुलना करना होगा।
- एक्विजिशन के दौरन कंपनियों को ड्यू डिलिजेंस, फंडिंग सोर्सेज और ब्रांडिंग के पहलुओं पर विचार करना होगा।
- अधिग्रहण एक growth strategy होती है जो कंपनियों को बाजार में हिस्सेदारी और revenue बढ़ाने के लिए मदद करता है।
- ये एक cost-effective तरीका है जिसमें कंपनियों को किसी दूसरी कंपनी के संसाधन, तकनीक, और customer base के साथ मिल जाता है।
- अधिग्रहण की प्रक्रिया में कंपनियों को कानूनी और वित्तीय पहलुओं पर विचार करना होगा।
- ड्यू डिलिजेंस प्रोसेस के द्वारा एक्वायरर कंपनी टारगेट कंपनी के लिए सही फैसला ले सकता है।
- एक्विजिशन के बाद कंपनियों को इंटीग्रेशन प्रोसेस को हैंडल करना होता है, जिस तरह एसेट्स, एंप्लॉयीज, और ऑपरेशंस को सही से combine किया जाता है।
- इसमें कर्मचारियों के लिए कई बदलाव होते है, जिसमें उन्हें नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां मिलती हैं, या उन्हें छंटनी भी हो सकती है।
- अधिग्रहण एक बेहतरीन तरीका है जिससे कंपनियों को long-term growth और विस्तार के लिए मदद मिलती है।
- लेकिन, कंपनियों को इसके जोखिम और चुनौतियों के बारे में सोचना चाहिए, इसके बाद फैसले लेना चाहिए।
- कंपनियों को एक्विजिशन के दौरन ड्यू डिलिजेंस, फंडिंग सोर्सेज और ब्रांडिंग के एस्पेक्ट्स पर विचार करके सही फैसला लेना चाहिए।
Acquisition Meaning in Hindi FAQ’s
Acquisition का क्या अर्थ है?
Acquisition का अर्थ है अधिग्रहण. यह एक बिजनेस स्ट्रैटेजी है जिसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी या बिजनेस को खरीद कर उसके एसेट्स, कस्टमर बेस, और टेक्नोलॉजी को अपने लिए इस्तेमाल करती है।
अधिग्रहण के प्रकार क्या है?
एक्विजिशन के दो टाइप होते हैं: हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल।
हॉरिजॉन्टल एक्विजिशन में एक कंपनी दूसरी कंपनी के सेम इंडस्ट्री में है, जबकी वर्टिकल एक्विजिशन में एक कंपनी दूसरी कंपनी की सप्लाई चेन के हिसाब से है।
अधिग्रहण का क्या फ़ायदा है?
एक्विजिशन से कंपनी को ग्रोथ के मौके मिलते हैं, मार्केट शेयर बढ़ता है, और कॉस्ट सेविंग होती है।
अधिग्रहण की प्रक्रिया में क्या स्टेप होते हैं?
अधिग्रहण की प्रक्रिया में कई स्टेप होते हैं, जिसमें नेगोशिएशन, ड्यू डिलिजेंस, और क्लोजिंग शामिल होते हैं।
Acquisition के दौरान क्या जोखिम होता है?
अधिग्रहण (Acquisition) के दौरान जोखिम होते हैं, जिसमें वित्तीय जोखिम, परिचालन जोखिम, और सांस्कृतिक जोखिम शामिल होते हैं।
अधिग्रहण के बाद क्या होता है?
अधिग्रहण के बाद, कंपनी को इंटीग्रेशन प्रोसेस को हैंडल करना होता है, जिस तरह एसेट्स, एंप्लॉयीज, और ऑपरेशंस को सही से कंबाइन किया जाता है।
एक्विजिशन के दौरान क्या ड्यू डिलिजेंस किया जाता है?
Acquisition के दौरान ड्यू डिलिजेंस का क्या प्रोसेस होता है?
अधिग्रहण के दौरन ड्यू डिलिजेंस प्रोसेस के जरिए एक्वायरर कंपनी लक्ष्य कंपनी के वित्तीय, देनदारियों, संपत्ति, कानूनी मुद्दों और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं को कोई भी निर्णय लेने से पहले चेक करता है।
Acquisition के लिए क्या फंडिंग सोर्स होते हैं?
एक्विजिशन के लिए फंडिंग सोर्स में इक्विटी, डेट और कैश शामिल होते हैं।
अधिग्रहण के बाद कर्मचारियों के साथ क्या होता है?
अधिग्रहण के बाद कर्मचारियों के साथ काई परिवर्तन होते हैं, जैसे उन्हें नई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां मिलती हैं, या उन्हें छंटनी भी हो सकती है।
Acquisition के बाद ब्रांडिंग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अधिग्रहण के बाद ब्रांडिंग पर प्रभाव पड़ता है, जिसमें ब्रांड को मर्ज या रीब्रांड किया जाता है या नई कंपनी के तहत डाला जाता है।
Conclusion of ‘Acquisition Meaning in Hindi’
इस लेख में हमने जाना कि What is Acquisition in Hindi या अधिग्रहण क्या होता है, Acquisition कितने प्रकार का होता है, Acquisition करने के फायदे और नुकसान क्या हैं.
इसके अलावा हमने Land Acquisition, Talent Acquisition और Knowledge Acquisition के hindi meaning को भी उदाहरण देकर समझाया।
मैं उम्मीद करता हूं अब आपको Acquisition meaning in hindi के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा.
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