इंट्राडे ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग है जिसमें शेयर को उसी दिन खरीदा और बेचा जाता है मतलब कि एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। इसमें ट्रेडर्स अगले दिन के लिए स्टॉक होल्ड नहीं कर सकते बल्कि उसी दिन ट्रेड करके प्रॉफिट कमाना होता है।
शेयर बाजार में आपने इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में सुना होगा कि लोग एक ही दिन में शेयर को ट्रेड (buy और sell) करके लाखों रुपए कमा लेते हैं। जी हां, इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए 1 दिन में इतना पैसा कमाना संभव है।
तो अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में शुरुआती beginner यानी नए है तो सबसे पहले आपको यही पता होना चाहिए कि–
- आखिर इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है,
- इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे की जाती है,
- इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है और
- इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं?
अगर आप इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देने वाले हैं.
मैं वादा करता हूं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में आपके मन में जितने भी doubts हैं वो सभी क्लियर हो जाएंगे। बस आपको इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़ना है ताकि आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी मिल सकें।
आइये सबसे पहले जानते हैं कि-
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? (What is Intraday Trading in Hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग वह ट्रेडिंग है जिसमें शेयर को एक ही दिन के अंदर दिन खरीदा (buy) और बेचा (sell) यानी ट्रेड किया जाता है। इसमें ट्रेडर का मकसद लॉन्ग टर्म की बजाए शॉर्ट टर्म में स्टॉक को कम दाम में खरीदना और अधिक दाम में बेचकर प्रॉफिट कमाना होता है।
Intraday trading meaning in hindi in share market–
आसान शब्दों में–
- इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग. इसमें आपको अपनी खरीदे गए सभी शेयर को उसी दिन बेचना पड़ता है मतलब इसमें आप अगले दिन के लिए शेयर होल्ड नहीं कर सकते.
अगर आप किसी दिन अपने शेयरों को खरीद कर बेचना भूल जाते हैं तो आपका ब्रोकर शेयर मार्केट बंद होने से पहले उस दिन की आपकी सभी पोजीशन को खुद ही square off कर देता है मतलब उस दिन आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयर को खुद ही बेच देता है।
और क्योंकि आप अपने शेयर को खरीदकर बेचना भूल गए थे इसीलिए आपको अपने ब्रोकर को कुछ चार्ज देना पड़ता है जिसे हम square off चार्ज कहते हैं यह लगभग 50 रुपये होता है।
इसीलिए अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो स्टॉक को buy करने के बाद उसी दिन sell कर दें चाहे आपको मुनाफा हो या नुकसान ताकि आपको कोई अन्य चार्ज ना देना पड़े।
अब तक आपने इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है यह जाना.
अब समझते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग करने का फायदा क्या है?
- इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपको शेयर खरीदने के लिए पूरा पैसा नहीं देना पड़ता बल्कि आपको अपनी ब्रोकर के द्वारा कुछ मार्जिन मिलता है।
मतलब जब आप किसी स्टॉक को खरीदते समय डिलीवरी और इंट्राडे में से इंट्राडे सिलेक्ट करते हैं तो आपको कुछ पैसा उधार मिलता है ऐसा कह सकते हैं कि उतने ही पैसों में आप शेयर की अधिक क्वांटिटी खरीद सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का उदाहरण (Example of Intraday trading in hindi)
मान लीजिए आप XYZ कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं जिसकी कीमत 50 रुपये है. आपके पास अभी कुल 10000 रुपये हैं जिसमें आप XYZ कंपनी के 200 शेयर खरीद सकते हैं।
लेकिन अगर आप इसी शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो 50% मार्जिन मिल सकता है मतलब इतने ही शेयर को आप 10000 की बजाए 5000 रुपये में खरीद सकते हैं
या फिर यूं कहें कि 10000 रुपये में 200 की जगह 400 शेयर खरीद सकते हैं।
मान लीजिए XYZ कंपनी का शेयर आपने खरीद लिया और शेयर खरीदने के बाद उसी दिन उसकी कीमत 50 रुपये से बढ़कर 60 रुपये हो जाती है मतलब 1 शेयर की कीमत 10 रुपये बढ़ जाती है
तो ऐसे में आपका प्रॉफिट होगा 400×10 = 4000 रुपये
लेकिन अगर आपने इंट्राडे की बजाय डिलीवरी में शेयर खरीदा होता तो आपको XYZ शेयर की 200 क्वांटिटी ही मिलती और तब आपका प्रॉफिट 200×10 यानी 2000 होता मतलब आपका मुनाफा आधा होता।
लेकिन ध्यान रखिए– इसमें अगर शेयर की कीमत 10 रुपये बढ़ने की बजाए घट जाती है तो इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको नुकसान हो सकता है।
इसीलिए जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो उसी शेयर को खरीदे जिसमें आपको लग रहा हो कि उसका प्राइस बढ़ने वाला है इसका पता लगाने के लिए आप स्टॉक की टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं और उसके चार्ट पेटर्न को भी analyse कर सकते हैं।
- आपको बता दूं कि इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन 20% से लेकर 80% तक हो सकता है और यह सभी स्टॉक्स में नहीं मिलता है।
- हो सकता है कि कुछ स्टॉक्स में आपको शेयर खरीदने के लिए पूरा पैसा देना पड़े इसीलिए यह बात जरूर ध्यान रखें।
मेरी सलाह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में high मार्जिन वाले शेयर को आप केवल तभी खरीदें जो आपने उनका अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस किया हो, उसके सपोर्ट रेजिस्टेंस लेवल, वॉल्यूम, मूविंग एवरेज और ट्रेंड के बारे में आपको अच्छी जानकारी हो और इन सभी रिसर्च के आधार पर आपको लग रहा हो कि शेयर का दाम बढ़ने वाला है तभी उसमें पोजीशन बनानी चाहिए मतलब शेयर खरीदना चाहिए।
शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है? (How intraday trading works in hindi)
शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग खरीददार (buyer) और विक्रेता (seller) के बीच व्यापार का काम करती है. मतलब स्टॉक को उसी दिन low price में buy करके high price में sell करके इंट्राडे ट्रेडर प्रॉफिट कमाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग नए लोगों के लिए रिस्की होती है क्योंकि इसमें आपको शेयर को same day ट्रेड करना पड़ता है इसीलिए day trading से profit कमाने के लिए आपको कुछ intraday trading strategies सीखनी पड़ती है।
जब आप स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको शेयर के मूवमेंट यानी price action को ट्रैक करना पड़ता है। इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपको यह देखना पड़ता है कि–
- शेयर का प्राइस किस दिशा में जा रहा है,
- शेयर के support और resistance level क्या हैं,
- चार्ट का बड़े टाइमफ्रेम पर ट्रेंड क्या है,
- चार्ट पर अगली कैंडलस्टिक कौन सी बनने वाली है,
- किस प्राइस पर ब्रेकआउट होने वाला है,
जब आप एक इंट्राडे ट्रेडर के तौर पर इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर intraday trading करेंगे तो आपके लाभ कमाने के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाएंगे।
आपको बता दें कि इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने वाले 80% लोगों का नुकसान (loss) ही होता है इसका कारण यह है कि लोग इंट्राडे ट्रेडिंग को बहुत कम समय में पैसा कमाने का धंधा समझते हैं। जबकि आपको इसे लगातार प्रैक्टिस के द्वारा सीखना पड़ता है और कई सारी ट्रेडिंग स्ट्रेटजीस फॉलो करना पड़ता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें? (How to do intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा. फिर अपने बैंक खाते से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करें। इसके बाद जिस भी शेयर को आप खरीदना चाहते हैं उसका टेक्निकल एनालिसिस करें और स्टॉक को सही प्राइस पर buy कर लें।
जब शेयर का प्राइस आपके खरीदे गए प्राइस से थोड़ा बहुत बढ़ जाए तब आप उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आपको कैसे पता चलेगा कि शेयर का प्राइस कब बढ़ने वाला है?
- इसके लिए आपको स्टॉक की price history को देखना होगा मतलब past में उस शेयर ने कैसा परफॉर्म किया है।
- यह देखने के लिए आपको उस स्टॉक का 15 मिनट या 1 hour टाइमफ्रेम का चार्ट देखना होगा।
अगर उस चार्ट पर प्राइस लगातार नीचे जा रहा है तो आपको इसका कारण पता करना चाहिए, हो सकता है कि मार्केट में उस कंपनी से रिलेटेड कोई बुरी खबर आई हो या फिर उस कंपनी ने फाइनेंसियल नंबर यानी तिमाही नतीजे अच्छे पेश ना किए हो या फिर उसका बिजनेस अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा हो.
शेयर के गिरने का कारण कुछ भी हो सकता है और जब आपको गिरावट की वजह पता होगी तो आप उस शेयर को खरीदेंगे नहीं उल्टा बेचेंगे मतलब short selling करेंगे,
जी हां, जब शेयर प्राइस गिर रहा तब आप short sell करके भी पैसा कमा सकते हैं। शॉर्ट सेल का मतलब है पहले शेयर को बेचना फिर बाद में खरीदना।
लेकिन जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको market के fluctuation के अनुसार अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनानी चाहिए।
याद रखिए– अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में beginner हैं तो कम पैसे लगाकर कीजिये क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट की तुलना में थोड़ा रिस्की है लेकिन अगर आप ऐसे अच्छे से करना सीख गए तो आप रोजाना Profit कमा सकते हैं।
- इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कंपनी के शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करने की जरूरत नहीं होती मतलब कंपनी कैसा परफॉर्म कर रही है, उस पर कर्ज कितना है, बिजनेस कैसा है और भविष्य में वह इंडस्ट्री कैसा परफॉर्म करेगी इन सब के बारे में आपको जानने की जरूरत नहीं होती है।
आपको केवल टेक्निकल रिसर्च के आधार पर शेयर का एनालिसिस करना होता है और यह देखना होता है कि स्टॉक प्राइस यहां से ऊपर जा सकता है या नीचे और उसी के अनुसार अपना ट्रेडिंग निर्णय लेना होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक कैसे चुनें (How to select stocks in intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर कैसे चुने (Intraday trading me stock kaise select kare)–
- इंट्राडे ट्रेडिंग में सही स्टॉक चुनने के लिए आपको कुछ शेयरों की वॉच लिस्ट क्रिएट करना है।
- आपको उन्हीं शेयरों को चुनना है जिनमें लिक्विडिटी अच्छी खासी है।
- हाई लिक्विड स्टॉक में buyers और sellers अच्छी खासी संख्या में मौजूद होते हैं इसलिए शेयर को खरीदने और बेचने में कोई प्रॉब्लम नहीं आती।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर चुनते समय आप Nifty next 50 स्टॉक्स में ट्रेड कर सकते हैं।
- जिन शेयरों में intraday ट्रेडिंग करनी है उनका टेक्निकल एनालिसिस अच्छे से कर लें।
- इसके बाद स्टॉक के 10 मिनट या 15 मिनट टाइम फ्रेम वाले चार्ट का ट्रेंड देखें और उसी दिशा में ट्रेडिंग करने का डिसीजन ले।
- फिर जिन स्टॉक्स में आपको लगता है कि वॉल्यूम अच्छा है और टेक्निकल इंडिकेटर्स शेयर प्राइस ऊपर बढ़ने का संकेत दे रहे हैं आप उन्हें buy कर सकते हैं।
मेरी आपको सलाह ये है कि स्टॉक को buy करने से पहले entry price और exit price पहले से डिसाइड कर लें ताकि लाइव मार्केट में जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो आप अपना ट्रेडिंग डिसीजन जल्दी ले सकें।
Must Read:
- टेक्निकल इंडिकेटर क्या होते हैं – सभी प्रकार के इंडिकेटर की पूरी जानकारी
- इंट्रा डे ट्रेडिंग कल के लिए सबसे अच्छा स्टॉक
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखे? (How to learn intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको स्टॉक प्राइस मूवमेंट के बारे में सीखना पड़ता है जिसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस आनी चाहिए। टेक्निकल इंडिकेटर्स, मूविंग एवरेज, प्राइस एक्शन, चार्ट पेटर्न एनालिसिस और लगातार प्रैक्टिस के द्वारा आप इंट्राडे ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
Intraday trading for beginners in hindi–
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में beginner हैं तो शुरुआत आप पेपर ट्रेडिंग के जरिए कर सकते हैं। लेकिन उससे पहले आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बेसिक्स को समझना होगा जैसे;
- स्टॉक का सपोर्ट और रेसिस्टेंट प्राइस क्या होता है,
- शेयर प्राइस किस तरह मूवमेंट करता है,
- स्टॉक के चार्ट पर कौन-कौन से पैटर्न बनते हैं,
- प्रॉफिटेबल इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटजी कौन-कौन सी हैं,
ऊपर दी गई सभी चीजें आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में एक beginner के तौर पर पता होना चाहिए. नीचे कुछ पॉइंट दिए गए हैं जो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में सीखने में मदद कर सकते हैं–
1. इंट्राडे ट्रेडिंग के basics सीखो
शुरुआत में आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बेसिक्स सीखने पर फोकस करना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग में जितनी भी चीजें होती है उन सभी को एक-एक करके सीखना शुरू कर दीजिए। धीरे – धीरे आप देखेंगे कि आपको बहुत सारी चीजें पता नहीं थी और आप अन्य नए लोगों से आगे बढ़ते जाएंगे।
इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान होने की सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों के basic rules ही पता नहीं होता और सीधा इंट्राडे ट्रेडिंग करने लगते हैं।
2. इंट्राडे ट्रेडिंग की books पढ़ें
अगर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में शुरुआत से लेकर अंधे तक सब कुछ सीखना है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के ऊपर एक्सपर्ट द्वारा लिखी गई books पढ़ना होगा।
क्योंकि बुक पढ़ने से आपको एक इंट्राडे ट्रेडर बनने के लिए सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में पता चलता है और इसके बारे में सभी डिटेल्स विस्तार से मिलती है क्योंकि उसमें जो book author होता है वह अपना पूरा ट्रेडिंग एक्सपीरियंस और स्ट्रेटेजी अपनी किताब में प्रस्तुत करता है।
3. यूट्यूब पर इंट्राडे ट्रेडिंग की वीडियोस देखें
अगर आप अभी इंट्राडे ट्रेडिंग सीख रहे हैं तो यूट्यूब एक बहुत अच्छा माध्यम है। यूट्यूब पर बहुत सारे इंट्राडे ट्रेडिंग से रिलेटेड वीडियोस हैं जिन्हें आप देख सकते हैं। कोशिश करेंगे लोंग वीडियोस देखें ताकि आप को अधूरा ज्ञान ना मिले।
इसके अलावा आप किसी पर्टिकुलर यूट्यूब चैनल के प्लेलिस्ट को भी फॉलो कर सकते हैं जिसमें केवल एंड्राइड ट्रेडिंग के बारे में सिखाया जाता है लेकिन उससे पहले यह भी कंफर्म कर लें कि जो व्यक्ति आपको यूट्यूब पर सिखा रहा है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग का कितना एक्सपीरियंस है और क्या वह प्रॉफिटेबल ट्रेडर है या नहीं, अगर हां तो आप उससे ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
4. पेपर ट्रेडिंग की लगातार प्रैक्टिस करके सीखें
आजकल नए लोगों के लिए पेपर ट्रेडिंग काफी पॉपुलर हो गया है। पेपर ट्रेडिंग का मतलब होता है वर्चुअल ट्रेडिंग जिसमें आपको रियल मनी नहीं लगाना पड़ता है फिर भी आप लाइव मार्केट में ट्रेड कर सकते हैं।
इंटरनेट पर Moneybhai और Investopedia जैसी वेबसाइट के द्वारा आप वर्चुअल ट्रेडिंग कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपको प्रॉफिट हो रहा है या लॉस.
कुछ लोग कहते हैं कि वर्चुअल ट्रेडिंग में आपकी ट्रेडिंग साइकोलॉजी सही तरीके से काम नहीं करती क्योंकि जब आपका असली पैसा मार्केट में लगता है तो आप अलग तरीके से behave करते हैं और वर्चुअल ट्रेडिंग में नकली कैश में आप अलग तरीके से behave करते हैं।
कुछ हद तक यह बात सही है लेकिन मेरा मानना है कि अगर आप वर्चुअल ट्रेडिंग नहीं प्रॉफिट नहीं कमा पा रहे तब तक आपको लाइव मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है (Intraday trading in hindi) की इस पोस्ट में अब तक आप काफी कुछ सीख चुके होंगे अब जानते हैं–
इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम (Rules of intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ नियम है जैसे; टेक्निकल एनालिसिस करना, रिस्क मैनेजमेंट, टाइमिंग, डिसीप्लिन, ओवरट्रेडिंग से बचना, सही ट्रेडिंग स्ट्रेटजी इस्तेमाल करना, अपनी कैपिटल को मैनेज करना और लिक्विड स्टॉक चुनना आदि नियमों को आप फॉलो कर सकते हैं.
इसके अलावा आप नीचे दिए गए इंट्राडे ट्रेडिंग के नियमों को भी फॉलो करना चाहिए–
1. Discipline मेंटेन करना
इंट्राडे ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करना होगा और impulsively trades लेने से बचना चाहिए।
ट्रेडिंग प्लान बनाते वक्त आपको अपने ट्रेडिंग स्टाइल और रिस्क टॉलरेंस पर विचार करना चाहिए। ट्रेडिंग में इमोशनली strong होना बहुत जरूरी है। अगर ट्रेड नेगेटिव हो रहा है तो ट्रेड को exit करने से डरने की जगह आपको अपने स्टॉप लॉस के अनुसार ट्रेड को एग्जिट करना चाहिए।
साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग में patience और कंसिस्टेंसी मेंटेन करे। हमेशा अपने ट्रेड को रिव्यू करें और ट्रेडिंग में अपनी गलतियों से सीखें। अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करने से आप अपने ट्रेडिंग स्किल्स और प्रॉफिट को बेहतर कर सकते हैं।
2. इंट्राडे ट्रेडिंग कैपिटल मैनेजमेंट करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में कैपिटल मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। आपको अपने ट्रेड के लिए कैपिटल को मैनेज करना होगा और ओवर ट्रेडिंग से बचना होगा। कैपिटल को spread out करें और एक ही स्टॉक में पूरा कैपिटल invest न करें।
अपने रिस्क टॉलरेंस और ट्रेडिंग प्लान के अनुसार trades को साइज करें। ट्रेडिंग में रिस्क रिवॉर्ड रेशियो मेंटेन करें ताकि आपके प्रॉफिट आपके लॉस से ज्यादा हो। अगर ट्रेडिंग में लगातार घाटा हो रहा है तो ट्रेडिंग कैपिटल को संरक्षित करने के लिए ट्रेडिंग साइज को कम करें। कैपिटल को सेफ करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल करें और ट्रेडिंग कैपिटल के द्वारा ओवर ट्रेड करने से बचे।
3. स्टॉक की लिक्विडिटी चेक करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में लिक्विडिटी चेक करना बहुत जरूरी है। आपको हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स को चुनना चाहिए ताकि ट्रेड में एंट्री और एग्जिट आसानी से हो सके.
लिक्विडिटी चेक करने के लिए स्टॉक का एवरेज डेली वॉल्यूम और Bid-Ask spread को देख सकते हैं।Bid-ask spread टाइट हो तभी आपको स्टॉक में ट्रेड करना चाहिए।
- हाई लिक्विडिटी स्टॉक्स में स्प्रेड narrow होता है और आपको स्टॉक के प्राइसेज में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलेंगे।
- जबकि कम लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में स्प्रेड wide होता है और prices में अचानक उतार-चढ़ाव होने के चांस भी ज्यादा होते हैं।
कहने का मतलब यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में एंट्री और एग्जिट के टाइम पर हाई लिक्विडिटी स्टॉक्स का इस्तेमाल करने से बेहतर ट्रेडिंग एक्सपीरियंस मिलता है।
4. इंट्राडे ट्रेडिंग में सही टाइमिंग पर शेयर में एंट्री और एग्जिट करें
इंट्राडे ट्रेडिंग में टाइमिंग बहुत जरूरी है। आपको सही समय पर entry और exit करना होगा ताकि आपको बेहतर ट्रेडिंग अवसर मिले। मार्केट ओपन और क्लोज के टाइम पर ट्रेड को avoid करें क्योंकि उस टाइम पर मार्केट में वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- इंट्राडे ट्रेडिंग में मॉर्निंग में ट्रेड एंट्री करने से बेहतर रिजल्ट मिलते हैं।
- मॉर्निंग में मार्केट का ट्रेंड सेट हो जाता है और स्टॉक्स में हाई वॉल्यूम भी होता है।
- इसके अलावा स्टॉक की news और बाजार के trend को ट्रैक करके ट्रेडिंग के लिए सही समय पर तैयार हो सकते हैं।
मतलब मार्केट में अचानक उतार-चढ़ाव के समय पर ट्रेडिंग को अवॉइड करें और अपने ट्रेडिंग प्लान के हिसाब से हाई ट्रेड को एक्जीक्यूट करें। और ट्रेडिंग टाइमिंग को अनुशासन के साथ बनाए रखकर आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
5. इंट्राडे ट्रेडिंग से अधिक रिटर्न्स कमाने की उम्मीद ना रखें
इंट्राडे ट्रेडिंग में realistic expectations रखना बहुत जरूरी है। high profit की उम्मीदें न रखें और loss को भी accept करें। ट्रेडिंग में निरंतरता और अनुशासन बनाए रखने से ही प्रॉफिट मिलेंगे। अपने ट्रेड के लिए टारगेट और स्टॉप लॉस ऑर्डर सेट करें और उन्हें सख्ती से फॉलो करें।
अगर आपके प्रॉफिट आपके लॉस से ज्यादा है तो अपने ट्रेड्स को बुक कर ले ताकि प्रॉफिट को लॉक किया जा सके। ट्रेडिंग में इमोशंस को कंट्रोल करें और ओवर कॉन्फिडेंस से बचें।
- एक ट्रेडिंग सेशन में बहुत ज्यादा प्रॉफिट की ना उम्मीद करें क्योंकि ट्रेडिंग में प्रॉफिट और लॉस दोनों के चांसेस होते हैं।
- अपने ट्रेडिंग प्लान को लगातार फॉलो करते रहें और अपनी गलतियों से सीखते रहें ताकि फ्यूचर में ट्रेडिंग से बेहतर परिणाम मिल सके
- Realistic expectations के साथ ट्रेडिंग करने से ही आपको बेहतर ट्रेडिंग अनुभव और consistent profits मिलेगा।
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इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाए? (How to make money from intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको मार्केट का ट्रेंड और स्टॉक के न्यूज को ट्रैक करना होगा। हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक को चुनें और ट्रेडिंग प्लान के साथ अनुशासन बनाए रखें। अपने ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस और टारगेट ऑर्डर सेट करें और उन्हें सख्ती से फॉलो करें।
इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग में इमोशंस को कंट्रोल करें और ओवर कॉन्फिडेंस से बचें। Profitable trades के लिए धैर्य बनाए रखें और loss को स्वीकार करते रहें। इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और स्टॉक प्राइस मूवमेंट को ट्रैक करके सही समय पर एंट्री और एग्जिट करने से प्रॉफिट कमाया जा सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे जैसे–
- Research and Analysis: स्टॉक मार्केट और इकोनॉमिक ट्रेंड्स को ट्रैक करें और हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स की रिसर्च करें।
- Trading plan: अपने ट्रेड्स के लिए ट्रेडिंग प्लान तैयार करें, स्टॉप लॉस और टारगेट ऑर्डर सेट करें और उन्हें strictly फॉलो करें।
- Capital Management: ट्रेडिंग के लिए अपना कैपिटल मैनेज करें और एक trading session में अपने कैपिटल का 1-2% ही रिस्क लें।
- Discipline: ट्रेडिंग में अनुशासन बनाए रखें और emotions को कंट्रोल करें। साथ ही ओवरट्रेडिंग और ओवर कॉन्फिडेंस से बचे।
- Timing: मार्केट में राइट टाइम पर एंट्री और एग्जिट करे, मॉर्निंग सेशन में ट्रेडिंग करने से बेहतर रिजल्ट मिलते हैं।
- Patience: ट्रेडिंग में धैर्य बनाए रखें और लाभदायक अवसरों के लिए प्रतीक्षा करें।
- Consistency: ट्रेडिंग में निरंतरता बनाए रखें और अपने ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करते रहें।
इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कैसे कमाए?
इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के लिए आपको इस उदाहरण को समझना पड़ेगा–
उदाहरण के लिए– अगर आपने ABC कंपनी का स्टॉक खरीदा है और आपको लगता है कि इसका price बढ़ाने वाला है, तो आप उस स्टॉक को इंट्राडे ट्रेडिंग में बेच सकते हैं।
मान लीजिए आपने स्टॉक को 100 रुपये में खरीदा और आपको लगता है कि इसका प्राइस 110 रुपये तक बढ़ सकता है, तो आप 110 रुपये पर Target order सेट कर सकते हैं और stop loss 98 रुपये पर सेट कर सकते हैं।
अगर शेयर प्राइस 110 रुपये पर पंहुचता है तो आपको 10 रुपये का प्रॉफिट मिलेगा, और अगर कीमत 98 रुपये पर आ जाता है तो आपका नुकसान 2 रुपये ही होगा। इस तरह से आप अपने ट्रेड को मैनेज करके लगातार प्रॉफिट जेनरेट कर सकते हैं।
Intraday Trading For Beginners in Hindi
जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग नए यानी beginners हैं उनके मन में intraday trading को लेकर काफी सारे सवाल होते हैं जो उन्हें परेशान करते हैं नीचे मैंने ऐसे ही कुछ सवाल और उनके जवाबों के बारे में विस्तार से बताया है जैसे–
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कौन सी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी उपयोग करना चाहिए?
Trading strategies for intraday trading in hindi– इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को काफी सारे ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी का उपयोग करना होता है, जिससे वो मार्केट मूवमेंट को एनालाइज करके प्रॉफिटेबल ट्रेड ले सके। कुछ महत्वपूर्ण ट्रेडिंग रणनीतियाँ हैं:
- Trend following strategy: ट्रेंड फॉलोइंग स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स ट्रेंड के डायरेक्शन में ट्रेड लेते हैं, जिससे वो प्राइस मूवमेंट के ऊपर प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- Break out strategy: ब्रेकआउट रणनीति का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के रेजिस्टेंस और सपोर्ट लेवल के ब्रेकआउट के लिए इंतजार करते हैं, और ब्रेकआउट के बाद ट्रेड लेते हैं।
- Scalping strategy: स्काल्पिंग स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स छोटी टाइमफ्रेम में मल्टीपल ट्रेड लेते हैं, जिसे वो स्टॉक प्राइस मूवमेंट के छोटे उतार-चढ़ाव से प्रॉफिट कमा सकते हैं।
- न्यूज ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी: न्यूज ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स कंपनी के फाइनेंशियल न्यूज और मार्केट ट्रेंड्स को एनालाइज करते हैं और उनके इम्पैक्ट के हिसाब से ट्रेड्स लेते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ट्रेडर्स को इन इंट्राडे स्ट्रैटेजीस को अच्छे से समझना और इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है, जिससे वो प्रॉफिटेबल ट्रेड ले सके और नुकसान को कम से कम कर सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कौन से टूल्स और इंडिकेटर्स का यूज़ करना चाहिए?
Trading tools and technical indicators for intraday trading in hindi– ट्रेडिंग के लिए ट्रेडर्स को काफी सारे टूल्स और इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करना होता है, जिससे वो मार्केट ट्रेंड्स और मूवमेंट्स को एनालाइज करके प्रॉफिटेबल ट्रेड्स ले सकें। कुछ महत्वपूर्ण trading tools और टेक्निकल इंडिकेटर्स हैं:
- कैंडलस्टिक चार्ट्स: कैंडलस्टिक चार्ट्स का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के प्राइस मूवमेंट्स को एनालाइज करते हैं, और प्राइस पैटर्न्स के हिसाब से ट्रेड्स लेते हैं।
- मूविंग एवरेज: मूविंग एवरेज का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के एवरेज प्राइस को कैलकुलेट करते हैं, और ट्रेंड के डायरेक्शन में ट्रेड करते हैं।
- रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI): RSI का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के ओवरबॉट और ओवरसोल्ड कंडीशंस को identify करते हैं, और ट्रेड्स के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स के लिए इस्तेमाल करते हैं।
- बोलिंगर बैंड्स: बोलिंगर बैंड्स का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के वोलैटिलिटी को मापते हैं, और ट्रेंड के डायरेक्शन में ट्रेड्स लेते हैं।
- वॉल्यूम इंडिकेटर: वॉल्यूम इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स स्टॉक के लिए खरीदारी और सेलिंग प्रेशर को identify करते हैं, और ट्रेड्स के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स के लिए इस्तेमाल करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ट्रेडर्स को इन टूल्स और इंडिकेटर्स को अच्छे से समझना और इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है, जिससे वो प्रॉफिटेबल ट्रेड ले सके और नुकसान को कम से कम कर सके।
- ट्रेडिंग में कैंडलस्टिक क्या होती हैं– 10 प्रकार की कैंडलस्टिक की जानकारी
- Top 20 Candlestick patterns in hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग में Stop Loss का क्या रोल होता है?
What is stop loss in intraday trading in Hindi– Stop Loss इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स अपने लॉस को मिनिमाइज कर सकते हैं और अपनी trades को प्रोटेक्ट कर सकते हैं।
- Stop Loss एक ऑर्डर होता है जो ट्रेडर्स अपने ट्रेड्स के एंट्री के टाइम के साथ लगते हैं, जिससे वो लॉस को minimize कर सकें।
जब ट्रेडर्स अपनी ट्रेड्स के एंट्री के टाइम स्टॉप लॉस लगाते हैं, तब वो अपने ट्रेड्स के लिए एक specific price level सेट करते हैं, जिससे अगर स्टॉक उस प्राइस लेवल तक जाता है, तो उनकी ट्रेड ऑटोमेटिकली क्लोज हो जाती है और वो अपना लॉस को मिनिमम कर सकते हैं।
- स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करके ट्रेडर्स अपने ट्रेड्स को कंट्रोल कर सकते हैं और इमोशन्स के प्रभाव से बच सकते हैं।
- स्टॉप लॉस के साथ ट्रेडर्स अपनी ट्रेड्स को मैनेज कर सकते हैं और अपने लॉस को मिनिमाइज कर profitable trades ले सकते हैं।
- स्टॉप लॉस के लेवल को सेट करते समय ट्रेडर्स को अपने रिस्क टॉलरेंस लेवल और मार्केट कंडीशंस का ध्यान रखना होता है, ताकि उनकी ट्रेड्स को सही तरह से मैनेज किया जा सके।
यही कारण है कि स्टॉप लॉस एक बहुत जरूरी टूल है जो इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स के लिए काफी मददगार है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग प्लान कैसे बनाएं?
How to make trading plan for intraday trading in Hindi– इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाने के लिए ट्रेडर्स को अपने ट्रेडिंग गोल्स, रिस्क टॉलरेंस लेवल, ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी और मार्केट एनालिसिस के ऊपर ध्यान देना होता है।
- सबसे पहले ट्रेडर्स को अपने trading goals सेट करने होते हैं, जैसे कि कितना प्रॉफिट चाहिए और कितने टाइम फ्रेम में।
- Goal सेट करने के बाद ट्रेडर्स अपने रिस्क टॉलरेंस लेवल को तय करते हैं, जिससे वो अपना ट्रेड्स को मैनेज कर सकें।
- अगला कदम है सही Trading strategy चुनना. ट्रेडर्स को अपनी ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से एक प्रभावी ट्रेडिंग रणनीति चुनना होता है।
- रणनीति चुनते समय ट्रेडर्स को अपनी ताकत और कमजोरियों का भी ध्यान रखना होता है।
- मार्केट एनालिसिस भी ट्रेडिंग प्लान का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- ट्रेडर्स को मार्केट का एनालिसिस करना होता है और स्टॉक्स की मूवमेंट, ट्रेंड और वॉल्यूम को observ करना होता है।
- मार्केट एनालिसिस से ट्रेडर्स को पता चलता है कि किस स्टॉक में enter करना है और किस स्टॉक से exit करना है।
- साथ ही ट्रेडर्स को अपने ट्रेडिंग प्लान के साथ अनुशासन मेंटेन करना होता है और इमोशंस को कंट्रोल करना होता है।
इसलिए एक प्रभावी ट्रेडिंग प्लान बनाने के लिए ट्रेडर्स को सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होता है और प्लान को अपने ट्रेडिंग स्टाइल और लक्ष्यों के हिसाब से कस्टमाइज करना होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग पर न्यूज और इवेंट्स का क्या प्रभाव होता है?
Effects of news and events on intraday trading in Hindi–
- News और events इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि ये स्टॉक्स के प्राइस में अचानक मूवमेंट क्रिएट करते हैं।
- इसलिए ट्रेडर्स को न्यूज और इवेंट्स को ट्रैक करने की जरूरत होती है ताकि उनके ट्रेड्स पर इसका इम्पैक्ट ना हो और वो अपने ट्रेड्स को मैनेज कर सकें।
कहने का मतलब है कि ट्रेडर्स को मार्केट से रिलेटेड न्यूज, कंपनी स्पेसिफिक न्यूज, इकनॉमिक डेटा, ग्लोबल इवेंट्स जैसे फैक्टर्स को बारीकी से मॉनिटर करना चाहिए।
न्यूज और इवेंट्स में ट्रेडर्स को मार्केट सेंटिमेंट का पता चलता है और वो अपने ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को उसी हिसाब से adjust कर सकते हैं।
इसके साथ ही, ट्रेडर्स को न्यूज और इवेंट्स का इम्पैक्ट अपने ट्रेड्स पर लगातार ट्रैक करते रहना चाहिए और स्टॉप लॉस को भी इन न्यूज और इवेंट्स के इफेक्ट के हिसाब से लगाना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है?
What is risk management in intraday trading in Hindi– इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट का बहुत बड़ा रोल है क्योंकि इसमें ट्रेडर्स अपने trades को कुछ ही टाइम में एंटर और एग्जिट करते हैं, और इसमे लॉस का रिस्क भी बहुत ज्यादा होता है।
- रिस्क मैनेजमेंट के लिए ट्रेडर्स को स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि उनका लॉस लिमिट के अंदर ही रहे।
- इसके अलावा ट्रेडर्स को अपने कैपिटल का प्रॉपर मैनेजमेंट करना चाहिए और अपने ट्रेड्स में सिर्फ इतना ही अमाउंट इन्वेस्ट करना चाहिए, जो वह loss के लिए afford कर सकते हैं।
- इसके अलावा ट्रेडर्स को अपने ट्रेड्स को बारीकी से मॉनिटर करना चाहिए और उन्हें मैनेज करना चाहिए।
- ट्रेडर्स को अपने ट्रेड्स पर कंट्रोल रखना चाहिए और अपने ट्रेड्स को प्रॉफिटेबल बनाना चाहिए और कैपिटल को प्रोटेक्ट करना चाहिए।
इसके साथ ही, ट्रेडर्स को अपने ट्रेडिंग प्लान और रणनीति को रिवाइज करते रहना चाहिए और अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। रिस्क मैनेजमेंट को मेंटेन करके ट्रेडर्स अपने ट्रेड्स पर कंट्रोल रखते हैं और अपने ट्रेड्स को प्रॉफिटेबल बना सकते हैं।
Must Read– Intraday trading tips in hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस का महत्व
Importance of technical analysis in intraday trading in hindi– इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस का बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि इसमें पर ट्रेडर्स को शॉर्ट-टर्म प्राइस मूवमेंट को प्रेडिक्ट करना होता है।
- टेक्निकल एनालिसिस की मदद से ट्रेडर्स प्राइस चार्ट्स, इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स के द्वारा मार्केट ट्रेंड्स, पैटर्न्स और प्राइस लेवल्स को identify कर सकते हैं।
- टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडर्स को ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद करता है, जैसे कि किस स्टॉक को खरीदना है, किस स्टॉक को बेचना है और कब ट्रेड एंटर और एग्जिट करना है।
- टेक्निकल एनालिसिस के लिए ट्रेडर्स को प्राइस चार्ट्स को स्टडी करना होता है, जिसमें कैंडलस्टिक चार्ट्स, बार चार्ट्स और लाइन चार्ट्स आते हैं।
- इसके अलावा ट्रेडर्स को टेक्निकल इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स का इस्तेमाल करना होता है, जैसे कि मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंगर बैंड्स और MACD
टेक्निकल एनालिसिस के साथ सही रिस्क मैनेजमेंट और ट्रेडिंग साइकोलॉजी के साथ ट्रेडर्स अपने ट्रेडिंग परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकते हैं और अपने ट्रेड्स को प्रॉफिटेबल बना सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क और रिवॉर्ड रेशियो क्या होना चाहिए?
Risk reward ratio in intraday trading in hindi– इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो के बारे में जरूर पता होना चाहिए। Risk Reward Ratio का मतलब होता है कि आपने कितना जोखिम लिया और कितना इनाम की उम्मीद की।
मतलब आप जब भी ट्रेड करते हैं तो आपको अपने ट्रेड का रिस्क और रिवॉर्ड रेशियो पता होना चाहिए। इससे आप अपने ट्रेड को मैनेज कर सकते हैं और अपनी प्रॉफिटेबिलिटी में भी सुधार कर सकते हैं।
- आपके रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को सही तरीके से मैनेज करने के लिए आपको अपने स्टॉप लॉस और टारगेट प्राइस को सही जगह सेट करना होगा।
- आपके टारगेट प्राइस आपके एंट्री प्राइस से थोड़ा बहुत ऊपर होना चाहिए और स्टॉप लॉस आपके एंट्री प्राइस से नीचे होना चाहिए।
इस प्रकार आप अपने रिस्क और रिवॉर्ड रेशियो को कंट्रोल कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
नीचे मैंने आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण फायदे और कुछ नुकसान के बारे में एक-एक करके बताया है इनके बारे में जान लेते हैं–
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे (Advantages of intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ फायदे (benefits) के बारे में नीचे बताया गया है–
- हाई लिक्विडिटी: इंट्राडे ट्रेडिंग आपको हाई लिक्विडिटी स्टॉक्स में ट्रेड करने की सुविधा देता है जो कि एक ही दिन में खरीदने और बेचने के लिए आसानी से उपलब्ध होते हैं।
- तुरंत मुनाफा: इंट्राडे ट्रेडिंग छोटे प्राइस मूवमेंट का फायदा लेकर जल्दी से जल्दी प्रॉफिट कमाने का मौका देता है।
- कोई ओवरनाइट जोखिम नहीं: इंट्राडे ट्रेडर्स को रात भर के बाजार में उतार-चढ़ाव से नहीं घबराना पड़ता है जो कि अचानक नुकसान का कारण बन सकते हैं।
- कम पूंजी की आवश्यकता: इंट्राडे ट्रेडिंग में लंबी अवधि के निवेश से तुलना करने पर कम पूंजी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें ब्रोकर आपको मार्जिन देता है।
- Flexibility: इंट्राडे ट्रेडर्स को एक दिन में कई बार ट्रेड enter और exit करने की फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।
- समय का efficient use: इंट्राडे ट्रेडिंग शॉर्ट-टर्म मार्केट मूवमेंट का फायदा लेकर आपके समय को efficiently उपयोग करने की सुविधा देता है।
- मार्केट नॉलेज: इंट्राडे ट्रेडर्स को अपडेट रहना होता है लेटेस्ट मार्केट न्यूज और ट्रेंड के साथ, जिससे उनकी मार्केट के बारे में बेहतर समझ बन सके।
- Tax benefit: इंट्राडे ट्रेडिंग शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स के रूप में टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है जो कि लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स से कम होता है।
- Trading tools: इंट्राडे ट्रेडर्स तकनीकी संकेतक, चार्ट, और research tools जैसे अलग अलग ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग कर सकते हैं informal trading decisions लेने के लिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantages of intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ नुकसान (losses) के बारे में नीचे बताया गया है–
- High risk: इंट्राडे ट्रेडिंग काफी रिस्की होता है, क्योंकि स्टॉक प्राइस में छोटे बदलाव की वजह से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।
- Emotional trading: इंट्राडे ट्रेडिंग में इमोशनल ट्रेडिंग काफी कॉमन है, जैसे लालच और डर की वजह से कुछ ट्रेडर्स ओवर-ट्रेड कर सकते हैं, जो कि उनके बड़ा नुकसान का कारण बन सकता है।
- High stress: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको लगातार market monitoring और तुरंत निर्णय लेने की जरूरत होती है, इसमें हाई स्ट्रेस लेवल हो सकता है।
- Requires Expertise: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए विशेषज्ञता और तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है। अगर आपको मार्केट एनालिसिस और ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी के बारे में कम नॉलेज है तो आपका लॉस हो सकता है।
- High transaction cost: इंट्राडे ट्रेडिंग के साथ लेन-देन की लागत काफी अधिक होती है, जैसे ब्रोकरेज शुल्क और कर।
- Time consuming: इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको समय लेने वाला रिसर्च और एनालिसिस करना पड़ता है, जिसका आपका टाइम और एनर्जी कंज्यूम हो सकता है।
- Competition: इंट्राडे ट्रेडिंग में कॉम्पिटिशन काफी हाई होता है और इसे आपको और ट्रेडर्स को लगातार अपडेट रहना होता है मार्केट ट्रेंड और न्यूज के साथ।
- Market uncertainty: इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार में उतार-चढ़ाव और कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी fluctuate होते हैं, जिसे आपका ट्रेडिंग निर्णय हो सकता है।
- Margin calls: इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज का उपयोग किया जाता है, लेकिन अगर आपका ट्रेड दिशा के विपरीत दिशा में चला गया तो आपको margin calls की वजह से बड़ा loss हो सकता है।
- Addiction: इंट्राडे ट्रेडिंग मैं आपको प्रॉफिट बहुत जल्दी मिल जाते हैं इसलिए लगातार ट्रेडिंग करना आपके लिए एडिक्शन बन सकता है. और ये एडिक्शन ट्रेडर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि वो अपने ट्रेड्स को कंट्रोल नहीं कर सकता और ट्रेडिंग के बाद भी लगातार मार्केट मूवमेंट और कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखना शुरू कर देता है। ये ट्रेडर के मेंटल और इमोशनल हेल्थ को प्रभावित करता है, और वो अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में भी प्रॉब्लम फेस कर सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
Important Intraday Trading Tips in Hindi: इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय नीचे दी गई बातें जरूर याद रखें–
- जब तक आप को अपनी ट्रेड पर पूरा भरोसा ना हो, लीवरेज (margin) का इस्तेमाल न करें।
- स्टॉप लॉस ऑर्डर का प्रयोग करें।
- ट्रेडिंग प्लान बनाएं और उसमें अनुशासन रखें।
- एक समय में एक से ज्यादा स्टॉक में निवेश न करें।
- हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक्स में ट्रेड करें।
- न्यूज और इवेंट्स को ट्रैक करते रहें।
- स्टॉक्स के टेक्निकल चार्ट्स को अच्छी तरह से स्टडी करें।
- पहले डेमो ट्रेडिंग अकाउंट का प्रयोग करें।
- ट्रेडिंग की नॉलेज और स्किल्स को नियमित रूप से बेहतर करें।
- इमोशंस पर काबू रखें और इम्पल्सिव ट्रेडिंग से बचें।
- बाजार के ट्रेंड और अस्थिरता का ध्यान रखें।
- अपनी रिस्क कैपेसिटी को समझें और उसके हिसाब से ट्रेड करें।
- इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का प्रयोग करें।
- मार्जिन के ऊपर ध्यान रखें और ओवरट्रेडिंग से बचें।
- ट्रेडिंग सेशन के अंत तक स्टॉक्स को ध्यान से मॉनिटर करें।
- धैर्य और दृढ़ संकल्प से काम लें।
- Expert की सलाह का प्रयोग करें लेकिन अपना फैसला खुद लें।
- ट्रेडिंग जर्नल बनाएं और अपने परफॉर्मेंस का ट्रैक रखें।
- ट्रेडिंग फीस और टैक्स को ध्यान में रखें।
- ट्रेडिंग में timing का ध्यान रखें और थकान के समय पर ट्रेडिंग न करें।
- ट्रेडिंग प्लान बनाएं और उस पर अमल करें, अनप्लांड ट्रेडिंग से बचे।
Intraday Trading Tips for Beginners in Hindi
- कम से कम 1-2 घंटे स्टॉक की टेक्निकल एनालिसिस करें और मार्केट ट्रेंड के बारे में जाने।
- स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाये और उसके ऊपर ट्रेड करें, जिससे नुकसान कम हो सके।
- न्यूज और इवेंट्स को ट्रैक करें और उनका इम्पैक्ट समझें, जैसे मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझने में मदद मिले।
- उस सेक्टर और इंडस्ट्री के बारे में जानकरी रखें जिसके स्टॉक में आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं
- हाई वॉल्यूम स्टॉक्स में ही ट्रेड करें, जिससे लिक्विडिटी का फायदा उठाया जा सके।
- ट्रेडिंग के लिए एक छोटा सा राशि रिजर्व रखे, जिससे हाई रिस्क से बच सके।
- ट्रेडिंग साइकोलॉजी और इमोशंस पर भी ध्यान दे, जैसे कि लालच, डर और ओवर कॉन्फिडेंस।
- ओवरट्रेडिंग से बचने और बड़े नुकसान को रोकने के लिए daily profit या loss के टारगेट तक पहुँचने के बाद ट्रेडिंग बंद कर दें।
- अपने नुकसान को कम करने और अधिक रिस्क लेने से रोकने के लिए हमेशा स्टॉप लॉस रखें।
- प्रमुख news events के दौरान इंट्राडे ट्रेडिंग करने से बचें क्योंकि यह उस समय मार्केट में हाई वोलैटिलिटी और uncertainity होती है।
- ट्रेडों से आसान प्रवेश और निकास के लिए उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले लिक्विड शेयरों पर टिके रहें।
- अपने ट्रेडों से भावनात्मक रूप से न जुड़ें और अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में निष्पक्ष रहें।
- मार्केट के ट्रेंड और संभावित entry और exit points का पता लगाने के लिए मूविंग एवरेज, RSI और MACD जैसे तकनीकी संकेतकों पर नज़र रखें।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने ट्रेडों के लिए desired price प्राप्त करें, मार्केट ऑर्डर के बजाय लिमिट ऑर्डर का उपयोग करें।
- ब्रोकरेज फीस और कमीशन के प्रभाव को कम करने के लिए ओवर-ट्रेडिंग से बचें और एक दिन में आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेडों की संख्या को सीमित करें।
- अपने प्रदर्शन को ट्रैक करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक ट्रेडिंग जर्नल रखें।
- शेयर बाजार की भविष्यवाणी करने की कोशिश न करें और इसके बजाय अपनी ट्रेडिंग योजना का पालन करने और अपनी रणनीति पर टिके रहने पर ध्यान दें।
- एक सकारात्मक मानसिकता बनाए रखें और समय के साथ अपने trading skills को सुधारने के लिए अपनी गलतियों से सीखने के लिए तैयार रहें।
FAQs About Intraday Trading in Hindi
शुरुआती लोग इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें?
शुरुआत में लोगों को इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए बेसिक्स को समझना पड़ता है, टेक्निकल रिसर्च करना सीखना होता है, मार्केट मूवमेंट, चार्ट पेटर्न, प्राइस एक्शन मूविंग एवरेज टेक्निकल इंडिकेटर्स आदि के बारे में सीखना पड़ता है।
क्या इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा कमाया जा सकता है?
जी हां इंट्राडे ट्रेडिंग से आप हर दिन पैसा कमा सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको सही ट्रेडिंग स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करना होगा और उसकी लगातार प्रैक्टिस करनी होगी केवल तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ऐप कौन सा है?
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए Upstox और Zerodha बेस्ट ट्रेडिंग एप्स है जिनके द्वारा आप बड़ी ही आसानी से इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं.
इंट्राडे ट्रेडर कितना पैसा कमाते हैं?
कुछ बड़ी प्रोफेशनल इंट्राडे ट्रेडिंग इन का लाखों रुपए कमाते हैं. अगर आपको भी इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कमाना है तो लगातार प्रैक्टिस करके सीखना होगा इसके अलावा दूसरा कोई शॉर्टकट उपाय नहीं है.
इंट्राडे ट्रेडिंग से कितना पैसा कमा सकते हैं?
इंट्राडे ट्रेडिंग पैसा कमाने की कोई लिमिट नहीं है, इसमें आप 1 दिन में 1 लाख या 10 लाख रुपये भी कमा सकते हैं। प्रोफेशनल ट्रेडर्स already दिन का लाखों रुपए इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए कमा रहे हैं
अगर हम इंट्राडे शेयर नहीं बेचते तो क्या होता है?
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और शेयर बेचना भूल जाते हैं तो शेयर मार्केट बंद होने से पहले आपका ब्रोकर आपके लिए उस दिन खरीदे गए आपके सभी शेयर को बेच देता है।
इंट्राडे में शेयर खरीदने का सही समय क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर खरीदने का सही समय सुबह 10:30 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक होता है। क्योंकि इस टाइम तक मार्केट में खरीदार और विक्रेता अपनी पोजीशन बना चुके होते हैं।
इंट्राडे के लिए कौन सी टाइमफ्रेम बेस्ट है?
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो 15 मिनट टाइमफ्रेम का चार्ट सबसे बेस्ट है। इसके अलावा आप 10 मिनट या 1 घण्टा टाइम फ्रेम चार्ट भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
Intraday Trading kya hai in Hindi ‘Conclusion’
देखिए इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनना बड़ी बात है। मेरा मानना है कि अगर आपको intraday में प्रॉफिट कमाना है तो आपको लगातार प्रैक्टिस करना होगा।
आप जितना ज्यादा सीखेंगे उतना ही ज्यादा उन लोगों से आगे बढ़ जाएंगे जो इंट्राडे ट्रेडिंग को बिना सीखे और समझे ऐसे ही शेयर को buy या sell करते रहते हैं।
इस पोस्ट (Intraday trading in hindi) में मैंने आपको बताया है कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करते हैं, यह कैसे काम करती है, इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए, इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या है?
- ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
- डे ट्रेडिंग करने से पहले क्या करना चाहिए?
- ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के टिप्स
मैं उम्मीद करता हूं अब आपको intraday trading के बारे में पूरी बेसिक जानकारी हो चुकी होगी।