अगर आप एक इंट्राडे ट्रेडर हैं और अपने नुकसान को कम करके प्रॉफिट को बढ़ाना चाहते हैं आपको इंट्राडे ट्रेडिंग कुछ महत्वपूर्ण नियमों को फॉलो करना जरूरी है.
आज मैं आपको 10 ऐसे इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम बताने वाला हूं जिनको अप्लाई करके आपके loss की संभावना कम हो जाएगी और daily profit लगातार बढ़ने लगेंगे।
इस पोस्ट में सभी Intraday trading rules in hindi बड़े और प्रोफेशनल ट्रेडर्स रोजाना इस्तेमाल करते हैं और दिन का लाखों रुपए कमाते हैं। तो अगर आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग में अपने रिस्क को कम करके प्रॉफिट को बढ़ाना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम
जब भी आप इंट्राडे में ट्रेड करें तो अपने लिए एक नियम बना लें कि नीचे दिए गए सभी इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम आप जरूर फॉलो करेंगे. मैं वादा करता हूं अगर आप इन सभी नियमों को अप्लाई करेंगे तो इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे कमाने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
चलिए अब एक-एक करके इन सभी इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम के बारे में जान लेते हैं–
1. इंट्राडे ट्रेडिंग में लिक्विड स्टॉक्स में ही ट्रेड करें
इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे पहला नियम है लिक्विड स्टॉक चुनें. लिक्विड मतलब जिस शेयर में हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम है यानी buying और selling ज्यादा हो रही है।
याद रखिये– जब भी इंट्राडे में ट्रेड करें तो इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग कभी मत करें।
- कहने का मतलब है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको वही स्टॉक सिलेक्ट करना चाहिए जिसमें buying और selling के वॉल्यूम में ज्यादा अंतर ना हो.
- उसमें खरीदने वाले (buyers) और बेचने वाले (sellers) पर्याप्त मात्रा में मौजूद होने चाहिए।
कई बार ऐसा होता है कि आप इंट्राडे में सर्किट लगने वाले स्टॉक्स खरीद लेते हैं जिनको बाद में बेचना मुश्किल हो जाता है।
इसीलिए अगर किसी स्टॉक में आपको एकतरफा वॉल्यूम दिखे और दूसरी तरफ लगभग ना के बराबर वॉल्यूम है तो ऐसे स्टॉक में कभी भी इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए।
सिंपल सा नियम है अगर कोई स्टॉक सीधा एक लाइन में खड़ा है चाहे ऊपर या नीचे, तो ऐसे शेयर में ट्रेडिंग कभी मत करें. क्योंकि इस प्रकार के स्टॉक को अधिकतर ऑपरेटर ही ऊपर नीचे करते रहते हैं और उन में नुकसान छोटे रिटेल ट्रेडर्स का होता है, इसलिए हमेशा लिक्विड स्टॉक्स में ही ट्रेड करें।
Must Read:
2. इंट्राडे में कम क्वांटिटी से ही ट्रेड करें
इंट्राडे ट्रेडिंग का दूसरा नियम है कि आपको उतनी ही क्वांटिटी से ट्रेड करना चाहिए जितनी आपकी रिस्क लेने की क्षमता है। कई बार लोग शेयर प्राइस बढ़ने पर ज्यादा उत्सुक हो जाते हैं और अधिक quantity खरीद लेते हैं, ऐसा करते ही अगले ही पल अक्सर उन्हें नुकसान भुगतना पड़ता है।
उदाहरण के लिए–
मान लीजिये आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई शेयर खरीदा. कुछ समय बाद उससे रिलेटेड शेयर मार्केट में कोई न्यूज़ आ गई,
या फिर चार्ट पर indicators शेयर प्राइस बढ़ने के संकेत देने लगे. या कोई बड़ा ट्रेडर उस शेयर पर काफी बुलिश है
तो ऐसे में excitement के चलते आप अपनी quantity बढ़ा देते हैं मतलब और शेयर खरीद लेते हैं क्योंकि आपको लगता है कि उसका शेयर प्राइस बढ़ने वाला है तो कहीं यह मौका आपके हाथ से ना निकल जाए।
और मजे की बात यह है कि ऐसा ही अन्य ट्रेडर्स भी सोच रहे होते हैं जिस वजह से बहुत सारे लोग एक साथ उस शेयर को खरीद लेते हैं
और जब उस स्टॉक का प्राइस एक लिमिट तक पहुंच जाता है तो overpriced होने की वजह से अचानक से उसमें selling होने लगती है जिससे कुछ लोग तो उससे बाहर निकल जाते हैं जिन्होंने कम quantity खरीदी हुई थी
जबकि बहुत सारे लोग जिन्होंने अधिक क्वांटिटी खरीदी थी वह उसमें फंसे रह जाते हैं क्योंकि फिर उन्हें कम प्राइस में अपने बच्चे भी क्वांटिटी को बेचना पड़ता है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने अपनी लिमिट से ज्यादा क्वांटिटी खरीद ली थी जिससे शेयर में थोड़ी बहुत मूवमेंट होने पर आपको अचानक से बहुत ज्यादा लगा दिखने लगा और उस इतने बड़े नुकसान को आप सहन नहीं कर पाए जिसकी वजह से आपको उसे पैनिक में आकर बेचना पड़ा और ऐसा ही अधिकतर नए ट्रेडर्स के साथ होता है।
इसलिए यह इंट्राडे ट्रेडिंग का नियम जरूर याद रखें कि कभी भी अपनी लिमिट से ज्यादा क्वांटिटी से ट्रेड मत करें।
3. Intraday trading में भावनाओं को काबू में रखें
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग में सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने emotions यानी भावनाओं को कंट्रोल करना आना चाहिए.
ऐसा देखा गया है कि अधिकतर ट्रेडर्स इंट्राडे में केवल इसलिए नुकसान करते हैं क्योंकि या तो वह डर की वजह से स्टॉक नुकसान में बेच देते हैं या फिर लालच के चलते ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं जिससे बाद में उन्हें loss झेलना पड़ता है।
इसलिए इमोशनल ट्रेडिंग करने से बचें, अपना माइंड चैट क्लियर रखें किसी भी प्रकार के इमोशंस को अपने ऊपर हावी मत होने दें, Loss से मत घबराए और ज्यादा प्रॉफिट की लालच मत करें यही इंट्राडे ट्रेडिंग का तीसरा नियम है।
4. हमेशा स्टॉप लॉस लगाने का नियम फॉलो करें
इंट्राडे ट्रेडिंग का चौथा नियम है स्टॉप लॉस लगाने की आदत डाल लें. कुछ लोगों को बहुत कॉन्फिडेंस होता है कि वह बिना स्टॉप लॉस ऑर्डर के अधिक मुनाफा कमा लेंगे लेकिन यह उनकी गलतफहमी होती है।
- कारण यह है कि लोग नुकसान को सहन नहीं कर पाते हैं इसीलिए वह स्टॉप लॉस नहीं लगाते हैं क्योंकि इसमें शेयर प्राइस stop loss हिट होने पर तुरंत loss book हो जाता है।
लेकिन जब आप स्टॉपलॉस नहीं लगाते हैं तो छोटे नुकसान की बजाए बाद में आपको 4 गुना बड़ा नुकसान भुगतना पड़ता है, यह गलती काफी सारे इंट्राडे ट्रेडर्स करते हैं।
इससे होता यह है कि जितना प्रॉफिट आपने पिछले 3-4 ट्रेड में कमाया होता है उससे कई ज्यादा loss एक ही बार में हो जाता है. फिर आप परेशान होकर उस लॉस को रिकवर करने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से आपको और ज्यादा loss होने लगता है।
आप को समझना होगा कि–
- ट्रेडिंग में इमोशंस काम नहीं करते हैं मतलब मार्केट को यह चिंता नहीं है कि आप दुखी हैं या खुश.
- बाजार तो जैसा चल रहा है वैसा चलता रहेगा,
- इसलिए अगर मार्केट किसी दिन आपकी इच्छा के अनुसार नहीं चल रहा है तो आपको loss बुक करना भी सीखना होगा।
यह बहुत सारे लोगों की प्रॉब्लम है और इस समस्या से बचने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपको स्टॉप लॉस लगाने का नियम फॉलो करना होगा।
5. इंट्राडे में प्रॉफिट कमाने के बाद ट्रेडिंग बंद कर दें
अगला इंट्राडे ट्रेडिंग का नियम है कि आपको मार्केट खुलने से पहले ही यह डिसाइड कर लेना चाहिए कि आज आपको कितना प्रॉफिट कमाना है।
जी हां जितना क्लियर आपका माइंड सेट होगा उतने ही जीतने की संभावना ज्यादा होगी. बहुत सारे ट्रेडर्स को यह पता नहीं होता और वह लगातार बार-बार ट्रेडिंग करते रहते हैं क्योंकि उनका कोई क्लियर टारगेट नहीं होता है।
उदाहरण के लिए–
जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको दिन के दौरान काफी सारे trade ऐसे मिलते हैं जिनमें आपको profit होता है और बहुत सारे ट्रेड ऐसे मिलते हैं जिनमें loss होता है।
आपका फोकस होना चाहिए कि loss कम हो और profit ज्यादा.
मान लो अगर आज शेयर मार्केट खुलने से पहले आपने सोच लिया है कि आज मैं 5000 रुपये कमाऊंगा. तो याद रखिए मार्केट खुलने के बाद जब आपको 5000 रुपये प्रॉफिट हो जाए तो उसके बाद ट्रेड मत करिए।
लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है क्योंकि हो सकता है कि एक ही ट्रेड में आपको 5000 Rs का प्रॉफिट हो जाए
और फिर आप सोचते हैं कि चलो कुछ और ट्रेड ले लेता हूं और दूसरी ही ट्रेड में आपको 2000 Rs नुकसान हो जाता है फिर आप उस नुकसान को recover करने के लिए और ट्रेड करने लगते हैं.
ऐसा ही करते करते मार्केट बंद होने से पहले ज्यादातर ट्रेडर्स को इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान में ही अपनी पोजीशन क्लोज करना पड़ता है।
इसीलिए इंट्राडे ट्रेडिंग का यह नियम हमेशा याद रखिए कि जब भी जितनी भी ट्रेड में आपका profit का टारगेट पूरा हो जाए तो ट्रेडिंग बंद कर दें।
6. बार-बार नुकसान होने पर इंट्राडे ट्रेडिंग मत करें
कुछ लोग बार-बार नुकसान होने पर भी ट्रेड करते रहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वह पूरा नुकसान रिकवर कर लेंगे। यह गलती देखने में तो बहुत छोटी होती है लेकिन इसमें नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है।
प्रत्येक इंट्राडे ट्रेडर इस सिचुएशन से होकर गुजरता है जब वह नुकसान का सामना करता है और फिर उसे लगता है कि अगले ट्रेड में वह इस नुकसान को रिकवर कर लेगा.
लेकिन असल में अगली ट्रेड में उसे दोबारा फिर नुकसान हो जाता है फिर वह तीसरी ट्रेड का इंतजार करने लगता है.
मान लो अगर तीसरी ट्रेड में उसे थोड़ा बहुत प्रॉफिट होता भी है और वह पिछले दोनों नुकसान को कवर नहीं कर पाता है तो ऐसे में वह क्या करेगा?
👉 बहुत चांसेस है कि ऐसे में वह ट्रेडर प्रॉफिट बुक नहीं करेगा बल्कि वह प्रॉफिट की आशा करेगा ताकि उसका पिछला नुकसान रिकवर हो सके.
लेकिन मार्केट तो मार्केट ही है मतलब बाजार को आपके नुकसान से कुछ नहीं लेना देना.
अगले ही पल आप देखते हैं कि बाजार गिरने लगता है और फिर जो शेयर आपको प्रॉफिट दे रहा था उसे आपको नुकसान में बेचना पड़ता है जिससे ultimately उस दिन आपका बहुत बड़ा LOSS हो जाता है।
इससे बचने का एक ही नियम है कि सुबह बाजार खुलने से पहले अपने माइंड में पहले से ही डिसाइड कर लें कि आज आप कितना मैक्सिमम loss ले सकते हैं.
और जब आपको इतना लॉस हो जाए तो उसके बाद उस दिन ट्रेडिंग मत करें। क्योंकि इसके बावजूद भी अगर आप उस दिन अपने नुकसान को रिकवर करने के चक्कर में ट्रेडिंग करते हैं तो आपके इमोशंस आपके ऊपर हावी होने लगेंगे और इससे आपका पूरा कैपिटल बर्बाद हो सकता है।
7. इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक को एवरेज करने से बचें
इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक को एवरेज करने की गलती बहुत सारे नए ट्रेडर करते हैं। एवरेज करने का मतलब है स्टॉक की कीमत कम होने पर लालच के चलते और शेयर खरीदना और फिर जब शेयर और ज्यादा गिरता है तो आप और क्वांटिटी खरीदने लगते हैं ताकि आप का एवरेज प्राइस काफी कम हो जाए।
उदाहरण के लिए–
मान लीजिये कोई स्टॉक आपने 200 Rs में खरीदा है. क्योंकि आपको लगता है कि कुछ समय बाद उसका शेयर प्राइस बढ़ने वाला है।
लेकिन कुछ समय बाद उसका शेयर प्राइस गिरकर 195 रुपये हो जाता है तो आप कुछ शेयर और खरीद लेते हैं क्योंकि आपको लगता है कि जब शेयर प्राइस बढ़ेगा तो आपको ज्यादा मुनाफा होगा।
फिर थोड़ी देर बाद ऊपर नीचे होने के बाद शेयर प्राइस 180 रुपये तक चला जाता है तब भी कुछ लोग सस्ता मिलने के चक्कर में और शेयर खरीद लेते हैं।
फिर वह स्टॉक ऊपर नीचे होता हुआ 190 Rs तक दोबारा जाता है लेकिन आप उसे बेचते नहीं है क्योंकि आपने उसको 200 Rs पर भी खरीदा था इसलिए आपको लगता है कि जब वह 200 Rs से ऊपर जाएगा तभी बेचूँगा.
लेकिन कुछ देर बाद आप देखते हैं कि वही शेयर 150 रुपये पर आ जाता है. और अब आपको डर लगने लगता है और स्टॉक की कीमत लगातार कम होने लगती है।
इसलिए अब आप परेशान हो जाते हैं और आपको नुकसान बर्दाश्त नहीं हो पाता है जिसके चलते आप 150 रुपये के प्राइस पर सभी शेयर बेच देते हैं इससे आपको बहुत बड़ा भारी loss हो जाता है।
और कुछ ही समय बाद आप देखते हैं कि वही शेयर वापस ऊपर जाने लगता है।
यह सब इसलिए हुआ क्योंकि आपने एवरेज करने की गलती की. इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग का यह नियम हमेशा याद रखें कि कभी भी एवरेज करने की गलती मत करें।
8. Intraday में ट्रेड करते समय न्यूज़ मत देखें
अगला नियम है कि इंट्राडे में ट्रेड करते समय जितना हो सके मीडिया और खबरों से दूर रहें। सिर्फ अपनी एनालिसिस पर भरोसा करें और किसी भी प्रकार के distraction से खुद को दूर रखें।
कई बार न्यूज़ में जबरदस्ती किसी शेयर को प्रमोट किया जाता है जिससे बहुत सारे छोटे निवेशक उस शेयर में फंस जाते हैं। इसलिए आपको टीवी या न्यूज़ चैनल के बजाए अपनी खुद की टेक्निकल एनालिसिस पर भरोसा करना चाहिए।
9. इंट्राडे चार्ट पर स्टॉक के पास्ट परफॉर्मेंस का एनालिसिस करें
शेयर मार्केट में प्रत्येक स्टॉक की अपनी अलग चाल होती है.
- कोई स्टॉक कंसिस्टेंट तरीके से चलता है तो कोई स्टॉक बहुत ज्यादा मूवमेंट करते हुए आगे बढ़ता है,
- कोई शेयर कुछ समय के लिए sideways चलता है और फिर अचानक से ऊपर जाता है
- तो वही कुछ शेयर में इतना भी मूवमेंट हो जाए 2-3% ज्यादा move नहीं होते हैं।
इसलिए जब भी आप इंट्राडे में स्टॉक सिलेक्ट करें तो उसका पास्ट परफॉर्मेंस जरूर देख लें.
- मतलब पिछले कुछ समय में शेयर ने किया था परफॉर्मेंस दिखाया है
- उसके चार्ट पर किस प्रकार के कैंडलस्टिक पेटर्न बनते हैं,
- कौन-कौन से चार्ट पेटर्न उस स्टॉक के चार्ट पर अक्सर बनते रहते हैं,
- उसमें ट्रेडिंग वॉल्यूम कैसा है,
- मूविंग एवरेज और टेक्निकल इंडिकेटर्स क्या संकेत दे रहे हैं.
इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी stock को analyse करते समय ऊपर दी गई चीजों पर आपको जरूर ध्यान देना चाहिए।
10. एक कंसिस्टेंट ट्रेडिंग प्लान फॉलो करें
इस नियम के अनुसार, इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपके पास हमेशा कोई ना कोई ट्रेडिंग प्लान जरूर होना चाहिए। Trading plan का मतलब है दिन के दौरान आपको कितना पैसा इन्वेस्ट करना है, कितना maximux loss ले सकते हैं, किस समय ट्रेड करना है, कितनी बार ट्रेड करना है आदि।
जब आपके पास एक मजबूत ट्रेडिंग प्लान तैयार होगा तो आप एक क्लियर माइंडसेट के साथ ट्रेडिंग कर पाएंगे। लेकिन अगर आप बिना किसी ट्रेडिंग प्लान के किसी भी समय ट्रेड करना शुरू कर देते हैं तो आपके नुकसान होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इसलिए इंट्राडे में ट्रेडिंग करते समय अपने पास एक ट्रेडिंग प्लान जरूर बनाकर रखें और उसे रोजाना फॉलो करें।
11. इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट का ध्यान रखें
यह इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे आखरी और सबसे इंपोर्टेंट नियम है। प्रत्येक ट्रेडर को इंट्राडे ने ट्रेड करते वक्त अपने Risk-Reward Ratio के बारे में पता होना चाहिए।
आपके द्वारा दिए गए जोखिम यानी आप कितना मैक्सिमम रेस्ट ले सकते हैं और आप कितना प्रॉफिट कमाने की आशा रखते हैं यानी Reward इन दोनों के अनुपात को ही रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो कहते हैं।
इंट्राडे में आपको यह पता होना चाहिए कि आज आपको कितनी बार मैक्सिमम ट्रेड करना है और कितना ज्यादा loss लेने की आपकी risk capacity है.
मान लीजिए आज आपका टारगेट 2000 Rs कमाने का है. अगर आज आप 10 बार ट्रेड करते हैं तो आपको प्रत्येक ट्रेड में 200 Rs कमाना होगा. और अगर आप 5 बार ट्रेड करते हैं तो आपको प्रत्येक ट्रेड में 400 Rs कमाना होगा.
प्रॉफिट की तरह ही आप अपना loss भी तय कर लीजिये कि एक trade में आप कितना मैक्सिमम लॉस ले सकते हैं.
मान लो– एक ट्रेड में आप केवल 50 Rs maximum loss लेना चाहते हैं और एक ट्रेड में minimium profit 150 रुपये लेना चाहते हैं. तो ऐसे में अगर आप total 10 बार ट्रेड करते हैं जिसमें से 7 बार आपको नुकसान होता है और केवल 3 बार प्रॉफिट होता है
तो भी 7×50 = 350 रुपये आपको loss होगा,
और 3×150 = 450 रुपये आपको profit होगा,
मतलब आपको 450–350 = 100 Rs प्रॉफिट होगा।
यह सिर्फ एक उदाहरण था. कहने का मतलब यह है कि अगर आप इस प्रकार से अपने रिस्क को मैनेज करेंगे तो इंट्राडे ट्रेडिंग से आप अच्छा खासा profit daily कमा सकते हैं।
Intraday Trading Rules in Hindi – FAQ’s
इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम क्यों पता होना चाहिए?
इंट्राडे ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाना चाहते हैं तो आपको intraday trading के नियम (rules) पता होना चाहिए। सभी बड़े इंट्राडे ट्रेडर्स इन नियमों को फॉलो करते हैं उन्हीं के अनुसार अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार करते हैं जिसकी वजह से वह कम पैसों से अधिक प्रॉफिट कमा पाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय क्या ध्यान रखें?
इंट्राडे में ट्रेड करते समय सबसे जरूरी है स्टॉप लॉस का ध्यान रखना. क्योंकि अगर आपने स्टॉप लॉस ऑर्डर नहीं लगाया तो आपका अचानक से बहुत ज्यादा लॉस हो सकता है. फिर उस loss को रिकवर करने के चक्कर में आप दोबारा ट्रेडिंग करेंगे जिससे रिवेंज ट्रेडिंग की वजह से आपको अंत में भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण नियम क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण नियम है इमोशंस को कंट्रोल करना. क्योंकि जब ट्रेडिंग आपके इमोशंस आपके ऊपर हावी होने लगते हैं तो आप गलत समय पर buy या sell करने लेने लगते हैं. इसलिए इंट्राडे में ट्रेड करते समय अपने इमोशंस को काबू करने की कोशिश करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम – ‘निष्कर्ष’
इस पोस्ट में आपने इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम (Intraday Trading Rules in Hindi) के बारे में जाना. उम्मीद करता हूं ऊपर बताए गए सभी नियम प्रत्येक इंट्राडे ट्रेडर के लिए उपयोगी साबित होंगे।
अगर आप ट्रेडिंग करते समय इन सभी नियमों को अप्लाई करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि कुछ ही दिनों में आपका नुकसान प्रॉफिट में कन्वर्ट होने लगेगा।
लेकिन उसके लिए आपको लगातार इन नियमों को लगातार अप्लाई करते रहना चाहिए ताकि आपकी habit बन जाए और जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने बैठे तो इस Intraday trading rules की इस चेकलिस्ट को जरूर फॉलो करें।
ये भी पढ़ें,
इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अगर आपका इस टॉपिक से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।