Tax on SIP returns in Hindi | Income tax benefit on sip withdrawal | How much tax do I pay on SIP returns | Does SIP have tax?
आज आप जानेंगे कि एसआईपी पर कितना टैक्स लगता है, क्या SIP टैक्स फ्री है? कौन से म्यूच्यूअल फंड में एसआईपी करने पर कितना टैक्स देना पड़ता है और यह कब लगता है, एसआईपी निकासी पर मुझे कितना टैक्स चुकाना होगा?
इसके अलावा एसआईपी रिटर्न पर टैक्स कैसे कैलकुलेट होता है, एसआईपी में कितना टैक्स बेनिफिट मिलता है?क्या हमें SIP में निवेश करने टैक्स में छूट मिलती है? अगर हां तो कितनी? आज हम इन सब (SIP पर लगने वाले सभी टैक्स) के बारे में उदाहरण के साथ समझेंगे.
एसआईपी पर कितना टैक्स लगता है?
इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी पर 15% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लगता है जबकि 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है। इसके अलावा मुनाफे पर 4 फीसदी सेस चार्ज भी लगता है. अगर आपके निवेश पर रिटर्न 1 लाख से कम है तो आपके लिए SIP टैक्स फ्री होगा.
मतलब अगर आप अपने एसआईपी इन्वेस्टमेंट पर 1 लाख रुपये से अधिक रिटर्न कमा लेते हैं तो ही आपको टैक्स देना होगा. यानी कि 1 लाख तक के SIP return पर टैक्स में छूट मिलती है।
लेकिन आपको बता दें कि एसआईपी पर कितना टैक्स लगता है यह जानने से पहले आपको STCG और LTCG के बीच का अंतर समझना बहुत जरूरी है.
- STCG का मतलब है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन. यह आपकी SIP पर वह रिटर्न होता है जो आप 1 साल से कम समय में कमाते हैं.
- LTCG का मतलब है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन. यह आपकी SIP पर वह रिटर्न होता है जो आप 1 साल से अधिक समय में कमाते हैं.
इसका मतलब है कि जब आप 1 साल से पहले SIP से पैसा बाहर निकालते हैं या withdraw करते हैं तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स देना होता है जो 15% होता है। और जब आप 1 साल के बाद कभी भी एसआईपी से फंड निकासी करते हैं तो आपको 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स चुकाना पड़ता है।
इक्विटी और डेट में एसआईपी पर अलग-अलग होती है टैक्स की दर
एक बात और जान लीजिए कि यह जो 15 फीसदी और 10 फीसदी टैक्स ऊपर बताया गया है वह सिर्फ इक्विटी स्कीम के लिए ही है. मतलब जब आप इक्विटी म्यूचुअल फंड के अलावा अन्य फंड में एसआईपी करते हैं तो tax की रेट अलग होगी.
आपको बता दें कि अधिकतर निवेशक सिर्फ इक्विटी स्कीम्स में ही एसआईपी करते हैं जैसे; Equity mutual fund, index fund या कोई अन्य ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम)
इन सभी इक्विटी स्कीम्स के पोर्टफोलियो का 70-80% पैसा इक्विटी यानी शेयरों (स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर) में निवेश किया जाता है। यह कभी-कभी 100% भी हो सकता है।
लोग इसलिए इक्विटी में एसआईपी करना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें डायवर्सिफिकेशन अच्छा मिल जाता है और बाकी फंड के मुकाबले रिटर्न भी ज्यादा मिलते हैं।
इक्विटी स्कीम्स के अलावा भी बहुत सारे फंड्स है जिसमें कई निवेशक SIP करते हैं जैसे;
- डेट फंड (शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म)
- लिक्विड फंड
- इनकम फंड्स
- गवर्नमेंट सिक्योरिटीज
- फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान
- गोल्ड ETF
- गोल्ड सेविंग्स फंड
- इंटरनेशनल फंड आदि।
ये सभी दूसरी श्रेणी के फंड माने जाते हैं जबकि इक्विटी स्कीम्स पहली श्रेणी के फंड माने जाते हैं।
दूसरी श्रेणी के फंड में STCG यानी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 36 महीने यानी 3 साल से कम समय के लिए माना जाता है जबकि LTCG यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 36 महीने से अधिक समय के लिए माना जाता है।
इस प्रकार के फंड में जब आप 3 साल के बाद एसआईपी बनाते हैं यानी रिडीम करते हैं तो आपको जो मुनाफा होता है उस पर 20% टैक्स लगता है।
कौन सी स्कीम में एसआईपी कराने पर कितना टैक्स लगता है?
नीचे टेबल में दिखाया है कि किस स्कीम एसआईपी करने पर कितना टैक्स लगता है–
स्कीम्स | मंथली निवेश | शॉर्ट टर्म गेन | लोंग टर्म गेन |
---|---|---|---|
Equity Mutual Fund | Rs. 10,000 | 15% | 10% |
Debt Fund (Short-term) | Rs. 8,000 | 30% | 20% |
Debt Fund (Long-term) | Rs. 12,000 | 20% | 10% |
Liquid Fund | Rs. 5,000 | 35% | 25% |
Income Fund | Rs. 7,000 | 25% | 15% |
Government Securities Fund | Rs. 9,000 | 10% | 8% |
Fixed Maturity Plan | Rs. 11,000 | 22% | 12% |
Gold ETF | Rs. 6,000 | 20% | 15% |
Gold Savings Fund | Rs. 8,500 | 18% | 13% |
International Fund | Rs. 10,500 | 12% | 9% |
एसआईपी पर टैक्स कितने समय के लिए लगता है?
इक्विटी फंड में एसआईपी निकासी यानी पैसा बाहर निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 12 महीने कम समय के लिए होता है जबकि 12 महीने (1साल) के बाद एसआईपी रिडीम करने पर लोंग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
जबकि डेट फंड में STCG टैक्स 36 महीने से पहले SIP पैसा बाहर निकाल देने पर लगता है और LTCG टैक्स 36 महीने से पहले SIP पैसा बाहर निकाल देने पर लगता है।
STCG और LTCG दोनों ही capital gains tax होते हैं जो आपकी कुल पूंजी (capital) पर लगाए जाते हैं।
एसआईपी पर कितने साल में कितना टैक्स लगता है?
नीचे दी गई टेबल में बताया है कि एसआईपी में 10000 रुपये प्रतिमाह निवेश करने पर कितने साल में कितना टैक्स लगता है–
Investment Period | Monthly Investment | Tax on Maturity Amount |
---|---|---|
3 साल | 10,000 | 2,344 |
5 साल | 10,000 | 4,981 |
10 साल | 10,000 | 19,038 |
15 साल | 10,000 | 43,951 |
20 साल | 10,000 | 95,490 |
30 साल | 10,000 | 392,035 |
एसआईपी पर टैक्स कब लगता है?
एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के रिटर्न पर टैक्स स्थितियों में लगता है जैसे–
1. लाभांश पर कर (Tax on Dividend)
अगर आपने किसी ऐसे म्यूचुअल फंड योजना में निवेश किया है जो डिविडेंड देती है तो आपके निवेश पर आपको जो लाभांश (dividend) का भुगतान या जाएगा उस पर 11.648% (surcharge और cess सहित) टैक्स लगता है जोकि डिविडेंड डिसटीब्यूशन टैक्स (DDT) के अधीन होता है।
2. रिडेम्पशन पर टैक्स (Tax on Redemption)
जब आप अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को भुनाते या बेचते हैं, तो आपके निवेश पर हुए लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इस टैक्स की दर म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रकार और होल्डिंग अवधि पर निर्भर करती है।
यदि म्युचुअल फंड स्कीम एक इक्विटी स्कीम है, तो टैक्स की दर वही होगी जो इक्विटी म्युचुअल फंड के लिए ऊपर बताई गई है।
debt schemes के लिए, यदि निवेश को तीन साल से अधिक या तीन साल से कम समय के लिए रखा जाता है तू निवेश के लिए आयकर स्लैब (income tax slab) दर के अनुसार लाभ पर टैक्स की दर 20% है।
3. Tax on Systematic Withdrawal Plan (SWP)
SWP यानी सिस्टमैटिक विड्रोल प्लान जिसे हिंदी में व्यवस्थित निकासी योजना कहते हैं। यदि आप नियमित अंतराल पर अपने म्यूचुअल फंड निवेश से एक निश्चित राशि निकालने के लिए एक SWP का विकल्प चुनते हैं, तो आपके निवेश पर किए गए लाभ उन्हीं Tax rules के अधीन होंगे जो SIP withdraw के लिए बनाए गए हैं।
मैं आपको यही सलाह दूंगा कि एसआईपी निवेशों के कर प्रभावों को समझने के लिए किसी tax expert या financial advisor की परामर्श जरूर लेनी चाहिए क्योंकि यह आपकी विशिष्ट स्थिति और tax laws के आधार पर अलग हो सकते है।
उम्मीद करता हूं अब आप समझ गए होंगे कि SIP पर टैक्स तीन कंडीशन में लगता है– डिविडेंड इनकम पर, एसआईपी निकासी पर और SWP पर. आइए अब जानते हैं कि–
एसआईपी रिटर्न पर टैक्स कैसे लगता है?
SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के रिटर्न पे टैक्स इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अनुसार लगता है। एसआईपी के रिटर्न पर टैक्स लगने के लिए कई करण है जैसे कि म्यूचुअल फंड स्कीम का प्रकार कौन सा है, होल्डिंग पीरियड कितना है और आपको कितना कैपिटल गेन मिला है आदि।
SIP पर टैक्स कैलकुलेट कैसे होता है?
चलो एक उदाहरण से समझते हैं कि सिप के रिटर्न पर टैक्स कैसे लगता है. नीचे मैंने आपको ‘एसआईपी पर टैक्स कैलकुलेशन कैसे होता है’ यह समझाने के लिए इक्विटी और डेट दोनों स्कीम का एक एक उदाहरण दिया है.
पहला उदाहरण :
मान लीजिए, रवि ने 5,000 रुपये एसआईपी के माध्यम से हर महीने एक इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक साल के लिए निवेश किया है। जब एक साल पूरा हो जाता है, तो म्यूचुअल फंड में उसके निवेश की वैल्यू 60,000 रुपये हो जाती है।
मान लो कुछ समय बाद रवि ने म्यूचुअल फंड को बेच दिया जिस पर उसने 10,000 का लाभ कमाया। तो अब उसको अपने रिटर्न पे टैक्स भी भरना होगा।
अगर रवि ने म्यूचुअल फंड को बेचने से पहले एक साल से अधिक होल्ड किया है, तो उसे LTCG टैक्स देना होगा। मान लो अगर उसका लाभ 10,000 रुपये से अधिक है तो उसे 1000 रुपये (10000 Rs का 10%) टैक्स देना होगा।
लेकिन, अगर रवि ने म्यूचुअल फंड को बेचने से पहले एक साल से कम होल्ड किया है, तो उसे STCG टैक्स देना होगा। अगर उसका लाभ 10,000 रुपये से अधिक है तो उसे 1500 रुपये (10,000 Rs का 15%) टैक्स देना होगा।
दूसरा उदाहरण;
मान लीजिए, सीमा ने एक डेट म्यूचुअल फंड में 10,000 Rs का एसआईपी हर महीने किया है और उसने इसे 3 साल तक चलाया है। जब म्यूचुअल फंड को बेचा गया, तो उसकी वैल्यू 400000 Rs हो गई थी जबकि उसका कुल निवेश 360000 Rs था मतलब उसने अपने कुल कैपिटल पर 40,000 Rs का मुनाफा कमाया।
सीमा ने म्युचुअल फंड को बेचने से पहले 2 साल से अधिक होल्ड किया है, तो उसे LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) टैक्स देना होगा। मतलब उसे उसके प्रॉफिट 4000 रुपये (40,000 रुपये का 10%) टैक्स देना होगा।
लेकिन अगर सीमा ने म्यूचुअल फंड को बेचने से पहले 3 साल से कम होल्ड किया है, तो उसे LTCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन) टैक्स देना होगा। मतलब उसे उसके प्रॉफिट 12000 रुपये (40000 रुपये का 30%) टैक्स देना होगा।
मुझे उम्मीद है कि ये उदाहरण आपको समझ में आ गया होगा।
तो अब आप समझ गए होंगे कि कैसे एसआईपी के रिटर्न पर टैक्स लगाने का तरीका म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रकार, होल्डिंग पीरियड और गेन के मात्रा पर निर्भर करता है।
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क्या SIP टैक्स फ्री है?
Is SIP Tax Free: एसआईपी खुद में एक इन्वेस्टमेंट व्हीकल नहीं है बल्कि यह एक तरीका है जिससे आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं इस्लीये, सिप (SIP) खुद में टैक्स फ्री नहीं है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद, आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होता है, जिसे इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत रेगुलेट किया जाता है।
जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया कि SIP पर कैपिटल गेन टैक्स, आपके म्यूचुअल फंड की स्कीम के प्रकार, होल्डिंग की अवधि और गेन के आधार पर अलग-अलग तरीको से कैलकुलेट होता है।
लेकिन, कुछ म्यूचुअल फंड स्कीमें हैं जो टैक्स सेविंग के लिए eligible हैं, जैसे इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ELSS एक टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम है, जिसके लिए आपको Section 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। अगर आप ELSS के तहत निवेश करते हैं, तो आपको एसआईपी में 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।
इसलिए, एसआईपी खुद में टैक्स फ्री नहीं है, लेकिन आपको टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे ईएलएसएस में निवेश करके टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।
SIP में Indexation benefit क्या है?
एसआईपी से निवेश करने के लिए डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता है। इस बेनिफिट से आपको टैक्स पे करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि आपकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू को महंगाई दर के हिसाब से adjust कर दिया जाता है।
इसका मतलब है कि जब आप अपने डेट म्यूचुअल फंड स्कीम से निवेश करते हैं और जब आप उस निवेश को अपने पास रखते हैं, तब उस निवेश की वैल्यू भी बदलती है। आपको इन्वेस्टमेंट वैल्यू के हिसाब से टैक्स पे करने से बचने का फायदा होता है।
उदाहरण के लिए–
मान लो अगर आपने 1 लाख रुपये डेट म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश किया है उस हमें निवेश को 3 साल बाद 1.5 लाख Rs में बेचा है। अगर आप इंडेक्सेशन बेनिफिट के हिसाब से टैक्स पे करेंगे, तो आपको सिर्फ गेन अमाउंट यानी 50,000 Rs के हिसाब से टैक्स देना होगा, जो कि 20% के टैक्स रेट बराबर यानी 1.5 लाख का 20% = 10,000 Rs होगा।
- SIP से पैसे कब निकालना चाहिए?
- म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगाएं?
- म्यूच्यूअल फंड कब बेचना चाहिए?
- SIP के नुकसान क्या हैं?
एसआईपी टैक्स के बारे में जानने योग्य बातें–
- एसआईपी पर टैक्स में छूट तब ही मिलती है जब आपने STT (सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स) भरा हो.
- इक्विटी स्कीम के LTCG पर इंडेक्सेशन बेनेफिट नहीं मिलता.
- एसआईपी से हुए गेन पे टैक्स लगता है, लेकिन आपकी होल्डिंग पीरियड और म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रकारों से टैक्स का रेट चेंज होता रहता है।
- अगर आपने अपने एसआईपी से हुए गेन को 1 साल से कम होल्डिंग पीरियड में बेचा है, तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा, जो आपकी इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से लगता है।
- अगर आपने अपने एसआईपी से हुए गेन को 1 साल से ज्यादा होल्डिंग पीरियड में बेचा है, तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा, जो कि 20% है और लागू इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ।
- इंडेक्सेशन बेनिफिट के लिए आपकी इन्वेस्टमेंट वैल्यू को महंगाई दर के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है, जिससे आपको टैक्स पे करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- इक्विटी म्यूचुअल फंड और डेट म्यूचुअल फंड के टैक्स नियम अलग होते हैं, और इनकी होल्डिंग पीरियड भी अलग होती है।
- एसआईपी से निवेश करने के लिए टैक्स प्लानिंग किया जा सकता है, जिसमे आप अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स के खाते से निवेश करते हैं।
- एसआईपी के जरिए निवेश करने से, आप टैक्स प्लानिंग में अनुशासित दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं।
- आपको अपने एसआईपी से हुए लाभ को टैक्स रिटर्न के समय पे घोषित करना पडेगा।
- म्यूचुअल फंड निवेश के लिए पैन कार्ड जरूरी है और आपको अपना इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा।
- एसआईपी से टैक्स बचने के लिए, आपको सही म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनना पड़ेगा, जिसमें आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बेनिफिट और इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलेगा।
Tax on SIP in Hindi – ‘FAQs’
क्या एसआईपी इनकम टैक्स फ्री है?
एसआईपी इनकम टैक्स फ्री नहीं है क्योंकि आपको अपने एसआईपी रिटर्न के मुनाफे पर अपने आयकर स्लैब के मुताबिक शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है जो इक्विटी और डेट फंड में अलग-अलग होता है।
एसआईपी निकासी पर मैं कितना टैक्स चुकाता हूं?
एसआईपी की निकासी यानी रिडीम करने पर आप 15% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स चुकाते है और 10% लोंग टर्म कैपिटल गैन टैक्स (LTCG) लगता है।
टैक्स बचाने के लिए एसआईपी में निवेश कैसे करें?
एसआईपी में टैक्स बचने के लिए आपको टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम जैसे ELSS में निवेश करना चाहिए। ईएलएसएस आपके कर योग्य आय को कम करता है और धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट प्रदान करता है। इसमें आपको 1.5 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है। इसलिए, एसआईपी के तहत निवेश करने से पहले ELSS के बारे में पूरी तरह से जानकरी प्राप्त करें।
निष्कर्ष – ‘SIP par kitna tax lagta hai’
इस लेख में आपने जाना कि एसआईपी पर कितना टैक्स लगता है, क्या SIP टैक्स फ्री है या नहीं, सिप पर लगने वाले STCG और LTCG टैक्स क्या है, SIP में टैक्स बेनिफिट कितना मिलता है और एसआईपी पर टैक्स कैलकुलेट कैसे होता है.
मुझे पूरी उम्मीद है आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी जरूर उपयोगी लगी होगी. अगर आपका इस टॉपिक से संबंधित कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं और एसआईपी के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे दी गई अन्य पोस्ट पढ़ सकते हैं।
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