कॉल और पुट ऑप्शन कब खरीदना और बेचना चाहिए | कॉल ऑप्शन कब खरीदें और बेचें | पुट ऑप्शन कब खरीदें और बेचें | कॉल और पुट को खरीदने या बेचने का सही समय क्या होता है | When to buy and sell call or put options in hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग में आप केवल तभी प्रॉफिट कमा सकते हैं जब आप कॉल और पुट ऑप्शन को सही समय पर ट्रेड करते हैं। options में दो तरह के लोग ट्रेडिंग करते हैं: ऑप्शन बायर और ऑप्शन सेलर.
- अधिकतर ऑप्शन बायर शेयर मार्केट ऊपर जाने पर call option खरीद लेते हैं और शेयर मार्केट नीचे जाने पर पुट ऑप्शन खरीद लेते हैं
- वहीं दूसरी ओर ऑप्शन सेलर शेयर मार्केट ऊपर जाने पर put option बेच देते हैं और शेयर मार्केट नीचे जाने पर call option बेचने लगते हैं।
लेकिन देखा जाए तो यह ऑप्शन ट्रेडिंग करने का सही तरीका नहीं है और यही कारण है कि 90% ट्रेडर्स options में हमेशा पैसा गंवाते हैं।
अगर आप सच में हर दिन कॉल या पुट ऑप्शन को ट्रेड करके लाखों रुपए कमाना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए गए सवालों पर विचार करना चाहिए–
- Call और put को ट्रेड करते समय सही स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें,
- ऑप्शंस को खरीदने या बेचने का सबसे अच्छा समय कब होता है,
- ऑप्शन्स को किस दिन खरीदने या बेचने पर सबसे अधिक लाभ होता है,
- दिन के किस समय ऑप्शंस को खरीदना और बेचना चाहिए,
- क्या मार्केट बढ़ने पर कॉल ऑप्शन खरीद लेना चाहिए और पुट ऑप्शन बेच देना चाहिए और क्या मार्केट गिरने पर इसका उल्टा करना चाहिए?
अगर आप इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा क्योंकि आज मैं आपको ‘कॉल और पुट ऑप्शन कब खरीदें और बेचें‘ इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने वाला हूं।
कॉल और पुट कब खरीदना और बेचना चाहिए
कॉल और पुट कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब है आपको उस समय कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिए जब मार्केट में बुल रन हो या बाजार में तेजी की संभावना हो और कॉल ऑप्शन तब बेचना चाहिए जब बाजार में मंदी की आशंका हो। इसके विपरीत शेयर बाजार ऊपर जाने पर पुट ऑप्शन बेचना और नीचे जाने पर कॉल ऑप्शन बेचना चाहिए।
लेकिन यह इतना आसान नहीं है जितना लगता है क्योंकि इसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस, मार्केट वोलैटिलिटी, ओपन इंटरेस्ट और ऑप्शन चैन देखना आना चाहिए।
इसके अलावा आपको चार्ट एनालिसिस यानी चार्ट को पढ़ना और देखना भी आना चाहिए ताकि आप सही सपोर्ट या रेजिस्टेंस पर एंट्री या एग्जिट कर सकें।
👉 जानिए चार्ट कैसे पढ़ते और देखते हैं?
नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं जिनको पढ़कर आप समझ सकते हैं कि कॉल और पुट को कब खरीदना और बेचना चाहिए? तो आइए एक-एक करके इन सभी तरीकों के बारे में जान लेते हैं–
1. सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर ऑप्शंस खरीदें बेचें
कॉल और पुट ऑप्शन से पैसा कमाने के लिए आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर ट्रेडिंग करना आना चाहिए. सपोर्ट लेवल वह होता है जिसको टच करके शेयर प्राइस बढ़ने लगता है और रेजिस्टेंस लेवल वह होता है जिसको टच करके शेयर प्राइस गिरने लगता है।
स्टॉक मार्केट में बहुत सारे लोग सिर्फ सपोर्ट और रेसिस्टेंट पर कॉल या पुट को ट्रेड करके हर दिन खूब पैसा कमाते हैं जी हां और आप भी ऐसा कर सकते हैं।
लेकिन सवाल यह आता है कि सही सपोर्ट और रेजिस्टेंस का पता कैसे करें जहां से मार्केट बढ़ना शुरू हो? इसके लिए आप नीचे दी गई प्रक्रिया फॉलो करें–
- सबसे पहले आप चार्ट ओपन करें (अगर आप निफ़्टी या बैंक निफ़्टी में ट्रेडिंग करते हैं तो इसका चार्ट खोलें वरना जिस भी स्टॉक को ट्रेड करना चाहते हैं उसका चार्ट खोलें)
- अब आपको चार्ट पर ट्रेंडलाइन बनाना है मतलब हॉरिजॉन्टल लाइन खींचना है।
- ये लाइन्स आप ऊपर टूल्स में जाकर खींच सकते हैं।
- अब आपको देखना है कि प्राइस किस लेवल से दो या दो से अधिक बार reverse हुआ है।
- याद रखिए जितने ज्यादा बार प्राइस किसी पर्टिकुलर लेवल को टच करके वापस विपरीत दिशा में गया होगा वह लेवल उतना ही ज्यादा स्ट्रांग होगा मतलब उस लेवल पर उतना ही स्ट्रांग सपोर्ट या रेजिस्टेंस बन जाएगा।
मान लीजिए आप बैंकनिफ्टी में ट्रेडिंग करते हैं और प्राइस 42000 के लेवल को टच करके बार-बार नीचे चला जाता है और गिरते-गिरते 41000 के लेवल तक आने के बाद वापस बढ़ना शुरू हो जाता है।
अगर ऐसा ही दो या दो से अधिक बार होता है तो समझ जाइए कि 41000 आपके लिए बैंक निफ्टी का स्ट्रांग सपोर्ट लेवल और 42000 स्ट्रांग रेजिस्टेंस लेवल है।
तो इस प्रकार जब बैंक निफ्टी चार्ट पर प्राइस sideways यानी एक की रेंज में घूम रहा है तो आप 41000 पर कॉल ऑप्शन खरीद सकते हैं और अगर आप ऑप्शन सेलिंग करते हैं तो पुट ऑप्शन बेच सकते हैं।
जबकि अगर प्राइस 42000 को टच करके गिरने लगता है तो आप option buying में पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं और option selling में कॉल ऑप्शन बेच सकते हैं।
2. ऑप्शन चैन डाटा देखकर कॉल या पुट खरीदें
ऑप्शन चैन डाटा आपको स्ट्राइक प्राइस, ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम जैसी महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी देता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर जाकर आप ऑप्शन चैन देख सकते हैं।
ऑप्शन चैन देखकर आपको पता चलता है कि किस समय कॉल या पुट ऑप्शन खरीदना और बेचना चाहिए।
जब मार्केट बियरिश होता है तो ऑप्शन चैन का डेटा पहले ही इंडिकेट कर देता है कि ओपन इंटरेस्ट और वॉल्यूम में कमी आने लगती है जिसको देखकर हम समझ जाते हैं कि बाजार के गिरने की संभावना है और ऐसे में आपको पुट ऑप्शन खरीद लेना चाहिए।
इसके विपरीत जब मार्केट बुलिश होता है ऑप्शन चैन का डाटा पहले ही बता देता है कि बाजार में buyers की संख्या बढ़ने लगी है और इसी कारण तेजी आने की संभावना ज्यादा है इसीलिए आपको ऐसे समय पर लाभ कमाने के लिए कॉल ऑप्शन खरीद लेना चाहिए।
तो देखा आपने इस प्रकार ऑप्शन चेन डेटा की मदद से आप सही समय पर कॉल या पुट खरीद और बेच सकते हैं।
3. एक्सपायरी के दिन कॉल और पुट खरीदना चाहिए
कॉल या पुट ऑप्शन को खरीदने का सबसे अच्छा समय है expiry का दिन क्योंकि इस दिन कॉल और पुट के प्रीमियम बहुत कम दामों पर मिलते हैं। इसका मतलब है कि आप बहुत ही कम पैसे लगाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
निफ्टी या बैंकनिफ्टी में ट्रेडिंग करने वालों के लिए वीकली एक्सपायरी बुधवार और गुरुवार के दिन होती है जबकि स्टॉक के ऑप्शन में ट्रेड करने पर महीने के अंतिम सप्ताह के गुरुवार को होती है।
Expiry के दिन आप देखेंगे कि प्रीमियम के दाम बहुत तेजी से बढ़ते हैं और उतनी ही तेजी से कम भी होते हैं। इसीलिए याद रखिए कि अपने खरीदे गए कॉल या पुट को ज्यादा देर तक होल्ड मत कीजिए।
मतलब जितना जल्दी हो सके प्रॉफिट बुक करके ट्रेड से बाहर निकल जाइए वरना इस दिन आपको प्रॉफिट के बजाय नुकसान भी हो सकता है।
4. ब्रेकआउट के बाद कॉल और पुट को ट्रेड करें
जब प्राइस अपने किसी सपोर्ट या रेसिस्टेंट को तोड़ देता है तो उसे ब्रेकआउट कहते हैं और ब्रेकआउट के बाद प्राइस बहुत तेजी से ऊपर या नीचे जाता है। तो अगर आप ब्रेकआउट होने पर call या put को खरीदते हैं तो इससे आप एक बड़ी move को कैप्चर कर सकते हैं।
जब कोई प्राइस अपने स्ट्रांग सपोर्ट लेवल को तोड़ता है तो उस समय आपको पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए और जब प्राइस अपने रेजिस्टेंस को तोड़ता है तो कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिए।
लेकिन अगर आप एक ऑप्शन सेलर हैं तो आपको इसका पलटा करना है मतलब सपोर्ट लेवल टूटने पर कॉल बेचना चाहिए और रेजिस्टेंस लेवल टूटने पर पुट बेचना चाहिए।
5. सुबह और दोपहर के समय ऑप्शन ट्रेडिंग करें
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपको पता होगा कि सुबह 9:15 पर मार्केट खुलने के बाद 11:00 बजे तक मोमेंटम यानी प्राइस मूवमेंट बहुत तेज होती है मतलब इस समय कॉल या पुट खरीदने पर प्रॉफिट की संभावना ज्यादा होती है।
- 11:00 बजे से 1:30 बजे तक मार्केट बहुत धीमी गति से चलता है इसलिए यह ऑप्शन कलर का टाइम होता है और ज्यादातर केसेस में समय के बीच ऑप्शन बायर को नुकसान ही होता है क्योंकि मार्केट उसी रेंज में घूमता रहता है और प्रीमियम भी तेजी से नहीं बढ़ते हैं।
- 1:30 से 2:00 बजे के बाद फिर से मार्केट में मूवमेंट होने लगती है क्योंकि ऑप्शन खरीदार या विक्रेता अपनी पोजीशन को अगले दिन के लिए होल्ड करने की बजाय स्क्वायर ऑफ करने लगते हैं अधिकतर ऑप्शन ट्रेडर इंट्राडे में ही ट्रेड करते हैं।
लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर दिन ऐसा ही हो, क्योंकि यूरोपियन मार्केट 12:30 बजे के बाद खुलते हैं और उस समय अगर कोई पॉजिटिव नेगेटिव न्यूज़ आती है तो 1:00 बजे से पहले ही मार्केट पर उसका अच्छा या बुरा प्रभाव दिखने लगता है।
कहने का मतलब यह है कि अगर आप एक इंट्राडे ऑप्शन बायर है तो आपको सुबह और दोपहर के समय कॉल या पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए और अगर आप एक इंट्राडे ऑप्शन सेलर है तो आपको 11:00 से 1:00 बजे के बीच कॉल या पुट ऑप्शन को बेचना चाहिए।
उम्मीद करता हूं अब आप जान गए होंगे कि कॉल और पुट ऑप्शन को कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए।
चलिए अब कॉल और पुट को खरीदने या बेचने से संबंधित कुछ कॉमन सवालों और उनके जवाबों पर नजर डाल लेते हैं–
FAQ’s (Call or put kab khride aur beche in hindi)
मुझे कॉल या पुट ऑप्शन कब खरीदना या बेचना चाहिए?
ऑप्शन बायर को कॉल ऑप्शन कब खरीदना चाहिए जब मार्केट ऊपर जाने की संभावना है और पुट ऑप्शन कब खरीदना चाहिए जब मार्केट नीचे जाने की संभावना हो. लेकिन ऑप्शन सेलर को मार्केट बढ़ने पर पुट बेचना चाहिए और मार्केट गिरने पर कॉल बेचना चाहिए।
कॉल बेचने और पुट खरीदने में क्या अंतर है?
कॉल बेचने या पुट खरीदने दोनों का मतलब एक ही है मतलब दोनों ही सिचुएशन में आप मार्केट के गिरने पर दांव लगाते हैं। हालांकि कॉल बेचने में आपको पुट खरीदने से ज्यादा पैसा देना होगा लेकिन आपका रिस्क भी कम होगा। चाहे आप कॉल ऑप्शन बेचें या फिर पुट ऑप्शन खरीदें दोनों में आपको प्रॉफिट केवल तभी होगा जब मार्केट गिरेगा।
क्या पुट कॉल से ज्यादा पैसा कमाते हैं?
ऑप्शन ट्रेडिंग में बाइंग की बजाए सेलिंग बहुत तेजी से होती है क्योंकि लोग डरकर पैनिक सेलिंग करने लगते हैं और यही कारण है कि पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन से ज्यादा पैसा कमाता है। मतलब अगर आप काफी वोलेटाइल मार्केट में कॉल या पुट खरीदते हैं तो पुट ऑप्शन खरीदने पर अधिक लाभ कमाने की संभावना ज्यादा होगी।
कॉल ऑप्शन खरीदना बेहतर है या पुट ऑप्शन बेचना?
अगर आपको लगता है कि मार्केट बहुत तेजी से ऊपर जा सकता है तो कॉल ऑप्शन खरीदना बेहतर है लेकिन अगर आपको लगता है कि प्राइस किसी लेवल के नीचे ही रहेगा मतलब उसको पार नहीं करेगा तो ऐसी स्थिति में कॉल खरीदने की बजाय पुट ऑप्शन बेचना बेहतर विकल्प होगा।
पुट ऑप्शन खरीदना बेहतर है या कॉल ऑप्शन बेचना?
अगर आपको लगता है कि मार्केट बहुत तेजी से नीचे जाएगा तो पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए लेकिन अगर आपको लगता है कि प्राइस किसी लेवल के ऊपर ही रहेगा मतलब उससे नीचे नहीं आएगा तो ऐसी स्थिति में पुट खरीदने की बजाय कॉल ऑप्शन बेचना बेहतर विकल्प होगा।
हम कॉल या पुट ऑप्शन क्यों बेचते हैं?
कॉल (CE) या पुट (PE) ऑप्शन को खरीदने या बेचने का मकसद प्रॉफिट कमाना होता है। कॉल और पुट को खरीदने या बेचने का फायदा यह है कि आपको अंडरलाइन एसेट के लिए पूरे पैसे नहीं देने पड़ते हैं मतलब सिर्फ प्रीमियम अमाउंट देकर आप किसी अंडरलाइंग एसेट जैसे निफ्टी, बैंकनिफ्टी या स्टॉक को ट्रेड कर सकते हैं।
क्या ऑप्शन बेचना हमेशा लाभदायक होता है?
जी नहीं, ऑप्शन बेचना हमेशा लाभदायक इसलिए नहीं होता है क्योंकि इसमें अनलिमिटेड रिस्क होता है लेकिन उसकी संभावना बहुत कम होती है। क्योंकि शेयर बाजार साल के कुछ ही दिन 2-3% से ज्यादा की मूवमेंट दिखाता है इसलिए ऑप्शन विक्रेता ऑप्शन खरीदार की तुलना में अधिक लाभ कमाता है।
Conclusion (When to buy and sell call or put option in hindi)
इस पोस्ट में आपने सीखा कि कॉल और पुट ऑप्शन को कब खरीदना और बेचना चाहिए, किस समय कॉल खरीदने पर प्रॉफिट होता है और किस समय पर पुट खरीदने पर प्रॉफिट होता है, ऑप्शन खरीदने या बेचने में से क्या करना चाहिए।
उम्मीद करता हूं अब आप समझ गए होंगे कि कॉल या पुट को कब खरीदे या बेचे, शेयर बाजार खुलने के बाद किस समय कॉल और पुट को खरीदना या बेचना चाहिए।
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