पिछली पोस्ट में हमने Tangible Assets के बारे में विस्तार से बताया था आज हम Intangible Assets के बारे में बात करने वाले हैं जो Tangible Assets के बिल्कुल विपरीत हैं।
इस पोस्ट में हमने आपको काफी सारे उदाहरण के द्वारा Intangible Assets को विस्तार से समझाने की कोशिश की है
जिसके लिए आगे हमने आपको टाटा कंपनी और एप्पल कंपनी के उदाहरण दिए हैं.
इसके साथ ही किसी बिजनेस के कस्टमर कैसे उसके Intangible Assets ही होते हैं? इसके बारे में भी विस्तार से बताया है।
तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढियेगा।
आइए Intangible Assets क्या होते हैं? इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं-
Intangible Assets kya hai? | Intangible Assets In Hindi
Intangible Asset को हिंदी में अमूर्त संपत्ति कहा जाता है। ये non-physical assets होते हैं जिन्हें हम भौतिक रूप से देख या छू नहीं सकते हैं लेकिन किसी कंपनी के लिए इनकी वैल्यू काफी ज्यादा होती है।
अर्थात किसी भी कंपनी में Tangible Assets के अलावा जो assets बचते हैं उन्हें हम Intangible Assets कहते हैं। इन्हें “Intellectual assets” भी कहते हैं।
- ये Physical Substance के रूप में ना होकर Virtual रूप में होते हैं यानी कि इन संपत्तियों को हम देख या छू नहीं सकते हैं और इसीलिए इनके बर्बाद होने का खतरा भी बहुत कम होता है।
- तो अगर आपकी पूरी कंपनी के सभी asset नष्ट हो जाते हैं तो भी Intangible Assets को कोई नुकसान नहीं होता है।
- ये ऐसे assets हैं जिनका वैल्यूएशन आसानी से नहीं किया जा सकता है।
- इनकी accounting करना बहुत मुश्किल है इसीलिए Intangible Assets की कोई Book value नहीं होती है और ना ही इन्हें बैलेंस शीट में दिखाया जाता है।
- कुछ कंपनियों के लिए Intangible assets उनके tangible assets से बहुत ज्यादा valuable होते हैं
Intangible Assets के उदाहरण | Example of Intangible Assets
LIST OF INTANGIBLE ASSETS
- Brand
- Goodwill
- Patent
- Trademark
- Copyright
- Franchises
- Computer Softwares
- Intellectual Property
- Legal agreement or contract
Brand & Goodwill: किसी भी कंपनी के लिए उसका ब्रांड नेम और गुडविल यानी कि लोगों की नजरों में कंपनी की छवि या रेपुटेशन कितनी अच्छी है, यह कम्पनी की अमूर्त सम्पत्ति होती है.
क्योंकि अगर कंपनी की goodwill समय के साथ-साथ कम होती है तो शेयर मार्केट में उसका stock price भी नीचे जाने लगता है।
Patent/Trademark/Copyright: ये तीनों ही कंपनी के Intellectual Property के अंतर्गत आते हैं जिसमें आपको सरकार के द्वारा एक लाइसेंस मिलता है।
- इन तीनों में अंतर यह है कि-
Patent सिर्फ 20 सालों के लिए होता है जिसे आप किसी आईडिया, नई खोज या आविष्कार के लिए करवा सकते हैं - जबकि Copyright आप किसी वीडियो या म्यूजिक के लिए करवा सकते हैं जो कॉपीराइट करवाने वाले इंसान के मरने के 70 साल बाद तक चलता है
- और Trademark आप किसी brand name या logo का करवा सकते है जो हमेशा चलता है
ये तीनो ही Intellectual Property किसी भी कंपनी की अमूर्त संपत्ति का उदाहरण हैं, वैसे कंपनी का ब्रांड नेम भी Intellectual Property ही होता है।
Software: कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट, डोमेन नेम, ब्लूप्रिंट, permits, joint ventures, customer list या कंपनी के बिजनेस में काम में आने वाले सभी सॉफ्टवेयर Intangible asset होते हैं।
Intangible asset कितने प्रकार के होते हैं? | Types of Intangible asset in Hindi
अमूर्त संपत्ति को दो भागों में विभाजित किया गया है-
- निश्चित अमूर्त संपत्ति (Definite Intangible Asset)
- अनिश्चित अमूर्त संपत्ति (Indefinite Intangible Asset)
- Definite Intangible Asset: यह किसी कंपनी की वह संपत्ति है जो एक निश्चित समय के लिए रहती है जैसे- कंपनी के द्वारा लिया गया पेटेंट या लाइसेंस उसकी निश्चित अमूर्त संपत्ति होती है क्योंकि वह केवल निश्चित समय (20 साल) के लिए होता है जिसे हम देख लिया छू नहीं सकते हैं।
- Indefinite Intangible Asset: किसी कंपनी के लिए उसका ब्रांड नेम अनिश्चित संपत्ति होता है क्योंकि जब तक वह कंपनी रहेगी तब तक उसका ब्रांड बना रहेगा।
( मतलब कोई निश्चित टाइम पीरियड नहीं है )
- जैसे कोको कोला कंपनी के लिए उसका ब्रांड नेम उसकी अनिश्चित अमूर्त संपत्ति है जो तब तक बनी रहेगी जब तक वह कंपनी है।
ऊपर दिए गए दोनों ही Intangible assets को आप देख लिया छू नहीं सकते हैं लेकिन कंपनी में इनकी वैल्यू बहुत ज्यादा होती है।
क्योंकि Intangible assets किसी भी कंपनी की सफलता में बहुत बड़ा रोल निभाते हैं
जैसे अगर कंपनी का ब्रांड नेम लोगों के बीच अच्छा नहीं है तो कंपनी की sales भी कम हो जाती हैं और stock price भी गिरने लगता है।
Intangible assets को बैलेंस शीट पर क्यों नहीं लिखा जाता है? | Why Intangible assets not shown on balance sheet?
आपने देखा होगा कि किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट पर उसके tangible assets (land, कार, फैक्ट्री, बिल्डिंग, hard assets) आदि तो लिखे होते हैं लेकिन Intangible assets नहीं लिखे होते हैं
तो आखिर ऐसा क्यों होता है?
आखिर क्यों Intangible assets को बैलेंस शीट पर नहीं लिखा जाता है?
इसका पहला कारण है-
1. अमूर्त संपत्ति का वैल्यूएशन करना बहुत मुश्किल होता है-
Intangible assets को बैलेंस शीट पर नहीं लिखा जाता क्योंकि Intangible assets का valuation करना बहुत मुश्किल होता है और इनकी कोई निश्चित वैल्यू भी नहीं होती है।
जैसे: किसी कंपनी के ब्रांड की वैल्यू कुछ लोगों की नजरों में ज्यादा हो सकती है तो कुछ लोगों की नजरों में कम।
इसीलिए इसके ब्रांड की निश्चित वैल्यू को कैलकुलेट करना बहुत मुश्किल है
क्योंकि यह समय-समय पर बदलती रहती है और शायद यही कारण है कि इसे बैलेंस शीट पर रिकॉर्ड नहीं किया जाता है।
दूसरा कारण है:
2. Book Value से बाहर होना
Intangible assets को Book value में नहीं गिना जाता है।
उदाहरण:
अगर किसी कंपनी के सभी tangible assets को बेच दिया जाए और उसकी सभी liabilities यानी खर्चों को भी चुका दें
तो उसके बाद जो कंपनी की वैल्यू बचती है उसे हम book value कहते हैं जो हमें बैलेंस शीट पर दिखाई देती है।
लेकिन कंपनी की बुक वैल्यू निकालते समय उसमें कंपनी के Intangible assets को नहीं गिना जाता है
इसीलिए जब किसी कंपनी को बेचा जाता है तो वह अपने बुक वैल्यू से काफी महंगी प्राइस पर बिकती है।
जिसे हम प्रीमियम बोलते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो हम इन्हीं Intangible assets के बदले किसी कंपनी को खरीदते वक्त प्रीमियम प्राइस पर खरीदते हैं
क्योंकि उस कंपनी की अमूर्त संपत्ति की वैल्यू काफी ज्यादा होती है।
- जैसे– Tata कंपनी का ब्रांड इंडिया में बहुत ज्यादा मजबूत है इसीलिए ज्यादातर लोग टाटा कंपनी पर भरोसा करते हैं
इसीलिए हम कह सकते हैं कि इनके Intangible assets की value बहुत ज्यादा है।
तो अगर कभी टाटा कंपनी के सभी tangible assets जैसे- (फैक्ट्री, बिल्डिंग, फर्नीचर आदि) नष्ट भी हो जाते हैं तो भी इस कंपनी की value पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा
क्योंकि इसे इन्वेस्टर्स आसानी से मिल जाएंगे ऐसा इसलिए होगा क्योंकि लोगों का टाटा कंपनी पर विश्वास है जो कि उन्होंने सालों की मेहनत के बाद बनाया है।
बैलेंस शीट पर Intangible assets को कैसे कैलकुलेट किया जाता है? | How Intangible assets shown on balance sheet?
जैसा कि आपको पता है बैलेंस शीट पर Intangible assets को नहीं लिखा जाता है
लेकिन जब कोई कंपनी किसी Intangible assets को accure करती है मतलब किसी अन्य कंपनी से खरीदती है तो उसे बैलेंस शीट पर रिकॉर्ड किया जाता है।
उदाहरण:
मानलो ABC कंपनी किसी XYZ कंपनी से 10 करोड़ रुपये में patent खरीदती है जो कि एक definite Intangible asset है तो 10 करोड़ रुपये को बैलेंस शीट पर लिखा जाएगा।
इन 10 करोड़ रुपये के expense को long term assets में लिखा जाएगा।
लेकिन आपको पता होगा patent 20 साल के लिए होते हैं इसीलिए हर साल इनकी वैल्यू कम होती जाती है मतलब हर साल पेटेंट का amortization होता है।
इसीलिए 10 करोड़ रुपए को 20 साल से भाग दिया जाएगा और फिर 1 साल के लिए जितना पैसा आता है उतना ही हर साल के लिए बैलेंस शीट में लिखा जाएगा
- जैसे इस उदाहरण में हर साल बैलेंस शीट में पेटेंट का मूल्य 50 लाख रुपये लिखा जाएगा क्योंकि-
10करोड़ / 20 साल = 50 लाख रुपये (1 साल का)
मतलब Intangible assets का खरीदते समय कंपनी के जितने भी खर्चे होते हैं उन्हें बैलेंस शीट में लिखा जाता है।
Apple कंपनी का उदाहरण:
(How intangible assets are reported on a balance sheet)
नीचे हमने Apple कंपनी की बैलेंस शीट का एक portion दिया है जिसमें 2017 का 10K statement दिखाया गया है-
- 2017 में एप्पल के पास लगभग 2.2 बिलीयन डॉलर के Intangible assets थे जिसको blue color में दिखाया गया है.
- ज्यादातर Intangible assets की useful life, long term होती है इसीलिए इन्हें current assets के अंतर्गत नहीं लिखा गया है जिसे आप Pink color में देख सकते हैं.
कौन से Intangible assets को बैलेंस शीट पर नहीं लिखा जाता है?
Which intangible assets do not include on the company’s balance sheet?
जिन intangible assets को कंपनी खुद internally develope करती है उन्हें बैलेंस शीट पर नहीं लिखा जाता है।
- जैसे; एप्पल (Apple) कंपनी ने सालों साल मेहनत करके लोगों के बीच अपना मजबूत brand क्रिएट किया है.
- वैसे अगर देखा जाए तो इनके ब्रांड की वैल्यू बहुत ज्यादा है लेकिन फिर भी इसे बैलेंस शीट में नहीं लिखा जाता क्योंकि इसे कंपनी ने internally develope किया है।
इसी प्रकार Apple कंपनी के logo की value बहुत ज्यादा है
क्योंकि ज्यादातर customer के मन में केवल Apple का logo देखकर ही brand trust 🤝 बन जाता है।
तो इसके logo को अगर कोई अन्य कंपनी इस्तेमाल करना चाहे तो एप्पल कंपनी उससे करोड़ों रुपए लेकर उसे यह अधिकार दे सकती है।
मतलब Apple कंपनी के logo की वैल्यू बहुत ज्यादा है लेकिन फिर भी इसकी value को बैलेंस शीट में नहीं लिखा जाता है क्योंकि इसे भी internally develope किया गया है।
लेकिन Apple के इसी logo को अगर कोई दूसरी कंपनी accure कर लेती है तो वह इसे अपने long term assets में expenses के अंदर, intangible assets के रूप में दिखा सकती है।
किसी कंपनी के customers कैसे उसके intangible assets होते हैं-
मान लो कोई कंपनी है जो ऑनलाइन प्रोडक्ट sell करती है। जब कोई customer इनकी वेबसाइट पर आता है तो उसे इनका प्रोडक्ट खरीदने के लिए अपना नाम, ईमेल एड्रेस और फोन नंबर भरना पड़ता है।
इस प्रकार लाखों कस्टमर का data इस कंपनी के पास इकट्ठा हो जाता है जिसे हम देख या छू नहीं सकते हैं लेकिन उसकी value बहुत ज्यादा होती है।
यह कंपनी समय-समय पर अपने customer list को ईमेल एड्रेस और फोन नंबर के द्वारा retarget करती रहती है.
और इस तरह यह customer list भी कम्पनी की intangible asset होती है।
अगर कोई कंपनी आपकी customer list को इस्तेमाल करना चाहती है जिसके लिए वह आपको 50 लाख रुपये देने को तैयार है तो आप उसे अपनी customer list के इस्तेमाल करने का अधिकार दे सकते हैं जिसके लिए आपको उस कंपनी को 50 लाख रुपये के बदले एक लाइसेंस देना होगा।
- अब वह दूसरी कंपनी इन 50 लाख रुपये के expense को अपनी बैलेंस शीट में intangible asset के अंदर record करेगी।
तो अब आप समझ ही चुके होंगे कि किसी भी कंपनी के लिए उसके कस्टमर भी intangible asset ही होते हैं।
इसलिए जब हम किसी कंपनी की intrinsic value या fair market value निकालते हैं तो हमें intangible assets को भी ध्यान में रखना पड़ता है।
Intangible Assets In Hindi की जानकारी कैसी लगी!
मैं आशा करता हूं कि अब आपको Intangible assets kya hote hai इसके बारे में पता चल गया होगा।
इस पोस्ट में हमने आपको Intangible assets के बारे में विस्तार से समझाने की कोशिश की है जैसे; इनकी definition, types, examples
और साथ ही साथ अमूर्त संपत्ति को बैलेंस शीट पर क्यों नहीं लिखा जाता है? इसके बारे में भी हमने आपको विस्तार से बताया है।
अगर आपका इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल है तो आप मुझसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपको जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिश करूंगा।
आपका कीमती समय देने के लिए ❤️”धन्यवाद“❤️
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