जैसा कि आपको पता है कि कल का दिन शेयर बाजार के लिए बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट है क्योंकि कल यानी 23 जुलाई 2024 को Final बजट 2024 का अनाउंसमेंट होने वाला है.
और यह तो हम सभी जानते हैं कि हर साल budget का इंपैक्ट शेयर मार्केट पर सबसे ज्यादा होता है. होता कुछ ऐसा है कि जिन सेक्टर को ज्यादा बजट एलोकेट किया जाता है मतलब खर्च करने के लिए सरकार की ओर से ज्यादा पैसा दिया जाता है उन sectors में तेजी देखने को मिलती है और ठीक इसका उल्टा जिन सेक्टर को कम बजट मिलता है उनमें हमें गिरावट देखने को मिलती है।
- मान लीजिए अगर कल डिफेंस सेक्टर को पिछली बार की अपेक्षा काफी ज्यादा बजट मिलता है मतलब पैसा खर्च करने के लिए मिलता है तो डिफेंस सेक्टर के जितने भी बड़े-बड़े कंपनी हैं उनमे हमें तेजी देखने को मिलेगी
- लेकिन वहीं दूसरी ओर अगर डिफेंस सेक्टर को लोगों की एक्सपेक्टेशन से कम budget मिलता है तो फिर defence sector की कंपनी में हमें गिरावट देखने को मिलेगी.
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो एक बात समझ लीजिए कि अगर किसी सेक्टर का कोई स्टॉक हाई वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है मतलब महंगा मिल रहा है और अगर उस सेक्टर से रिलेटेड कोई नेगेटिव न्यूज़ आती है या फिर उस सेक्टर को कम बजट मिलता है तो महंगा स्टॉक सबसे ज्यादा गिरेगा और इस सेक्टर का सस्ता स्टॉक सबसे कम गिरेगा।
Budget 2024 Prediction: कैसा रहेगा कल का बजट?
तो आज हम ऐसे पांच पॉइंट के बारे में बात करेंगे जो यह डिसाइड करेंगे कि कल के दिन आने वाला बजट 2024 शेयर बाजार पर पॉजिटिव असर डालेगा या नेगेटिव?
तो आईए जानते हैं कल के दिन बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का जिन पॉइंट पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा और जो पॉइंट बाजार को सबसे ज्यादा तेजी या मंडी ला सकते हैं उनके बारे में चर्चा कर लेते हैं–
1. LTCG
सबसे पहला पॉइंट है LTCG यानी Long Term Capital Gain tax. दोस्तों शेयर बाजार में जो लोग 1 साल से ज्यादा यानी लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं और उसे निवेश किए हुए पैसों पर उनको जो Profit होता है उसे प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स को ही हम Long Term Capital Gain tax या शॉर्ट में LTCG कहते हैं।
- अब तक LTCG टैक्स 10% लगता है और यह आपको केवल उसी प्रॉफिट पर देना पड़ता है जो 1 लाख से ज्यादा हो.
- मतलब अगर आप 1 साल के बाद अपने शेयर बेचते हैं और उन पर आपको एक लाख या उससे कम प्रॉफिट होता है तो आपको उसे प्रॉफिट पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
लेकिन अगर आपका प्रॉफिट 1 लाख Rs से ज्यादा है तो आपको उस प्रॉफिट पर 10% का LTCG टैक्स देना पड़ेगा.
और अब इस बार के बजट में इसी टैक्स को बढ़ाने की बात की जा रही है लेकिन अगर यह tax बढ़ता है तो यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा नहीं है और इसका शेयर बाजार पर नेगेटिव इंपैक्ट देखने को मिल सकता है।
यह कुछ इस तरह से काम करता है–
- मान लीजिए आपने जब 1 साल बाद आपने अपने खरीदे हुए शेयर को बेचा तो उस पर आपको 150000 Rs का मुनाफा हुआ अब इस प्रॉफिट में से आपको 100000 Rs पर कोई टैक्स नहीं देना है, केवल बचे हुए 50000 Rs पर ही 10% LTCG टैक्स देना होगा जोकि 5000 Rs होगा।
लेकिन अगर मान लीजिए LTCG 10% से बढ़कर 15% हो जाता है तो आपको 50000 Rs पर 15% यानी 7500 Rs LTCG टैक्स देना होगा.
तो कल के दिन अगर यह tax बढ़ता है तो बाजार में काफी गिरावट देखने को मिलेगी. और अगर यह टैक्स घटता है तो बाजार पर इसका पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ेगा.
2. F&0
बजट में दूसरा पॉइंट जो सबसे ज्यादा फॉक्स में रहेगा वह है F&0 पर टैक्स. मतलब फ्यूचर एंड ऑप्शंस से होने वाले प्रॉफिट पर सरकार 30% लगाने की बात कर रही है और कल इसका ऑफिशल अनाउंसमेंट हो जाएगा.
गवर्नमेंट को यह चिंता है कि लोगों को फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से नुकसान सबसे ज्यादा होता है उसके बावजूद भी लोग सबसे ज्यादा ऑप्शन ट्रेडिंग ही करते हैं.
और मार्केट के रेगुलेटर SEBI का तो यहां तक कहना है कि 10 में से 9 यानी 90% ऑप्शन ट्रेडर्स नुकसान ही करते हैं.
पिछले कुछ सालों में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग में भयंकर वॉल्यूम देखा गया है जिससे ब्रोकर को तो बशा के काफी ब्रोकरेज टैक्स मिला है लेकिन लोगों ने किस प्रकार से सेविंग अकाउंट से पैसा खाली करके शेयर मार्केट में लगाना शुरू कर दिया है इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है।
क्योंकि छोटे निवेशक जो शेयर बाजार में पहली बार कदम रखता है उसको तो ऑप्शन ट्रेडिंग जिसमें कम समय में पैसा डबल होने की बात होती है वही सबसे ज्यादा आकर्षित करता है और उसी में सबसे ज्यादा नुकसान होने की संभावना है लेकिन प्रॉफिट भी उतनी ही तेजी से होता है एक प्रकार से सरकार इसे crypto currency या फिर गैंबलिंग का रूप दे रही है।
तो जो लोग शेयर मार्केट में फ्यूचर या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं उन पर इस खबर का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा अगर यह टैक्स लगता है तो समझ लो फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडर्स का करियर खत्म.
उदाहरण के लिए:
आपको बता दें कि जहां एक तरफ इन्वेस्टमेंट का वॉल्यूम 27 लाख करोड़ हैं वहीं F&O का वॉल्यूम जानकर आप चौंक जाओगे जो कि करीब 9500 लाख करोड़ है. मतलब दूर-दूर तक कोई मैच ही नहीं है और इसीलिए गवर्नमेंट इस वॉल्यूम को कम करने के लिए टैक्स लगा रही है।
देखिये आपको यह बात भी समझनी होगी कि सरकार नहीं चाहती कि छोटे रिटेल ट्रेडर्स का मार्केट में आते ही नुकसान हो क्योंकि यहां पर बाजार के बड़े- बड़े हाथी बैठे हैं जो करोड़ों के कैपिटल से बाजार में रोजाना ट्रेड करते हैं और उनके सामने आप नहीं टिक सकते हैं इसीलिए गवर्नमेंट इस टैक्स को लगाकर कुछ हद तक छोटे निवेशकों का पार्टिसिपेशन बाजार में रोकना चाहती है।
3. Income Tax
तीसरा पॉइंट है इनकम टैक्स जिसको सबसे ज्यादा नौकरी करने वाले यानी सैलरी पाने वाले लोगों के द्वारा सरकार को दिया जाता है.
अगर कल बजट में इनकम टैक्स को बढ़ाने की बात की जाती है तो इसका मार्केट पर नेगेटिव प्रभाव पड़ेगा वहीं दूसरी ओर अगर इनकम टैक्स को कम करने की बात होती है तो मार्केट में तेजी देखने को मिलेगी.
👉दोस्तों बजट का इंपैक्ट हर किसी पर अलग-अलग पड़ता है जैसे मान लो अगर आप एक सैलरी क्लास पर्सन है यानी नौकरी करते हैं और इनकम टैक्स बढ़ता है तो सबसे ज्यादा प्रभाव आप पर पड़ेगा जबकि जो जिन लोगों की इनकम कम है या किसान हैं उन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
कल के दिन बजट में यह पॉइंट देखना इंपॉर्टेंट इसलिए है क्योंकि इंडिया में बहुत सारे लोग जो इनकम टैक्स देते हैं उनमें से अधिकतर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं लेकिन अगर इनकम टैक्स बढ़ता है तो शेयर मार्केट में भी इन्वेस्टमेंट काम हो सकता है जिससे मार्केट में गिरावट देखने को मिल सकती है।
4. Capex
चौथा पॉइंट है Capex यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर. इसमें सरकार कल के दिन अलग-अलग सेक्टर में कितना कैपिटल एक्सपेंडिचर यानी खर्च करना है उसके बारे में बात करेगी मान लीजिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सरकार अगर अधिक बजट अनाउंस करती है तो बिल्डिंग, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने वाली कंपनियों में तेजी देखने को मिलेगी.
इसी प्रकार अलग-अलग सेक्टर जैसे; रेलवे, पावर, डिफेंस, रिन्यूएबल एनर्जी आदि पर सरकार का सबसे ज्यादा फोकस रहता है और इनमें कैपेक्स बढ़ने की उम्मीद सबसे ज्यादा है।
कहने का मतलब यह है कि जिन सेक्टर को ज्यादा कैपेक्स मिलेगा उनमें हमें तेजी देखने को मिलेगी और जिनमे कैपेक्स कम मिलेगा थोड़ी बहुत गिरावट देखने को मिलेगी।
पांचवा और आखिरी पॉइंट है–
5. Fiscal Deficit
फिसकल डिफिसिट को सरकार कितना कम या ज्यादा करती है यह कल के दिन देखने वाली बात होगी पिछली बार हमने देखा था कि सरकार ने इसका टारगेट 5.1 तक कर दिया था.
आप सिर्फ इतना समझ लीजिए कि कितना कम Fiscal Deficit होगा उतना ही ज्यादा विदेशी निवेशक हमारे शेयर मार्केट में invest करेंगी मतलब Fiscal Deficit का कम होना शेयर मार्केट के लिए एक अच्छी खबर है और इसका बाजार पर पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ता है तो कल के दिन इस पर भी बाजार की नजर रहेगी.
अब देखने वाली बात यह है कि क्या कल के दिन इसे सरकार 5.1 से कम करती है अगर हां तो बाजार में इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा लेकिन अगर इस बढ़ती है तो इसका नेगेटिव इंपैक्ट पढ़ना लाजमी है।
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Conclusion–
तो यह थे पांच ऐसे पॉइंट जो कल के दिन आने वाले बजट 2024 में सबसे ज्यादा फोकस में रहेंगे और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले हर एक व्यक्ति के लिए उनके बारे में जानना बहुत ज्यादा जरूरी है.
क्योंकि जब तक आप शेयर मार्केट की बेसिक चीजों को नहीं समझेंगे जैसे कि शेयर मार्केट कब और किस प्रकार बढ़ता या गिरता है तो आप गलत समय पर मार्केट में पैसा लगाएंगे और इससे शॉर्ट टर्म में तो आप पैसा कमा सकते हैं लेकिन लॉन्ग टर्म में आपका नुकसान ही होगा।
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