शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले हमारे मन में काफी सवाल होते हैं जैसे-
- किस कंपनी के शेयर खरीदना चाहिए?
- क्या वह कंपनी भविष्य में अच्छा रिटर्न दे पाएगी?
- अच्छा और फंडामेंटली मजबूत शेयर कैसे चुनें? जो भविष्य में मल्टीबैगर रिटर्न कमा कर दे।
- पेनी स्टॉक्स वाली कंपनियों में इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं?
स्टॉक मार्केट में निवेश करते वक्त यह सारे सवाल सभी निवेशकों के मन में आते हैं कि आखिर कौन सा शेयर खरीदना चाहिए?
क्योंकि शेयर मार्केट में लगभग 7000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं जिनमें 5000 से ज्यादा कंपनी BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टेड है और लगभग 1600 कंपनियां NSE ( नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टेड है।
इतनी सारी कंपनियों में ये पता करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि कौन सा शेयर सबसे अच्छा है जो हमें अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न दे सकता है।
आज मैं आपको 5 प्रैक्टिकल तरीके बताने वाला हूं जिनके द्वारा आप आसानी से पता लगा पाएंगे कि कौन सी कंपनी का शेयर खरीदना चाहिए जो हर साल आपके पैसे पर 5 गुना, 10 गुना या 50 गुना रिटर्न दे सके।
किस कंपनी का शेयर खरीदे (Kis company ke share kharide)
किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले आपको
- उस कंपनी की फंडामेंटल एनालिसिस करना आना चाहिए,
- कंपनी के बिजनेस मॉडल को अच्छे से समझना चाहिए,
- आपको कंपनी की वेबसाइट को विजिट करना चाहिए,
- कंपनी कौन से प्रोडक्ट या सर्विसेज बेचती है
- और उन पर उसे कितना % प्रॉफिट मार्जिन मिलता है इसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
- उस कंपनी के पास ऐसा क्या competitive advantage है? (जिसे हम Moat कहते हैं) जिसके द्वारा वह अपने सेक्टर की बाकी कंपनियों से आगे रह सकती है इसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
उदाहरण : Asian paint का Moat यह है कि इनका ब्रांड और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क काफी ज्यादा मजबूत है जो इस कम्पनी को पेंट इंडस्ट्री का लीडर बनाता है।
और यही कारण है कि एशियन पेंट इंडिया की एकमात्र ऐसी कंपनी है पिछले 60 सालों से सालाना 20% CAGR का एवरेज रिटर्न दे रही है।
एशियन पेंट का पिछले 5 सालों का रिटर्न 250% से ज्यादा है
इसी प्रकार एप्पल कंपनी का brand और pricing ही इनका moat है क्योंकि एप्पल कितना भी महंगा प्रोडक्ट क्यों ना बेचे, लोग फिर भी उसे खरीदते हैं क्योंकि इसका ब्रांड वैल्यू और ट्रस्ट लोगों के बीच बन चुका है।
अगर आप किसी भी कंपनी में पैसा लगाए तो पहले आपको उसके कंपटीटर (competitor) का एनालिसिस जरूर करना चाहिए
क्योंकि अगर आप जिस कंपनी के शेयर को खरीद रहे हैं उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी उससे ज्यादा मजबूत है और तेजी से ग्रोथ कर रही है, इसके मुकाबले प्रॉफिट ज्यादा कमा रही है, या फिर भविष्य के लिए उसे कोई ऐसा प्रोजेक्ट मिला है जिससे वह काफी ज्यादा प्रॉफिट कमा सकती है तो फिर आपको प्रतिद्वंदी कंपनी का शेयर खरीदना चाहिए
इसका सबसे अच्छा उदाहरण है टाटा मोटर्स
क्योंकि (2016 से 2020 तक) इन 5 सालों में Tata Motors कंपनी का शेयर नीचे (Downtrend में) ही जा रहा था और सबको पता था कि टाटा मोटर्स बेकार कंपनी है इसलिए कोई भी उस समय टाटा मोटर्स कंपनी का शेयर नहीं खरीदना चाहता था
लेकिन फिर इसके बाद जब टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric vehicle) को लॉन्च करने की बात कही तभी से इनका शेयर लोगों ने खरीदना शुरू कर दिया और देखते ही देखते इनका शेयर इतना बढ़ गया कि पिछले 1 साल में लगभग 169% से ज्यादा रिटर्न निवेशकों को दिए।
अगर आप सोच रहे हैं कि कंपनी में अच्छी न्यूज़ आने की वजह से ऐसा हुआ तो आप सही है लेकिन अगर आप थोड़ा कंपीटीटर एनालिसिस करेंगे तो आपको पता चलेगा कि 2018 के बाद से ही लगभग पूरा ऑटो सेक्टर नीचे चला गया था।
इस दौरान ऑटो सेक्टर की किसी भी कंपनी ने अच्छा परफॉर्म नहीं किया मतलब सभी कंपनियों के शेयर गिरते जा रहे थे चाहे वह मारुति जैसी फंडामेंटल मजबूत कंपनी हो, महिंद्रा एंड महिंद्रा हो या बजाज ऑटो हो इन सभी कंपनियों के स्टॉक्स 2018 से ही गिरना शुरू हो गए थे
लेकिन ऐसा क्यों हुआ?
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने उस साल ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कुछ ऐसे पॉलिसी और गाइडलाइंस जारी किए जिनका खामियाजा पूरे ऑटो सेक्टर की कंपनियों को भुगतना पड़ा और जिन लोगों ने ऑटो सेक्टर की कंपनियों में निवेश किया था उन्हें भी इस नुकसान को झेलना पड़ा
इस दौरान जिन लोगों ने सरकार की इस पॉलिसी को अच्छे से समझा होगा उसने तुरंत ही अपना पैसा ऑटो सेक्टर से बाहर निकाल लिया होगा और वह भारी नुकसान करने से बच गया होता लेकिन जिन लोगों को बाद में पता चला तब तक काफी देर हो चुकी होगी।
इसलिए आप जब भी किसी कंपनी का शेयर खरीदें तो जिस सेक्टर में वह कंपनी काम कर रही है उसके बारे में अच्छे से पता कर ले।
अब आप समझ चुके होंगे कि इंडस्ट्री एनालिसिस करना कितना जरूरी है। आइये अब स्टेप बाय स्टेप जानते हैं कि किसी फंडामेंटल मजबूत कंपनी के शेयर को कैसे चुनते हैं और कैसे पता चलेगा कि कोई शेयर भविष्य में अच्छा रिटर्न देगा या नहीं?
आगे बढ़ने से पहले यहां पर कुछ बेस्ट फंडामेंटली मजबूत कंपनियों के शेयर बताए गए हैं जो लंबी अवधि में निवेशकों को शानदार रिटर्न देती है–
शेयर किस कंपनी का खरीदना चाहिए?
- रिलायंस इंडस्ट्रीज
- बजाज फाइनेंस
- पिडीलाइट इंडस्टरीज
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
- एशियन पेंट
- टाटा पावर
- टाटा मोटर्स
- टाइटन
- Dmart
- HDFC बैंक
यह सभी Nifty 50 के बड़े लार्ज कैप कंपनियों के शेयर हैं जो अब तक अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दे चुके हैं और फ्यूचर में भी जबरदस्ती रिटर्न देने का पोटेंशियल रखते हैं।
2024 के लिए फंडामेंटली मजबूत किस कंपनी के शेयर खरीदें?
जैसा कि मैंने शुरुआत में बोला था कि आज मैं 5 प्रैक्टिकल तरीके बताऊंगा जिनके द्वारा आप भविष्य में अच्छा रिटर्न देने वाला मजबूत कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं
जिन लोगों का यह सवाल है कि कौन सा शेयर खरीदें? (Kis company ke share kharide) तो किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आपको उसमें ये 5 चीजें जरूर देखनी चाहिए-
- कंपनी का बिजनेस मॉडल
- कंपनी पर कर्ज कितना है?
- फाइनेंशियल स्टेटमेंट
- कंपनी की ताकत और कमजोरी
- कंपनी के फ्यूचर प्लांस
1. किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसका बिजनेस मॉडल देखें:
किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले आपको उसके बिजनेस मॉडल के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए।
- कंपनी कैसे काम करती है?
- कौन सी प्रोडक्ट या सर्विसेस बेचती है?
- मार्केट में उस कंपनी का ब्रांड कैसा है?
- कंपनी अपना माल इंडिया के अलावा किस देश में एक्सपोर्ट करती है?
सबसे पहले तो आपको इन सभी सवालों के जवाब पता होना चाहिए किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले।
(किस कंपनी के शेयर खरीदें)
उदाहरण:
अगर आप IEX यानी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो पहले आपको पावर सेक्टर के बारे में अच्छे से जानकारी लेनी चाहिए जिसके लिए आप उस कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ सकते हैं जिसे कंपनी हर साल अपने शेयर होल्डर्स के लिए पब्लिश करती है
वार्षिक रिपोर्ट में आपको उस कंपनी के बारे में बहुत कुछ पता चलेगा और जिस सेक्टर में वह कंपनी काम कर रही है उस इंडस्ट्री के बारे में भी काफी चीजें पता चलेगी जो आपको उस कंपनी का शेयर खरीदना चाहिए या नहीं यह निर्णय लेने में मदद करेगी।
किसी भी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट को आप उस कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
जैसे अगर आप IEX की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले गूगल पर जाकर सर्च करें “IEX Annual Report 2021″
इसके बाद पहले लिंक पर आपको क्लिक करना है
क्लिक करते ही आप कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे और उसी पेज पर आपको उसके वार्षिक रिपोर्ट के डाउनलोड लिंक दिख जाएंगे
आप जिस साल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं उस पर क्लिक करते ही वार्षिक रिपोर्ट PDF में डाउनलोड हो जाएगी जिसे आप आसानी से पढ़ सकते हैं।
वार्षिक रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपको ऊपर दिए गए सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा जैसे कंपनी क्या काम करती है, उसकी ब्रांड वैल्यू कैसी है, कौन कौन से प्रोडक्ट या सर्विस इस लोगों को ऑफर करती है, किस प्रोडक्ट से कितना रिवेन्यू आता है, उस पूरी इंडस्ट्री में कंपनी का मार्केट शेयर कितना है,
और यह सब चीजें कंपनी के सभी शेयर होल्डर को पता होनी चाहिए।
लेकिन सच तो यह है कि 50% से ज्यादा निवेशक कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट नहीं पढ़ते है क्योंकि ये लगभग 100 से 500 पेज की हो सकती है।
यही कारण है कि ज्यादातर लोग बिना वार्षिक रिपोर्ट पढ़े किसी भी फंडामेंटली कमजोर शेयर को खरीद लेते हैं और बाद में उनका नुकसान हो जाता है क्योंकि या तो वह इंडस्ट्री डाउन चली जाती है या फिर कंपनी ग्रोथ ही नहीं कर पाती है जिसके बारे में कंपनी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खुलकर विस्तार से बताती है।
लेकिन कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में आपको सभी पेज पढ़ने की जरूरत नहीं होती है उसमें कुछ इंपॉर्टेंट सेक्शन होते हैं आपको केवल उन्हें ही पढ़ना चाहिए।
आने वाले दिनों में हम कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट कैसे पढ़े इस पर पोस्ट लिखने वाले हैं।
अगर आप किसी कारणबस वार्षिक रिपोर्ट नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई बात नहीं 🙂 आप उस कंपनी की अन्य चीजें देख सकते हैं जैसे-
2. किस भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसके प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में अच्छे से पता कर लें:
आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदें, वह क्या product या सर्विस बेचती है जो उसके रिवेन्यू का मेन सोर्स है और किस प्रोडक्ट से कितना रिवेन्यू आता है (किस कंपनी के शेयर खरीदें ) – यह जरूर पता कर लें।
जैसे– Nestle कंपनी बहुत सारे प्रोडक्ट बनाती है जिनकी लिस्ट आप नीचे दी गई इमेज में देख सकते हैं-
अब Nestle तो एक बहुत बड़ा ब्रांड है जो बहुत सारे प्रोडक्ट बेचता है जिसमें Food & Beverages मुख्य हैं तो ऐसे में अगर इनका कोई एक प्रोडक्ट मार्केट में देखना बंद भी हो गया तो भी कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा
इसलिए आपने देखा होगा कि अभी कुछ समय पहले Maggi (जोकि Nestle कम्पनी का ही प्रोडक्ट है) इसके बारे में लोगों ने झूठी अफवाह फैला दी थी जिससे मैगी की सेल बहुत कम हो गई थी लेकिन फिर भी नेस्ले कंपनी के शेयर पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
जबकि अगर कोई और कंपनी होती जिसके केवल 2-4 प्रोडक्ट ही होते तो उसे बहुत ही ज्यादा नुकसान हो जाता और उसका शेयर प्राइस भी बहुत गिर जाता लेकिन नेस्ले में ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि मैगी के अलावा भी नेस्ले कंपनी के बहुत सारे बड़े ब्रांड हैं जो इन्हें मार्केट में लीडर बनाते हैं।
कंपनी की सब्सिडियरी पता कर ले-
Subsidiary कंपनी का मतलब है कि उस कंपनी को किसी अन्य कंपनी ने खरीद लिया है और खरीदने वाली कंपनी को उसकी Parent company बोला जाता है।
जैसे- IEX कंपनी ने कुछ समय पहले IGX (इंडियन गैस एक्सचेंज) कंपनी को खरीदा था IGX कंपनी को हम IEX की सब्सिडियरी कंपनी कह सकते हैं और IEX पैरंट कंपनी है।
कोई भी कंपनी अगर किसी अन्य कंपनी के 50% से ज्यादा शेयर खरीद लेती है तो जिस कंपनी के शेयर वह खरीदती है, वह Subsidiary कंपनी कहलाती है।
इस प्रकार सब्सिडियरी कंपनी जितना प्रॉफिट या लॉस करती है उसका सीधा असर उसकी पैरंट कंपनी पर पड़ता है।
उदाहरण: अगर आप Sprite, Mazaa, Fanta, Thumbs up आदि कोल्ड ड्रिंक पसंद करते हैं और कोकोकोला आपको इतना पसंद नहीं है तो आपको पता होना चाहिए कि बाकी सभी ब्रांड कोको कोला कंपनी के ही हैं।
मतलब इन सभी कोल्ड ड्रिंक ब्रांड का सीधा प्रॉफिट कोको कोला कंपनी के पास जाता है।
तो अब आप समझ गए होंगे कि किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले आपको उसकी subsidiary और Parent कंपनी के बारे में पता होना चाहिए।
चलिए आगे बढ़ते हैं-
3. शेयर खरीदने से पहले कंपनी का इंपोर्ट और एक्सपोर्ट कितना है, ये चेक कर लें:
कंपनी अपना प्रोडक्ट बनाने के लिए कितना माल विदेशों से मंगवाती है और अपने माल को कितने देशों में बाहर बेचती है, पहले यह पता कर लें।
जैसे- TCS यानी टाटा कंसलटेंसी सर्विस टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी आईटी आउटसोर्सिंग कंपनी है जो 46 देशों (149 locations) में अपने सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करती है और वहां से इसे अच्छा खासा रिवेन्यू प्राप्त होता है।
ये जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर जिस देश में यह कंपनी व्यापार करती हैं उसमें कोई क्राइसिस (crises) आता है या economy में किसी भी प्रकार की समस्या आती है उसका सीधा असर TCS या जो भी कंपनी एक्सपोर्ट करती है उसके प्रॉफिट पर होगा।
इसके अलावा कंपनी के clients कौन-कौन है ये जानना बहुत जरूरी है-
अगर कोई छोटी कंपनी किसी बड़े ब्रांड के साथ व्यापार करती है, उसे अपने प्रोडक्ट या सर्विस बेचती है तो यह उसके लिए 1 प्लस पॉइंट है.
इस प्रकार की कंपनी भले ही स्मॉल कैप होती है लेकिन इनमें ग्रोथ की अच्छी संभावना होती है और उनमें से कुछ शेयर तो भविष्य में मल्टीबैगर भी बन जाते हैं।
- आज कौन से शेयर खरीदना चाहिए (10 Best Share to Buy Today for Long Term)
अगली चीज आपको देखना है कि-
4. कंपनी में निवेश करने से पहले देखें कि उस पर कर्ज कितना है?
कंपनी का कर्ज (debt) चेक करना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि शेयर मार्केट में ज्यादातर जो कंपनियां दिवालिया (bankrupt) घोषित हो जाती हैं या फिर पेनी स्टॉक्स में बदल जाती है उनमें से आधे से ज्यादा कंपनियां केवल इसीलिए bankcrupt होती है क्योंकि वह कर्ज (debt) नहीं चुका पाती है.
इसीलिए किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उस पर debt कितना है यह देखना चाहिए।
अगर कंपनी debt free है और हर साल अपना नेेेट प्रॉफिट भी बढ़ा रही है तो बहुत अच्छी बात है
लेकिन अगर कोई कंपनी डेट फ्री तो है लेकिन उसका प्रॉफिट हर साल उतना ही है वह ग्रोथ नहीं दिखा पा रही है तो क्या आप उस कंपनी का शेयर खरीदेंगे?
वहीं दूसरी ओर एक कंपनी जिस पर थोड़ा बहुत कर्ज है लेकिन वह उस कर्ज को अच्छे से मेंटेन कर पा रही है और अपने प्रॉफिट को भी हर साल तेजी से बढ़ा रही है,
तो यह पहली वाली कंपनी जो debt फ्री है उससे अच्छी मानी जाएगी क्योंकि यह कंपनी हर साल अपने डेट को अच्छे से मैनेज करके उस पर अच्छा प्रॉफिट जनरेट करके अपने शेयर होल्डर को दे रही है
जबकि पहली वाली डेट फ्री कंपनी ऐसा नहीं कर पा रही है।
तो सिर्फ डेट फ्री कंपनी देखना ही काफी नहीं है उसके साथ-साथ आपको कंपनी के प्रॉफिट को भी देखना चाहिए।
5. शेयर खरीदने से पहले कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट पढ़ें-
Aaj Kis company ke share kharide― किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण भाग है। फाइनेंसियल स्टेटमेंट के अंदर मुख्य रूप से तीन चीजें आती हैं-
- बैलेंस शीट (Balance Sheet)
- प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट (P&L Statement)
- कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cashflow Statement)
जी तीनों ही चीजें किसी भी कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ को दर्शाती हैं। कोई भी कंपनी व्यापार करने में कितनी सक्षम है इसका पता इन फाइनेंसियल स्टेटमेंट को पढ़ने के बाद चलता है।
सबसे पहले आता है-
1. बैलेंस शीट (Balance Sheet)
किसी भी कंपनी की आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए बैलेंस शीट सबसे मुख्य स्टेटमेंट है जिस पर कंपनी के पास कितने assets और liabilities हैं, यह लिखा होता है।
- Assets– एसेट्स को कंपनी की संपत्ति कहते हैं जो उसे बिजनेस करने में मदद करती है. इसमें Tangible assets यानी भौतिक संपत्तियां जैसे- (फैक्ट्री, मशीन, उपकरण, कंप्यूटर आदि) और Intangible Assets ( पेटेंट ट्रेडमार्क कॉपीराइट ब्रांड वैल्यू आदि) यह दोनों ही प्रकार के एसेट्स बैलेंस शीट पर लिखे होते हैं।
- Liabilities- लायबिलिटी यानी देनदारी या जिम्मेदारी। इसमें वह चीजें होती हैं जो कंपनी के ऊपर बोझ है और एक तरह से उसे चुकाना पड़ेगा जिसमें कर्ज शामिल है, तो debt कंपनी के लिए लायबिलिटी है। अगर कंपनी ने किसी अन्य क्रेडिटर से उधार पर सामान खरीदा है तो उसे जो Account payable की रसीद मिलती है वह कंपनी के लिए लायबिलिटी होती है।
आशा करता हूं आप assets और liabilities समझ गए होंगे इनके बारे में कंपनी की बैलेंस शीट पर विस्तार से लिखा होता है।
किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट (dmart balance sheet) कुछ इस तरह से दिखती है-
अगर कंपनी किसी साल नए एसेट्स खरीदती है तो वह उस साल जब बैलेंस शीट बनती है तो उसमें जोड़ दिए जाते हैं
इस प्रकार कंपनी के एसेट्स और लायबिलिटीज हर साल कंपनी की बैलेंस शीट में कम या ज्यादा होते रहते हैं।
2. प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट (P&L Statement)
इसे इनकम स्टेटमेंट या P&L Account भी कहते हैं। कंपनी का P&L Statement उसके हर साल के प्रॉफिट और लॉस को दर्शाता है।
प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट हर साल अलग बनाया जाता है जिसमें उस कंपनी के इनकम और खर्चो के बारे में लिखा होता है और कंपनी ने कितना प्रॉफिट या लॉस किया है यह भी बताया होता है जिसकी तुलना आप उसके पिछले साल के इनकम स्टेटमेंट चेक कर सकते हैं।
P&L Statement हर साल बनाया जाता है जबकि बैलेंस शीट जब से कंपनी स्टार्ट हुई थी तब से लेकर वर्तमान स्थिति तक का सारा लेखा-जोखा बैलेंस शीट पर लिखा होता है।
3. कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cashflow Statement)
कंपनी का P&L स्टेटमेंट पूरी पिक्चर नहीं दिखाता है मतलब कंपनी के पास कितना नगद कैश आया है और कितना बाहर गया है यह नहीं बताता है, इसकी जानकारी कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट में दी होती है।
उदाहरण- अगर ABC कंपनी ने इस साल किसी को 1 लाख रुपये का माल उधार पर बेचा जिसका नगद पैसा उसे कुछ सालों बाद मिलेगा तो कंपनी के प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट में हमें 1 लाख रुपये की sale तो दिखाई देगी लेकिन उसमें हमें यह पता नहीं चलेगा कि कंपनी के पास cash आया भी है या नहीं….
इसीलिए कैश फ्लो स्टेटमेंट की जरूरत पड़ती है जिसमें कंपनी के पास कितना नगद कैश आ रहा है और कंपनी किसको कितना कैश दे रही है इसकी पूरी जानकारी कैश फ्लो स्टेटमेंट में रहती है।
इसलिए जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदे तो कैश फ्लो स्टेटमेंट जरूर पढ़ें।
कंपनी का शेयर लेने से पहले उसकी ताकत और कमजोरी पता कर लें:
किसी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आपको उसकी Strength और weakness के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
कंपनी की ताकत उसका कॉम्पिटेटिव एडवांटेज होता है जो उसके किसी भी कंपटीशन के पास नहीं होता है और यही उस कंपनी को पूरे सेक्टर का लीडर बनाता है।
जैसे: हिंदुस्तान यूनिलीवर का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क उसकी ताकत है, एप्पल कंपनी का ब्रांड और प्राइसिंग पावर उसकी ताकत है.
आप सोच रहे होंगे कि हिंदुस्तान युनिलीवर और एप्पल इतने बड़े ब्रांड हैं तो इनकी कोई कमजोरी नहीं होगी लेकिन ऐसा नहीं है ब्रांड चाहे कितना भी बड़ा हो उसकी कोई ना कोई कमजोरी जरूर होती है जैसे;
हिंदुस्तान युनिलीवर की कमजोरी यह है कि ये कंपनी लगभग सभी FMCG प्रोडक्ट को टारगेट करती है
जिसके कारण इनके कंपीटीटर किसी एक सिंगल प्रोडक्ट पर फोकस करके उसे बेस्ट बनाकर इनका मार्केट शेयर कम कर देते हैं और यह हिंदुस्तान युनिलीवर कंपनी के साथ कई बार हुआ है।
इसी तरह जब आप apple कंपनी के बारे में विस्तार से ही सर्च करेंगे तो आपको उसकी भी कई कमियां नजर आ जाएगी।
मैं तो कहता हूं कि आपको केवल कंपनी की ताकत और कमजोरी ही नहीं बल्कि उसका पूरा SWOT Analysis करना चाहिए।
SWOT Analysis का मतलब है: कंपनी की Strength, Weaknesses, Opportunity और Threats को बारीकी से समझना और फिर उस कंपनी के शेयर को खरीदने का निर्णय लेना।
अगर आप SWOT एनालिसिस कैसे करते हैं इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं हम इस पर भी एक detailed पोस्ट लिख देंगे।
आखिरी पॉइंट है-
कंपनी में निवेश करने से पहले उसके फ्यूचर प्लांस जानना क्यों जरूरी है?
किस कंपनी के शेयर खरीदे ― यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है जिसे आपको जरूर समझना चाहिए.
अगर आप पहले से ही पता कर लेते हैं कि कोई भी कंपनी भविष्य में किन योजनाओं पर काम करने वाली है तो आप उसका शेयर खरीदकर multibagger रिटर्न कमा सकते हैं।
इसके कई सारे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं
- जैसे राकेश झुनझुनवाला ने Titan कंपनी ( जो घड़ी बनाती है) के शेयर को उस समय खरीदा था जब यह कंपनी बहुत छोटी थी।
- तो टाइटन कंपनी को उन्होंने केवल इसलिए खरीदा होगा क्योंकि उन्हें इसकी फ्यूचर ग्रोथ पर विश्वास होगा और यह विश्वास किसी भी कंपनी के अच्छे से रिसर्च करने पर ही आता है।
इसका एक और उदाहरण हमें
- टाटा मोटर्स और टाटा पावर के शेयर ने पहले ही दिखा दिया है क्योंकि जिसने 1 साल पहले जब टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों को लाने का प्रस्ताव किया तब अगर किसी ने इस शेयर में निवेश किया होता तो सिर्फ 1 साल में इस कंपनी ने निवेशकों का पैसा 100% से ज्यादा कर दिया।
इसीलिए अगर आप भी मल्टीबैगर रिटर्न देने वाले शेयर खरीदना चाहते हैं तो कंपनी भविष्य में क्या करने वाली है इस पर नजर जरूर रखें
जिसके लिए आप जिस कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं उससे संबंधित न्यूज़ पढ़ते रहें जिससे आपको कंपनी के बारे में और उस इंडस्ट्री के बारे में बहुत कुछ जान जाएंगे
और फिर आप बाकी लोगों से पहले उस कंपनी में निवेश करने का निर्णय ले पाएंगे और भविष्य में मल्टीबैगर रिटर्न कमा पाएंगे।
क्योंकि कोई भी शेयर का प्राइस जब बढ़ना शुरू होता है तभी अधिकतर लोग उसके शेयर खरीदते हैं लेकिन सबसे ज्यादा पैसा वो कमाता है जिसने low लेवल उस शेयर को खरीदा होता है।
किस कंपनी का शेयर खरीदे today― आज कौन सा शेयर खरीदना चाहिए?
बहुत सारे लोग इस चीज से परेशान रहते हैं कि आखिर उन्हें आज कौन सा शेयर खरीदना चाहिए और किस कंपनी का शेयर आज खरीदने से उन्हें अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं?
मुझे लगता है अब तक मैंने जितना भी आपको इस पोस्ट में बताया है उसको पढ़ कर आपको आज कौन सा शेयर खरीदना चाहिए today यह पता चल गया होगा।
आज किस कंपनी का शेयर खरीदे यह पता करने के लिए आपको बस उस शेयर के बारे में थोड़ी सी फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करना है ना की किसी एक्सपर्ट से सुनकर शेयर लेना है.
क्योंकि बहुत सारे टीवी एक्सपर्ट या न्यूज़ वेबसाइट केवल उनकी खुद के प्रॉफिट के लिए आपको गलत शेयर बता देती है और बाद में आपको नुकसान जिला पड़ता है इसीलिए कभी भी किसी भी कंपनी का शेयर लेने से पहले अपनी खुद की रिसर्च करें।
2024 में किस कंपनी का शेयर खरीदना चाहिए?
अगर आप 2024 में निवेश करने के लिए अच्छा शेयर खरीदना चाहते हैं तो आप इस पोस्ट में बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं। अगर आप ऊपर बताए गए तरीकों से किसी कंपनी की रिसर्च करते हैं तो आपको निश्चित ही अच्छा रिटर्न देने वाला शेयर मिल जाएगा।
फंडामेंटल मजबूत कंपनी का शेयर कैसे खरीदें?
मजबूत कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आप उस कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट पढ़ सकते हैं जिसमें आपको बैलेंस शीट, प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट तीनों को ही पढ़ना चाहिए, फाइनेंसियल स्टेटमेंट पढ़ने से आपको कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में पता चलेगा जिससे आप एक फंडामेंटल मजबूत शेयर खरीद पाएंगे।
शेयर मार्केट में कौन सी कंपनी का शेयर सबसे अच्छा है?
किसी भी कंपनी का शेयर कितना मजबूत है, इसका पता लगाने के लिए आपको कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना होगा और कंपनी की बैलेंस शीट को उसी सेक्टर की अन्य कंपनियों की बैलेंस शीट से तुलना करना होगा।
ये भी पढ़ें-
आज मैने इस पोस्ट में आपको (किस कंपनी के शेयर खरीदे) इसके बारे में विस्तार से बताया है और साथ ही काफी उदाहरण के जरिए समझाने की कोशिश की है कि हमें किस कंपनी के शेयर में निवेश करना चाहिए।
अगर आप ऊपर दिए गए सभी पॉइंट्स को फॉलो करते हैं तो निश्चित ही फंडामेंटली मजबूत और भविष्य में अच्छा रिटर्न देने वाली कंपनी का शेयर खरीद पाएंगे।
मैं जानता हूं अब आपको काफी सारी चीजें पता चल गई होगी कि आखिर किसी भी कंपनी का शेयर लेना है तो हमें कौन-कौन सी चीजें देखनी चाहिए
अगर आपका इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल है तो मुझसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं
अब मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आप किसी कंपनी के शेयर में निवेश करते वक़्त कौन-कौन सी चीजें देखते हैं, कमेंट करके जरूर बताइए।
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहां क्लिक करें |
🔥 Telegram Group | 👉 यहां क्लिक करें |