Option chain kya hai aur kaise samjhe: ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन चेन एक बहुत ही पावरफुल टूल है जिसे देखकर बहुत सारे ट्रेडर options में ट्रेडिंग करते हैं.
पिछली पोस्ट में मैंने आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से बताया था और आज मैं ऑप्शन चेन के बारे में आपको सब कुछ बताने वाला हूं. जैसे –
- ऑप्शन चेन क्या होती है,
- ऑप्शन चेन को कैसे समझें और सीखें,
- यह कैसे काम करती है,
- ऑप्शन चेन का एनालिसिस कैसे करें,
- ऑप्शन चैन का डाटा देखकर क्या पता चलता है,
- और इससे पैसे कैसे कमाए?
आज मैं आपको इस आर्टिकल के जरिये ऊपर दिए गए सभी सवालों के जवाब बिल्कुल आसान भाषा में देने वाला हूं.
दोस्तों जब हम ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखते हैं तो हमें बहुत सारी नई चीजों के बारे में पता चलता है जिन्हें देखकर आप पता लगा सकते हैं कि ऑप्शंस के प्राइस ऊपर या नीचे कब जा सकते हैं.
उन्हीं में से एक है ‘ऑप्शन चेन‘ जो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने में बहुत कारगर साबित हो सकता है.
बहुत बड़े-बड़े ट्रेडर option chain data analysis करके ही ट्रेडिंग करते हैं इसका मतलब है कि अगर आप भी ऑप्शन चैन डेटा को पढ़ना और analysis करना सीख जाते हैं तो आप भी ऑप्शन चेन डेटा के द्वारा ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
आइए अब सबसे पहले जानते हैं कि–
ऑप्शन चेन क्या होती है?
ऑप्शन चेन एक चार्ट होता है जो अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के कॉल और पुट options का डाटा दिखाती है। ऑप्शन चैन डाटा एनालिसिस करके आप अपनी ट्रेडिंग accuracy को बढ़ा सकते हैं. F&O ट्रेडिंग में ऑप्शन चेन एक पावरफुल टूल की तरह काम करती हैं जिससे आपको सभी जरूरी डेटा एक जगह पर मिल जाता है।
Option chain analysis in hindi–
- दूसरे शब्दों में, ऑप्शन चेन कॉल और पुट ऑप्शंस के स्ट्राइक प्राइस की एक चेन होती है जो ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम, लास्ट ट्रेडेड प्राइस (LTP), Bid और Ask प्राइस, IV यानी Implied volatility आदि चीजे दर्शाती है।
क्या ऑप्शन चैन को समझना बहुत कठिन है?
कुछ लोगों के लिए ऑप्शन चेन को समझना बहुत डरावना होता है क्योंकि जब हम पहली बार एनएसई (NSE) की वेबसाइट पर जाकर ऑप्शन चेन का डेटा देखते हैं तो हमें बहुत सारे Numbers दिखाई देते हैं जिन्हें देखकर आप या कोई भी नया ट्रेडर डर सकता है जिसे ऑप्शन चैन की बिल्कुल भी समझ नहीं है।
लेकिन चिंता मत कीजिए आज मैं आपको ऑप्शन चैन इतनी सरल भाषा में समझा दूंगा कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको ऑप्शन चेन क्या होती है इसके बारे में किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Option chain in hindi chart–
अभी के लिए आप बस इतना समझ लीजिए कि ऑप्शन चेन एक ऐसा डाटा होता है जो आपकी ट्रेडिंग accuracy बढ़ाने मदद कर सकता है मतलब अगर आप ऑप्शन चेन डेटा का अच्छे से एनालिसिस करना सीख जाते हैं तो आपकी अधिकतर trade प्रॉफिटेबल होगी।
इसीलिए अगर आप ट्रेडिंग में सफल होना चाहते हैं तो आपको ऑप्शन चैन एनालिसिस जरूर सीखना चाहिए।
ऑप्शन चैन डाटा कैसे देखें?
चलिए अब स्टेप बाय स्टेप समझते हैं कि आप ऑप्शन चैन डाटा कैसे देख सकते हैं (How to read option chain data)
- ऑप्शन चेन डाटा देखने के लिए आपको सबसे पहले गूगल पर ‘NSE option chain‘ लिखकर सर्च करना है।
- सबसे पहली वेबसाइट आपको NSE की दिखेगी उस पर क्लिक कर दें।
- अब एनएसई ऑप्शन चैन का मुख्य पेज खुल जाएगा।
- Left side में आपको दिखेगा ‘View option contract for’ यहां से आप इंडेक्स जैसे NIFTY, BankNifty आदि की पूरी ऑप्शन चैन का डाटा देख सकते हैं।
- अगर आप किसी स्टॉक की ऑप्शन चैन देखना चाहते हैं तो उसी के बगल में आपको ‘Select Symbol’ विकल्प दिखेगा जिसमें से आप किसी भी stock को सेलेक्ट करके उसका पूरा ऑप्शन चेन डाटा देख सकते हैं।
तो इस तरीके से आप निफ्टी, बैंकनिफ्टी या किसी भी stock का option chain data आसानी से देख सकते हैं।
आइए अब जानते हैं कि beginners ऑप्शन चेन को कैसे समझ सकते हैं–
ऑप्शन चेन को कैसे समझें?
ऑप्शन चेन को समझने के लिए आपको स्ट्राइक प्राइस को अच्छे से समझना होगा. सबसे पहले आपके मन में सवाल आना चाहिए कि ऑप्शन चेन में दो शब्द हैं ‘ऑप्शन’ और ‘चेन’ ऑप्शन के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि दो प्रकार के ऑप्शन होते हैं– कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन.
लेकिन इसमें चेन शब्द क्यों जोड़ा गया है?
- ऑप्शन चेन में ‘चेन’ शब्द इसीलिए जोड़ा गया है क्योंकि Call और Put options के बहुत सारे डेटा हमें एक chain के रूप में दिखाई देते हैं चाहे वह स्ट्राइक प्राइस हो, वॉल्यूम हो, ओपन इंटरेस्ट हो, Bid Ask Qty हो, इन सभी डेटा की एक पूरी चेन बन जाती है इसीलिए इसको ऑप्शन चैन बोला जाता है।
जो कॉल और पुट ऑप्शन्स आप ऑप्शन ट्रेडिंग में ट्रेड करते हैं उनके बहुत सारे स्ट्राइक प्राइस होते हैं और प्रत्येक स्ट्राइक प्राइस के सामने अलग-अलग डाटा दिखाई देते हैं जैसे– Volume, open interest, IV, Bid Qty, Ask, Qty, change in OI आदि।
उदाहरण के लिए–
जैसे निफ्टी या बैंक निफ्टी का जो करंट प्राइस होता है उसे ऑप्शन चैन में ATM यानी At The Money ऑप्शन बोला जाता है.
मान लीजिये अभी निफ्टी 18200 पर चल रहा है तो इसका ATM स्ट्राइक प्राइस भी 18200 होगा
लेकिन ATM के अलावा ITM (In the money) और OTM (Out the money) स्ट्राइक प्राइस भी होते हैं.
जैसे अगर मार्केट अभी 18200 पर चल रहा है तो इनके OTM होंगे 18300, 18400, 18500, 18600, 18700…. यह सभी OTM स्ट्राइक प्राइस हैं जिनकी ऊपर की ओर बहुत लंबी चेन बन जाती है.
इसी प्रकार इसी 18200 वाली NIFTY के ITM होंगे 18100, 17900, 17800, 17700, 17600…..यह सभी ITM स्ट्राइक प्राइस हैं जिनकी नीचे की ओर बहुत लंबी चेन बन जाती है.
और ATM (At the money) को ऑप्शन चैन डाटा में बीच (center) में रखा जाता है.
जब लाइव मार्केट में Nifty का प्राइस चेंज होता है हो उसके ATM, ITM और OTM भी बदलते रहते हैं।
ये जितने भी ITM, ATM और OTM स्ट्राइक प्राइस हैं इन सभी के सामने आपको सभी स्ट्राइक प्राइस के अलग-अलग ओपन इंटरेस्ट, वॉल्यूम, Bid price, Ask price आदि दिखाई देते हैं।
इस प्रकार इन सभी डेटा की एक बहुत बड़ी चैन बन जाती है और इसीलिए आपको ऑप्शन चैन के डेटा में बहुत सारे नंबर दिखाई देते हैं क्योंकि हर स्ट्राइक प्राइस के सामने अलग-अलग जो row और colume होते हैं उनमें उस स्ट्राइक प्राइस का अपना एक अलग डाटा दिखता है।
MUST READ: ऑप्शन ट्रेडिंग में ITM, ATM और OTM क्या होते हैं? (पूरी जानकारी)
Option chain में क्या क्या आता है?
ऑप्शन चैन डेटा में Call और Put दो साइड होती हैं. Strike Price वाला कॉलम बीच में होता है और आपको Left side कॉल ऑप्शन का डेटा दिखता है और Right side पुट ऑप्शंस का डाटा दिखता है।
ऑप्शन चैन को अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले आपको उन सभी डाटा के बारे में पता होना चाहिए जो ऑप्शन चैन के चार्ट पर आपको दिखाई देते हैं.
जब आप एनएसई पर ऑप्शन चैन का data देखते हैं तो आपको कॉल और पुट दोनों तरफ यह सभी कॉलम दिखाई देते हैं–
- OI
- CHNG IN OI
- Volume
- IV
- LTP
- CHNG
- BID QTY
- BID PRICE
- ASK PRICE
- ASK QTY
ये 10 कॉलम आपको Call और Put दोनों तरफ दिखाई देते हैं और बीच में स्ट्राइक प्राइस वाला कॉलम होता है मतलब ऑप्शन चैन डेटा में Total 10+10+1 = 21 कॉलम होते हैं।
ऊपर जो 10 कॉलम बताए गए हैं इन सभी के बारे में आइए एक एक करके जान लेते हैं क्योंकि अगर आपको ऑप्शन चैन को अच्छी तरह से समझना है तो इन सभी के बारे में जानना बहुत जरूरी है–
OPEN INTEREST
- ओपन इंटरेस्ट यह है दिखाता है कि call या put options में लोगों ने कितनी पोजीशंस बना रखी है।
- ऑप्शन चैन में ओपन इंटरेस्ट का डाटा हमेशा Lot में लिखा रहता है.
- मतलब अगर किसी स्ट्राइक प्राइस के सामने 20 लिखा है तो इसका मतलब है कि अगर निफ्टी की ऑप्शन चैन खुली हुई है तो आप सभी जानते हैं कि निफ्टी के एक लॉट में quantity होती हैं
- इसलिए किसी स्ट्राइक प्राइस के सामने अगर ओपन इंटरेस्ट 20 लिखा है तो इसका मतलब है कि 20 लॉट यानी 20×50 = 1000 मतलब उस स्ट्राइक प्राइस के call या put option में 1000 पोजीशन हुई है अब यह निर्भर करता है कि वह कॉल तरफ है या पुट तरफ।
ओपन इंटरेस्ट (OI) की A to Z पूरी जानकारी
CHNG IN OI (Change in Open Interest)
- यह भी लॉट में लिखा रहता है। CHNG IN OI का मतलब है कि कितनी positions में बदलाव हुआ है.
- अगर call तरफ से 1000 positions घटकर put तरफ चली जाती है तो call तरफ CHNG IN OI में –1000 दिखाई देगा और Put तरफ इसमें 1000 दिखाई देगा।
- मैं आपको दोबारा बता दूं कि प्रत्येक स्ट्राइक प्राइस के लिए यह डेटा अलग होगा।
VOLUME
- वॉल्यूम का मतलब होता है कि कितने लोगों ने ओपन इंटरेस्ट में अपनी positions बना रखी हैं।
IV (Implied volatility)
- IV किसी call या put ऑप्शन की expected volatility को दर्शाती है.
- मतलब Implied volatility आपको बताती है कि किसी कॉल या पुट ऑप्शन में कितनी ज्यादा वोलैटिलिटी हो सकती है.
- options की pricing में IV बहुत जरूरी फैक्टर होता है।
- अगर मार्किट में ज्यादा IV वोलैटिलिटी ज्यादा है तो ऑप्शन के प्राइस मंहगे हो जाते हैं।
- अगर 20 से नीचे IV है तो समझ लीजिए कि options fairly valued हैं, 30 से ऊपर जाने पर overpriced हो जाते है जहां options के premium बहुत बढ़ जाते हैं।
- IV को ATM पर देखना सही होता है. इससे आपको अधिक accurate डेटा मिलेगा।
- अधिकतर 12 में 10 महीनों में IV 20 से नीचे ही होती है।
- यह बजट के समय बढ़ बहुत जाती है क्योंकि उस समय market में uncertainity बहुत ज्यादा होती है।
- ध्यान रखिये जिसकी IV कम है उसे मत खरीदो…इसे इंट्राडे में buy करना रिस्की होता है क्योंकि वहाँ ऑप्शन सेलर्स active होते हैं।
LTP
- यह उस particular स्ट्राइक प्राइस का Last Traded Price होता है मतलब यह बताता है कि उस स्ट्राइक प्राइस का प्रीमियम लास्ट बार कितने प्राइस पर ट्रेड हुआ था।
- LTP हर सेकंड चेंज होता रहता है क्योंकि options के buy या sell होने से प्रीमियम की कीमत भी ऊपर नीचे होती रहती है।
CHNG
- LTP में होने वाले बदलाव को यह कॉलम दर्शाता है।
BID QTY
- Bid Qty से हमें पता चलता है कि लोगों ने उस strike price के लिए कितने bid place की है मतलब कितने BID Order लगाए गए हैं।
BID PRICE
- Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर खरीदने को तैयार है.
ASK PRICE
- Ask price का मतलब होता है कि seller किस प्राइस पर बेचने को तैयार है.
ASK QTY
- इससे हमें पता चलता है कि लोगों ने उस strike price के लिए कितने Ask order place किये है।
STRIKE PRICE
- यह कॉलम पूरी ऑप्शन चैन में सबसे बीच में होता है. जबकि ऊपर बताए गए 10 कॉलम Call side भी होते हैं और Put side भी.
- मतलब वे सभी कॉलम call और put दोनों के लिए अलग-अलग होते हैं जबकि स्ट्राइक प्राइस वाला कॉलम सिर्फ एक होता है।
- यह कॉलम सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि पूरी ऑप्शन चैन का डाटा स्ट्राइक प्राइस से ही जुड़ा होता है।
- किसी भी स्टॉक, निफ्टी या बैंकनिफ्टी सभी का एक ही ATM होता है जबकि आईटीएम (ITM) और ओटीएम (OTM) बहुत सारे हो सकते हैं।
ऊपर आपने जितने भी कॉलम के बारे में समझा इन्हीं सब कॉलम के डाटा से मिलकर ऑप्शन चैन बनती है।
इसके अलावा मैं आपको एक चीज और क्लियर कर देना चाहता हूं क्योंकि इसके बारे में कुछ लोगों को confusion हो सकता है।
जब आप NSE की वेबसाइट पर जाकर किसी इंडेक्स या स्टॉक की ऑप्शन चैन खोलते हैं तो आपने देखा होगा कि कुछ numbers आपको yellow यानी पीले कलर के बैकग्राउंड में दिखाई देते हैं जबकि कुछ white कलर के बैकग्राउंड में।
इन्हें देखकर कुछ लोगों का doubt होता है कि आखिर ऑप्शन चेन में कुछ numbers पीले कलर में होने की क्या वजह है?
- आपको बता दूं कि जो numbers आपको पीले कलर में दिखते हैं वह सभी आईटीएम (ITM) स्ट्राइक प्राइस के डेटा होते हैं जबकि सफेद कलर वाले सभी ओटीएम (OTM) स्ट्राइक प्राइस के numbers होते हैं।
- Call की तरफ ITM के numbers ऊपर की ओर होते हैं जबकि Put साइड ITM के numbers नीचे की ओर होते हैं।
आशा करता हूं अब आप धीरे-धीरे ऑप्शन चैन को समझ पा रहे होंगे कि आखिर यह क्या दर्शाती है और ऑप्शन चैन डाटा देखकर आपको क्या पता चलता है।
अब तक आपको इतना तो पता चल गया होगा कि ऑप्शन चैन का डेटा ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
ऑप्शन चेन कैसे काम करती है?
ऑप्शन चैन शेयर मार्केट में एक टूल है जो ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के prices, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट के बारे में जानकारी देता है। ऑप्शन चैन का उपयोग करके आप ये समझ सकते हैं कि कौन सा स्ट्राइक प्राइस, एक्सपायरी डेट और कौन सा आप्शन (कॉल या पुट) ज्यादा पॉपुलर और एक्टिव है।
ऑप्शन चेन के काम करने का तरीका
1. Options Contract
- Call option: अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत फ्यूचर में बढ़ने वाली है, तो आप कॉल ऑप्शन ख़रिदते हैं. ये आपको एक Fixed price (स्ट्राइक प्राइस) पर स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है।
- Put option: अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत भविष्य में गिरने वाली है, तो आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं। ये आपको एक निश्चित कीमत पर स्टॉक बेचने का अधिकार देता है।
2. Strike Price
- Strike price woh price hota hai jisme aap stock ko option contract ke through kharid ya bech sakte hain.
3. Expiry Date
- Options contracts ek fixed time period ke liye valid hote hain, jise expiry date kehte hain. Expiry date ke baad option contract worthless ho jaata hai agar exercise na kiya jaaye.
4. Premium
- Options kharidne ke liye aapko premium dena padta hai, jo options ka current price hota hai.
Option Chain Ka Structure
Option chain mein do main columns hote hain: Call Options aur Put Options. In columns mein kai rows hoti hain jo alag-alag strike prices ke according arranged hoti hain.
- Left Side (Call Options): Yeh section call options ke prices, volumes, aur open interest ko show karta hai.
- Right Side (Put Options): Yeh section put options ke prices, volumes, aur open interest ko show karta hai.
- Middle Column (Strike Price): Yeh section different strike prices ko dikhata hai.
चलिए इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं–
Maan lijiye aapko Reliance Industries ka option chain dekhna hai, jisme current market price (spot price) ₹2500 hai.
1. Strike Prices:
Aapko option chain mein alag-alag strike prices dikhengi, jaise ₹2400, ₹2450, ₹2500, ₹2550, ₹2600, etc.
2. Call Option:
Agar aapko lagta hai ki Reliance ka share price ₹2500 se upar jayega, toh aap ₹2500 ya ₹2550 strike price ka call option kharid sakte hain.
- Call option ke liye, aapko premium dena padega, jo option chain mein ₹2500 strike price ke aage listed hoga. Maan lijiye, premium ₹50 hai. Toh aap ₹50 ke price par yeh option kharid sakte hain.
3. Put Option:
Agar aapko lagta hai ki Reliance ka share price ₹2500 se neeche gir jayega, toh aap ₹2500 ya ₹2450 strike price ka put option kharid sakte hain.
- Put option ke liye bhi aapko premium dena padega. Maan lijiye, ₹2500 strike price ke put option ka premium ₹40 hai.
4. Open Interest (OI):
- Open interest option chain mein dikhata hai ki kitne contracts ab tak open hain (yaani trade ho chuke hain lekin ab tak close nahi hue hain). Zyada open interest ka matlab hai ki us strike price par zyada log trading kar rahe hain.
5. Volume:
Volume dikhata hai ki kisi specific option par kitna trading activity ho rahi hai.
Option Chain का उपयोग कैसे करें?
1. Market Sentiment Samajhna:
Agar kisi strike price par call options ke prices aur open interest zyada hain, toh iska matlab traders ko lagta hai ki stock price us strike price se upar jaayega.
- Agar put options ke prices aur open interest zyada hain, toh iska matlab traders ko lagta hai ki stock price us strike price se neeche jaayega.
2. Support aur Resistance Levels
Option chain ka use karke aap stock ke support aur resistance levels ka andaza laga sakte hain. Zyada open interest wale strike prices ko potential support ya resistance mana jaata hai.
3. Hedging
Investors apne portfolio ko downside risk se protect karne ke liye put options ka use karte hain, jisse losses minimize ho sakein.
Conclusion
Option chain ek powerful tool hai jo options trading mein market sentiment, price trends, aur support-resistance levels ko samajhne mein madad karta hai. Naye investors ke liye pehle option chain ko samajhna important hai, kyunki options trading complex ho sakti hai, aur bina samajh ke trade karna risky ho sakta hai.
ऑप्शन चैन डाटा देखकर क्या पता चलता है?
ऑप्शन चैन डाटा देखकर आप यह पता कर सकते हैं कि आज मार्केट किस रेंज में ट्रेड करेगा, निफ्टी या बैंकनिफ्टी ऊपर जाएगा या नीचे, इसके अलावा ऑप्शन चैन डाटा एनालिसिस करने से आपको कई जरूरी सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल भी पता चलते हैं।
इसके अलावा ऑप्शन चैन डाटा देखकर आपको पता चलता है कि किस स्ट्राइक प्राइस पर कितने लोग बैठे हैं और उस स्ट्राइक प्राइस का क्या रेट चल रहा है और उस strike प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट कितना है।
अगर आपको option chain देखकर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं–
- सबसे पहले आपको आपको वह स्ट्राइक प्राइस ढूंढना है जिसका ओपन इंटरेस्ट सबसे ज्यादा हो, (call और put दोनों तरफ का देखें)
- कोशिश करें कि जिस स्ट्राइक प्राइस पर मार्केट चल रहा है उससे बिल्कुल नजदीक का सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखें।
- ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखने के बाद आपको पता चल जाएगा कि उससे अधिक पर प्राइस जाना मुश्किल है मतलब उसे आप रेजिस्टेंस मांग सकते हैं, यह पहला रेजिस्टेंस है इसी प्रकार इस स्ट्राइक प्राइस से just कम ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस दूसरा रेजिस्टेंस होगा.
- इसी तरह आप put तरफ भी सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखकर सपोर्ट पता कर सकते हैं।
- लेकिन ध्यान रहे इन दोनों में आपको करंट मार्केट प्राइस यानी ATM के नजदीक वाला ओपन इंटरेस्ट देखना है।
Also Read– शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करें?
ऑप्शन चैन एनालिसिस क्या होता है?
स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटरेस्ट का एनालिसिस ही ऑप्शन चैन एनालिसिस कहलाता है। ऑप्शन चैन एनालिसिस करने के लिए आपको अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के ओपन इंटरेस्ट को ध्यान से analyse करना होता है।
आइए समझते हैं कि–
ऑप्शन चेन एनालिसिस कैसे करें? (How to do option chain Analysis in hindi)
ऑप्शन चेन डाटा का एनालिसिस करने के लिए आपको ऑप्शन चेन के प्रत्येक डेटा का बारीकी से एनालिसिस करना होगा। ऑप्शन चैन का डाटा analyse करने के लिए मैंने नीचे कुछ जरूरी points पता है जिन पर आपको अवश्य गौर करनी चाहिए।
मैं आपको पहले ही बता दूं कि नीचे दिए गए points आपको थोड़े advance और complicated लग सकते हैं इसीलिए आप इसे skip करके अगले section पर बढ़ सकते हैं–
- देखो की चेंज इन ओपन इंटरेस्ट (CHNG IN OI) कॉल में ज्यादा है या पुट में.
- देखो कि call की IV ज्यादा है या put की, जिसकी IV ज्यादा है उसे buy करलो.
- जिसकी IV कम है उस तरफ मत जाओ. अगर IV टूट रही है मतलब OPTIONS की selling हो रही है।
- Change in OI देखो कि कॉल में ज्यादा चेंज हो रहा है कि पुट में, फिर दोनों का PCR (Put Call Ratio) निकालो… अगर 1 से ज्यादा है तो buy कर सकते हैं।
- ध्यान रखिए आपको केवल कुछ ही strike का डेटा combine करके PCR निकालना है।
नजर रखो कि हर 5 मिनट में डेटा कितना चेंज हो रहा है। - PCR slope देखो, uptrend है तो call खरीदो और downtrend है तो put खरीदो।
- कुछ stocks जैसे– Tata steel, reliance, hidalco, ICICI bank इनमें लिक्विडिटी काफी अच्छी होती है।
- तो जिन स्टॉक्स में लिक्विडिटी ज्यादा है उसमें ऑप्शन चैन एनालिसिस बहुत अच्छे से काम करती है।
Option Trading Book in Hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सबसे आसान भाषा में और उदाहरण के साथ सीखने के लिए आपको नीचे दी गई किताब जरूर पढ़नी चाहिए जो अब तक की ऑप्शन ट्रेडिंग पर लिखी गई सबसे बेस्ट किताब है. नीचे दिए इमेज पर क्लिक करके आप इस किताब को डाउनलोड कर सकते हैं–
FAQs About Option Chain in Hindi
ऑप्शन चेन ट्रेडिंग में कैसे मदद करता है?
ट्रेडिंग करने के लिए ऑप्शन चेन बहुत सारा उपयोगी डाटा एक ही जगह पर प्रदान कर देता है जैसे; call और put ऑप्शन्स के अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस, उनका प्रीमियम अमाउंट, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट, Bid Ask price आदि जो ट्रेडिंग में बहुत मदद करते हैं।
ऑप्शन चेन देखकर क्या पता चलता है?
ऑप्शन चेन देखकर हम आसानी से पता लगा सकते हैं कि आज मार्केट किस रेंज में घूमेगा, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल क्या होंगे, volume कितना है और market में buyers अधिक हैं या sellers.
एनएसई ऑप्शन चेन क्या है?
NSE की ऑफिसियल वेबसाइट पर जो ऑप्शन चेन दिखाई जाती है उसे ही एनएससी ऑप्शन चेन बोलते हैं। वैसे तो मार्किट में ऑप्शन चैन डेटा देखने की लिए बहुत सारे एडवांस और प्रीमियम सॉफ्टवेयर भी है लेकिन एनएससी ऑप्शन चैन बिल्कुल फ्री है और सबसे ज्यादा पॉपुलर भी है।
निष्कर्ष (Option chain क्या है और इसे कैसे समझें)
इस लेख में मैंने आपको बताया है कि Option chain क्या होती है, ऑप्शन चेन कैसे काम करती है, option chain kaise samjhe.
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में beginner हैं तो इस पोस्ट से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा।
मैंने आपको इस आर्टिकल के जरिए option chain के बारे में आसान भाषा में समझाने का पूरा प्रयास किया है। आशा करता आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी उपयोगी लगी होगी.
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