आज का टॉपिक है ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें? अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में एक beginner है तो सबसे पहले आपको option trading basics को सीखना होगा।
बहुत सारे ट्रेडर्स को स्ट्राइक प्राइस, एटीएम, आईटीएम, ओटीएम, ऑप्शन चैन, ऑप्शन ग्रीक्स आदि के बेसिक concept भी क्लियर नहीं होते फिर भी वह ऑप्शंस में बहुत सारा पैसा लगाकर ट्रेड करनेे की गलती करते हैैं।
आपको भी पता होगा कि ऑप्शंस के प्रीमियम आपके निवेश पर कुछ ही सेकंडों में 100% या इससे भी बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी दे सकते हैं और उतना ही Loss भी करवा सकते हैं।
इसका मतलब है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में जोखिम (Risk) बहुत ज्यादा है लेकिन अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखकर ट्रेड करते हैं तो इस जोखिम के होने की संभावना बहुत कम हो जाती है और मुनाफे (Profit) की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
जितने भी प्रोफेशनल ऑप्शन ट्रेडर हैं वे सभी ऑप्शन ट्रेडिंग के concepts, ऑप्शन ग्रीक्स, इंडिकेटर्स, प्राइस मूवमेंट, चार्ट पेटर्न्स, ट्रेडिंग साइकोलॉजी और टेक्निकल एनालिसिस आदि को बहुत अच्छे से समझते हैं और इन सब चीजों को सीखने के लिए उन्होंने अपना काफी समय लगाया होता है।
आज मैं आपको बताऊंगा कि- Option Trading kaise sikhe in hindi (How to learn option trading in hindi), ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए क्या करना होगा, ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है, एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बनने के लिए क्या सीखना चाहिए और ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए आपको क्या पता होना चाहिए?
तो आइए जानते हैं–
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको कॉल और पुट ऑप्शंस, स्ट्राइक प्राइस, इंडिकेटर्स, प्राइस मूवमेंट, चार्ट पेटर्न्स, ऑप्शन चैन, ऑप्शन ग्रीक्स और टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा आप बहुत सारी ऑप्शन ट्रेडिंग की किताबें पढ़कर या कोर्स के द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
लेकिन आज मैं आपको ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के जो तरीके बताने वाला हूं उनके लिए आपको options में ट्रेड करने के किसी भी पिछले अनुभव की आवश्यकता नहीं है।
मतलब अगर आप एक beginner भी हैं तो भी आप नीचे दिए गए तरीकों को फॉलो करके आसानी से ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने की शुरुआत कर सकते हैं।
चलिए अब सभी तरीकों को एक-एक करके विस्तार से जान लेते हैं–
1. ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स सीखें
ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने का सबसे पहला कदम है बेसिक्स को क्लियर करना. जैसे;
- ऑप्शन खरीदार और विक्रेता कौन है और इनमें क्या अंतर होता है,
- कॉल और पुट ऑप्शन क्या है और ये कैसे काम करते हैं,
- स्ट्राइक प्राइस के दाम घटने या बढ़ने पर ऑप्शन प्रीमियम की कीमत कितने रुपए ऊपर नीचे होती है,
- बाजार की अनिश्चितता और मार्केट वोलैटिलिटी किस प्रकार ऑप्शन प्रीमियम की कीमतों पर असर डालती है,
- ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक नियम क्या है,
अगर आप एक beginner हैं तो सबसे पहले आपको ऊपर दिए गए basics को क्लियर करना होगा, इनको सीखने के बाद ही आप ऑप्शन ट्रेडिंग learn करने की यात्रा में आगे बढ़ सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ बेसिक पॉइंट नीचे दिए गए हैं–
- कॉल ऑप्शन (CE) हम तब खरीदते हैं जब हमें लगता है कि मार्केट बढ़ेगा और पुट ऑप्शन (PE) हम तब खरीदते हैं जब हमें लगता है कि मार्केट गिरेगा।
- इसके विपरीत अगर आप एक option seller हैं तो मार्केट बढ़ने की आशंका होने पर आप put option को बेच सकते हैं और मार्केट गिरने की आशंका होने पर आप call option को बेच सकते हैं।
- शेयर मार्केट में 80% लोग option buyer हैं जबकि सिर्फ 20% लोग ही option seller हैं इसका कारण यह है कि option buying करने के लिए आपको बहुत कम पैसों की जरूरत होती है जबकि option selling के लिए लाखों रुपए की जरूरत पड़ती है।
- इसलिए ऑप्शन ट्रेडिंग में आने वाले अधिकतर सभी नए लोग option buying से ही शुरुआत करते हैं।
- निफ़्टी और बैंकनिफ्टी इंडेक्स में ऑप्शन्स की weekly expiry होती है जोकि हर हफ्ते गुरुवार के दिन होती है जबकि सभी स्टॉक्स में monthly expiry होती हैं जो महीने के अंतिम सप्ताह के गुरुवार के दिन होती है।
- ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको किसी स्टॉक इंडेक्स में लोट साइज में शेयर खरीदने पड़ते हैं।
- सभी स्टॉक्स का लोट साइज अलग अलग होता है. और इंडेक्स जैसे- Nifty का Lot साइज 75 है और बैंकनिफ्टी का लोट साइज 25 है मतलब अगर बैंक निफ्टी के किसी कॉल या पुट ऑप्शन के प्रीमियम की कीमत 100 रुपये है तो आपको कम से कम 1 लॉट खरीदना होगा मतलब 100×25 = 2500 रुपये निवेश करने होंगे।
- और वहीं 100 रुपये के ऑप्शन प्रीमियम के हिसाब से निफ्टी का एक lot खरीदने के लिए आपको 100×75 यानी 7500 रुपये की जरूरत पड़ेगी।
- प्रीमियम के प्राइस में अनिश्चितता या वोलैटिलिटी सबसे ज्यादा expiry वाले दिन यानी गुरुवार को होती है मतलब उस दिन सभी प्रीमियम बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं। इसीलिए नए ट्रेडर्स का रिस्क भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
- ऑप्शन प्राइस की इतनी तेज मूवमेंट से बचने के लिए आपको स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए
- क्योंकि अगर आपने stop loss नहीं लगाया तो हो सकता है कि आपकी लाखों रुपए की कैपिटल कुछ ही सेकंड्स में खत्म हो सकती है।
- अगर आप एक शुरुआती ऑप्शन ट्रेडर है तो आपको stocks के बजाय Nifty या बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग करनी चाहिए
- क्योंकि इनमें लिक्विडिटी आपको अच्छी खासी मिल जाती है जबकि कुछ stocks बिल्कुल illiquid होते हैं मतलब उनका वॉल्यूम बहुत कम होता है और ऐसे स्टॉक्स में पैसा लगाने से आपका कैपिटल सकता है इसीलिए शुरुआत में सिर्फ Nifty या Banknifty ऑप्शन्स को ही ट्रेड करें।
- किसी भी ऑप्शन को आप सिर्फ expiry date तक ही खरीद कर रख सकते हैं मतलब होल्ड कर सकते हैं क्योंकि expiry date के बाद उस ऑप्शन का प्रीमियम पूरी तरह से खत्म हो जाता है
- इसीलिए हमेशा expiry डेट से पहले अपने खरीदे गए कॉल या पुट ऑप्शन को बेच देना चाहिए।
चलिए अब बढ़ते हैं दूसरे पॉइंट पर-
2. ऑप्शन चैन को समझें
ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने के लिए ऑप्शन चैन (option chain) को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि ऑप्शन चेन को मुख्य रूप से ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए ही बनाया गया है। आप सिर्फ ऑप्शन चैन का डाटा देखकर बता सकते हैं कि आज मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे।
लेकिन ऑप्शन चैन डाटा एनालिसिस करने के लिए आपको बहुत सारी terms समझना होगा जैसे;
- ओपन इंटरेस्ट,
- वॉल्यूम,
- बिड प्राइस,
- आस्क प्राइस,
- इंप्लायड वोलैटिलिटी (IV),
- लास्ट ट्रेडिड प्राइस (LTP),
- पुट कॉल रेश्यो (PCR) आदि।
सिर्फ ऑप्शन चैन का डाटा देखकर ही आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस, प्राइस एक्शन, बाजार के ट्रेंड आदि का पता लगा सकते हैं और बिना चार्ट देखे सिर्फ इसी डाटा की मदद से ऑप्शन्स को खरीदकर और बेचकर का प्रॉफिट कमा सकते हैं।
Must Read– Option chain in hindi
3. ऑप्शन ग्रीक्स का अध्ययन करें
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए अगला स्टेप है ऑप्शन ग्रीक्स को समझना। आपने कई बार देखा होगा कि;
- बिना किसी वजह के आपके प्रीमियम की कीमत समय के साथ-साथ कम होती रहती है,
- आप सोचते होंगे कि स्ट्राइक प्राइस के कितने पॉइंट ऊपर नीचे होने से उसके ऑप्शन प्रीमियम की कीमत कितने पॉइंट ऊपर नीचे होती है,
- मतलब ऑप्शंस के बढ़ने या घटने की दर कौन निर्धारित करता है।
ऊपर दिए गए सवालों का जवाब जानने के लिए आपको थीटा, डेल्टा, गामा, वेगा आदि के बारे में जानना होगा ये सभी ऑप्शन ग्रीक्स कहलाते हैं।
इस टॉपिक पर हमने विस्तार से बिल्कुल आसान भाषा में समझाया है इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे दी गई पोस्ट पढ़ सकते हैं–
4. ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट पढ़ना सीखें
प्रत्येक ऑप्शन ट्रेडर के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट को पढ़ना और समझना बहुत जरूरी होता है। आपको निरंतर अभ्यास करना होगा कि-
- चार्ट पर किस प्रकार से ऑप्शन्स के प्राइस में मूवमेंट होती है,
- कॉल और पुट ऑप्शन प्रीमियम का चार्ट देखें,
आप पाएंगे कि इक्विटी ट्रेडिंग की तुलना में ऑप्शन ट्रेडिंग के चार्ट बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं। - मोमेंटम को समझने की कोशिश करें
- मोमेंटम का मतलब होता है कि uptrend या downtrend कितनी तेजी से ऊपर नीचे होता है,
- आपको हमेशा अधिक मोमेंटम वाले चार्ट पर ही फोकस करना चाहिए क्योंकि ऐसे स्टॉक्स कम समय में अधिक प्रॉफिट दे देते हैं,
- छोटा ट्रेंड देखने से पहले बड़े ट्रेंड को एनालाइज करने की कोशिश करें,
- छोटे और बड़े ट्रेंड को देखने से मतलब है कम या ज्यादा टाइम फ्रेम वाला चार्ट देखना।
ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट देखते समय टाइम फ्रेम बहुत जरूरी होता है क्योंकि हो सकता है कि वही चार्ट 15 मिनट टाइमफ्रेम पर अपट्रेंड में हो और 1 मिनट चार्ट पर strong downtrend हो।
कोशिश करिए कि किसी एक ही इंडेक्स या स्टॉक के चार्ट पर महारत हासिल करें। उदाहरण के लिए अगर आप बैंकनिफ्टी का चार्ट देखते हैं तो अपना पूरा फोकस इसी चार्ट पर लगाइए।
धीरे-धीरे बैंक निफ्टी चार्ट पर आपकी पकड़ बेहतर होती चली जाएगी, और कुछ समय बाद आप इतनी महारत हासिल कर लेंगे कि सिर्फ चार्ट देखते ही आप बता देंगे कि प्राइस किस दिशा में move कर सकता है क्योंकि आपने बार-बार उसी पैटर्न को एनालाइज किया होगा इसलिए वह आपके दिमाग में छप चुका होगा।
कहने का मतलब यह है कि ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए ऑप्शन चार्ट को पढ़ना, सीखना, समझना और एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है।
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5. चार्ट पेटर्न्स को एनालाइज करें
जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट देखेंगे तो आपको चार्ट पर कई सारे पेटर्न्स बनते हुए नजर आएंगे जैसे; डबल टॉप, डबल बॉटम, हेड एंड शोल्डर, फ्लैग पैटर्न इत्यादि। और इन सभी पेटर्न्स की मदद से आप सही जगह पर एंट्री ले सकते हैं और कुछ समय बाद एग्जिट लेकर प्रॉफिट बुक कर सकते हैं।
लेकिन point यह है कि आपको अलग-अलग चार्ट पेटर्न को देखना आना चाहिए जिसके लिए पहले आपको चार्ट पेटर्न्स के प्रकार के बारे में जानना होगा और फिर यह सीखना होगा कि किस प्रकार के चार्ट पेटर्न पर कहां पर entry, target और stop-loss लगाना चाहिए।
अगर आप चार्ट पेटर्न्स के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो नीचे दी गई पोस्ट पढ़ सकते हैं;
6. टेक्निकल एनालिसिस करना सीखें
ऑप्शन ट्रेडिंग के अलावा, स्विंग हो या इंट्राडे किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग सीखने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
टेक्निकल एनालिसिस या तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है बहुत सारे चार्ट पेटर्न्स, इंडिकेटर्स, प्राइस एक्शन, मूविंग एवरेज, सपोर्ट रेजिस्टेंस, वॉल्यूम आदि की मदद से यह पता लगाना कि प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे।
ऑप्शन ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि इसमें आपको ऑप्शन प्रीमियम के चार्ट भी analyse करना होता है जिनमें साधारण चार्ट की अपेक्षा अधिक मूवमेंट होती है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
बहुत सारे लोग इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं जिन्हें एक ही दिन में ऑप्शन्स को buy और sell करना पड़ता है जबकि अगर कॉल या पुट ऑप्शन आपके अनुमान के मुताबिक move नहीं करता है तो आप उसे अगले दिन के लिए भी hold कर सकते हैं।
अब मान लीजिए अगर अगले दिन मार्केट Gap up या Gap down खुलता है तो बहुत सारे नए ऑप्शन ट्रेडर घबरा जाते हैं लेकिन अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करना आता है तो ऐसे मौके का आप जरूर फायदा उठाएंगे.
इसीलिए पहले नीचे दी गई पोस्ट की मदद से टेक्निकल एनालिसिस के बारे संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें–
7. ऑप्शन ट्रेडिंग की books पढ़ें
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आप option trading books पढ़ सकते हैं। बुक्स पढ़ने से आपको स्टेप बाय स्टेप जानकारी मिलती है। मार्केट में बहुत सारी किताबें उपलब्ध है जो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग की बेसिक से लेकर एडवांस तक जानकारी देती हैं।
इसके अलावा बहुत सारी ऑप्शन ट्रेडिंग वीडियोस भी यूट्यूब पर उपलब्ध है जो कि बिल्कुल फ्री है आप चाहें तो उन्हें देखकर भी बहुत सारा ज्ञान बिल्कुल मुफ्त में अर्जित कर सकते हैं।
कई सारे ऑप्शन ट्रेडिंग के कोर्स भी इंटरनेट पर उपलब्ध है जो आपको ऑप्शंस को ट्रेड करने की कई strategies के बारे में सिखाते हैं।
लेकिन बहुत सारा ज्ञान आपको इंटरनेट पर blog और वीडियोस के माध्यम से बिल्कुल फ्री में मिल जाएगा इसके लिए आपको कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है।
8. ट्रेडिंग साइकोलॉजी के बारे में पढ़ें
ऑप्शन ट्रेडिंग में buyers और sellers की साइकोलॉजी को समझना बहुत जरूरी होता है। ट्रेडिंग साइकोलॉजी का मतलब होता है कि–
- एक खरीदार या विक्रेता ट्रेड करते वक्त किस प्रकार से सोचता है,
- ट्रेड करते समय उसका मकसद क्या होता है,
- ट्रेडिंग में आपके इमोशंस किस प्रकार से काम करते हैं,
इन सभी चीजों के बारे में आप ट्रेडिंग साइकोलॉजी के बारे में पढ़कर सीख सकते हैं। अधिकतर नए ट्रेडर्स सिर्फ डर और लालच की भावनाओं के चलते नुकसान में शेयर बेच देते हैं जबकि वही शेयर बाद आपको प्रॉफिट दे सकता था।
ऑप्शन ट्रेडिंग में आपकी साइकोलॉजी बहुत ज्यादा important रोल प्ले करती है क्योंकि इसमें ऑप्शंस के प्रीमियम इतनी तेजी से ऊपर नीचे होते हैं कि आप अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते।
आपको समझना होगा कि ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आप एक ऑप्शन खरीदार है तो आप का सीधा मुकाबला ऑप्शन विक्रेता से है और अगर आप एक ऑप्शन विक्रेता है तो आप का सीधा मुकाबला का ऑप्शन खरीदार से है।
इसीलिए आपको ऑप्शन buyer और seller दोनों की साइकोलॉजी को बारीकी से समझना होगा।
- ट्रेडिंग कैसे सीखें – [18 सबसे बेस्ट तरीके]
- Trading Meaning in Hindi
- ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
9. ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम फॉलो करें
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको कुछ नियमों को फॉलो करना होगा जो सभी प्रोफेशनल ऑप्शन ट्रेडर फॉलो करते हैं। यह नियम आपको बताते हैं कि–
- आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करते वक्त कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए,
- ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको नुकसान क्यों होता है,
- ऑप्शन्स को ट्रेड करते समय आपको कौन-कौन सी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स फॉलो करनी चाहिए,
- ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान को कम करके प्रॉफिट को कैसे बढ़ा सकते हैं.
तो अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग को अच्छी तरह से सीखना चाहते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम जरूर पढ़ ले।
10. ऑप्शन ट्रेडिंग की सभी बेसिक टर्म्स को अच्छे से सीख ले
Learn option trading basic terminologies in hindi: नीचे दी गई ऑप्शन ट्रेडिंग की 10 बेसिक टर्म्स के बारे में आपको जरूर सीखना चाहिए जैसे–
कॉल ऑप्शन (CE) | पुट ऑप्शन (PE) |
स्ट्राइक प्राइस | वोलैटिलिटी (IV) |
प्रीमियम | इन द मनी (ITM) |
एक्सपायरी डेट | एट द मनी (ATM) |
ऑप्शन ग्रीक्स | आउट द मनी (OTM) |
Option Trading Book in Hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सबसे आसान भाषा में और उदाहरण के साथ सीखने के लिए आपको नीचे दी गई किताब जरूर पढ़नी चाहिए जो अब तक की ऑप्शन ट्रेडिंग पर लिखी गई सबसे बेस्ट किताब है. नीचे दिए इमेज पर क्लिक करके आप इस किताब को डाउनलोड कर सकते हैं–
Learn Option Trading in Hindi – FAQ’s
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने का सबसे आसान तरीका क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखने का सबसे अच्छा तरीका है एक बेसिक चेकलिस्ट को फॉलो करना. सबसे पहले आप उन सभी बेसिक terms की एक लिस्ट बना लें जिसके बारे में आपको नहीं पता है और वह सब आपको बार-बार सुनने को मिलता है। इसके बाद एक-एक करके उन सभी terms को इंटरनेट पर सर्च करके जानकारी प्राप्त करें इस प्रकार धीरे-धीरे आपको सभी कांसेप्ट क्लियर होते चले जाएंगे।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने में कितना समय लगता है?
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना कुछ घंटों का काम नहीं है इसके लिए आपको कम से कम 1 साल लगता है। अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग कोर्स करते हैं तो आपको कुछ घंटे का मटेरियल मिल जाता है लेकिन उसकी प्रैक्टिस करने के लिए आपको बहुत सारा समय देना होगा। इतना समझ लीजिए कि आप practice में जितना ज्यादा समय देंगे, उतना ही ऑप्शन्स को ट्रेड करने में आपकी पकड़ मजबूत होती चली जाएगी।
क्या ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना आसान है?
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करनी पड़ती है बहुत सारी बेसिक चीजों को बारीकी से समझना पड़ता है इसके अलावा काफी सारे चार्ट का एनालिसिस करने के बाद ही आप ऑप्शन ट्रेडिंग को सीख सकते हैं. मतलब अगर आप मेहनत और लगन से सभी बेसिक कांसेप्ट को ध्यान से समझते हैं तो आपके ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना आसान हो जाएगा।
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने की शुरुआत कैसे कर सकते हैं?
ऑप्शन ट्रेडिंग की किताबें पढ़कर आप सीखने शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही फ्री ब्लॉग और वीडियोस के द्वारा भी आप ऑप्शन ट्रेडिंग को basic से advance तक सीख सकते हैं। सभी कॉन्सेप्ट्स को सीखने के बाद आपको इंडेक्स ऑप्शन्स से ट्रेड करने की शुरुआत करनी चाहिए फिर धीरे-धीरे आप स्टॉक ऑप्शंस की तरफ बढ़ सकते हैं
Option Trading kaise sikhe in hindi – Conclusion
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें (How to Learn Option Trading in Hindi) जरूर उपयोगी लगी होगी। इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया है कि एक शुरुआती या beginner ऑप्शन ट्रेडर होते हुए भी आप किस प्रकार से ऑप्शन ट्रेडिंग सीख सकते हैं।
अगर आप ऊपर दिए गए पॉइंट्स को फॉलो करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि ऑप्शन ट्रेडिंग को सीखना आपके लिए बहुत आसान हो जाएगा।
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अगर आपके मन में ऑप्शन ट्रेडिंग से संबंधित कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।