पिछली पोस्ट में हमने आपको कॉल ऑप्शन के बारे में बताया था और आज हम बात करेंगे की ऑप्शन ट्रेडिंग में पुट ऑप्शन क्या है और यह कैसे काम करता है? इसके अलावा आप जानेंगे की पुट ऑप्शन कब और क्यों खरीदना चाहिए और पुट ऑप्शन से पैसे कैसे बनते हैं?
साथ ही इस आर्टिकल में हम पुट ऑप्शन से जुड़ी सभी बेसिक टू एडवांस चीजों को उदाहरण सहित डिटेल में जानने वाले हैं. तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि–
पुट ऑप्शन क्या होता है – What is put option in hindi
पुट ऑप्शन एक डेरिवेटिव कांट्रैक्ट होता है जिसको आप किसी अंडरलाइंग ऐसेट (जैसे; शेयर, निफ्टी या बैंकनिफ्टी) की एक्सपायरी डेट के लिए खरीदते या बेचते हैं. Put option प्राइस नीचे जाने के बारे में बताता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में पुट ऑप्शन को PE के सिंबल से दर्शाते हैं.
अगर आप कोई पुट ऑप्शन खरीदने हैं तो आपको प्रॉफिट तभी होगा जब प्राइस नीचे जाएगा जबकि कॉल ऑप्शन में इसका उल्टा होता है यानी उसमें प्राइस ऊपर जाने पर प्रॉफिट होता है।
Put option meaning in hindi
- पुट ऑप्शन का अर्थ (meaning) होता है वह प्रीमियम जो किसी अंडरलाइंग ऐसेट के प्राइस के नीचे जाने पर फायदा देता है. मतलब अगर आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं तो आपको प्रॉफिट तभी होगा जब मार्केट गिरेगा यानी कि अगर मार्केट ऊपर चला गया तो आपको नुकसान हो सकता है।
पुट ऑप्शन का उदाहरण (Example of put option in hindi)
मान लो निफ्टी अभी 18000 स्ट्राइक प्राइस पर चल रहा है और इसी स्ट्राइक प्राइस के पुट ऑप्शन यानी PE की कीमत 100 रुपये है. अब आपने इसे खरीद लिया. कुछ समय बाद निफ़्टी थोड़ा नीचे चला गया जिससे पुट ऑप्शन की कीमत भी 100 से बढ़कर 110 हो गई.
तो ऐसे में आपको 10 का मुनाफा हो जाएगा.
याद रखिए: कॉल और पुट ऑप्शंस में शेयर की अपेक्षा बहुत तेजी से प्राइस ऊपर और नीचे जाता है. यहां तक कि 1 दिन में प्राइस 400% से 500% या इससे ज्यादा भी बढ़ या घट सकता है।
पुट ऑप्शन काम कैसे करता है?
ऑप्शन ट्रेडिंग में पुट ऑप्शन इस तरह से काम करता है कि जब मार्केट नीचे जाता है तो इस ऑप्शन के प्रीमियम की कीमत बढ़ जाती है मतलब पुट ऑप्शन का प्राइस बढ़ जाता है और जब मार्केट ऊपर जाता है तो पुट ऑप्शन का प्राइस भी नीचे जाने लगता है।
तो अगर आपको लगता है कि आज मार्केट bearish है यानी कि बाजार में गिरावट आने की उम्मीद है तो आपको put option यानी PE खरीद लेना चाहिए ताकि जब मार्केट नीचे जाए तो आपके खरीदे गए ऑप्शन का प्राइस बढ़ने से आपको भी फायदा मिल सके।
पुट ऑप्शन से पैसे कैसे कमाए?
अगर आप मार्केट नीचे जाने से पहले पुट ऑप्शन (PE) खरीद लेते हैं और खरीदने के तुरंत बाद या कुछ समय बाद मार्केट नीचे जाने लगता है तो आपके द्वारा खरीदे गए पुट ऑप्शन का प्राइस भी बढ़ने लगता है जिससे आपको प्रॉफिट होता है.
क्योंकि आपने कम प्राइस में खरीदा और अधिक प्राइस में बेचा तो बीच का जो प्राइस डिफरेंस होता है वही आपका प्रॉफिट होता है।
उदाहरण के लिए–
मान लो आप बैंकनिफ्टी में trading करते हैं और आज बैंकनिफ्टी 45000 पर चल रहा है.
अब आपको लगता है कि आज बैंकिंग सेक्टर के stocks में गिरावट आने वाली है जिससे banknifty भी नीचे जा सकता है.
और इसीलिए आज आप बैंकनिफ्टी का 45000 स्ट्राइक प्राइस का पुट ऑप्शन (PE) खरीद लेते हैं.
मान लो जो बैंकनिफ़्टी का put option आपने खरीदा उसकी कीमत अभी 200 रुपये है।
कुछ समय बाद जैसा आपने सोचा था ठीक वैसा हुआ मतलब banking सेक्टर के stocks में एक अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली जिससे BankNifty भी 45000 से बढ़कर 44500 तक चला गया
अब ऐसे में आपके द्वारा खरीदे गए पुट ऑप्शन की कीमत भी 200 Rs से बढ़कर 300 Rs हो गई.
जैसे ही आपके PE का प्राइस 300 Rs पंहुचा आपने तुरन्त इसे बेच दिया ताकि यह वापस कम ना हो जाए क्योंकि अगर मार्केट दोबारा ऊपर चला गया तो आपको जो 100 का प्रॉफिट मिल रहा है वह loss में भी जा सकता है.
तो इस प्रकार आपने 200 Rs का call option 300 Rs में बेचकर 100 Rs का मुनाफा कमा लिया.
तो इस तरह से आप मार्केट में होने वाली गिरावट का पता लगाकर पुट ऑप्शन से पैसे कमा सकते हैं. मैं उम्मीद करता हूं अब आप समझ गए होंगे कि पुट ऑप्शन से पैसे कैसे बनते हैं.
- ये भी पढ़ें– Banknifty में ट्रेडिंग कैसे करें?
आईए अब पुट ऑप्शन से जुड़े कुछ बेसिक सवाल और उनके जवाब जान लेते हैं–
FAQ’s About Put option in hindi
पुट ऑप्शन क्यों खरीदें?
जब शेयर मार्केट में मंदी की आशंका हो यानी कि अगर आपको लगता है कि बाजार में गिरावट होने वाली है तो ही ट्रेडर्स पुट ऑप्शन खरीदने हैं क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में पुट ऑप्शन आपको बाजार की गिरावट में प्रॉफिट देता है।
मुझे पुट ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?
आपको पुट ऑप्शन (CE) तब खरीदना चाहिए जब आपको लगता है कि शेयर मार्केट नीचे जाने वाला है और कॉल ऑप्शन उस समय बेचना चाहिए जब आपको लगता है कि मार्केट ऊपर जाने वाला है।
पुट ऑप्शन कितनी दूर से खरीदना चाहिए?
पुट ऑप्शन को कितनी दूर से खरीदना चाहिए यह इस पर डिपेंड करता है कि बाजार में कितनी बड़ी गिरावट होने वाली है. अगर आपको लगता है कि आज शेयर मार्केट 400 से 500 point गिर सकता है तो आप 500 पॉइंट दूर का पुट ऑप्शन (PE) खरीद सकते हैं।
पुट ऑप्शन खरीदने का जोखिम क्या है?
पुट ऑप्शन का जोखिम यानी रिस्क तब होता है जब मार्केट ऊपर जाता है. मतलब जैसे ही अगर आपने PE खरीदा और उसके तुरंत बाद मार्केट नीचे जाने की वजह ऊपर जाता चला गया तो आपके put के प्रीमियम का प्राइस भी कम होने लगेगा जिससे आपको नुकसान हो सकता है।
पुट ऑप्शन में प्रीमियम कौन देता है?
पुट ऑप्शन का प्रीमियम कितना होगा यह ऑप्शन सेलर डिसाइड करते हैं मतलब जो लोग पुट ऑप्शन को बेचते हैं तो वह जिस प्राइस पर पुट sell करता हैं आपको वही प्रीमियम मिलता है. और इस put option के प्रीमियम का प्राइस शेयर मार्केट गिरने पर बढ़ता है जबकि शेयर मार्केट ऊपर जाने पर कम होता है।
पुट ऑप्शन का प्राइस कैसे पता करते हैं?
किसी भी पुट ऑप्शन का प्राइस कितना है यह पता लगाने के लिए आपको अपने ब्रोकर ऐप के अंदर जाकर स्ट्राइक प्राइस के आगे PE लिखकर सर्च करना है.
उदाहरण के लिए ‘Nifty 19000 PE’ यह सर्च करते ही आपको 19000 स्ट्राइक प्राइस के सभी पुट ऑप्शन की लिस्ट उसके प्राइस और एक्सपायरी डेट के साथ दिखने लगेगी.
Put option meaning in hindi ‘Conclusion’
इस पोस्ट में आपने सीखा की पुट ऑप्शन क्या है (put option meaning in hindi), पुट ऑप्शन कैसे काम करता है, पुट ऑप्शन से पैसे कैसे कमाते हैं और पुट ऑप्शन कब खरीदना और बेचना चाहिए।
दोस्तों अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग बनाए हैं तो मुझे पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी. इस पोस्ट में हमने कोशिश की है कि आप put option के बारे में पूरा डिटेल से बताया जाए.
- कॉल ऑप्शन क्या है उदाहरण सहित (पूरी जानकारी)
- कॉल और पुट क्या हैं और इनमें क्या अंतर है (Call and Put options in hindi)
अगर अभी भी आपके मन में शेयर मार्केट या ऑप्शन ट्रेडिंग से संबंधित कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।