SGX NIFTY क्या है? | SGX NIFTY का निफ्टी 50 पर क्या प्रभाव पड़ता है? | सिंगापुर निफ्टी को ट्रेड करने के क्या फायदे हैं? | What is SGX NIFTY in Hindi
आपने कभी ना कभी सुबह-सुबह TV पर या किसी बिज़नेस न्यूज़ चैनल पर news anchors या experts को बोलते सुना होगा कि आज SGX Nifty 20 point, 50 point या फिर 100 point के Gap up या Gap down को indicate कर रहा है।
तो आखिर ये सब ऐसा क्यों बोलते हैं और
- SGX Nifty क्या होता है?
- क्या हम SGX Nifty में ट्रेडिंग कर सकते हैं?
- SGX Nifty क्यों महत्वपूर्ण है?
- क्या हम sgx nifty को track कर सकते हैं?
- Sgx Nifty को ट्रेड करने के क्या लाभ हैं?
- SGX Nifty का इंडियन मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है?
तो आज हम इस आर्टिकल में आपके इन सभी सवालों के जवाब देंगे इसके साथ ही हम आपको SGX निफ्टी के बारे में सब कुछ बहुत आसान भाषा में समझाएंगे।
SGX Nifty क्या है?
SGX Nifty दो शब्दों से मिलकर बना है “SGX” और “Nifty” SGX का मतलब है “Singapur Exchange” और Nifty तो हम जानते ही हैं कि इंडिया के 12 अलग-अलग सेक्टर्स की Top 50 कंपनियों का एक बेंचमार्क इंडेक्स है तो अगर SGX और Nifty दोनों को मिला दिया जाए तो ‘SGX Nifty‘ बनता है जिसे हम सिंगापुर निफ्टी (Singapore Nifty) भी बोलते हैं।
जिस तरह से इंडियन स्टॉक मार्केट में NSE का जो Derivative product है वो है ‘Nifty Future’ और यही same प्रोडक्ट सिंगापुर एक्सचेंज (SGX) में भी ट्रेड होता है और इसी को हम “SGX Nifty” कहते हैं।
What Is SGX NIFTY In Hindi:
अगर देखा जाए तो SGX Nifty इंडियन CNX NIFTY इंडेक्स का एक Futures contract है जिसको सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किया जाता है। जिस तरह हम Nifty 50 फ्यूचर्स को इंडियन स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE में ट्रेड करते हैं। वैसे ही विदेशी निवेशक (Foreign Investors) SGX Nifty को सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में trade कर सकते हैं।
अगर Nifty Contract की बात करें तो इसका साइज इंडिया और सिंगापुर दोनों में अलग-अलग है जैसे; इंडिया में प्रत्येक lot में 75 शेयर्स हैं जबकि सिंगापुर में यह इस तरह से काम नहीं करता है।
आइये इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं-
Example: मान लो कि Nifty 9000 पर ट्रेड कर रहा है तो Singapore Nifty contract size होगा 9000×2 US Doller इसका मतलब हर कॉन्ट्रैक्ट का साइज 18000 US डॉलर होगा।
तो होता यह है कि जब निफ्टी 10 पॉइंट ऊपर जाता है तो हर शेयर पर 10 रुपये का प्रॉफिट होता है और जब 10 पॉइंट नीचे जाता है तो 10 रुपये का Loss होता है।
लेकिन सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में इससे थोड़ा अलग होता है मतलब जब निफ्टी 1 पॉइंट ऊपर जाता है तो आपको प्रत्येक कॉन्ट्रैक्ट पर 2 डॉलर का प्रॉफिट होगा इसी तरह अगर 1 पॉइंट नीचे जाता है तो 2 डॉलर का loss होगा।
Open Interest: अगर आप open interest की तरफ देखें तो इंडिया में यह ‘Number of shares’ होता है और वहीं अगर open interest को सिंगापुर में देखें तो वहाँ पर यह ‘Number of contracts’ होता है ना कि ‘Number of shares’
आपको मैं यह इसीलिए बता रहा हूं क्योंकि बहुत सारे लोग बोलते हैं कि Singapore Nifty बहुत ही Thinly trade होता है लेकिन यह सच नहीं है वास्तव में SGX Nifty एक Highly लिक्विड कॉन्ट्रैक्ट है। जहां पर इसका ओपन इंटरेस्ट लगभग इंडियन ओपन इंटरेस्ट के बराबर ही होता है।
SGX Nifty को क्यों ट्रेड किया जाता है?
अब सवाल आता है कि आखिर क्यों निफ्टी को सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किया जाता है?🤔
क्योंकि अगर किसी को Nifty को ट्रेड करना है तो वह NSE (National Stock Exchange) में ही क्यों नहीं कर लेगा, इसके लिए सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) में ट्रेड करने की क्या जरूरत है?
मतलब जब आप इंडिया में Nifty futures को ट्रेड कर सकते हो तो आप सिंगापुर निफ्टी को क्यों ट्रेड करोगे?
इसे समझने के लिए आपको पहले Types of investors के बारे में जानना होगा;
Besically, दो तरह के निवेशक (investors) या फिर Traders होते हैं:
#1. INVESTORS OF OUTSIDE INDIA: पहले इन्वेस्टर्स वो है जो इंडिया से बाहर रहते हैं।
आपको पता होना चाहिए कि कुछ ऐसे इंटरनेशनल रूल्स और रेगुलेशन बनाये गए हैं जिनके कारण कोई भी ट्रेडर या इन्वेस्टर केवल अपने देश के अलावा किसी और country के डेरिवेटिव्स को ट्रेड नहीं कर सकता है।
इसलिए वो ट्रेडर्स जो इंडिया के outside रहते हैं, Nifty50 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में ट्रेड नहीं कर सकते हैं। इसीलिए SGX Nifty इनके लिए एक अच्छा alternative बन जाता है।
#2. दूसरे तरह के कुछ इन्वेस्टर्स होते हैं जैसे: Foreign Institutions यह वो लोग होते हैं जिन्होंने इंडिया में इन्वेस्टमेंट किया हुआ है।
जैसे; बहुत सारे देशों के ऐसे म्यूच्यूअल फंड हैं जिनका इंडिया में अच्छा खासा पोर्टफोलियो है मतलब उन्होंने इंडिया में अच्छा-खासा पैसा निवेश किया हुआ है क्योंकि इंडिया एक Growing Economy है।
लेकिन कई बार कुछ ऐसे events हो जाते हैं जिनसे कि इनके पोर्टफोलियो पर काफी बुरा असर पड़ सकता है इसीलिए ये अलग-अलग देशों की म्यूच्यूअल फंड कंपनियां इंडिया में अपने पोर्टफोलियो को प्रोटेक्ट करने के लिए SGX Nifty में hedging positions क्रिएट करती हैं खासकर तब जब शेयर मार्केट ट्रेडिंग के लिए बंद हो चुका हो। जिससे कि ये कंपनियां काफी हद तक नुकसान को कम कर सकें।
- Portfolio: आपने कितने शेयर्स को खरीदा और बेचा है और कितने रुपए का लॉस और प्रॉफिट अब तक आपको हो चुका है इन सब का हिसाब-किताब आपके पोर्टफोलियो में स्टोर रहता है। यानी कि पोर्टफोलियो एक तरह से आपकी ट्रेडिंग प्रोफाइल है।
- Hedging Positions create करना मतलब कुछ इस तरह से शेयर को खरीदकर या बेचकर अपने पोर्टफोलियो को तैयार करना जिससे कि उनके नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहे।
अब आप इन्वेस्टर्स के बारे में तो जान गए लेकिन सवाल तो यह है कि आखिर इंडिया के निफ्टी फ्यूचर्स की तुलना में SGX Nifty में ट्रेड करने के क्या फायदे हैं? आखिर हम लोग SGX Nifty में ट्रेड क्यों करें?
देखिए इंडिया और सिंगापुर दोनों की टाइमिंग अलग-अलग है जैसे कि सिंगापुर का समय इंडिया से ढाई घंटे आगे है।
आपको पता होगा जो FII यानी Foreign Institutional Investors होते हैं वो स्टॉक मार्केट में बहुत बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करते हैं। ये लोग दूसरे देशों से belong करते हैं इसलिए वो इंडियन स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट नहीं कर पाते क्योंकि यहां की टाइमिंग उनके लिए suitable नहीं रहती इसलिये वो लोग इंडियन निफ्टी फ्यूचर को सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड करते हैं जो कि उनके लिए एक alternative है Nifty का।
इनके अलावा भी Sgx Nifty में ट्रेडिंग करने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन ऊपर बताए गए दोनों primary reasons है SGX निफ्टी में ट्रेड करने के लिए।
SGX Nifty को कैसे ट्रैक कर सकते हैं?
SGX Nifty को ट्रैक करने का सबसे अच्छा तरीका है Moneycontrol website के द्वारा।
इसके अलावा आप Singapur Stock Exchange की वेबसाइट पर जाकर भी SGX Nifty के लाइव चार्ट को देख सकते हैं या फिर आप चाहें तो Investing.com के द्वारा भी sgx nifty को चेक कर सकते हैं।
लेकिन Sgx निफ्टी में प्राइस की जो Accuracy होती है वह आपको सबसे ज्यादा मनीकंट्रोल की वेबसाइट पर मिलेगी और mostly accurate data ही दिखेगा।
अब कुछ लोगों का सवाल होता है कि Sgx Nifty का प्राइस हर साइट पर अलग-अलग बता रहा है तो क्या करें? कैसे पता लगाएं कि कौन सी साइट पर प्राइस सही बता रहा है?
क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे कि हम डायरेक्ट सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के डाटा को चेक कर सके।
इसका जबाब है “हां” आप Sgx निफ्टी को check करने के लिए direct सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के डाटा को भी देख सकते हैं-
- सबसे पहले आपको investing.com की वेबसाइट पर जाना है उसके बाद ऊपर की तरफ menu bar में ही आपको Indices Future का एक ऑप्शन दिखाई देगा उस पर आपको क्लिक करना है।
- Next page पर आपको nifty50 का ऑप्शन दिखाई देगा जिस पर क्लिक करके आप इसका प्राइस देख सकते हैं।
इसी प्रकार आप चाहें तो मनीकंट्रोल पर भी देख सकते हैं:
- इसके लिए आपको moneycontrol.com की वेबसाइट पर जाना है।
इसके होमपेज पर ही आपको दायीं ओर ‘Global Market’ का ऑप्शन दिखाई देगा उसके नीचे आपको ‘View all global markets’ पर क्लिक करना है. - अब आपको अगले पेज पर Asian Market वाले section SGX Nifty और उसके सामने इसका प्राइस भी दिखाई दे जाएगा।
- अब आपको investing.com और Moneycontrol.com दोनों के prices को compare करना है फिर आप देख पाएंगे कि इन दोनों sites के प्राइसेस में थोड़ा बहुत डिफरेंस तो आपको दिखाई देगा।
इनमें कभी बहुत कम डिफरेंस तो कभी बहुत ज्यादा डिफरेंस दिखता है लेकिन अंतर दिखता जरूर है तो हम किस पर विश्वास करें और आखिर इनके prices में यह अंतर होता क्यों है?
👉मैं आपको बता दूं काफी हद तक moneycontrol.com के figures सही होते हैं investing.com की तुलना में। और मैं यह इसीलिए बोल रहा हूं क्योंकि जो investing.com site है वह अपने prices को केवल रात में 11:30 बजे के समय ही अपडेट करती है इसके बाद ये SGX Nifty के prices को अपडेट नहीं करती है।
यहां तक कि कुछ सालों पहले 11:30 बजे रात में ट्रेडिंग करने पर रोक लगा दी गई थी लेकिन बाद में सिंगापुर एक्सचेंज ने अपने Trading hours को बढ़ा भी दिया था पर investing.com ने इसके बावजूद अपनी टाइमिंग को कभी भी अपडेट नहीं किया। इसीलिए यह साइट केवल 11:30 पर ही अपने prices को अपडेट करती है।
तो जो Figure पर सुबह 6:30 बजे से पहले देखते हैं वह पिछले 11:30 बजे रात का figure होता है।
और वहीं दूसरी ओर moneycontrol.com हमें exact वही प्राइस दिखाता है जो SGX निफ्टी में सबसे बाद में ट्रेड हुआ हो।
क्या आप SGX Nifty को ट्रेड कर सकते हैं?
आप Sgx Nifty को ट्रेड कर सकते हैं या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां रहते हैं?
अगर आप इंडिया में रहते हैं तो आप Sgx Nifty को ट्रेड नहीं कर सकते। क्योंकि कुछ ऐसे नियम बने हुए हैं जिनके मुताबिक आप किसी भी ऐसे डेरिवेटिव को ट्रेड नहीं कर सकते जोकि इंडिया के बाहर ट्रेड हो रहा हो।
लेकिन अगर आप एक NRI हैं यानी कि Non Resident Indian आप इंडिया के बाहर रहते हैं तो फिर संभावना है कि आप Sgx Nifty को ट्रेड कर सकते हैं। क्योंकि यह पूरी तरह से उस देश के Law पर निर्भर करता है जहां पर आप रहते हैं।
SGX Nifty में मार्केट किस समय खुलता और बंद होता है?
सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि सिंगापुर का टाइम इंडिया से 2 घण्टे 30 मिनट आगे है। जैसा कि आपको पता है इंडिया में शेयर मार्केट केवल 6+ घंटे के लिए खुलता है मतलब 9:15am से 3:30pm तक। जबकि सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज All the day long यानी (6:30am से 11:30pm) लगभग 16 घंटे तक खुला रहता है।
इसमे ट्रेडिंग 2 time slots में होती है पहला ‘T session’ और दूसरा ‘T+1 session’ से लेकिन इससे पहले Pre opening session होता है 10 मिनट का (8:50 to 9:00am)
तो सिंगापुर एक्सचेंज में जो ट्रेडिंग होती है वो 2 parts में होती है पहले दिन के समय में होती है जिसे Day trade या T day बोलते हैं मतलब जो आज ट्रेड की जाती है उसे ‘T’ बोलते हैं। और दूसरी ट्रेड शाम के समय होती है जिसे Evening Trade या ‘T+1 day’ बोलते हैं इसे T+1 इसलिए बोलते हैं क्योंकि ट्रेड जरूर शाम को होता है लेकिन उसका सेटलमेंट अगले दिन के morning trade में होता है।
इसलिए ट्रेडर्स दिन हो चाहे रात SGX Nifty में बिना किसी interruptions के ट्रेडिंग कर सकते हैं और यही कारण है कि SGX Nifty इंडिया के बाहर काफी ज्यादा पॉपुलर है।
यहां पर T का मतलब है ‘Trading Hours‘
आप चाहे तो इसकी टाइमिंग को डायरेक्ट सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं;
- इसके लिए सबसे पहले आपको www.sgx.com पर जाना होगा।
- उसके बाद आपको Derivatives >> Market information >> Delayed prices futures पर क्लिक करना है।
- अगले पेज पर आप SGX Nifty 50 index future को देख पाएंगे और यहीं पर आपको SGX Nifty का opening और closing price तो दिख ही जाएगा साथ ही साथ यहां पर आप और भी बहुत सारी जरूरी चीजें देख सकते हैं जैसे;
- Previous close
- Day’s Range
- 52 wk Range
- 1 Year change
- contract size
- Tick size
- Tick value
- Base symbol
- Point value आदि चीजें भी देख सकते हैं।
NOTE: मेरी सलाह तो आपको यही रहेगी कि investing.com पर जाने के बजाय आप moneycontrol.com या फिर direct सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर जाकर SGX NIFTY के prices को चेक करें तो आपको ज्यादा accuracy दिखाई देगी.
लेकिन सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट में एक छोटा सा प्रॉब्लम है कि इसमें Singapore Nifty के prices 15 मिनट delayed होते हैं जबकि investing.com और moneycontrol.com पर आपको रियल टाइम डाटा दिखता है।
आपको SGX निफ्टी की टाइमिंग को समझने के लिए Trading hours यानी “T” और “T+1 session” को अच्छे से समझना बहुत जरूरी है-
T session (Opening 9.00am to 6.10pm)
अगर आप सिंगापुर के Trading hours को देखें तो वहां का मार्केट 9:00am से लेकर 6:10pm तक खुलता है मतलब इंडिया के समय के हिसाब से 6:30am से 3:40pm तक।
अब चूंकि इंडिया का मार्केट close होता है 3:30pm पर यानी कि सिंगापुर का मार्केट इंडिया से 10 मिनट बाद close होता है। इंडिया में शेयर मार्केट 9:15am पर खुलता है जबकि सिंगापुर में शेयर मार्केट 6:30am पर खुलता है। तो जो भी ट्रेडिंग सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में इस टाइम के दौरान (9:00am से लेकर 6:10pm के बीच) होती है उसे ‘T session‘ कहते हैं।
T+1 session (Opening 6:40pm to 5:15am)
यह session सिंगापुर के टाइम के हिसाब से 6:40pm से लेकर 5:15am तक चलता है यानी कि इंडिया के समय के हिसाब से 4:10pm पर खुलता है और 2:45am पर close होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सिंगापुर का समय इंडिया से ढाई घंटे आगे चलता है।
2:45am तक यानी सिंगापुर मार्केट close होने तक ही moneycontrol.com वेबसाइट अपने प्राइस इसको अपडेट करती है जबकि investing.com 11:30pm तक ही अपने प्राइस को अपडेट करती है और यही कारण है कि दोनों sites पर आपको SGX Nifty के अलग-अलग prices देखने को मिलते हैं।
इसीलिए मनीकंट्रोल पर सिंगापुर निफ्टी के प्राइस को देखना investing.com की तुलना में बेहतर है।
SGX Nifty क्यों महत्वपूर्ण है?
अब सवाल आता है कि अगर आप एक इंडियन ट्रेडर हैं तो आपके लिए SGX Nifty कितना important है?
सबसे important reason SGX Nifty के important होने का वो ये है कि हर सुबह सिंगापुर निफ्टी हमें मार्केट ट्रेंड का एक अनुमान दे देती है कि आज इंडियन मार्केट कैसा ओपन होगा।
मतलब सिंगापुर निफ्टी इंडिकेटर की तरह काम करता है जिसको देखकर आप predict कर सकते हैं कि आज शेयर मार्केट का ट्रेंड ऊपर जाएगा या नीचे।
अगर SGX NIFTY ज्यादा Gap up या Gap down दिखाता है तो Indian traders पहले से ही तैयार हो जाते हैं कि जब मार्केट open होगा तब उन्हें क्या करना है।
तो 9:00 बजे मार्केट खुलने का इंतजार करने के बजाए हम लोग पहले से ही prapare हो जाते हैं अपना Action Plan तैयार करने के लिए।
इसके अलावा कुछ ट्रेडर्स होते हैं जो रात से ही Sgx निफ्टी को Track करना चालू कर देते हैं लेकिन उससे इतना ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ता है।
SGX निफ्टी पर ग्लोबल न्यूज़ का प्रभाव
आपको पता होगा कि ग्लोबल न्यूज़ के वजह से मार्केट में movement होता है और वो आप SGX Nifty के द्वारा ट्रैक कर पाते हैं। क्योंकि सिंगापुर निफ्टी का मार्केट इंडियन शेयर मार्केट से ढाई घंटे पहले ही open हो जाता है क्योंकि सिंगापुर का टाइमिंग indian standard timing से ढाई घंटा आगे चलता है।
तो अगर रात को कोई global news आती है तो उसका प्रभाव अगले दिन SGX Nifty में साफ-साफ दिखाई देता है, सिंगापुर निफ्टी काफी हद तक Market sentiment को भी प्रभावित करता है।
इसी तरह सुबह अगर आप देखेंगे कि आज सिंगापुर निफ्टी डाउन चल रहा है तो 80 से 90% इंडियन निफ्टी का जो derivative contract है वह भी डाउन में ही open होगा।
और ऐसे ही अगर आपने देखा कि आज सुबह-सुबह SGX Nifty पॉजिटिव चल रहा है तो 70 से 80% chances होते हैं कि हमारा indian nifty derivative contract भी पॉजिटिव में ही open होगा। मतलब sgx nifty indicate करता है कि हमारा जो मार्केट है वह gap up में ओपन होगा या gap down में।
ऐसा कोई 100% chance नहीं है लेकिन ज्यादातर समय इसी तरीके से Behave करता है क्योंकि ये इंडियन डेरिवेटिव प्रोडक्ट है जो कि सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं और इसमें इंडिया के outside जो ट्रेडर्स हैं यानी कि Foreign investors या FII’s (Foreign Institutional investors) SGX Nifty में निवेश करते हैं और इससे मुनाफा earn करते हैं।
- सिंगापुर निफ्टी में वॉल्यूम काफी ज्यादा लिक्विडिटी के साथ ट्रेड होता है। तो जो मार्केट में मूवमेंट होता है उसका पता आप पहले से ही लगा सकते हो SGX Nifty को देखकर।
- SGX Nifty से हमें मार्केट की दिशा के बारे में पहले से ही पता लग जाता है।
- इससे हम मार्केट की चाल को और काफी हद तक Fluctuations को भी predict कर पाते हैं।
- प्रोफेशनल इन्वेस्टर्स hedging और trading requirments के लिए सिंगापुर निफ्टी को बहुत ही यूजफुल मानते हैं।
NOTE: अगर आप एक ट्रेडर हैं तो आप इसे देखकर पहले से ही इंडियन शेयर मार्केट के ट्रेंड का अंदाजा लगा सकते हैं और तैयार हो सकते हैं कि आपको किस तरह मार्केट में positions लेना है, Hold करना है या sell करना है या फिर किस Fund में आप एंट्री ले सकते हो।
क्या निफ्टी और सिंगापुर निफ्टी same level पर ट्रेड होते हैं?
कुछ लोगों के मन में एक सवाल और आता है कि क्या इंडियन मार्केट सच में उसी Level पर ओपन होता है जहां पर SGX Nifty ट्रेड कर रहा है।
Example:
मान लीजिये अगर sgx nifty 12500 पर ट्रेड कर रहा है तो क्या इसका मतलब यह है कि Nifty भी 12500 पर ही open होगा।
वैसे तो Nifty और SGX NIFTY दोनों को एक लेवल पर ही ट्रेड होना चाहिए लेकिन वास्तव में कई बार ऐसा नहीं होता है।
इतना ही नहीं, कई बार तो SGX Nifty काफी misleading भी होता है जैसे कई बार आप देखेंगे कि SGX निफ्टी में आपको Big gap दिखाई देंगे जबकि इंडियन मार्केट ओपन होने पर बहुत ही small gap देखने को मिलते हैं।
इसलिए बहुत बार सिर्फ इस पर blindly विश्वास करके इंडियन मार्केट में निवेश करना सही नही होता, आप सिर्फ इसे track करके एक आइडिया लगा सकते हैं।
अब सवाल आता है कि SGX Nifty की value को कैलकुलेट किया जाता है या फिर derive किया जाता है? मतलब SGX Nifty काम कैसे करता है?
SGX Nifty को कैसे कैलकुलेट करते हैं?
जिस तरह से stock का प्राइस डिमांड और सप्लाई के आधार पर डिसाइड किया जाता है उसी तरह से SGX Nifty Contract का price भी डिमांड और सप्लाई के आधार पर ही डिसाइड किया जाता है ना कि किसी कैलकुलेशन के द्वारा।
तो अगर किसी कॉन्ट्रैक्ट की demand बहुत ज्यादा है तो sgx nifty का price higher होगा और अगर डिमांड कम है लेकिन सप्लाई जाता है तो प्राइस कम होगा।
Sgx Nifty, Foreign investor और traders के बीच एक बहुत ही पॉपुलर प्रोडक्ट है इसका मतलब है कि सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज भी इससे बहुत अच्छा पैसा कमाता है।
और यही एक तरह से सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के बीच में विवाद का कारण बना हुआ है। क्योंकि निफ्टी NSE का प्रोडक्ट है और Sgx Nifty सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज का प्रोडक्ट है तो इसीलिए इन दोनों के स्टॉक एक्सचेंज की आपस में बनती नहीं है।
Example:
2018 में एक समय ऐसा आया था जब NSE ने सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) को Real Time डेटा देने से मना कर दिया था लेकिन बाद में इस मैटर में दोनों के बीच मध्यस्थता हो गई थी।
SGX Nifty का इंडियन मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है?
SGX Nifty का इंडियन मार्केट पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि निफ्टी के same डेरिवेटिव प्रोडक्ट (Nifty Future) को ही इसमें ट्रेड किया जाता है।
जब इंडिया में मार्केट खुलता है तो उस पर कहीं ना कहीं थोड़ा बहुत impact SGX Nifty का भी होता है। क्योंकि इंडिया में क्या हो रहा है, indian economy में क्या changes हो रहे हैं, स्टॉक मार्केट में ट्रेंड कैसा चल रहा है
इन सब चीजों की वजह से दो स्टॉक मार्केट में मुसीबत आती है लेकिन Singapore Nifty भी उस पर थोड़ा बहुत असर जरूर डालती है।
तो जब भी इंडियन मार्केट खुलता है तो यह देखा जाता है कि सिंगापुर निफ्टी कहां पर चल रहा है मतलब अगर सिंगापुर निफ़्टी 50 पॉइंट ऊपर दिखा नहीं है तो समझ लीजिए कि इंडियन मार्केट भी Green में ही (Vise versa) यानी कि up trend में ही ओपन होगा.
ऐसे ही अगर SGX Nifty Negative में चल रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि इंडियन मार्केट भी डाउन में ही जाने वाला है।
Nifty और SGX Nifty में क्या अंतर है?
नीचे दिए गए कुछ पॉइंट्स को पढ़ने के बाद आपको Nifty और SGX Nifty में अंतर तो पता चल ही जाएगा साथ ही आपको SGX NIFTY के बारे में कुछ नई बातें सीखने को मिलेंगी-
- Nifty इंडिया की टॉप 50 कंपनियों का इंडेक्स है जबकि सिंगापुर निफ़्टी या SGX NIFTY सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड निफ्टी का ही एक डेरिवेटिव प्रोडक्ट है।
- इंडिया का Nifty जब सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होता है तो उसे SGX Nifty बोला जाता है।
- इंडिया में मार्केट सुबह 9:15 से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक खुलता है जबकि सिंगापुर स्टॉक मार्केट इंडिया के समय के हिसाब से सुबह 6:30 बजे से लेकर रात में 11:30 बजे तक खुलता है।
- SGX Nifty में Margin काफी Lower रहता है जबकि इंडियन Nifty में Margin काफी Higher रहता है।
- वोलैटिलिटी अगर बात करें तो यह सिंगापुर निफ्टी और इंडियन निफ्टी दोनों में एक जैसी रहती है।
- इंट्राडे जो ट्रेड होता है वह भी दोनों में काफी एक जैसा रहता है।
- अगर contract size देखा तो निफ्टी और सिंगापुर निफ्टी दोनों का अलग-अलग है। Nifty के हर Contract Lot में 75 shares होते हैं जबकि SGX NIFTY में शेयर्स के साथ कोई contract lot नहीं होता। मतलब इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में आपको कम से कम 75 शेयर्स यानी कि 1 लॉट को खरीदना ही पड़ता है जबकि सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में ऐसा कोई रिक्वायरमेंट नहीं है.
- अगर सिंगापुर निफ़्टी सुबह से पॉजिटिव ट्रेड कर रहा है तो काफी चांसेस हैं कि हमारा इंडियन मार्केट भी पॉजिटिव में ही ओपन होगा और इसी तरह अगर सिंगापुर निफ़्टी नेगेटिव में ओपन हो तो हमारा Nifty भी Negative Opening ले सकता है।
- Nifty को देखने के लिए NSE की वेबसाइट पर जाते हैं जबकि सिंगापुर निफ्टी को देखने के लिए www.sgxnifty.org की वेबसाइट पर जाते हैं। इसके अलावा आप direct सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज या फिर moneycontrol.com की वेबसाइट पर जाकर भी इसे चेक कर सकते हैं।
- बहुत सारे इंडियन ब्रोकर्स ऐसे हैं जो सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज की मेंबरशिप सिर्फ इसीलिए कर सकते हैं ताकि वो सिंगापुर एक्सचेंज के अंदर जो SGX NIFTY ट्रेड होती है उसमें अपनी पोजीशंस ले सकें। क्योंकि अगर आपको किसी स्टॉक एक्सचेंज या इंस्ट्रूमेंट के अंदर ट्रेडिंग करनी है तो आपको ब्रोकर के द्वारा ही जाना पड़ेगा।
- सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के अंदर जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग होती है उस पूरी ट्रेडिंग का 12% वॉल्यूम तो केवल NIFTY50 से ही आता है। मतलब nifty50 केवल इंडिया में ही नहीं बल्कि सिंगापुर एक्सचेंज में भी काफी ज्यादा पॉपुलर है।
- जिस तरह से हम इंडिया में निफ्टी के फ्यूचर को ट्रेड करते हैं ठीक उसी तरह सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में भी निफ्टी फ्यूचर को ट्रेड किया जाता है।
- अगर इंडिया में शेयर मार्केट बंद होने के बाद कोई ग्लोबल न्यूज़ आती है तो उसका सिंगापुर निफ़्टी पर बहुत असर पड़ता है और वही प्रभाव अगले दिन निफ्टी पर भी देखने को मिलता है।
- SGX NIFTY विदेशी निवेशकों को निफ़्टी फ्यूचर्स में निवेश करने के लिए suggest करता है।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE का मार्केट केवल 6 घंटे के लिए खुलता है जबकि सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट 16 घंटे के लिए खुलता है इसीलिए SGX, NSE से थोड़ा ज्यादा वोलेटाइल है।
- जब इंडिया में मार्केट बंद हो जाती है तब थी सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में निफ्टी फ्यूचर ट्रेड होता है तो अगर कोई बड़ा इन्वेस्टर है तो वह इंडिया में trade चल रहा है उसे सिंगापुर के मार्केट में hedge कर सकता है।
FAQ’s Related SGX Nifty in Hindi
क्या आप इंडिया में SGX Nifty को ट्रेड कर सकते हैं?
“नहीं” आप इंडिया में SGX Nifty में ट्रेड नहीं कर सकते क्योंकि इंडिया के लोग अपने किसी डेरिवेटिव को किसी और country में ट्रेड नहीं कर सकते लेकिन अगर आप इंडिया से बाहर के हैं तो आप इसमें ट्रेड कर सकते हैं।
SGX Nifty के प्राइस को कैसे चेक कर सकते हैं?
SGX Nifty के प्राइस को चेक करने के लिए एक इंटरनेशनल साइट है investing.com इस पर जाकर आप SGX Nifty प्राइस को चेक कर सकते हैं नहीं तो आप चाहे तो moneycontrol.com पर जाकर भी SGX Nifty को चेक कर सकते हैं जो कि एक इंडियन वेबसाइट है।
Sgx Nifty को क्यों बनाया गया है?
इंडिया में अगर हम लोग निफ्टी 50 में पैसा इन्वेस्ट करना चाहें तो हम NSE के जरिए कर सकते हैं लेकिन जो Foreign investors हैं उनके लिए कुछ ऐसे रूल्स और रेगुलेशंस बनाए गए हैं जिनके कारण वह डायरेक्ट NIFTY50 में पैसा नहीं लगा सकते लेकिन वह सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के जरिए nifty50 की जो कंपनियां हैं उनके शेयर्स खरीद सकते हैं और उसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं तो अगर देखा जाए तो SGX NIFTY को विदेशी निवेशकों के लिए बनाया गया है ताकि वे निफ्टी 50 के शेयर्स को खरीद सकें।
SGX निफ्टी का क्या फायदा है?
SGX Nifty को देखकर हम शेयर मार्केट ओपन होने से पहले ही मार्केट के ट्रेंड को predict कर पाते हैं चाहे वह bullish हो या bearish अगर मार्केट bullish होगा तो इंडियन मार्केट भी ग्रीन सिगनल के साथ ओपन होगा और अगर SGX bearish होगा तो इंडियन मार्केट नीचे की तरफ जाएगा। तो इससे हम मार्केट की चाल और उसकी दिशा के बारे में पहले से ही पता लगा लेते हैं। वैसे अगर देखा जाए तो SGX निफ्टी का सबसे ज्यादा फायदा विदेशी निवेशकों को ही होता है क्योंकि वह इसके जरिए nifty50 स्टॉक में आसानी से इन्वेस्ट कर सकते हैं।
FINAL WORDS
मैं आशा करता हूं कि अब आप SGX Nifty kya hai ये तो जान ही गए होंगे और इसके अलावा भी इससे जुड़ी हुई बहुत सारी चीजें आपको सीखने को मिली होगी।
दोस्तों अगर आप फ्यूचर्स और ऑप्शंस में ट्रेडिंग करते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए जरूर helpful रही होगी क्योंकि SGX Nifty भी फ्यूचर ऑप्शन में ही ट्रेड होती है ना कि इक्विटी में।
तो अगर आपको जानकारी पसंद आए तो सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें।