चाहे आप शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग करते हो या फिर ट्रेडिंग, आपको candle chart पर बनने वाली अलग-अलग प्रकार की कैंडल्स के बारे में पता होना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा टेक्निकल एनालिसिस करते समय भी candle chart को समझना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपने कैंडल्स को अच्छे से study नहीं किया तो आप कभी भी मार्केट में होने वाले बड़े उतार-चढ़ाव से मोटा प्रॉफिट नहीं कमा सकते.
साथ ही आजकल जितने भी ब्रोकर एप या Trading प्लेटफॉर्म हैं उन सभी पर आपको अधिकतर कैंडलस्टिक चार्ट ही देखने को मिलते हैं।
लेकिन अगर आप शेयर बाजार में नए है तो आपको चार्ट पर बन रही अलग-अलग प्रकार की लाल और हरी कैंडल देखकर कुछ भी समझ नहीं आता है।
आप देखते हैं कि सभी कैंडल्स का आकार अलग अलग होता है;
- कुछ candles बहुत बड़ी और लंबी होती हैं तो कुछ बहुत छोटी होती हैं।
- किसी कैंडल की wick या shadow बहुत बड़ी तो किसी की बिल्कुल ना के बराबर होती है।
- इसी प्रकार किसी कैंडल की बॉडी बहुत बड़ी तो किसी की body ना के बराबर होती है।
लेकिन आखिर stock market में चार्ट पर बनने वाली यह अलग-अलग कैंडल्स क्या बताती हैं, candles कैसे बनती हैं, इनको देखकर क्या पता चलता है और कैंडलस्टिक कितने प्रकार की होती हैं, ऐसे ही बहुत सारे सवाल आपके मन में भी जरूर होंगे।
इसीलिए आज मैं आपको विस्तार से बताने वाला हूं कि–
- शेयर मार्केट में कैंडल क्या होती है,
- कैंडल स्टिक कितने प्रकार के होते हैं,
- कैंडल चार्ट कैसे समझें,
- शेयर मार्केट चार्ट पर कैंडल कैसे बनती हैं
- और ट्रेडिंग में इन कैंडल्स का उपयोग किस प्रकार करते हैं?
तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि–
शेयर मार्केट में कैंडल क्या है? What is candle in share market in hindi
शेयर मार्केट में कैंडल किसी स्टॉक के प्राइस मूवमेंट को दर्शाती हैं। यह अलग-अलग कैंडल स्टिक चार्ट पेटर्न्स के द्वारा ट्रेडर्स को प्राइस एक्शन समझने में मदद करती हैं। साथ ही लाल और हरी कैंडल्स बताती है कि मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे। अगर बाजार बुलिश है तो हरी कैंडल और अगर बेरिश है तो लाल कैंडल बनती है।
Candlestick meaning in share market in hindi
- कैंडल्स को हिंदी में मोमबत्ती भी कहते हैं इसीलिए चार्ट पर दिखने वाली यह कैंडल्स मोमबत्ती के आकार की होती है।
- ऊपर मोमबत्ती में जो बत्ती होती है उसे कैंडल्स में vick, shadow, छाया या परछाई बोला जाता है और कैंडल का बाकी बचा हुआ हिस्सा बॉडी या शरीर कहलाता है।
- Body और wick से मिलकर ही प्रत्येक कैंडल बनती है।
कैंडलस्टिक क्या होती है?
- शेयर मार्केट में कैंडल्स को ही कैंडलस्टिक भी बोला जाता है क्योंकि यह डंडी या स्टिक के आकार की होती है।
- कैंडल के बीच वाले भाग को body और ऊपर नीचे निकली हुई स्टिक को wick कहते हैं।
- कैंडलस्टिक बुलिश या बेरिश दोनों में से एक हो सकती है।
- अगर कैंडल स्टिक हरे रंग की है तो यह प्राइस के बढ़ने का संकेत देती है और अगर लाल रंग की है तो वह प्राइस के गिरने का संकेत देती है।
कैंडलस्टिक की शुरुआत कैसे हुई थी?
साल 1850 में चावल के व्यापारियों ने जापान में चावल के मूल्यों को predict करने के लिए कैंडल्स की शुरुआत की थी।
शेयर मार्केट में चार्ट पर कैंडल कैसे बनती है?
शेयर बाजार में कैंडल दो ही चीजों से मिलकर बनती है पहला बॉडी या शरीर और दूसरा विक या परछाई। अलग-अलग प्रकार की कैंडल के बॉडी और विक अलग-अलग होते हैं।
Candle में दो विक या परछाई होती हैं;
- upper wick या upper shadow जो ऊपर की ओर होती है
- और lower wick या lower shadow जो नीचे की ओर होती है।
कैंडल कुछ इस तरह दिखती है–
आप देख सकते हैं कि कैंडल का सबसे ऊपरी हिस्सा High और सबसे निचला हिस्सा Low कहलाता है। जहां कैंडल खुलती है उसे Open कहते हैं और जहां कैंडल बंद होती है उसे Close कहते हैं।
इसके अलावा बॉडी के ऊपर और नीचे जो डंडी या विक होती है उन्हें Upper Shadow और Lower Shadow बोला जाता है।
- किसी कैंडल की बॉडी बहुत बड़ी होती है तो किसी कैंडल की परछाई (Shadow) बहुत बड़ी होती है तो कई बार इसका उल्टा भी होता है।
- अधिकतर कैंडल्स खड़े Rectangle के आकार की होती है जिसके ऊपर और नीचे छोटी-छोटी रेखाएं होती है। देखा जाए तो इनका आकार एक मोमबत्ती की तरह होता है।
प्रत्येक candle एक निश्चित समयावधि (time interval) को दिखाता है जैसे;
- 1 minute का कैंडल,
- 1 hour का कैंडल,
- 1 day candle
- या 1 week candle
अलग-अलग टाइम फ्रेम के चार्ट पर कैंडल का साइज अलग-अलग होता है। हो सकता है अगर आप किसी स्टॉक का 5 मिनट समय अंतराल का चार्ट देखेंगे तो बुलिश candle बने और उसी स्टॉक के 15 मिनट वाले चार्ट पर bearish candle बनती दिखे।
शेयर मार्केट में प्राइस के बढ़ने या घटने से ही कोई कैंडल बनती है।
Candlestick example in hindi:
मान लीजिए अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और आपने रिलायंस स्टॉक का 15 मिनट timeframe का कैंडलस्टिक चार्ट खोला हुआ है तो उस चार्ट पर आपको जितनी भी कैंडल दिखेगी, उसमें प्रत्येक candle 15 मिनट की अवधि में बनी होगी।
ठीक इसी प्रकार अगर आप 5 मिनट समयावधि का चार्ट देखते हैं तो उस पर बनी प्रत्येक कैंडल 5 मिनट की अवधि में बनी होगी।
ऐसे ही अगर आप daily timeframe वाला chart यानी 1 day समयावधि का चार्ट देखते हैं तो उस चार्ट पर दिखने वाली प्रत्येक कैंडल 1 दिन में बनी होगी मतलब हर एक कैंडल को बनने में 1 दिन लगा होगा।
इसीलिए जब आप अलग-अलग समय अवधि (1 मिनट, 5 मिनट, 15 मिनट, 1 घण्टा) का चार्ट देखते हैं तो आपको अलग-अलग कैंडल दिखाई देती हैं।
ये भी पढ़ें,
- Share Market Chart in hindi (शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझें, चार्ट की पूरी जानकारी विस्तार से)
- Chart Patterns in hindi (शेयर मार्केट में चार्ट पेटर्न कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण के साथ पूरी जानकारी)
अब आप समझ चुके होंगे कि समय बीतने के साथ-साथ चार्ट पर कैंडल बनती जाती हैं। जैसे ही एक कैंडल पूरी बन जाती है वैसे ही उसके बाद नई कैंडल बनना शुरू हो जाती है।
किसी भी कैंडल के बनने के दौरान price बहुत बार ऊपर नीचे होता है लेकिन जब फाइनल कैंडल बनकर तैयार हो जाती है तो आप उसे देख कर बता सकते हैं कि आखिर शेयर प्राइस में किस प्रकार मूवमेंट हुई थी।
लेकिन इसके लिए आपको समझना होगा कि चार्ट पर कोई कैंडल क्या- क्या बताती है तो आइए अब इसी के बारे में जानते हैं–
कैंडलस्टिक आपको क्या बताती है?
एक कैंडल अपने time interval में शेयर के 4 प्राइस को बताती है;
- Open– Opening Price
- Close– Closing Price
- High– Highest Price
- Low– Lowest Price
Time interval का मतलब है चार्ट पर कितने टाइम फ्रेम की कैंडल बनी है। अगर 5 मिनट का चार्ट है तो उसकी प्रत्येक कैंडल का time interval 5 मिनट होगा और इसी 5 minute के दौरान शेयर के प्राइस में होने वाली मूवमेंट को कैंडलस्टिक दर्शाती है।
Candle Chart Information in hindi
नीचे दी गई कैंडल की इमेज को ध्यान से देखें जिसमें आपको चार चीजें दिखाई देगी–
Opening Price
यह कैंडल का शुरुआती प्राइस बताता है मतलब जब कैंडल बनना शुरू होती है तो उसका प्रारंभिक प्राइस ही ओपनिंग प्राइस कहलाता है। मतलब अगर कोई कैंडलस्टिक 1 day टाइम इंटरवल का है तो दिन के शुरुआत में उसका जो प्राइस था वही candle का opening price होता है।
Closing Price
यह कैंडल का अंतिम प्राइस बताता है मतलब जब कैंडल बनना बंद होती है तो उसका अंतिम मूल्य ही क्लोजिंग प्राइस कहलाता है। मतलब अगर कोई कैंडलस्टिक 1 day टाइम इंटरवल का है तो दिन के खत्म होने पर उसका जो प्राइस था वही candle का closing price होता है।
Highest Price
एक कैंडल बनने के दौरान प्राइस कई बार बहुत ऊपर चला जाता है तो कई बार बहुत नीचे। लेकिन इसी समयावधि के दौरान स्टॉक का जो सबसे हाई प्राइस होता है वही कैंडल का High कहलाता है। अगर 1 day टाइम फ्रेम का चार्ट देखें तो दिन के दौरान जो शेयर का उच्चतम प्राइस था वह आपको कैंडल के high के रूप में दिख जाएगा। मतलब पूरे दिन भर में शेयर की जो सबसे ज्यादा प्राइस होती है वही 1 day candle की highest price कहलाती है।
Lowest Price
किसी कैंडल का न्यूनतम प्राइस ही उसका Low कहलाता है। अगर हम 5 मिनट का कैंडल देखे तो 5 मिनट के दौरान जो शेयर का सबसे कम प्राइस होगा वह उस 5 मिनट की कैंडल का सबसे निचला हिस्सा होगा मतलब Low होगा। मतलब पूरे दिन भर में शेयर की जो सबसे कम प्राइस होती है वही 1 day candle की lowest price कहलाती है।
तो अब आप समझ गए होंगे कि चार्ट पर दिखने वाली प्रत्येक कैंडल 4 चीजें बताती है– Open, Close, High, Low
कैंडल चार्ट क्या होता है? Share Market Candle chart in hindi
लाल और हरी कैंडल्स के द्वारा बनने वाले चार्ट को ही कैंडल चार्ट या कैंडलस्टिक चार्ट कहते हैं। फॉरेक्स मार्केट में कैंडल चार्ट सफेद और काली candles से मिलकर बनते हैं। लेकिन आजकल अधिकतर चार्ट पर आपको रेड और ग्रीन कैंडल ही दिखेगी।
- कैंडल चार्ट पर अगर लगातार हरी कैंडल बन रही है तो यह मार्केट में तेजी का संकेत है मतलब बाजार में खरीदारों या buyers की संख्या ज्यादा है।
- इसके विपरीत अगर लाल कैंडल लगातार बन रही है तो यह बाजार में गिरावट का माहौल दिखाता है मतलब मार्किट में sellers अधिक हैं
एक कैंडलस्टिक चार्ट पर आपको अलग-अलग पैटर्न बनते हुए दिखाई देते हैं जो कैंडलेस्टिक पैटर्न कहलाते हैं। प्रत्येक कैंडलस्टिक पेटर्न ट्रेडर्स को ट्रेड के अवसर उपलब्ध कराता है।
- सबसे अच्छा कैंडलस्टिक पेटर्न कौन सा है?
- कैंडलस्टिक पेटर्न कैसे समझे – (7 तरीके)
- 35 सबसे शक्तिशाली कैंडलस्टिक पेटर्न (उदाहरण के साथ)
आइए अब जानते हैं कैंडल के प्रकार (Types of candles in hindi) के बारे में–
शेयर मार्केट में कैंडल कितने प्रकार की होती हैं?
देखा जाए तो शेयर मार्केट में दो प्रकार की कैंडल होती हैं बुलिश (bullish candle) और बीयरिश (bearish candle) हरे रंग की कैंडल को बुलिश या पॉजिटिव कैंडल कहते हैं और लाल रंग की कैंडल को बीयरिश या नेगेटिव कैंडल कहते हैं।
- जो कैंडल स्टॉक या इंडेक्स (निफ्टी या बैंकनिफ्टी) के प्राइस को ऊपर ले जाने में मदद करती है वह बुलिश कैंडल होती है और वह कैंडल जो प्राइस को नीचे ले जाती है वह बीयरिश कैंडल होती है।
आपने देखा होगा कि कुछ candles होती हैं जिनके चार्ट पर बनने के बाद ही प्राइस बढ़ना शुरू हो जाता है जैसे; हैमर (hammer candle) तो यह एक बुलिश कैंडल है। और कुछ कैंडल के बनते ही प्राइस गिरना शुरू हो जाता है जैसे; शूटिंग स्टार (Shooting star candle) जोकि एक बेरिश कैंडल है।
Example of Bullish and Bearish candle in hindi
Bullish और bearish दोनों प्रकार के कैंडल्स को नीचे उदाहरण के द्वारा समझाया गया है–
Bullish candle in hindi
बुलिश या पॉजिटिव कैंडल का यह मतलब होता है कि किसी निश्चित टाइम प्रेम (1 मिनट, 5 मिनट, 1 घण्टा आदि) के दौरान शेयर की प्राइस बढ़कर close हुई है।
उदाहरण:
मान लीजिये एक 15 मिनट की कैंडल है जिसका opening price 50 रुपये, highest price 52 रुपये, lowest price 48 रुपये और closing प्राइस 51 रुपये है।
तो इस कैंडल में आप देख सकते हैं कि candle के 15 मिनट के interval में शेयर की प्राइस 50rs से शुरू हुई और इसी 15 मिनट के बीच शेयर प्राइस highest रुपये तक गई, lowest 48 रुपये तक गई और 15 मिनट के खत्म होने का शेयर की प्राइस 51 रुपये पर close हुई।
चूंकि इस candle में शेयर की opening price 50 रुपये और closing price 51 रुपये है इसका मतलब है कि शेयर की प्राइस बढ़ गई है अतः यह एक बुलिश कैंडल है।
Bearish candle in hindi
बेरिश या नेगेटिव कैंडल का यह मतलब होता है कि किसी निश्चित टाइम प्रेम (1 मिनट, 5 मिनट, 1 घण्टा आदि) के दौरान शेयर की प्राइस घटकर बन्द हुई है। यह bullish candle के बिल्कुल विपरीत होती है।
उदाहरण:
मान लीजिये एक 15 मिनट की कैंडल है जिसका opening price 50 रुपये, highest price 52 रुपये, lowest price 48 रुपये और closing प्राइस 49 रुपये है।
तो इस कैंडल में आप देख सकते हैं कि candle के 15 मिनट के interval में शेयर की प्राइस 50rs से शुरू हुई और इसी 15 मिनट के बीच शेयर प्राइस highest 52 rs तक गई, lowest 48 रुपये तक गई और 15 मिनट के खत्म होने का शेयर की प्राइस 49 रुपये पर close हुई।
चूंकि इस candle में शेयर की opening price 50 रुपये और closing price 49 रुपये है इसका मतलब है कि इस 15 मिनट के टाइम interval में शेयर की प्राइस घट गई है अतः यह एक बियरिश कैंडल है।
- बुलिश और बियरिश कैंडल में आपको यह ध्यान रखना है कि बुलिश कैंडल में प्राइस बढ़कर close होती है इसीलिए bullish candle में opening price बॉडी में नीचे और closing price बॉडी में ऊपर होती है।
- वहीं बियरिश कैंडल में प्राइस घटकर close होती है इसीलिए bearish candle में opening प्राइस बॉडी में ऊपर और closing price बॉडी में नीचे होती है।
इन दोनों तरह की (bull और bear) कैंडल के बहुत सारे types होते हैं जैसे;
बिना upper और lower shadow वाला बुलिश कैंडल:
अगर चार्ट पर ऐसा कोई कैंडल बनता है तो इसका मतलब है कि शेयर की opening price ही उसकी lowest प्राइस थी और शेयर की closing price ही इस कैंडल की highest price थी।
- ऐसे ही बहुत सारे कैंडल्स से मिलकर बने हुए चार्ट को कैंडलस्टिक चार्ट कहते हैं। मतलब एक कैंडल चार्ट अलग-अलग आकर के candles से मिलकर बना होता है।
- और किसी भी कैंडलेस्टिक चार्ट पर आप कैंडल का interval अपनी पसंद के अनुसार सिलेक्ट कर सकते हैं।
- अगर आप 5 मिनट का interval या टाइम फ्रेम सिलेक्ट करते हैं तो इसका मतलब है कि हम चार्ट पर स्टॉक प्राइस के मूवमेंट को 5 मिनट के candle के interval में देख पाएंगे।
- इसी तरह अगर हम 1 day का कैंडल चार्ट सेट करते हैं तो इसका मतलब है कि हम चार्ट में स्टॉक प्राइस के मूवमेंट को 1 दिन के candle के interval में देख पाएंगे।
अतः हर कैंडल के interval में शेयर की प्राइस अलग-अलग होती है और इसी वजह से कैंडलेस्टिक चार्ट में अलग-अलग तरह के candles बनते हैं। और यही अलग-अलग तरह के कैंडल आपस में मिलकर अलग अलग पैटर्न बनाते हैं, जिन्हें कैंडलस्टिक चार्ट पेटर्न कहते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस में हम इन्ही कैंडलस्टिक चार्ट पेटर्न को स्टडी करते हैं और शेयर प्राइस के मूवमेंट को पता करने की कोशिश करते हैं।
कैंडलस्टिक के प्रकार (Types of Candlestick in hindi)
कैंडलस्टिक के प्रकार के बारे में जानने से पहले–
याद रखिये;
- जितने भी बुलिश candlestick होते हैं वह downtrend में बनना चाहिए तभी प्राइस ऊपर जाएगा या मार्किट रिवर्स होगा। मतलब bullish candle हमेशा चार्ट के bottom (नीचे की ओर) बननी चाहिए तभी आपको वहां से प्राइस reverse होते हुए देखने को मिलेगा।
- इसी प्रकार जितने भी बियरिश candlestick होते हैं वह सभी uptrend में बनना चाहिए मतलब अगर शेयर प्राइस लगातार ऊपर की ओर जा रहा है और कोई bearish candle बन जाता है तो इसका मतलब है कि price यहां से reverse हो सकता है मतलब नीचे की ओर जा सकता है।
लेकिन अगर बुलिश या बियरिश कैंडल trend के top या bottom पर ना बनकर बीच में कहीं पर बनती है तो उसका कोई मतलब नहीं होता है।
All share market candle names in hindi–
Bull candles in hindi | Bear Candles in hindi |
---|---|
हैमर | हैंगिंग मैन |
इनवर्टेड हैमर | शूटिंग स्टार |
ड्रैगनफ्लाई डोजी | ग्रेवस्टोन डोजी |
बुलिश स्पिनिंग टॉप | बियरिश स्पिनिंग टॉप |
बुलिश मारुबोजू | बियरिश मारुबोजू |
चलिए अब हम एक-एक करके सभी bullish और bearish कैंडल के प्रकार के बारे में जान लेते हैं तो सबसे पहला कैंडल है–
1. हैमर कैंडलस्टिक
- हैमर कैंडल हथौडे के आकार की होती है इसीलिए इसे हैमर कैंडल बोलते हैं। यह हरे रंग की बुलिश कैंडल होती है।
- इस कैंडल की lower shadow का साइज बॉडी के लगभग 2 गुना से अधिक होना चाहिए तभी वह hammer candlestick होगी।
- जबकि upper shadow बहुत छोटी या ना के बराबर होती है।
अगर मार्केट डाउनट्रेंड में जा रहा था मतलब प्राइस लगातार गिर रहा था और चार्ट के bottom पर hammer कैंडल बन जाती है तो यह संकेत है कि यहां से शेयर प्राइस ऊपर जा सकता है मतलब trend रिवर्स हो सकता है।
- एक बात और आपको बता दूं कि जितनी बड़ी shadow होगी उतना ही अच्छा होगा मतलब प्राइस में movement उतनी ही ज्यादा होगी।
अब बात आती है कि अगर चार्ट पर हैमर कैंडल बनती है तो हमें शेयर में एंट्री कब लेनी चाहिए मतलब शेयर कब खरीदना चाहिए?
इसका जवाब है जब हैमर कैंडल बनने के बाद अगली कैंडल hammer के high से ऊपर close होती है केवल तभी आपको एंट्री लेना है।
और आपको entry अगली कैंडल के क्लोज पर करना चाहिए और stop loss हैमर कैंडल का low होना चाहिए।
2. हैंगिंग मैन कैंडलस्टिक
- हैमर की तरह इस कैंडल का आकार भी हथौडे की तरह होता है लेकिन यह लाल रंग की होती है।
- हैंगिंग मैन कैंडल में बाकी सभी चीजें hammer की तरह ही होती हैं बस कलर का फर्क होता है।
- यह एक बियरिश कैंडल है।
अगर मार्केट uptrend में जा रहा था मतलब प्राइस लगातार बढ़ रहा था और चार्ट के upside में hanging man कैंडल बन जाती है तो यह संकेत है कि यहां से शेयर प्राइस नीचे जा सकता है मतलब trend रिवर्स हो सकता है।
- एक बात याद रखिए– अगर यह चार्ट के top पर बनने की बजाए चार्ट के bottom पर बन गया तो फिर उसे hanging man ना मानकर hammer माना जाएगा।
क्योंकि candlestick में कलर चाहे red हो या green लेकिन अगर चार्ट के bottom पर हथौड़ी के आकार की कैंडल बनती है तो वह हैमर कैंडल होगी भले ही उसका रंग लाल ही क्यों ना हो।
लेकिन अगर chart के top पर हरे रंग की hammer कैंडल बनती है तो उसे हैमर कैंडल नहीं माना जाएगा बल्कि उसे hanging man candle माना जाएगा चाहे वह हरे रंग की ही क्यों ना हो।
मतलब कैंडल का रंग matter नही करता बल्कि कैंडल कहां पर बनती है यह चीज़ matter करती है।
3. इनवर्टेड हैमर कैंडल स्टिक
- यह कैंडल उल्टे हथौडे के आकार की bullish candle होती है।
- यह एक बुलिश कैंडल होती है इसलिए यह हमेशा चार्ट के बॉटम पर बनती है।
- जब चार्ट के bottom पर Inverted hammer बनता है तो इसका मतलब है कि उसके बनने के बाद price ऊपर जा सकता है।
4. शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक
- शूटिंग स्टार कैंडल दिखने में बिल्कुल inverted हैमर की तरह होती है।
- लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यह एक bearish candle है और यह uptrend में ऊपर की ओर बनती है
- जबकि inverted hammer डाउनट्रेंड में नीचे की तरफ बनता है।
अगर एंट्री की बात करें तो shooting star के बाद जो अगली कैंडल बनेगी उसका low आपका entry point होगा और stop loss शूटिंग स्टार को high होगा।
तो अब तक आपने देखा कि hammer और hanging man कैंडल दिखने में एक जैसी होती है और Inverted hammer और shooting star candles दिखने में एक जैसी होती है।
अंतर सिर्फ इतना है कि bullish candle downdtrend में नीचे की ओर bottom पर बनती है जबकि uptrend में ऊपर की ओर top पर बनती है।
चलिए अब बढ़ते हैं अगले कैंडल पर जिसका नाम है डोजी कैंडल–
5. डोजी कैंडल स्टिक
- डोजी कैंडल का आकार (+) के निशान की तरह होता है।
- इस कैंडल की बॉडी बहुत छोटी या बिल्कुल ना के बराबर होती है।
- डोजी कैंडल के बनने का मतलब यह है कि खरीदारों (buyers) ने स्टॉक प्राइस को ऊपर ले जाने की बहुत कोशिश करी साथ ही sellers ने भी स्टॉक प्राइस को नीचे ले जाने की उतनी ही कोशिश करी.
- जिसके कारण शेयर प्राइस उसी लेवल के आसपास आकर बंद हुआ जहां पर वह ओपन हुआ था।
- मतलब जब मार्केट में खरीदार और विक्रेता दोनों आपस में बराबरी की टक्कर में होते हैं तो आपको चार्ट पर डोजी कैंडल बनते हुए नजर आएंगे।
6. ड्रैगनफ्लाई डोजी कैंडल स्टिक
- ड्रैगनफ्लाई डोजी की shadow नीचे की ओर बहुत लंबी जबकि ऊपर की ओर इसकी बॉडी बहुत ही छोटी होती है।
- ड्रैगनफ्लाई डोजी बनने का मतलब यह है कि sellers ने price को नीचे ले जाने की बहुत कोशिश की
- लेकिन buyers ने price को नीचे नहीं जाने दिया। और अंत में स्टॉक अपने opening price के आसपास जाकर ही close हुआ।
- मतलब seller ने price नीचे धकेलने की पूरी कोशिश की लेकिन buyers ने price को पॉजिटिव में ही बंद किया मतलब मार्केट में buyers हावी थे।
चूंकि यह एक bullish candle है इसलिए यह चार्ट के bottom पर बनता है और जहां पर यह Dragonfly doji बनता है वहां से शेयर प्राइस reverse हो सकता है।
अब तक आपने अनुमान लगा लिया होगा कि नीचे Dragonfly doji बनने पर आपको एंट्री कहां पर लेनी है।
जी हां, Dragonfly doji बनने के बाद अगर अगली कैंडल इसके ऊपर close होती है तो उसका closing price आपका entry point होगा। और stop loss Dragonfly doji कैंडल का low होगा।
7. ग्रेवस्टोन डोजी कैंडल स्टिक
- ग्रेवस्टोन डोजी की shadow ऊपर की ओर बहुत लंबी जबकि नीचे की तरफ इसकी बॉडी बहुत ही छोटी होती है।
- ग्रेवस्टोन डोजी बनने का मतलब यह है कि buyers ने price को ऊपर ले जाने की बहुत कोशिश की
- लेकिन sellers ने price को ऊपर नहीं जाने दिया। और अंत में स्टॉक अपने opening price के आसपास जाकर ही close हुआ।
- मतलब buyers ने price को ऊपर धकेलने की पूरी कोशिश की लेकिन sellers ने price को negative में ही बंद किया मतलब मार्केट में sellers हावी थे।
चूंकि यह एक bearish candle है इसलिए यह चार्ट के top पर बनता है और जहां पर यह Gravestone doji बनता है वहां से शेयर प्राइस reverse हो सकता है। मतलब uptrend में जा रहा price अब downtrend में चलना शुरू हो सकता है।
आपको पता ही है कि चाहे मार्केट ऊपर या नीचे, आप दोनों ही सिचुएशन में पैसा कमा सकते हैं। तो अगर price गिरना शुरू होता है तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग में put खरीद सकते हैं जिससे प्राइस के गिरने से आपको फायदा होगा।
8. बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
- इस कैंडल की upper और lower shadow बराबर होती है
- और ये दोनों ही shadow बॉडी के 2 गुने से भी लंबी होती हैं।
- यह एक हरे रंग की बुलिश कैंडल होती है इसीलिए यह चार्ट के bottom पर बनती है।
9. बियरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक
- यह कैंडल भी बियरिश स्पिनिंग टॉप की तरह ही दिखती है।
- मतलब इस कैंडल की भी upper और lower shadow बराबर होती है और ये दोनों ही shadow बॉडी के 2 गुने से भी लंबी होती हैं।
- लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यह एक लाल रंग की बियरिश कैंडल होती है इसीलिए यह चार्ट के टॉप पर बनती है।
Upper और Lower Shadow का साइज अगर बॉडी से 3 गुना या 4 गुना बड़ा है तो और भी अच्छा मोमेंटम होने की संभावना होती है। मतलब जितनी लंबी shadow होगी, प्राइस में मूवमेंट उतना ही ज्यादा होगा।
10. बुलिश मारूबोजु कैंडल स्टिक
जापानी भाषा में मारूबोजु का मतलब होता है ताकतवर आदमी तो इन सभी कैंडलस्टिक का नाम जापानियों ने ही रखा था.
- बुलिश मारूबोजु कैंडल एक बड़ी body वाली हरी कैंडल होती है जिसकी shadow बिल्कुल ना के बराबर होती है या फिर नही होती है।
- यह हरे रंग की strong bullish candle है।
- इस प्रकार की कैंडल में प्राइस एक बार बढ़ना शुरू होता है तो उसके बाद लगाकर बढ़ता ही जाता है मतलब वापस अपने ओपन प्राइज पर नहीं आता और कहीं ऊपर जाकर क्लोज हो जाता है।
- इस candle का ओपन प्राइस ही इसका low होता है मतलब जहां पर प्राइस ओपन हुआ वहां से नीचे गया ही नहीं.
- ठीक इसी प्रकार इसका closing price ही इस candle का high होता है मतलब जहां पर प्राइस क्लोज हुआ वहां से ऊपर गया ही नहीं.
11. बियरिश मारूबोजु कैंडल स्टिक
- यह candle दिखने में बुलिश मारूबोजु कैंडल की ही तरह होती है मतलब इसकी भी body बड़ी होती है और shadow बिल्कुल ना के बराबर होती है या फिर नही होती है।
- लेकिन यह लाल रंग की strong बियरिश कैंडल है।
- इस प्रकार की कैंडल में प्राइस एक बार गिरना शुरू होता है तो उसके बाद लगाकर गिरता ही जाता है मतलब वापस अपने opening price पर नहीं आता और कहीं नीचे जाकर क्लोज हो जाता है।
- इस candle का ओपन प्राइस ही इसका high होता है मतलब जहां पर प्राइस ओपन हुआ वहां से ऊपर गया ही नहीं.
- ठीक इसी प्रकार इसका closing price ही इस candle का low होता है मतलब जहां पर प्राइस क्लोज हुआ वहां से नीचे गया ही नहीं.
Marubozu candle का मतलब है strong candle यानी कि उसकी body बड़ी होना चाहिए।
Note: अगर बिना upper और lower shadow वाली बहुत छोटी candle बनती है तो उसे Marubozu candle नहीं बोला जाएगा। या फिर अगर बड़ी कैंडल भी बनती है लेकिन उसके ऊपर नीचे shadow होती है तो भी वह Marubozu candle की कैटेगरी में नहीं आएगी।
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Share Market Candle Chart in Hindi FAQ’s
कैंडल स्टिक कितने प्रकार के होते हैं?
कैंडल स्टिक दो प्रकार की होती हैं: 1. बुलिश कैंडल जैसे; हैमर, इनवर्टेड हैमर, ड्रैगनफ्लाई डोजी, बुलिश स्पिनिंग टॉप, बुलिश मारुबोजू आदि और 2. बियरिश कैंडल जैसे; हैंगिंग मैन, शूटिंग स्टार, ग्रेवस्टोन डोजी, बियरिश स्पिनिंग टॉप, बियरिश मारुबोजू आदि।
शेयर मार्केट में कैंडल चार्ट क्या है?
शेयर बाजार में जो लाल और हरी कैंडल के द्वारा चाट बनते हैं उन्हें कैंडल चार्ट कहा जाता है। इन्हें कैंडल स्टिक चार्ट भी कहते हैं। फॉरेक्स मार्केट में यह कैंडल चार्ट रेड और ग्रीन की बजाए काली और सफेद कैंडल से मिलकर बनते हैं। जिनमें काली मोमबत्ती बुल कैंडल होती है और सफेद मोमबत्ती बियर कैंडल होती है।
शेयर मार्केट में कैंडल चार्ट कैसे सीखें?
शेयर मार्केट में कैंडल चार्ट को learn करने के लिए आपको अलग-अलग कैंडल स्टिक के बारे में जानना होगा। जब आप चार्ट पर बुल और बीयर कैंडल को पहचानना सीख ले तो ध्यान रखें कि बुल कैंडल हमेशा डाउनट्रेंड में चार्ट के बॉटम पर बनती है और बियर कैंडल हमेशा अपट्रेंड में चार्ट के टॉप पर बनती है।
कैंडलस्टिक चार्ट कैसे पढ़ते हैं?
कैंडलस्टिक चार्ट पढ़ने या समझने के लिए अलग-अलग प्रकार की बुलिश और बेरिश candlestick patterns को स्टडी करना होगा. इसके बाद आपको चार्ट पर ट्रेंड देखना चाहिए। अगर चार्ट पर लगातार हरी कैंडल बनती है तो यह मार्केट ऊपर जाने का संकेत है और लाल कैंडल बनती है तो यह मार्केट गिरने का संकेत है।
कौन सी कैंडलस्टिक खरीदने का संकेत देती है?
हरे रंग की बुलिश कैंडल शेयर खरीदने का संकेत देती है जैसे– हैमर, बुलिश हरामी, बुलिश मारुबाजू, मॉर्निंग स्टार आदि
कैंडलस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे करें?
Candle chart analysis in hindi: कैंडल चार्ट को एनालाइज करने के लिए आपको मार्किट के ट्रेंड, सपोर्ट रेजिस्टेंस, एंट्री एग्जिट टारगेट और स्टॉप लॉस को समझना पड़ता है
इस लेख में मैंने आपको candlestick basics in hindi समझाने की कोशिश की है जिसमें आपने जाना कि शेयर मार्केट कैंडल क्या होती हैं, कैंडल स्टिक कितने प्रकार के होते हैं, कैंडल चार्ट क्या हैं, साथ ही बुल और बियर कैंडल कौन-कौन सी हैं?
मेरा हमेशा से प्रयास रहता है कि अपने रीडर्स को प्रत्येक टॉपिक से संबंधित पूरी जानकारी विस्तार से दी जाए. मैं उम्मीद करता हूं आपको candle chart study के बारे में यह पोस्ट उपयोगी लगी होगी.
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