जानिए शेयर मार्केट कैसे काम करता है? | How does stock market works in hindi | शेयर बाजार में निफ्टी और सेंसेक्स कैसे काम करते हैं | आईपीओ, स्टॉक एक्सचेंज, सेबी, बुल, बियर आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारी हिंदी में।
अब तक शेयर बाजार के बारे में तो आप बहुत कुछ सुन चुके होंगे क्योंकि रोजाना अखबारों में, tv या न्यूज़ चैनल पर सेंसेक्स निफ्टी के उतार-चढ़ाव की खबरें चलती रहती है, ब्रोकरेज हाउस और कई सारे एक्सपर्ट आपको हर रोज अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदने और बेचने की सलाह देते रहते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भारत में share market kaam kaise karta hai?
इसके बारे में जाने से पहले यह अवश्य पढ़ लेना चाहिए चाहिए कि:
- शेयर मार्केट क्या है? शेयर बाजार की पूरी जानकारी विस्तार से.
- शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?
आज आप विस्तार से जानेंगे कि―
- आखिर शेयर मार्केट को कौन चलाता है?
- क्यों छोटी मोटी बातों पर किसी भी शेयर का भाव ऊपर चढ़ जाता है या नीचे गिर जाता है जिससे निवेशकों का उस शेयर में लगाया हुआ पैसा या तो डूब जाता है या फिर अचानक बढ़ जाता है?
- क्यों भारत में हर साल का बजट पेश होते ही सेंसेक्स या निफ़्टी में भारी गिरावट या तेजी उछाल देखी जाती है?
- बजट पेश होने के बाद जब शेयर मार्केट गिरता है तो ऐसा क्यों बोला जाता है कि उस साल का बजट बाजार को पसंद नहीं आया है इसीलिए पूरा शेयर मार्केट धड़ाम से नीचे गिर गया.
तो अगर आपने भी शेयर मार्केट में पैसा निवेश किया हुआ है या फिर करना चाहते हैं तो आपके लिए स्टॉक मार्केट काम कैसे करता है (how stock market works in hindi) यह समझना बेहद जरुरी है.
आइए समझते हैं कि―
शेयर मार्केट कैसे काम करता है? How stock market works in hindi?
“भारत में स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार मांग और पूर्ति यानी डिमांड और सप्लाई के नियम पर काम करता है. शेयर मार्केट में निवेशक BSE या NSE स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा शेयर को खरीदता और बेचता है. सेंसेक्स और निफ्टी इंडिया की टॉप कंपनियों के प्रदर्शन को दिखाने का काम करते हैं।”
शेयर बाजार छोटी बड़ी कंपनियों को मौका देता है कि वह आप और हम जैसे लोगों से पैसा जुटा सके और अपने बिजनेस को बड़ा कर सकें जिसके बदले में कंपनियां आपको अपने शेयर देंगी.
- आसान शब्दों में कहे तो, आप शेयर मार्केट को एक ऐसा बाजार समझिये जहां से आप भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में हिस्सेदार (shareholder) बन सकते हैं उनके शेयर खरीद कर.
जी हां, आप रिलायंस, इंफोसिस, टीसीएस जैसी जानी मानी कंपनियों खरीद कर पैसा लगा सकते हैं और जब कंपनियां मुनाफा करेंगे तो शेयर का भाव बढ़ेगा और आपको भी प्रॉफिट होगा.
लेकिन आखिर;
शेयर कैसे खरीदते और बेचते हैं? (How to buy and sell shares?)
मान लीजिए आप मुकेश अंबानी जी की कंपनी रिलायंस के शेयर खरीदना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा जो आप किसी भी ब्रोकर app के द्वारा फ्री में खोल सकते हैं जैसे― upstox, zerodha, एंजल ब्रोकिंग आदि.
- डिमैट अकाउंट खोलने के बाद आपको अपनी ब्रोकर ऐप में लॉग इन करना है और पैसे add करना है.
- अब आप जिस शेयर को खरीदना चाहते हैं उस शेयर का नाम यानी ‘Reliance‘ सर्च करना है.
- अब आपको शेयर का प्राइस दिख जाएगा और Buy इस Sell के बटन भी दिख जाएंगे.
- इसके बाद आपको कितने शेयर खरीदना है लिख दीजिये और buy बटन पर क्लिक कीजिए आपका शेयर आपके पोर्टफोलियो में जुड़ जाएगा.
जब आप अपने पोर्टफोलियो में शेयर्स देखेंगे तो उसकी कीमत कम या ज्यादा होते हुए दिखाई देगी जब शेयर का दाम बढ़ जाए तो आप इसे बेच दीजिये और मुनाफा कमा लीजिए.
उदाहरण के लिए―
मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 50 शेयर खरीदे जिसके एक शेयर की कीमत ₹100 थी
मतलब आपका टोटल इन्वेस्टमेंट हुआ 5000 रुपये.
कुछ दिनों बाद जब शेयर का मूल्य बढ़कर बढ़कर ₹150 हो गया तो आपने उसी समय आपने वो खरीदे गए पूरे 50 शेयर बेच दिया जो 150 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 7500 रुपये के बिके
और क्योंकि आपने इन्वेस्टमेंट ₹5000 की थी इसलिए आप का मुनाफा ₹1500 हुआ.
लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है जितना सुनने में लगता है इसके लिए मैं आपको नीचे दी गई सभी पोस्ट पढ़ने की सलाह देता हूं―
- शेयर खरीदने से पहले क्या-क्या देखना चाहिए?
- शेयर कब खरीदना और बेचना चाहिए?
- शेयर मार्केट में पैसा कब लगाना चाहिए?
- शेयर मार्केट में निवेश करते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए? (15+ tips)
- शेयर की इंटरिंसिक वैल्यू क्या होती है?
- शेयर की कीमतें कैसे घटती या बढ़ती हैं?
- किस कंपनी के शेयर खरीदे? 5 आसान तरीके पता करने के
- (7 तरीके) अच्छे शेयर का चुनाव कैसे करें?
शेयर मार्केट को कौन चलाता है?
शेयर मार्केट को चलाने में स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर्स, खरीदार और विक्रेता इन सब का प्रमुख योगदान होता है. लेकिन इसके अलावा जो शेयर बाजार के पूरे हाल-चाल पर नजर रखता है और किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर सजा देता है उसका नाम है SEBI यानी सिक्योरिटी ऑफ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया.
देखा जाए तो SEBI ही शेयर मार्केट को चलाता है. क्योंकि जिसने सेबी के नियमों का पालन नहीं किया वह शेयर बाजार में काम नहीं कर सकता है चाहे वह कोई कंपनी हो निवेशक हो या ब्रोकर हो या फिर स्वयं स्टॉक एक्सचेंज ही क्यों ना हो.
इन सभी को सेबी की बात माननी पड़ती है. मतलब सेबी शेयर बाजार के राजा (Regulator) के रूप में काम करता है जिसका नियम सर्वोपरि होता है और सरकार के द्वारा यह संस्था शेयर बाजार में हो रहे गलत कामों को रोकने और सही नियम बनाने के लिए बनाई गई है।
पुराने जमाने में शेयर बाजार कैसे काम करता था?
आजकल तो आप और हम एक ही क्लिक में शेयर को खरीद और बेच सकते हैं लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं होता था. उस समय शेयर को खरीदने और बेचने के लिए आपको खुद स्टॉक एक्सचेंज जाना पड़ता था जो मुंबई में था.
अब आप खुद सोच कर देखिए कि अगर आज आपको शेयर खरीदना है और अगर आपको भी स्टॉक एक्सचेंज जाना पड़े तो कैसा लगेगा? लेकिन उस समय शेयर मार्केट कैसे काम करता होगा जब ना तो कोई ब्रोकर ऐप थी और ना ही कंपनियों की जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध थी.
ऐसे मैं आपको थोड़ा बहुत अवश्य पता होना चाहिए कि आखिर;
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है? (How stock exchange works in hindi?)
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE. यह दोनों एशिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में गिने जाते हैं. BSE स्टॉक एक्सचेंज पुराना है जिस पर ब्रोकर्स ने 1875 से ट्रेडिंग करना चालू कर दिया था. लेकिन बाद में जब यह स्टॉक एक्सचेंज पॉपुलर होने लगा और यहीं से इंडिया में शेयर मार्केट की शुरुआत हो गई और लोग कंपनियों के शेयर खरीदने बेचने लगे और धीरे-धीरे भारत में स्टॉक मार्केट पॉपुलर होने लगा.
अब सरकार ने भी सोचा कि एक सरकारी स्टॉक एक्सचेंज भी होना चाहिए इसीलिए फिर देश की सरकार ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE बनाया जिस पर आज देश के अधिकतर लोग ट्रेडिंग करते हैं. वैसे तो इन दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर का भाव एक जैसा ही रहता है लेकिन कुछ पैसे का अंतर होता है. एक तरह से आप इन दोनों (NSE और BSE) को एक सब्जी मंडी समझ सकते हैं जिसमें एक ही सब्जी का दाम अलग-अलग होता है लेकिन उनमें ज्यादा फर्क नहीं होता है.
अगर आपने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की तस्वीर देखी होगी तो आपको ऊपर एक पट्टी दिखेगी जिसमें कुछ लाल और हरे रंग के नंबर स्क्रीन पर स्क्रॉल होते नजर आएंगे.
ये वही नंबर हैं जो अलग-अलग कंपनियों के भाव को दर्शाते हैं जिनमें मुख्यतः सेंसेक्स और निफ्टी की कंपनियां आती हैं.
अब आइए थोड़ा बहुत निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में भी जान लेते हैं―
निफ़्टी और सेंसेक्स कैसे काम करता है? (How sensex and nifty works in hindi?)
शेयर मार्केट में निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स यानी सूचकांक है जो भारत की सबसे बड़ी कंपनियों की स्थिति को दर्शाते हैं. एक तरह से निफ्टी और सेंसेक्स बाजार के इंडिकेटर की तरह काम करते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को कुछ पॉइंट्स के जरिए बताने का काम करते हैं.
इसीलिए जब सेंसेक्स कई पॉइंट ऊपर चढ़ जाता है तो कंपनियों को भारी मुनाफा होता है और जब सेंसेक्स कुछ पॉइंट गिर कर नीचे आ जाता है तो कंपनियों को नुकसान होता है.
- सेंसेक्स देश की 30 सबसे बड़ी कंपनियों का इंडेक्स होता है जबकि निफ्टी देश के टॉप 50 सबसे बड़ी कंपनियों का इंडेक्स होता है. जब सेंसेक्स बना था तो इसकी वैल्यू 100 point थी जो आज बढ़कर 55000 से ज्यादा हो चुकी है.
पिछले 20 सालों में सेंसेक्स और निफ्टी में बहुत सारे भारी गिरावट और बड़ी उछाल देखी गई है. उदाहरण के लिए 2008 का फाइनेंशियल क्राइसिस जिसमें सेंसेक्स तकरीबन 60% गिर चुका था
और 2020 के कोरोना के दौरान भी गिरावट 30- 40% तक हो गई थी
ऐसे में कुछ निवेशक तो बर्बाद हो गए, बहुत सारे लोगों का पैसा डूब गया और जब शेयर मार्केट ने रिकवर किया तो लोग पैसा छाप कर मालामाल भी बन गए.
लेकिन इन सब मार्केट क्रैश के बीच जिसने समझदारी से निवेश किया उसने तो बहुत पैसा कमाया और अपने पैसे को कई गुना मल्टीप्लाई किया लेकिन कुछ लोग थे जिन्होंने जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कुछ सस्ती और घटिया कंपनी के शेयर (पेनी स्टॉक) खरीद लिए और कंगाल हो गए.
जबकि अगर आप समझदारी से निवेश करते तो आप अपने उसी पैसे को कई गुना कर सकते थे. Warren Buffet जो दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर हैं और उन्होंने अपना पूरा पैसा शेयर मार्केट में निवेश करके ही कमाया है और वो अपनी सफलता का क्रेडिट एक ही किताब को देते हैं जिसका नाम है “द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर”.
वो कहते हैं कि― इस किताब ने मेरी जिंदगी बदल दी और अगर शेयर मार्केट की दुनिया में सफल होना है तो हर एक निवेशक को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।
दोस्तों अगर आप भी इस किताब को हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो अभी नीचे दिए गए लिंक या इमेज पर क्लिक करके बुक को डाउनलोड कीजिए और एक सफल निवेशक बनने के रास्ते पर चल पड़िये.
शेयर बाजार में बुल और बियर कैसे काम करते हैं?
Bull और Bear का कांसेप्ट शेयर बाजार में काफी पुराना है. जब शेयर मार्केट ऊपर जाता है तो बोला जाता है कि bull run शुरू हो गई है और जब मार्केट गिरता है तो इसे bear run बोला जाता है.
उदाहरण के लिए― जब 2020 में हमारे देश में लॉकडाउन का अनाउंसमेंट हुआ था तो चारों तरफ नेगेटिव फैल गई थी और शेयर मार्केट धड़ाम से नीचे गिर गया और लगातार नीचे ही जा रहा था उस समय पर उसे bear market बोला जा रहा था. और जब कोरोना खत्म होने लगा तो इकॉनमी में सुधार आने लगा और bull market स्टार्ट हो गया यानी कि बाजार चढ़ना शुरु हो गया।
जो लोग शेयर बाजार को ऊपर चढ़ाते हैं मतलब खरीदारी करते हैं उन्हें bull बोला जाता है और जो लोग बिकवाली करते हैं उन्हें bear बोला जाता है।
- आपको पता होना चाहिए कि इंडिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला को बिग बुल (big bull) भी बोला जाता है क्योंकि जब वह किसी शेयर को खरीदते हैं तो मार्केट भी उसी शेयर में पैसा लगाने लगता है और इस तरह उस शेयर का प्राइस बढ़ने लगता है.
आशा करता हूं आप bull और bear को समझ गए होंगे अब समझते हैं कि―
शेयर मार्केट में आईपीओ क्या होता है और ये कैसे काम करता है?
How ipo works in stock market in hindi―
जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में लिस्टेड होती है तो इसे आईपीओ (initial public offer यानी IPO) बोला जाता है.
उदाहरण के लिए― मान लीजिए कोई XYZ कंपनी है जिसे अपना व्यापार बढ़ाने के लिए 10 लाख रुपए की जरूरत है. अब उसके पास पैसा जुटाने के दो रास्ते हैं या तो वह बैंक से ब्याज पर लोन ले ले या फिर अपने परिवार दोस्त या रिश्तेदार से पैसा उधार ले ले.
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ना तो आपको बैंक लोन देता है और आपके दोस्त और रिश्तेदार भी मना कर देते हैं ऐसे में आपके पास कोई रास्ता नहीं बचता है.
लेकिन एक रास्ता है कि आप शेयर बाजार में अपनी कंपनी के शेयर लोगों में बांट दें और पैसा जुटा लें. इसके लिए आपको कुछ कागजी डॉक्यूमेंट की भरपाई करनी पड़ती है और अपनी कंपनी की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज और SEBI को देनी पड़ती है. जब आपको सेबी के द्वारा अप्रूवल मिल जाता है तो आपने जिस कीमत पर अपने शेयर की वैल्यू लगाई होती है उस कीमत पर लोग उसे खरीदने लगते हैं और जब आपके पूरे शेयर बिक जाते हैं तो पैसा आपके पास आ जाता है और आपकी कंपनी शेयर बाजार में list हो जाती है.
इस प्रकार कोई भी कंपनी शेयर मार्केट से 10 लाख रुपए या जितने पैसे की उसे जरूरत हो उतना पैसा इकट्ठा कर सकती हैं. फिर जैसे-जैसे कंपनी मुनाफा करती है तो उसके शेयर का प्राइस भी बढ़ता जाता है और जिन लोगों ने उस कंपनी के शेयर में पैसा लगाया होता है उनका पैसा भी बढ़ता जाता है.
शेयर मार्केट में लोग नुकसान कैसे करते हैं?
कुछ लोग होते हैं जिनको शेयर मार्केट की बेसिक नॉलेज ही नहीं होती और शेयर बाजार में कूद पड़ते हैं पैसा लगाने के लिए. किसी के भी कहने पर किसी भी शेयर में पैसा लगा देते हैं. उनको दिखाया जाता है कि उस शेयर का प्राइस बढ़ रहा है और बस वह शेयर का प्राइस चार्ट देखकर उसे खरीद लेते हैं. लेकिन कुछ समय बाद जब वह शेयर गिरना चालू होता है तो आपका पूरा पैसा डूब जाता है.
शेयर बाजार में लोगों को नुकसान इसलिए होता है क्योंकि―
- आपको शेयर बाजार के बेसिक नियम ही नहीं पता है.
- कंपनी पर बिना रिसर्च किए उसमें पैसा लगा देना.
- कंपनी का बिजनेस मॉडल ही नहीं पता होना.
- कंपनी के बिजनेस की बजाए शेयर का प्राइस देखकर पैसा लगाना।
- सिर्फ सस्ते शेयर खरीदने के चक्कर में पैसा लगाना।
- लोगों से टिप्स लेकर पैसा लगाना.
- धीरज ना होना मतलब कुछ लोग सोचते हैं कि
- सिर्फ 10 दिन में पैसा डबल हो जाए इसलिए नुकसान करते हैं।
कुछ लोगों के साथ तो ऐसा होता है कि वह शेयर खरीद तो लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद वह उसे बेच नहीं पाते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस शेयर में सर्किट लग जाते हैं. अब आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में अपर सर्किट और लोअर सर्किट क्या होते हैं क्योंकि कुछ लोगों को तो इसके बारे में ही जानकारी नहीं होती है फिर भी बाजार में पैसा लगाने के लिए आ जाते हैं.
आपके मन में सवाल आना चाहिए कि―
क्या होगा अगर शेयर बेचने वाले तो हो लेकिन शेयर खरीदने वाले नहीं?
ऐसा ज्यादातर छोटी कंपनियों के साथ होता है जिनकी मार्केट कैप बहुत कम होती है मतलब micro cap या small cap कंपनियों के शेयर जिनमें लिक्विडिटी बहुत कम होती है ऐसे स्टॉक्स को illiquid stocks बोलते हैं.
मान लीजिए कोई कंपनी बहुत छोटी है जो शेयर बाजार में लिस्टेड है. अब उस कंपनी से संबंधित कोई अच्छी खबर आ गई तो लोग उसके शेयर खरीदने लगते हैं लेकिन जब कंपनी में कोई फ्रॉड होता है या फिर कोई गड़बड़ होती है तो लोग और कंपनी के शेयर बेचने लगते हैं और ज्यादा लिक्विडिटी ना होने की वजह से लगभग सभी लोग शेयर बेचने लगते हैं जिससे विक्रेता यानी sellers बहुत ज्यादा हो जाते हैं और buyers बहुत कम.
ऐसी situation में शेयरों में lower circuit लग जाते हैं जो 5% से लेकर 20% के हो सकते हैं.
ठीक इसी तरह जब किसी छोटी कंपनी के शेयर को अचानक से सभी लोग खरीदने लगते हैं तो उसमें upper circuit लग जाता है और कुछ टाइम के लिए ट्रेडिंग बंद हो जाती है।
आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में 90% लोग सिर्फ पैसा गंवाते हैं जिसका मुख्य कारण होता है―बिना जानकारी के निवेश करना. इसीलिए शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले आपको शेयर बाजार की बेसिक चीजें सीखना पड़ता है जैसे शेयर के भाव कैसे ऊपर नीचे होते हैं आपको यह पता होना चाहिए।
हर साल निफ़्टी और सेंसेक्स क्यों बढ़ते हैं? (Why sensex and nifty go up every year?)
अगर आप निफ्टी या सेंसेक्स का पिछले 20 साल का चार्ट देखें तो यह लगातार बढ़ रहा है.
ऐसे में आपके मन में एक सवाल जरूर आता होगा कि क्या निफ्टी और सेंसेक्स भविष्य में भी लगातार ऐसे ही बढ़ते रहेंगे?
सबसे पहला सवाल तो यह है कि आखिर यह निफ्टी और सेंसेक्स क्यों बढ़ते हैं?
तो देखिए short term में निफ्टी और सेंसेक्स भले ही काफी ऊपर नीचे हो रहे होते हैं लेकिन Long term में यह ऊपर ही जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब देश की इकॉनमी बढ़ती है तो शेयर मार्केट भी बढ़ता है।
देश की इकॉनमी का शेयर मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है?
आपको पता होगा कि हर साल देश में महंगाई बढ़ रही है नई नई कंपनियां खुल रही है, नई नई टेक्नोलॉजी आ रही है. हाईवे, मेट्रो, अस्पताल आदि की सुविधाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है जिसका मतलब यह है कि देश की अर्थव्यवस्था सुधार रही है. और जब देश आगे बढ़ता है तो उस देश का शेयर मार्केट भी बढ़ता है।
इंडिया जो कि एक developing country है जो लगातार तरक्की के मार्ग पर है इसीलिए निवेश के नए नए रास्ते खुल रहे हैं और लोग लगातार शेयर बाजार में पार्टिसिपेट कर रहे हैं. पहले लोग सिर्फ गोल्ड और FD तक ही सीमित थे. लेकिन अब लोग stocks, bond और म्युचुअल फंड में भी पैसा लगा रहे हैं. इन सब का शेयर मार्केट पर बहुत गहरा असर पड़ता है.
FAQs releted share market kaise kaam karta hai
वास्तव में शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है?
शेयर मार्केट में रोजाना करोड़ों रुपए की खरीदारी और बिकवाली होती है. लाखों लोग हर रोज पैसा लगाते हैं जिसमें से कुछ लोग पैसा कमाते हैं तो कुछ लोग गवाते हैं. ऐसा ही हर रोज चलता रहता है और इस प्रकार स्टॉक मार्केट निरंतर काम करता रहता है।
शेयर का भाव ऊपर नीचे कैसे होता है?
किसी भी शेयर का भाव उसकी मांग और पूर्ति के आधार पर कम या ज्यादा होता है. अगर कोई इलेक्ट्रिसिटी कंपनी है और देश में पावर की डिमांड पड़ती है तो उस कंपनी के शेयर की डिमांड भी बढ़ जाती है इस प्रकार उस कंपनी के शेयर का भाव बढ़ जाता है और जब डिमांड कम हो जाती है तो भाव घट जाता है।
सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?
शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी या गिरावट होती रहती है. जब कोई अच्छी खबर आती है तो सेंसेक्स ऊपर और नेगेटिव खबर आने पर सेंसेक्स नीचे. इस प्रकार सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव होना आम बात है।
शेयर मार्केट को कौन ऑपरेट करता है?
शेयर बाजार को SEBI ही operate करता है मतलब चलाता है. लेकिन कुछ लोग हैं जो ऑपरेटर बनकर किसी भी शेयर का भाव अचानक से बढ़ा देते हैं या गिरा देते हैं. इसीलिए आपको शेयर बाजार के ऐसे ऑपरेटर लोगों से बचकर रहना चाहिए।
उम्मीद करता हूं अब आप समझ चुके होंगे कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है? (How stock market works in hindi) इस पोस्ट में मैंने शेयर मार्केट के काम करने से जुड़ी जानकारी विस्तार से देने की कोशिश की है. साथ ही मैंने निफ्टी और सेंसेक्स, स्टॉक एक्सचेंज और आईपीओ के बारे में अभी सरल तरीके से समझाने की कोशिश की है.
- शेयर बाजार में शुरुआत कैसे करें?
- शेयर मार्केट कैसे सीखे? How to learn share market in hindi
- शेयर मार्केट में नुकसान होने के 15 बड़े कारण
- शेयर मार्केट के बारे में 10 झूठी बातें जो आपको पता होना चाहिए?
अगर आपका शेयर मार्केट से संबंधित कोई सवाल है तो कमेंट करके अवश्य पूछिए और शेयर मार्केट के बारे में सीखते रहने के लिए इस ब्लॉग की अन्य पोस्ट जरूर पढ़ें।
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