आज मैं आपको शेयर बाजार के बारे में 10 ऐसे झूठ (myths) बताऊंगा जो अक्सर हमें सुनने को मिलते हैं. जब आप पहली बार शेयर बाजार में कदम रखते हैं तो मार्केट के बारे में बहुत सारी ऐसी झूठी अफवाह होती हैं जो आपको सुनाई जाती है.
ऐसे झूठ को फैलाने के पीछे का मकसद होता है आपसे या फिर ऐसे ही नए लोगों से पैसे वसूलना जो stock market में अभी बिल्कुल नए हैं. और इसी बात का फायदा उठाकर बहुत सारे एक्सपीरियंस लोग जो शेयर मार्केट में काफी समय से काम कर रहे हैं वह आपसे बहुत सारे झूठे वादे करते हैं और उनमें सिर्फ और सिर्फ उनका फायदा होता है.
और इसमें फंस जाते हैं आप और हम जैसे छोटे रिटेल निवेशक…
दोस्तों इंडिया में न जाने कितने ऐसे लोग हैं जो शेयर बाजार में बहुत बड़े-बड़े सपने लेकर आते हैं और बहुत सारा पैसा कमाने का ख्वाब देखते हैं क्योंकि दूर से हमें ऐसा ही दिखाया जाता है.
लेकिन जब आप शेयर मार्केट में अपना पैसा गवा देते हैं तब आपको पता चलता है कि काश इस बात के बारे में मुझे पहले पता होता तो मैं ऐसी गलती करने से बच जाता.😐
दोस्तों कुछ लोग तो ऐसे हैं जो loan यानी कर्ज लेकर भी शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं सिर्फ इसी आशा में की उसे पैसे को वह मार्केट में invest करके उसे पर कई गुना रिटर्न कमा लेंगे और फिर अपना लोन चुका देंगे, लेकिन दुर्भाग्यबस होता इसका उल्टा ही है मतलब उनका लोन लिया हुआ पैसा भी डूब जाता है.
जी हां, SEBI (ऐसी संस्था जो शेयर बाजार को कंट्रोल करती है) का कहना है कि शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले 10 में से 9 लोग यानी 90% लोग Loss करते हैं.
जी हां यह एक Fact है…
तो अगर आप share market investing या trading में नए हैं तो आज मैं आपको शेयर बाजार के ऐसे 10 झूठ बताने वाला हूं जो आपको जरूर पता होना चाहिए.
शेयर बाजार की 10 झूठी बातें (Share Market myths in Hindi)
चलिए सभी पॉइंट को एक-एक करके जान लेते हैं–
1. शेयर मार्केट किस्मत का खेल है
पूरे इंडिया में अगर शेयर मार्केट के बारे में सबसे बड़ा कोई झूठ है तो वो यह है कि शेयर बाजार जुआ है या फिर किस्मत का खेल है. मतलब यहां पर सिर्फ वही लोग पैसा कमा पाते हैं जिनकी किस्मत अच्छी होती है या फिर जिनके पास ज्यादा पैसा होता है. ऐसी बातें हमें अक्सर सुनने को मिलती है.
लेकिन यह बात बिल्कुल झूठ है क्योंकि शेयर बाजार में जितने भी लोग आज तक सफल हुए हैं या फिर जिन्होंने मार्केट में investment करके बहुत सारा पैसा कमाया है.
उदाहरण के लिए– चाहे वह दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर warren buttett हों या फिर हमारे इंडिया के राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल या राधाकृष्ण दमानी हों.
इन सभी लोगों ने पैसा इसलिए नहीं कमाया क्योंकि उनकी किस्मत अच्छी थी बल्कि इसलिए कमाया क्योंकि इन्होंने शेयर मार्केट के basic फंडामेंटल्स को बारीकी से समझा जैसे–
- शेयर मार्केट कैसे काम करता है?
- शेयर खरीदने से पहले क्या चेक करना चाहिए?
- शेयर की इंट्रिसिक वैल्यू क्या होती है?
- शेयर की कीमत कैसे घटती या बढ़ती है?
- PE Ratio क्या है और कैसे जाने शेयर महंगा है या सस्ता?
- EPS क्या है और कितना होना चाहिए?
ये सभी चीजें फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर आती है.
और इनके अलावा भी बहुत सारी ऐसी चीज हैं जो आपको शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले पता होना चाहिए.
लेकिन जो लोग शेयर बाजार को जुआ समझते हैं उनको
- न तो फंडामेंटल रिसर्च का ज्ञान होता है,
- न तो उन्हें कंपनी का बिजनेस मॉडल पता होता है,
- न तो कंपनी की वह बैलेंस शीट कैश फ्लो स्टेटमेंट आदि पढ़ते हैं,
- और ना ही उन्हें कंपनी के रेवेन्यू, प्रॉफिट, ग्रोथ आदि से कोई मतलब होता है,
सीधी सी बात है जो लोग शेयर बाजार को किस्मत का खेल समझते हैं वह ऐसे लोग होते हैं जो सिर्फ किसी शेयर का प्राइस बढ़ता 📈 हुआ देखकर उसमें पैसा लगा देते हैं और जब वह शेयर अचानक से नीचे 📉 आ जाता है तो वह लॉस में उसे बेच देते हैं
कई बार तो लोग ऐसे shares में फंस जाते हैं जिनमें हमेशा सर्किट लगाते रहते हैं ये कुछ ऐसी कंपनियां है जो बहुत ही छोटी होती हैं जिन्हें कुछ ऑपरेटर ही चलाते रहते हैं.
और इन ऑपरेटर्स लोगों का काम होता है नए लोगों से उस शेयर में किसी भी तरह पैसा इन्वेस्ट करवाना ताकि उसका शेयर प्राइस बढ़ जाए और जब शेयर प्राइस बढ़ जाता है तो वही ऑपरेटर अपना पूरा पैसा निकाल कर उसे शेयर से बाहर निकल जाते हैं और वह शेयर crash हो जाता है जिसमें नए लोग फंस जाते हैं।
और ऐसे ही लोगों से बचने के लिए और शेयर बाजार की सही नॉलेज देने के लिए मैंने यह ब्लॉग बनाया है.👍
तो अगर आप शेयर खरीदते हैं या फिर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करते हैं तो आपको फंडामेंटल एनालिसिस सीखना चाहिए लेकिन अगर आप शेयर बाजार में कम समय में ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना होगा जिसके अंतर्गत यह सभी चीज आती हैं जैसे–
- स्टॉक का चार्ट देखना
- चार्ट पैटर्न को देखकर ट्रेड करना
- कैंडलस्टिक को समझना
- कैंडलस्टिक पेटर्न के प्रकार
- स्टॉप लॉस
- सपोर्ट और रेजिस्टेंस
- ऑप्शन चेन का एनालिसिस करना
- ऑप्शन ग्रीक्स को समझना आदि.
तो अगर आप long term investing की बजाए short term में ट्रेडिंग से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको ऊपर दी गई चीजें सीखना चाहिए।
यह बात सच है शेयर बाजार में बहुत पैसा है लेकिन उसे कमाने के लिए आपको पहले stock market को सीखना होगा.
चलिए अब पढ़ते हैं दूसरे पॉइंट की ओर–
2. शेयर बाजार की भविष्यवाणी कर सकते हैं
यह दूसरा झूठ है जो आपको बताया जाता है. आप एक बात समझ लें कि शेयर मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे, इसका 100% कोई पता नहीं लगा सकता क्योंकि शेयर बाजार छोटी-छोटी बातों से ऊपर नीचे होता है और मार्केट में कभी भी कुछ भी हो सकता है.
मतलब चाहे कोई कितना भी बड़ा एक्सपर्ट क्यों ना हो वह शेयर मार्केट की सिर्फ प्रेडिक्शन कर सकता है यानी up या down जाने की कोई गारंटी नहीं दे सकता.
लेकिन हां यह बात सच है कि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा बाजार में कल क्या होगा इसका कुछ हद तक सही-सही अंदाजा लगाया जा सकता है जोकि रिसर्च पर आधारित होता है
आपको बता दें कि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा 90% पता लग जाता है कि शेयर मार्केट अगले दिन कैसा रहेगा इसके बारे में जानने के लिए आप नीचे दिए पोस्ट पढ़ सकते हैं–
शेयर मार्केट का अगला झूठ है–
3. एक्सपर्ट की एडवाइस लेकर निवेश करने से प्रॉफिट होता है
नए लोगों को अक्सर एक्सपर्ट की एडवाइस लेकर शेयर खरीदने की सलाह दी जाती है लेकिन क्या एक्सपर्ट लोग हर बार सही होते हैं जवाब है– ‘नहीं‘
बहुत सारे लोग तो ऐसे हैं जो खुद को शेयर मार्केट का एक्सपर्ट बताते हैं जबकि वह खुद भी बाजार में नए ही होते हैं और पीछे से वह खुद भी लॉस कर रहे होते हैं.
तो ऐसे में आखिर किस पर भरोसा किया जाए?
सबसे अच्छा तरीका है खुद से एनालिसिस करना.
इसके अलावा अगर आप कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और ना ही आपके पास अभी सीखने के लिए ज्यादा समय है तो आप म्युचुअल फंड या SIP में इन्वेस्टमेंट करके भी शुरुआत कर सकते हैं।
अगला Myth है–
4. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग से पैसा डबल होता है
शेयर बाजार में ट्रेडिंग से पैसा डबल करने के बारे में तो हर कोई बात करता है लेकिन आपसे यह छुपाया जाता है कि trading में जितने लोगों ने अपना पैसा डबल किया है उससे 10 गुना ज्यादा लोगों ने जितना पैसा था वह भी गंवा दिया है.
आपको एक बात और बता दूं कि– ट्रेडिंग से पैसा डबल करना कोई हंसी मजाक नहीं है क्योंकि अगर ऐसा होता तो टाटा और अंबानी जैसे बिजनेसमैन यही कर रहे होते क्योंकि उनके पास तो सबसे ज्यादा पैसा और सबसे ज्यादा एक्सपीरियंस लोगों की टीम है.
तो सबसे पहली बात मार्केट को speculation समझना बंद कर दीजिए. क्योंकि पैसा डबल करने का मतलब होता है ‘आपके पैसे पर 100% कमाना’.
जबकि सच तो यह है कि दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर वारेन बफेट भी शेयर बाजार से सालाना 22% से 25% रिटर्न ही कमा पाते हैं।
तो जो लोग मार्केट में आपके पैसे को डबल करने का वादा करते हैं उनसे थोड़ा दूर रहिए.👈
एक बात समझ लें– शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना एक zero sum game है मतलब आपका profit किसी दूसरे का loss होता है.
यानी कि अगर आपने शेयर मार्केट में पैसा कमाया है तो समझ लीजिए कि किसी दूसरे ने नुकसान किया है या फिर इसका उल्टा अगर आपने शेयर मार्केट में लॉस किया है तो किसी न किसी ने पैसा कमाया है.
और यही कारण है कि शेयर मार्केट में पैसा कमाने वाले जो 10% लोग हैं वह 90% लोगों से बहुत ज्यादा अमीर है क्योंकि वह इसीलिए अमीर बने हैं क्योंकि 90% लोगों ने पैसा loss किया है।
इंडिया में ज्यादातर लोग सिर्फ इसलिए लॉस करते हैं क्योंकि उन्हें शेयर मार्केट की ज्यादा जागरूकता नहीं है और हमारे देश में तो वैसे भी शेयर मार्केट का नाम बदनाम है जोकि उन लोगों ने किया है जो शेयर बाजार को बिना सीखे और समझे सीधे पैसा लगाने के कूद पड़ते हैं और बाद में मार्केट का ही नाम खराब करते हैं.
5. शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना सिर्फ अमीर लोगों का काम है
जी हां कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि शेयर मार्केट में तो सिर्फ अमीर लोग ही पैसा कमाते हैं. जबकि ऐसा कुछ नहीं है…
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने बहुत कम पैसों से शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत की और धीरे-धीरे उनके शेयर की वैल्यू बढ़ती गई और आज उनकी अच्छी खासी करोड़ की वेल्थ क्रिएट हो चुकी है।
जबकि दूसरी ओर बहुत सारे ऐसे लोग ऐसे हैं जिनके पास अच्छा खासा पैसा था और वह शेयर मार्केट में पूरा पैसा लगाकर बर्बाद हो चुके हैं।
तो यह सिर्फ झूठ है कि शेयर मार्केट में अमीर लोग ही पैसा कमाते हैं जबकि सच यह है कि यहां पर कोई भी पैसा कमा सकता है बस जरूरत है तो पूरी मेहनत और लगन के साथ सीखने की.
6. पेनी स्टॉक्स में हमेशा लॉस होता है
पेनी स्टॉक्स ऐसे सस्ते शेयर होते हैं जिनका प्राइस बहुत कम होता है जैसे–
यह सच है कि ऐसी कंपनियां बहुत छोटी होती हैं जैसे small cap या micro cap मतलब उनका मार्केट कैप बहुत ही छोटा होता है।
इसलिए उनमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि उनमें हमेशा लॉस होता है.
अगर आप सही तरीके से किसी कंपनी का पूरा एनालिसिस करते हैं, उसका बिजनेस मॉडल समझते हैं और अगर आपको उस कंपनी के बिजनेस में भविष्य में ग्रोथ नजर आती है तो future में वह शेयर अच्छा खासा रिटर्न दे सकता है।
- आपको बता दें कि– जब मार्केट में bull run यानि तेजी आती है तो Penny stocks बड़ी कंपनियों की अपेक्षा बहुत तेजी से ऊपर जाते हैं और जब bear run यानी मार्केट में गिरावट होती है तो उतनी ही तेजी से गिरते हैं.
दोस्तों शेयर मार्केट में आज जितने भी बड़े निवेशक हैं उन सभी ने कहीं ना कहीं छोटी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करके ही वेल्थ बनाई है चाहे हम राकेश झुनझुनवाला का Titan शेयर का example देखें या फिर warren buffett का कोकोकोला कंपनी का इन्वेस्टमेंट देखें.
इन दोनों ने ही इनमें उस समय इन्वेस्टमेंट किया था जब यह कंपनियां में बहुत छोटी थी क्योंकि उन्हें इन कंपनियों के बिजनेस को बारीकी से एनालाइज किया था इसलिए उन्हें भरोसा था कि इन कंपनियों का बिजनेस वापस समय तेजी से गो होगा और आगे चलकर ऐसा ही हुआ.
और आज वह कंपनियां पहले से 100 गुना से ज्यादा बड़ी हो चुकी हैं और इसीलिए इन लोगों ने इतना पैसा कमाया है.
तो अब आप समझ गए होंगे कि पेनी स्टॉक्स हमेशा खराब नहीं होते हैं लेकिन अगर आप बिना कोई रिसर्च किये इनमें सिर्फ इसलिए पैसा लगाते हैं क्योंकि इनका प्राइस बहुत कम है तो आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा है।
7. डिविडेंड देने वाले शेयर खरीदना चाहिए
कंपनी अपने प्रॉफिट में से शेयरहोल्डर्स को कुछ पैसा हर साल या साल में दो-तीन बार बांटती है जिसे डिविडेंड कहते हैं. यह Per share के हिसाब से दिया जाता है. सभी कंपनियां डिविडेंड नहीं देती है क्योंकि वह अपने सारे प्रॉफिट को वापस business की ग्रोथ में लगाना पसंद करती है।
कुछ लोगों को लगता है कि डिविडेंड देने वाले शेयर हमेशा अच्छे होते हैं इसलिए उन्होंने इन्वेस्ट करना चाहिए जबकि यह बिल्कुल झूठ है.
हां मैं मानता हूं कि बहुत सारी कंपनियों ने डिविडेंड के चलते इन्वेस्टर्स को अमीर बनाया है जैसे कि wipro.
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि डिविडेंड नहीं देने वाली कंपनी अच्छी नहीं होती इसका लाइव एग्जांपल आपके सामने है पिडीलाइट जो की फेविकोल बनती है
और इसकी शेयर प्राइस growth को देखकर आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि इसने अपने शेयरहोल्डर्स को पिछले 20 सालों में कितने कंसिस्टेंट रिटर्न दिए हैं।
कुछ कंपनियां तो सिर्फ लोगों को आकर्षित करने के लिए ही डिविडेंड देती है जबकि उनकी असली जरूरत होती है अपने बिजनेस को बढ़ाना या उसमें पैसा Re-invest करना. लेकिन वह सिर्फ इसीलिए डिविडेंड देती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनमें इन्वेस्ट करें.
लेकिन लॉन्ग टर्म में देखा जाए तो वही कंपनी बड़ी होती है जो अपना बिजनेस बढ़ाने पर फोकस करती है ना कि डिविडेंड देने पर.
जानिए– डिविडेंड के बारे में A to Z पूरी जानकारी
8. स्टॉक मार्केट और बिजनेस न्यूज चैनल को फॉलो करना चाहिए
यह भी एक झूठ है कि बिजनेस न्यूज़ चैनल पर आपको जो शेयर खरीदने को बोला जाता है उनमें हमेशा प्रॉफिट होता है जबकि ऐसा कुछ नहीं है. क्योंकि बहुत बार ऐसा देखा गया है कि कई सारे बड़े लोग या इंस्टीट्यूशन किसी छोटी कंपनी में अपने खुद के मकसद को पूरा करने के लिए छोटे निवेशकों से पैसा निवेश करवाते हैं।
एक साथ क्या बहुत सारे लोग उसे कंपनी में पैसा लगा देते हैं तो उसका प्राइस आर्टिफिशियल बढ़ जाता है जबकि उसके बिजनेस में उतना दम नहीं होता है.
और इसीलिए लॉन्ग टर्म में शेयर प्राइस बढ़ने की बजाए उल्टा गिरने लगता है इसलिए अगर आपको लंबे समय तक शेयर मार्केट में टिकना है तो हमेशा सिर्फ न्यूज़ देखकर शेयर खरीदने की बजाए खुद की एनालिसिस पर भरोसा करें.
9. Stocks को महंगे दामों पर नहीं खरीदना चाहिए
जब हम शेयर के PE Ratio या इंट्रिसिक वैल्यू की बात करते हैं तो हमें बताया जाता है कि शेयर को overvalued (मंहगा) होने पर नहीं खरीदना चाहिए।
ओवरवैल्युड का मतलब होता है जब शेयर की वैल्यू उसकी एक्चुअल वैल्यू से ज्यादा होता है.
हां यह बात ज्यादातर स्टॉक्स के लिए सही है लेकिन जो high growth कंपनियां है उन पर यह बात अप्लाई नहीं होती.
क्योंकि उनका pe ratio कभी कम ही नहीं होता इसके बावजूद भी उनका शेयर प्राइस लगातार बढ़ता जाता है.
और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन्वेस्टर्स को कंपनी के बिजनेस पर भरोसा होता है या फिर उस कंपनी की अपनी सेक्टर में मोनोपोली होती है।
- उदाहरण के लिए– पिडीलाइट कंपनी चिपचिपे पदार्थों के सेक्टर में मोनोपोली रखती है जिसके कारण यह अपने कंपटीशन से हमेशा आगे रहते हैं और इसी वजह से मैं हर साल अपने कंपीटीटर से के मुकाबले ज्यादा मार्जिन कमा पाते हैं.
आजकल आप देखते होंगे की बहुत सारी रिन्यूएबल एनर्जी वाली कंपनियों के शेयर प्राइस बहुत तेजी से बढ़ाते हैं क्योंकि लोगों को लगता है कि आने वाले समय में ऐसे बिज़नेस बहुत तेजी से बढ़ेंगे और इसीलिए अभी उतना प्रॉफिट ना होने के बावजूद भी उनका शेयर प्राइस महंगा होता है।
तो इसलिए कंपनी का शेयर प्राइस भले ही महंगा हो लेकिन अगर वह लगातार ग्रोथ 📈 कर रही है मतलब अगर आपको लगता है और आपकी एनालिसिस कहती है कि आगे भी यह कंपनी भविष्य में इसी तरह ग्रोथ करती रहेगी तो उसमें इन्वेस्ट करना एक अच्छा फैसला है। 👍
10. लार्ज कैप कंपनियों में पैसा बनता है
आपने हमेशा सुना होगा की लार्ज कैप कंपनियों में हमेशा पैसा बनता है क्योंकि इन कंपनियों को सालों साल का एक्सपीरियंस होता है.
लेकिन यह बात भी सच है कि जब कंपनी बहुत बड़ी हो जाती है तो उसकी ग्रोथ उतनी तेजी से नहीं होती है जितना की वह शुरुआत में grow हुई थी.
और इसीलिए आपका पैसा भी बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ता है 😐
- उदाहरण के लिए– अगर कोई स्मॉल कैप कंपनी है जिसकी मार्केट कैप 5000 करोड़ है तो यह कंपनी दो या तीन सालों में दुगनी हो सकती है मतलब 10000 करोड़ की बन सकती है
- जबकि अगर हम बात करें लार्ज कैप कंपनी की जिसकी मार्केट कैप 5 लाख करोड़ है तो उसे 10 लाख करोड़ की कंपनी बनने में बहुत साल लग जाएंगे.
और इसके अलावा छोटी कंपनियों में रिस्क भले ही ज्यादा होता है लेकिन यह अपने बिजनेस में बहुत जल्दी innovation कर सकती है जबकि बड़ी कंपनियों के बहुत बड़े- बड़े सिस्टम बने होते हैं जिससे उन्हें अपने बिजनेस को चेंज करने में बहुत ज्यादा टाइम लग जाएगा और यही स्मॉल कैप कंपनी का सबसे बड़ा एडवांटेज होता है. 👍
तो यह थे शेयर मार्केट के 10 ऐसे झूठ जो अक्सर हमें सुनने को मिलते हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी.
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं और इसे बिल्कुल आसान तरीके से हिंदी भाषा में सीखना चाहते हैं तो इस ब्लॉग के अन्य पोस्ट भी पढ़ सकते हैं जैसे–