शेयर मार्केटिंग क्या है – शेयर मार्केटिंग कैसे की जाती है? (पूरी जानकारी)

शेयर मार्केटिंग क्या है, इसका सीधा सा जवाब है शेयर बाजार में काम करना यानी शेयर खरीदना और बेचना या फिर ट्रेडिंग करना शेयर मार्केटिंग (share marketing) कहलाता है।

अगर आप अपना पैसा निवेश (invest) करके अमीर बनना चाहते हैं तो शेयर मार्केट ही वह जरिया है जिसके द्वारा आप long term में बहुत बड़ी wealth क्रिएट कर सकते हैं।

लेकिन अगर आप short term में शेयर मार्केट से जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको शेयर मार्केट में investing की बजाए ट्रेडिंग करना होगा जिसके द्वारा आप कम कीमत पर शेयर खरीद कर उसे अधिक कीमत पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।

अधिकतर लोग शेयर मार्केट में इसलिए आना चाहते हैं क्योंकि वह अपने पैसों को दुगना, तीन गुना, चार गुना या 10 गुना मल्टीप्लाई करना चाहते हैं जो कि उतना आसान नहीं है जितना आपको बताया जाता है।

अगर असलियत देखी जाए तो शेयर मार्केट में केवल 10% या इससे भी कम लोग सफल हो पाते हैं और बाकी बचे हुए 90% लोग शेयर मार्केट में अपना पैसा गवा देते हैं जिसका सबसे बड़ा कारण होता है सही नॉलेज की कमी.

जी हां अगर आपको stock market से सच में पैसा कमाना है तो पहले आपको शेयर मार्केटिंग की पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।

शेयर मार्केटिंग क्या है, Share Marketing kya hai in hindi

तो आज हम आपको शेयर मार्केटिंग किसे कहते है (What is Share Marketing in Hindi), शेयर मार्केटिंग कैसे सीखे, शेयर मार्केटिंग का काम कैसे होता है और शेयर मार्केटिंग कैसे करते हैं, इस टॉपिक की पूरी जानकारी विस्तार से हिंदी भाषा में देने वाले हैं।

तो आईए अब जानते हैं कि आखिर share marketing kya hai?

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

शेयर मार्केटिंग क्या है – What is Share Marketing in Hindi

शेयर की ट्रेडिंग करना यानी शेयर बाजार में खरीद (buy) बिक्री (sell) करके पैसा कमाना शेयर मार्केटिंग कहलाता है। मतलब जब आप किसी कंपनी का स्टॉक कम दामों में खरीद कर उसे बढ़े हुए प्राइस पर बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं तो इस प्रक्रिया को ही हम शेयर मार्केटिंग (Share Marketing) कहते हैं।

शेयर मार्केट ही वह जगह है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज (NSE या BSE) पर लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदने का मौका देता है.

भारत की जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं (जैसे; रिलायंस टीसीएस, हिंदुस्तान युनिलीवर, एचडीएफसी बैंक आदि) ये सभी कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है मतलब आप शेयर बाजार में अपना डिमैट अकाउंट खुलवाकर इन कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं।

  • अगर शेयर (stock) को आसान भाषा में समझे तो यह किसी भी कंपनी का एक हिस्सा होता है यानी कि अगर आपने किसी कंपनी का शेयर खरीदा है तो इसका मतलब है कि आप उस कंपनी के कुछ हिस्से के मालिक यानी शेयरहोल्डर हैं।

उदाहरण के लिए; अगर आपने रिलायंस कंपनी कुछ शेयर खरीद रखे हैं तो इसका मतलब है कि आप रिलायंस कंपनी के कुछ प्रतिशत (%) हिस्से के मालिक हैं।

मान लीजिए अगर किसी XYZ कंपनी के टोटल शेयर 10 करोड़ हैं और आपने उस कंपनी के एक करोड़ शेयर खरीद रखे हैं तो ऐसे में आप उस XYZ कंपनी के
10% इक्विटी के मालिक (owner) कहलाएंगे.

शेयर मार्केटिंग का मतलब (Share market meaning in hindi)

शेयर मार्केटिंग का अर्थ (meaning) है शेयर की मार्केटिंग करना मतलब उसे शेयर बाजार में buy और sell करना. इंडिया में दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और इन्हीं दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर देश की सबसे बड़ी कंपनियां लिस्टेड हैं।

शेयर मार्केट में कुल मिलाकर 7000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं जिसमें NSE पर लगभग 2000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं और BSE पर 5000 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं।

  • शेयर बाजार का हाल-चाल बताने के लिए NSE ने अपना खुद का इंडेक्स बनाया है जिसे हम ‘NIFTY 50‘ के नाम से जानते हैं. निफ्टी में इंडिया की टॉप 50 बड़ी कंपनियां शामिल है।
  • ठीक इसी प्रकार BSE ने भी अपना खुद का इंडेक्स बनाया है जिसे हम ‘SENSEX‘ के नाम से जानते हैं. सेंसेक्स में इंडिया की टॉप 30 बड़ी कंपनियां शामिल है।

इस प्रकार अगर देखा जाए तो निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही इंडेक्स भारत की सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।

उदाहरण के लिए; मान लो अगर आज निफ्टी कुछ पॉइंट ऊपर ⬆️ चढ़ा है तो इसका मतलब है कि आज के दिन बाजार का सेंटीमेंट bullish है और ज्यादातर लोग खरीदारी करने के मूड में है।

और जब निफ़्टी इंडेक्स गिरता ⬇️ है तो इसका मतलब है कि उस दिन बाजार बुरा परफॉर्म कर रहा है मतलब देश की बड़ी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है यानी कि उनके शेयर में गिरावट हो रही है।

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अभी तक आपने समझा share marketing kya hai चलिए अब जानते हैं कि;

शेयर मार्केटिंग का काम कैसे होता है?

शेयर मार्केटिंग में कई तरह के काम होते हैं जिसमें ट्रेडिंग सबसे पॉपुलर है।

जी हां, शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग करके आप हर दिन रेगुलर पैसा कमा सकते हैं। 🤑

और आजकल जितने भी लोग शेयर मार्केट से daily पैसा कमा रहे हैं वो सभी trading करते हैं ना कि investment

आपने सही सुना अधिकतर लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए ही आते हैं क्योंकि इससे आप बहुत कम समय में बहुत ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं.

लेकिन याद रखिए; अच्छी और बड़ी लार्ज कैप कंपनियों के शेयर खरीदना यानी इन्वेस्टिंग करना लॉन्ग टर्म गेम है जिसमें ना के बराबर रिस्क है और इसमें आप लंबे समय में वेल्थ क्रिएट करते हैं।

जबकि trading में आप शॉर्ट टर्म में बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं लेकिन यह जिसकी भी ज्यादा है।

शेयर बाजार में चाहे आप इन्वेस्टिंग करें या फिर ट्रेडिंग दोनों की अपनी-अपनी खासियत है और दोनों ही प्रकार से लोग शेयर मार्केट से पैसा कमाकर अमीर और सफल बने हैं।

तो अब यह निर्णय पूरी तरह से आपके ऊपर है कि आप कम रिस्क लेकर investing करके लंबी अवधि में कंपाउंडिंग के द्वारा बड़ी wealth क्रिएट करना चाहते हैं

या फिर शॉर्ट टर्म में ट्रेडिंग करके अपने पैसों को मल्टीप्लाई करना चाहते हैं।

तो शेयर मार्केटिंग की शुरुआत करने से पहले आपको यह डिसाइड करना होगा कि investor या trader दोनों में से आप क्या बनना चाहते हैं क्योंकि शेयर बाजार में यह दोनों प्रकार के लोग ही मोटा पैसा कमाते हैं और इन दोनों की सोच एक दूसरे से बिल्कुल अलग होती है।

लेकिन चाहे आप एक इन्वेस्टर बने या फिर ट्रेडर आपको शेयर मार्केटिंग की बेसिक नॉलेज होना बहुत जरूरी है।

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तो अब तक आप शेयर मार्केटिंग क्या है और शेयर मार्केटिंग का काम कैसे होता है यह तो जान चुके हैं चलिए अब जानते हैं कि–

शेयर मार्केटिंग में क्या-क्या आता है?

शेयर मार्केट में बहुत सारी चीजें होती हैं जिनके बारे में नए लोग यानी beginners को पता नहीं होता है तो लिए इन सब के बारे में एक-एक करके जान लेते हैं–

1. ब्रोकर (Broker)

अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो आप ब्रोकर शब्द बार-बार सुनते होंगे. ब्रोकर का मतलब होता है दलाल यानी कि जो आपको शेयर खरीदने में मदद करता है या शेयर खरीदने की रिकमेंडेशन देता है उसे हम ब्रोकर कहते हैं।

पुराने जमाने में आपको शेयर खरीदने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जाकर किसी ब्रोकर से संपर्क करना पड़ता था जो कि आप और हम जैसा एक आम व्यक्ति होता था लेकिन उसे शेयर बाजार की गहरी समझ होती थी।

तो वह ब्रोकर आपको स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने और बेचने में मदद करता था.

लेकिन आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है और आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होती मतलब आप घर बैठे अपना ऑनलाइन डिमैट अकाउंट खुलवाकर शेयर buy और sell खरीद सकते हैं।

  • ऑनलाइन ब्रोकर दो प्रकार के होते हैं डिस्काउंट ब्रोकर और फुल सर्विस ब्रोकर.
  • अगर आप शेयर बाजार में अभी शुरुआत कर रहे हैं तो आपको डिस्काउंट ब्रोकर के पास ही डिमैट अकाउंट खुलवाना चाहिए.

अगर आपने अभी तक अपना डिमैट अकाउंट नहीं खोला है तो मैं आपको Upstox पर डिमैट अकाउंट खोलने की सलाह देता हूं क्योंकि यह इंडिया का सबसे भरोसेमंद और सबसे पॉपुलर broking app है जिसमें टाटा ग्रुप के फाउंडर खुद रतन टाटा जी ने इन्वेस्ट किया है।

2. आईपीओ (IPO)

IPO का Full form है – ‘Initial Public Offering’ जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में यानी NSE या BSE स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती है मतलब अपने शेयर पब्लिक यानी आम लोगों को खरीदने के लिए उपलब्ध करती है तो इस प्रक्रिया को आईपीओ (IPO) कहा जाता है.

3. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट

जब आप डायरेक्ट किसी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाते हैं और उस समय जिस प्राइस पर जनता को खरीदने के लिए शेयर बांटती है उसे IPO Price कहते हैं

और तब आप आप एक शेयर नहीं खरीद सकते क्योंकि उस समय आपको IPO Lot के हिसाब से शेयर खरीदना पड़ता है और यह पूरी आईपीओ की प्रक्रिया जी मार्केट में संपन्न होती है उसे हम प्राइमरी मार्केट कहते हैं।

आईपीओ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है तो उसके शेयर सेकेंडरी मार्केट में लोगों को खरीदने और बेचने के लिए या फिर ट्रेडिंग करने के लिए उपलब्ध करा दिए जाते हैं।

मतलब आईपीओ के अलावा आप जो भी शेयर खरीदने और बेचते हैं या ट्रेडिंग करते हैं वह सेकेंडरी मार्केट में होती है।

4. Bull और Bear

  • जो लोग बुल मार्केट में पैसा लगाते हैं या मार्केट के ऊपर जाने को लेकर उत्साहित होते हैं उन्हें शेयर मार्केट में Bulls कहा जाता है
  • और जो लोग शेयर मार्केट में गिरावट के समय पैसा लगाते हैं मतलब ऐसे लोग जो शॉर्ट सेलिंग करके पैसा कमाते हैं उन्हें Bears कहा जाता है।

5. Bull Market और Bear Market

Bull Market: बुल मार्केट का मतलब होता है ऐसा बाजार जो लगातार ऊपर जा रहा हो मतलब जब शेयर मार्केट में तेजी होती है और बाजार बढ़ता जाता है तो उसे बुल मार्केट कहते हैं।

मार्केट में होने वाली इसी तेजी को Bull Run कहा जाता है.

Bear Market: यह बुल मार्केट का उल्टा होता है यानी कि ऐसा बाजार जो लगातार नीचे जा रहा हो मतलब जब शेयर मार्केट में मंदी या गिरावट होती है और बाजार गिरता जाता है तो उसे बियर मार्केट कहते हैं।

मार्केट में जब लगातार गिरावट होती है तो इसे Bear Run बोला जाता है।

6. सेबी (SEBI)

SEBI की फुल फॉर्म है ‘Security and Exchange Board of India’ सेबी शेयर बाजार की नियामक संस्था यानी रेगुलेटरी बॉडी है जो पूरे शेयर मार्केट को अपने कंट्रोल में रखती है।

मतलब अगर शेयर बाजार में कोई गलत एक्टिविटी होती है या कोई शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन करता है तो सेबी उसे सजा सकती है.

बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे गैर कानूनी काम करते हैं या फिर अपनी कंपनी के तिमाही नतीजों या बैलेंस शीट में फिर बदल करके शेयरहोल्डर्स के सामने गलत तरीके से पेश करते हैं तो इस प्रकार की गलत एक्टिविटी को रोकना और उन पर पाबंद लगाना ही SEBI का काम होता है.

और इन सभी गलत चीजों को रोकने के लिए सेवी ने शेयर मार्केट में कई नियम बनाए हैं जिन्हें आपको फॉलो करना बहुत जरूरी है।

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7. शेयर मार्केट ऑपरेटर्स

ऑपरेटर वह लोग होते हैं जो शेयर मार्केट में किसी भी शेयर का प्राइस आर्टिफिशियल तरीके से ऊपर नीचे करते रहते हैं मतलब ऐसे लोग जो किसी भी शेयर का भाव कभी भी बढ़ा या घटा देते हैं उन्हें ऑपरेटर बोला जाता है।

ऑपरेटर बहुत बड़े पैसों वाले लोग होते हैं जिनका काम ही होता है छोटे रिटेल निवेशकों को फसाना और उनसे किसी पार्टिकुलर कंपनी में पैसा इन्वेस्ट करवाना.

आपने सोशल मीडिया पर देखा होगा कि किसी पेनी स्टॉक्स यानी सस्ते शेयर का प्रचार बहुत जोरों शोरों से किया जाता है जबकि उस कंपनी के फंडामेंटल बिल्कुल भी मजबूत नहीं होते.

मतलब जब आप ऑपरेटर के द्वारा प्रमोट किया जाने वाले पेनी स्टॉक वाली कंपनी की फंडामेंटल एनालिसिस करेंगे तो आपको पता चलेगा कि कंपनी के बिजनेस में कोई दम नहीं है और ना ही उसकी बैलेंस शीट मजबूत दिखाई पड़ती है फिर भी ऐसे स्टॉक को खरीदने की सलाह दी जाती है।

बहुत सारे नए लोग ऐसे ऑपरेटर के झांसे में आकर कुछ ऐसे शेयर खरीद लेते हैं जिनका असल में कोई भविष्य है ही नहीं..

नए लोग सिर्फ यह देखकर पैसा लगा देते हैं कि उस शेयर का प्राइस बढ़ रहा है लेकिन उन्हें नहीं पता होता कि उस शेयर का भाव ऑपरेटर के द्वारा जबरदस्ती बढ़ाया जा रहा है।

मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि जो लोग शेयर बाजार में अभी-अभी शुरुआत कर रहे हैं वह इस प्रकार के ऑपरेटर से बच सकें और अपना पैसा शेयर बाजार में ना गवाएं और इसीलिए मैं आप लोगों को इस प्रकार की जानकारी अपने इस ब्लॉग के जरिए समय-समय पर देता रहता हूं।

8. अपर सर्किट और लोअर सर्किट

जब कोई ऑपरेटर किसी शेयर में एक ही बार में बड़ा मोटा पैसा लगा देते हैं तो उस शेयर का प्राइस अचानक से बढ़ने लगता है क्योंकि उस शेयर में एक झूठी डिमांड क्रिएट की जाती है.

आपको बताने की ऑपरेटर केवल उन्हीं स्टॉक को manuplate कर पाते हैं जिनका मार्केट कैप काम है मतलब जो छोटी कंपनियां या पेनी स्टॉक्स हैं बड़ी कंपनियों में ऑपरेटर एक्टिविटी होना नामुमकिन है।

तो अचानक से इतना सारा पैसा एक साथ ऑपरेटर के द्वारा किसी पेनी स्टॉक में लगाए जाने के कारण होता यह है कि उस स्टॉक में अपर सर्किट लगने लगते हैं मतलब वह शेयर 5%, 10% या 20% हर दिन ऊपर बढ़ने लगता है

और जब नए लोग उस शेयर में एंट्री करते हैं तो ऑपरेटर अपने सभी शेयर बेच देते हैं और छोटे रिटेल निवेशक फस जाते हैं इसके बाद आप देखेंगे कि उस शेयर में पहले जो अपर सर्किट लग रहे थे अब वह lower सर्किट में बदल जाएंगे.

मतलब जिन लोगों ने बाद में उस शेयर में पैसा इन्वेस्ट किया होगा अब वह अपने शेयर बेच नहीं पाएंगे क्योंकि ऑपरेटर अपने सभी शेयर बेचकर बाहर निकल चुके हैं और अब आप और हम जैसे छोटे इन्वेस्टर उस शेयर में फंसे रह जाते हैं।

और एक समय ऐसा आता है कि जब वह शेयर लोअर सर्किट लगते- लगते 80 से 90% नीचे चला जाता है और आप देखते रहते हैं लेकिन कुछ नहीं कर पाते हैं.

इन सब से बचने का एक ही तरीका है कि ऑपरेटर एक्टिविटी से हमेशा सावधान रहें और कभी भी दूसरों के कहने पर शेयर मत खरीदे बल्कि खुद से उस कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करें।

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तो अब तक आप शेयर मार्केटिंग के बारे में काफी कुछ जान चुके हैं जैसे शेयर मार्केटिंग क्या है, शेयर मार्केटिंग का काम कैसे होता है और इसमें क्या-क्या आता है लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर शेयर मार्केटिंग कैसे और कहां से सीखी जा सकती है तो चलिए अब इसी के बारे में जानते हैं–

शेयर मार्केटिंग कैसे सीखें?

How to learn share marketing in hindi: शेयर मार्केटिंग सीखने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं–

#1. Share Marketing books पढ़ें

शेयर मार्केटिंग सीखने का सबसे अच्छा तरीका है शेयर मार्केट की बेस्ट किताबें पढ़ना. क्योंकि किताबों में आपको शेयर बाजार की शुरू से अंत तक A to Z नॉलेज मिलती है जिससे कि नए लोग भी स्टॉक मार्केट को आसान भाषा में सीख सकते हैं.

लेकिन अब सवाल आता है कि शेयर बाजार सीखने के लिए कौन सी किताब पढ़ें और शेयर मार्केट सीखने के लिए सबसे बेस्ट बुक कौन सी है?

तो यहां पर मैं आपको शेयर बाजार की सबसे पॉपुलर और अब तक की शेयर मार्केट पर लिखी जाने वाली सबसे बेस्ट किताब “द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर” पढ़ने की सलाह देता हूं।

अगर आप शेयर मार्केट में इंटरेस्ट रखते हैं तो आपने दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर “वारेन बुफेट” का नाम तो जरुर सुना होगा.

उनका कहना है कि इस किताब ने उनकी जिंदगी बदल दी और आज वह अपनी जिंदगी में जिस मुकाम पर हैं वह सब इस किताब में बताए गए प्रिंसिपल्स को फॉलो करके ही संभव हो पाया है.

इसीलिए अगर आप शेयर मार्केट को शुरू से लेकर अंत तक पूरा बिल्कुल आसान भाषा में सीखना चाहते हैं तो मैं आपको ‘The Intelligent Investor‘ किताब पढ़ने की सलाह देता हूं.

नीचे दी गई इमेज पर क्लिक करके आप इस किताब को हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं–

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#2. Share Marketing course करें

शेयर मार्केटिंग सीखने का दूसरा सबसे अच्छा तरीका है शेयर मार्केट कोर्स करना. जी हां दोस्तों शेयर मार्केट कोर्स में आपको बेसिक से लेकर एडवांस शेयर बाजार के सभी concepts को बहुत ही सरल तरीके से समझाया जाता है.

वैसे तो आजकल बाजार में शेयर मार्केट सीखने के लिए काफी सारे ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन यहां पर मैं आपको इंडिया के ‘बेस्ट शेयर मार्केट कोर्स‘ के बारे में बतानेे वाला हूं जिसके द्वारा आप share market को step by step learn कर सकते हैं। अगर आप शेयर मार्केट कोर्स खरीदने में interested हैं तो आपको एक बार इस कोर्स को जरूर लेना चाहिए 👍

👉मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस कोर्स में आपको beginner से advance level तक शेयर मार्केट को वीडियोस और PDF के माध्यम से बहुत ही सरल तरीके से प्रैक्टिकल उदाहरण के साथ समझाया गया है। आज तक जितने भी लोगों ने यह कोर्स लिया है सबने इसकी तारीफ ही की है।🙂

तो अगर आप भी शेयर मार्केट को शुरू से अंत तक सीखना चाहते हैं और शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के द्वारा अमीर बनना चाहते हैं एक बार आपको यह शेयर मार्केट कोर्स जरूर खरीदना चाहिए.

जानिए इस कोर्स में आपको क्या-क्या सीखने को मिलेगा– Share Market Full Course in Hindi

नीचे दी गई इमेज पर क्लिक करके आप इस ‘बेस्ट शेयर मार्केट कोर्स’ को डायरेक्ट खरीद सकते हैं–

Share market course in hindi

#3. Share Marketing chart देखना सीखें

चाहे आप शेयर बाजार में इन्वेस्टिंग करें या फिर ट्रेडिंग आपको शेयर मार्केट चार्ट को देखना तो आना ही चाहिए. जब आप किसी स्टॉक का प्राइस ऊपर नीचे होता हुआ देखते हैं तो आपको चार्ट पर बहुत सारे पैटर्न बनते हुए दिखाई देते हैं.

यह सभी पैटर्न लाल और हरे रंग की कैंडलस्टिक के द्वारा बने होते हैं बहुत सारे लोग दिन के लाखों रुपए कमाते हैं जी हां दोस्तों यह बिल्कुल सच है!

शेयर बाजार में अगर आपने चार्ट देखना और पढ़ना सीख लिया और सभी प्रकार के चार्ट पेटर्न्स को अच्छी तरह से पहचानना सीख लिया तो आप शेयर मार्केट से बहुत तेजी से अपने पैसों को मल्टीप्लाई कर सकते हैं।

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#4. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को समझें

शेयर मार्केटिंग सीखने के लिए आपको ट्रेडिंग को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि ट्रेडिंग ही वह जरिया है जिसके द्वारा कम पैसों से अधिक रिटर्न कमाया जा सकता है.

हालांकि ट्रेडिंग में थोड़ा बहुत रिस्क जरूर होता है लेकिन अगर इसे सीखकर और समझकर किया जाए और प्रॉपर टेक्निकल एनालिसिस को फॉलो किया जाए तो ट्रेडिंग से पैसा कमाना कोई बड़ी बात नहीं है.

टेक्निकल एनालिसिस के अंदर बहुत सारी चीज आती है जैसे; चार्ट पेटर्न एनालिसिस करना, ट्रेंडलाइन खींचना, सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखना, ऑप्शन चेन डेटा पढ़ना, टेक्निकल इंडिकेटर फॉलो करना आदि।

और इन सभी चीजों को फॉलो करके आप ट्रेंडिंग से रेगुलर प्रॉफिट कमा सकते हैं।

उदाहरण के लिए बहुत सारे ट्रेडर्स सिर्फ निफ्टी या बैंकनिफ्टी में इंट्राडे ट्रेडिंग या ऑप्शन ट्रेडिंग करके दिन का लाखों रुपए कमाते हैं.

इतना ही नहीं कुछ लोग तो सिर्फ कुछ ही मिनट में हजारों लाखों रुपए का प्रॉफिट बुक कर देते हैं और यह लोग जिस प्रकार की ट्रेडिंग करते हैं उसे ‘स्केलपिंग ट्रेडिंग‘ कहा जाता है।

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शेयर मार्केटिंग कैसे की जाती है?

Share marketing kaise kare: शेयर मार्केटिंग करने का मतलब है शेयर की खरीद बिक्री करना और प्रॉफिट कमाना. इसके लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खोलना होगा. डिमैट अकाउंट में अपने बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर करना है जिसके द्वारा आप किसी भी कंपनी के स्टॉक को buy और sell कर सकते हैं।

नीचे मैंने आपको कुछ शेयर मार्केटिंग एप्स बताई हैं जो शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए बेस्ट ट्रेडिंग एप्स मानी जाती है–

Best Share Marketing Apps in India

  • Upstox
  • Zerodha
  • Angel One
  • Groww
  • 5paisa

इन पांचों में से आप किसी भी एक share market app में अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और शेयर बाजार में investing या trading की शुरुआत कर सकते हैं।

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Share Marketing kya hai FAQ’s

शेयर मार्केटिंग करके पैसे कैसे कमाएं?

शेयर मार्केटिंग के द्वारा पैसे कमाने के लिए आपको शेयर बाजार में अपना डीमैट खाता खोलना होगा. इसके लिए आप upstox पर फ्री में ऑनलाइन डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. जब एक बार आपका डिमैट खाता खुल जाए तो उसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक करके पैसा ऐड करें. इसके बाद आप इन्वेस्टिंग या ट्रेडिंग करके शेयर मार्केटिंग से पैसा कमा सकते हैं।

शेयर मार्केटिंग कैसे ज्वाइन करें?

शेयर मार्केटिंग join करने के लिए आपको बाजार के बेसिक नियम पता होना चाहिए लेकिन उससे पहले आपको शेयर मार्केट को अच्छी तरह से सीखना और समझना होगा केवल तभी आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं।

शेयर मार्केटिंग से कैसे जुड़े?

शेयर मार्केटिंग से जुड़ने के लिए आपको केवल अपना डीमैट खाता खोलना पड़ता है उसके बाद आप बाजार में लिस्टेड किसी भी कंपनी के स्टॉक को खरीद या बेच सकते हैं. शेयर मार्केटिंग के बड़े निवेशकों और ट्रेडर्स से जोड़ने के लिए आप उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं।

Share marketing in hindi ‘conclusion’

इस पोस्ट में आपने सीखा कि शेयर मार्केटिंग क्या है, शेयर मार्केटिंग का काम कैसे होता है, शेयर मार्केटिंग के अंदर क्या-क्या आता है, शेयर मार्केटिंग कैसे सीखें और शेयर मार्केटिंग करने के लिए क्या करना चाहिए।

मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी जरूर उपयोगी लगी होगी.

शेयर मार्केट के बारे में और अधिक जानने और सीखने के लिए आप नीचे दी गई अन्य पोस्ट पढ़ सकते हैं–

अगर आपके मन में शेयर बाजार से रिलेटेड अभी भी कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें.

पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏

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