US Election 2024: आज हम बात करेंगे की अमेरिका में चल रहे इलेक्शन का इंडिया के शेयर मार्केट पर क्या असर पड़ेगा कौन-कौन से स्टॉक्स भागेंगे और कौन से शेयर्स में गिरावट होगी, मतलब अमेरिका में होने वाले चुनाव का शेयर बाजार के कौन-कौन से सेक्टर बढ़ेंगे और गिरेंगे इसके बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे, लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि–
1️⃣ अमेरिकी चुनाव का दुनिया भर के शेयर बाजार पर क्यों असर पड़ता है? 📉
अमेरिकी चुनावों का दुनियाभर के शेयर बाजारों पर बड़ा असर होता है, क्योंकि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। चुनाव के दौरान, प्रत्याशियों की नीतियां और उनके दृष्टिकोण निवेशकों में असमंजस पैदा करते हैं। जैसे ही चुनाव का परिणाम सामने आता है, उससे संबंधित बाजारों में अस्थिरता बढ़ती है।
- 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीते थे, जिनकी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी है। ट्रंप की कई नीतियां अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करती हैं, खासकर चीन के साथ व्यापारिक संबंध।
- 2020 के चुनाव में जो बाइडन जीते, जो डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं। उनकी नीतियां वैश्विक सहयोग की ओर झुकती हैं और IT और क्लाइमेट सेक्टर पर विशेष ध्यान देती हैं।
2️⃣ अगर डोनाल्ड ट्रंप जीते तो चीन पर हो सकती है सख्ती 🛑
डोनाल्ड ट्रंप की चीन पर सख्त नीतियां सबको मालूम हैं। अगर वह फिर से चुने जाते हैं, तो वह चीन पर व्यापारिक पाबंदियां लगा सकते हैं, जिससे कई मेटल सेक्टर के स्टॉक्स पर असर पड़ सकता है। भारत में भी, जो मेटल कंपनियां चीन के साथ व्यापारिक संबंध रखती हैं, उन्हें इसका नुकसान हो सकता है।
भारतीय मेटल स्टॉक्स पर असर: अगर चीन पर ज्यादा प्रतिबंध लगते हैं, तो यह भारत के कुछ मेटल स्टॉक्स जैसे Tata Steel, JSW Steel, और Hindalco पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
सेक्टर का असर: इसके चलते एशिया में भी मेटल सेक्टर के स्टॉक्स में गिरावट हो सकती है। भारत में, मेटल इंडेक्स पर इसका असर देखा जा सकता है।
🔻डोनाल्ड ट्रंप की जीत मेटल सेक्टर को हिलाकर रख सकती है, जिससे भारतीय मेटल स्टॉक्स में गिरावट देखी जा सकती है।
3️⃣ एशियन सेमीकंडक्टर स्टॉक्स पर भी हो सकता है असर 💻
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर एशियाई सेमीकंडक्टर कंपनियों पर भी दबाव बन सकता है। वह चीन के साथ तकनीकी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को सख्ती से देख सकते हैं, जिसका असर सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर हो सकता है।
भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर: भारतीय कंपनियाँ जैसे Vedanta, Dixon Technologies और Bharat Electronics को इसके चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
📉 ट्रंप की नीति सेमीकंडक्टर सेक्टर को धीमा कर सकती है, जिससे भारतीय सेमीकंडक्टर स्टॉक्स पर भी प्रभाव हो सकता है।
4️⃣ अगर युद्ध खत्म होता है तो ऑयल सेक्टर में हो सकता है उछाल ⛽
डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति में यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने की संभावना शामिल है, जो तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकता है। युद्ध के चलते तेल की कीमतें बढ़ी हुई हैं। अगर यह खत्म हो जाता है, तो तेल की कीमतों में गिरावट आएगी, जो भारतीय कंपनियों के लिए फायदेमंद होगी।
लाभान्वित भारतीय कंपनियाँ: तेल की कीमतों में कमी से Hindustan Petroleum (HPCL), Bharat Petroleum (BPCL) और Indian Oil जैसी कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि इनके उत्पादन लागत में कमी आएगी।
💹 यदि ट्रंप युद्ध को समाप्त करने में सफल होते हैं, तो भारतीय तेल कंपनियों के स्टॉक्स में उछाल देखा जा सकता है।
5️⃣ IT सेक्टर पर नीतियों का असर 📱
अमेरिकी चुनावों में IT नीति का बड़ा असर होता है, क्योंकि भारत की IT कंपनियाँ अमेरिका से बड़ा राजस्व अर्जित करती हैं। ट्रंप की IT नीति सख्त थी, जबकि डेमोक्रेट्स की नीति सहयोगात्मक होती है।
- अगर ट्रंप जीतते हैं: IT कंपनियों पर प्रतिबंधों के चलते Infosys, TCS और Wipro जैसी कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- अगर कमला हैरिस जीतती हैं: डेमोक्रेट्स की नीति से भारतीय IT कंपनियों के लिए नए अवसर बन सकते हैं।
💼 IT नीति में बदलाव के आधार पर, भारतीय IT स्टॉक्स का भविष्य तय होगा।
6️⃣ ब्याज दर कटौती और इसके प्रभाव 📉
ब्याज दरों पर भी अमेरिकी नीतियों का असर होता है। ट्रंप ने पिछले साल ब्याज दरों की कटौती पर आपत्ति जताई थी, जबकि कमला हैरिस इसका समर्थन करती हैं। यदि कमला हैरिस जीतती हैं और ब्याज दर कटौती जारी रहती है, तो इससे कुछ सेक्टर्स को फायदा हो सकता है।
लाभान्वित भारतीय कंपनियाँ: ब्याज दर कटौती से Bajaj Finance, HDFC Bank और SBI जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है।
🔺कम ब्याज दर से भारतीय बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
7️⃣ एनर्जी और फार्मा सेक्टर पर भी निगाह रखनी होगी 💊🔋
ट्रंप और कमला हैरिस के बीच ऊर्जा और फार्मा सेक्टर में नीतिगत बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ट्रंप का झुकाव पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की ओर है, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी हरित ऊर्जा पर जोर देती है।
- ऊर्जा सेक्टर: अगर कमला हैरिस जीतती हैं, तो Tata Power, Adani Green और NTPC जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है।
- फार्मा सेक्टर: अमेरिकी फार्मा नीति में बदलाव भारतीय फार्मा कंपनियों जैसे Sun Pharma, Dr. Reddy’s Labs और Cipla पर असर डाल सकता है।
💡 नीतिगत बदलाव से हरित ऊर्जा और फार्मा कंपनियों पर असर पड़ेगा, जिससे निवेशकों को फोकस करना चाहिए।
इस प्रकार, अमेरिकी चुनाव के भारतीय शेयर बाजार पर कई गहरे प्रभाव हो सकते हैं। निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे चुनाव परिणामों को ध्यान में रखते हुए अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन करें।
Disclaimer: यह आर्टिकल हमने केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा है. हमारा मकसद आपको किसी भी प्रकार की निवेश की सलाह देना नहीं है इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें.
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