HAL Share Price Today: आजकल हम देख रहे हैं कि डिफेंस सेक्टर की एक बढ़िया कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का शेयर लगातार गिर रहा है. मंगलवार के दिन इस शेयर में 3% से ज्यादा गिरावट देखी गई. पिछले 1 महीने में HAL share लगभग 7% गिर चुका है जबकि पिछले 6 महीने में इस स्टॉक में 42% की अच्छी तेजी आई है जो इन्वेस्टर्स का डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में मजबूत भरोसे को दर्शाता है।
तो चलिए अब जान लेते हैं कि आखिर वह कौन से कारण है जो hal share price down होने के पीछे जिम्मेदार हैं;
Why HAL share Price falling?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर गिरने के मुख्य कारण हैं:
1. डिलीवरी में देरी
HAL के नए तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की डिलीवरी शेड्यूल में देर हो रही है। पहला विमान, जो 31 मार्च, 2024 तक डिलीवर होना था, अभी तक नहीं आया।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII’s Selling)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर की कीमत में गिरावट का एक बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का शेयर बेचना है।
Fii ने अपना stake (हिस्सा) कम कर दिया है HAL में। दिसंबर 2023 की तिमाही के अंत तक, एफआईआई का 12.9% हिस्सा था एचएएल में, लेकिन जून 2024 की तिमाही के अंत तक ये 11.7% पर आ गया।
- एफआईआई बड़े निवेशक होते हैं, और जब वो बड़े वॉल्यूम में शेयर खरीदते हैं या बेचते हैं, तो इसका share price पर बड़ा असर होता है।
- जब एफआईआई बेचते हैं, तो इससे एक रिपल इफेक्ट (चेन रिएक्शन) शुरू होता है, और दूसरे निवेशक भी फॉलो करने लगते हैं, जिसके स्टॉक का भाव और नीचे चला जाता है।
म्यूचुअल फंड्स ने भी अपनी हिस्सेदारी कम की है, जो मार्च 2024 की तिमाही में 6.8% थी और जून 2024 में 5.9% हो गई।
ये दोनों संस्थागत निवेशकों का अपना स्टेक कम करना ये दिखाता है कि उनमें अब थोड़ी सतर्क भावना है, यानी वो सतर्क हैं और शायद एचएएल के भविष्य के प्रदर्शन को लेकर इतने आश्वस्त नहीं हैं। इस वजह से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर की कीमत में गिरावट देखी जा रही है।
3. वैल्यूएशन संबंधी चिंताएं: वित्त वर्ष 2025 के लिए एचएएल का (पी/ई) अनुपात 37 है, जिसका 5 साल का औसत पी/ई अनुपात (23) से काफी ज्यादा है।
4. एक्सपर्ट के सुझाव: 16 विश्लेषकों ने 13 बार खरीदने की सलाह दी है, 1 ने होल्ड करने की सलाह दी है और 2 ने बेचने की सलाह दी है।
5. बाजार की धारणा: वैश्विक बाजार की सामान्य धारणा के कारण भी स्टॉक गिर रहा है।
HAL Share Price Target 2025
एलारा कैपिटल नाम की एक ब्रोकरेज फर्म ने HAL कंपनी के शेयरों के लिए “एक्यूमुलेट” रेटिंग दी है। इसका मतलब होता है कि अगर निवेशक के पास पहले से ही ये शेयर हैं, तो वो और शेयर थोड़े-थोड़े करके खरीद रहे हैं, लेकिन तुरंत ज्यादा खरीदने की जरूरत नहीं है। पिछले target price (TP) को 5,590 रुपये पर बनाया गया है, जो मार्च 2025 तक कंपनी की earnings की उम्मीदों पर आधारित है।
इस रेटिंग के पीछे कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
- डिफेंस एक्सपोर्ट में नई वृद्धि की उम्मीदें।
- 1.5 लाख करोड़ रुपये की inflows में तेजी।
- मार्जिन में बढ़ोतरी और कमाई में double digit growth की उम्मीदें।
- विमान और हेलीकॉप्टर उद्योग में स्वदेशीकरण (घरेलू उत्पादन) का बढ़ता शेयर और अज्ञात निर्यात अवसरों को देखते हुए कंपनी का वैल्यूएशन (रीरेटिंग) बेहतर हो सकता है।
उनका कहना है कि FY24-FY26 के दौर में कंपनी की earnings growth rate (CAGR) 17% हो सकती है, और FY25-FY26 में इक्विटी पर रिटर्न (ROE) 24% रहने का अंदाज़ा है।
मुख्य जोखिम जो एलारा कैपिटल ने हाइलाइट किए हैं:
Risk factors: रक्षा बजट में कम खर्चा, procurement issue और ऑर्डर बुक को डिलीवर करने में देरी, यह कुछ ऐसी चिंताएं हैं जो निवेशकों को HAL शेयर बेचने पर मजबूर कर रही हैं।
ये सब फैक्टर्स ओवरऑल रेटिंग को प्रभावित कर रहे हैं जिसके कारण आजकल हमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेरों में गिरावट देखने को मिल रही है।
HAL कंपनी के बारे में
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत के defence infrastructure के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये कंपनी हवाई जहाज बनाने और उनका रखरखाव करने में विशेषज्ञता रखती है, और भारत की एकलौती कंपनी है जो इस क्षेत्र में इतनी विशेषज्ञता रखती है।
HAL share price news and update
एचएएल अपने संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए हर साल अपने रिवेन्यू का लगभग 7% अनुसंधान और विकास (R&D) गतिविधियों पर खर्च करता है। ये R&D निवेश इसलिए किया जाता है ताकि नई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का विकास किया जा सके।
कंपनी का फोकस सिर्फ मौजूदा परिचालन पर नहीं, बल्कि विकास और विस्तार पर भी है। इसके लिए एचएएल ने दूसरी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू का मतलब होता है कि दोनों कंपनियां किसी विशिष्ट परियोजना पर काम करने के लिए एक साथ काम करती हैं।
कुछ महत्वपूर्ण MOU जो एचएएल ने साइन किए हैं:
- इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ एमओयू साइन किया गया है, जिसके सिविल एयरक्राफ्ट को मल्टी-मिशन टैंकर में कन्वर्ट करने का प्रोजेक्ट है। ये टैंकर अलग-अलग सैन्य मिशनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- Safron नाम की फ्रेंच कंपनी के साथ भी एक एमओयू साइन किया गया है। सफरान एयरक्राफ्ट इंजन बनाने वाली एक प्रतिष्ठित कंपनी है, और दोनों मिल्कर हेलीकॉप्टर इंजन का विकास, बिक्री और समर्थन का काम करेंगे।
एमओयू के माध्यम से एचएएल अपने संचालन को अंतरराष्ट्रीय पार्टनरशिप का विस्तार करना चाहता है, जो इसके लिए लॉन्ग टर्म ग्रोथ और इनोवेशन का रास्ता खोलता है।
Disclaimer: इन सभी शेयरों के बारे में हमने आपको केवल जानकारी देने के उद्देश्य से बताया है यह कोई investment advice नहीं है. इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले खुद से रिसर्च करें या फिर किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
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