आईटी सेक्टर के शेयर क्यों गिर रहे हैं, आईटी कंपनियों के प्रॉफिट क्यों नहीं बढ़ रहे हैं, लोग आईटी कंपनियां छोड़ कर क्यों जा रहे हैं, Why IT stocks are falling, IT sector share news in hindi:
इंडियन आईटी सेक्टर ने दुनिया में भारत की पहचान बढ़ाई है। निफ़्टी 50 में शामिल टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियां हमारे देश की शान हैं।
मार्केट कैप के अनुसार देखें तो रिलायंस के बाद TCS इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है
लेकिन पिछले कुछ महीनों से टीसीएस ही नहीं बल्कि आईटी सेक्टर की अन्य सभी कंपनियों के शेयर गिर रहे हैं इसके अलावा Nifty IT index भी काफी नीचे आ चुका है तो आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
- आईटी सेक्टर में ऐसी क्या दिक्कत आ गई है जिसके कारण आईटी सेक्टर के लगभग सभी शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है?
- आखिर क्यों आईटी इंडस्ट्री अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही है?
आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आईटी सेक्टर के शेयर क्यों गिर रहे हैं, इनकी गिरावट के पीछे क्या कारण हैं, भविष्य में आईटी स्टॉक्स कब तक गिरेंगे और कब बढ़ना शुरू होंगे?
चलिए इन सभी कारणों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं―
आईटी सेक्टर के शेयर क्यों गिर रहे हैं? Why IT stocks falling?
लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा यूपीआई जैसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलने से आईटी सेक्टर की कंपनियों को तेजी से आर्डर मिलना शुरू हुए
इसी कारण कंपनियों के शेयर भी बढ़ने लगे।
लेकिन पिछले कुछ समय से पूरा आईटी सेक्टर डाउन जा चुका है.
आईटी सेक्टर में हुई इस गिरावट के कई कारण जिम्मेदार हैं जिनके बारे में हमने नीचे एक-एक करके बताया है―
डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने के बावजूद गिर रहे हैं आईटी शेयर?
क्या आपको पता है इंडिया के आईटी सेक्टर को रुपया के कमजोर होने से और डॉलर के मजबूत होने से फायदा होता है.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंडिया की आईटी कंपनियां अपनी सर्विसेज अमेरिका और यूरोप जैसे देशों को एक्सपोर्ट यानी निर्यात करती हैं जिसके कारण रिवेन्यू भी इन्हें डॉलर में प्राप्त होता है.
इसलिए अगर रुपया में गिरावट आती है तो डॉलर मजबूत होता है.
उदाहरण:
मान लीजिए अगर इस साल टीसीएस 100 डॉलर का रेवेन्यू कमाती है जबकि रुपया का भाव 75 रुपये/ डॉलर चल रहा है
तो ऐसे में कंपनी को $100 यानी 7500 रुपये रेवेन्यू प्राप्त होगा
अब मान लो कुछ महीने बाद रुपये की कीमत 80 रुपये/ डॉलर हो जाती है तो अब की बार कंपनी को वही $100 कमाने पर 8000 रुपये मिलेंगे (जो पिछली बार 7500 रुपए मिले थे)
मतलब रुपए के गिरने से TCS को ₹500 का फायदा हुआ।
- सीधी बात यह है कि जो कंपनियां दूसरे देशों में माल निर्यात करती हैं उन्हें रुपए के गिरने से फायदा होता है जबकि जो कंपनियां दूसरे देशों से माल आयात करती हैं उन्हें घाटा होता है।
बेशक रुपए के गिरने से फायदा टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी कंपनियों का मिलता है
क्योंकि इनका ज्यादातर रिवेन्यू विदेशों से आता है
लेकिन आजकल तो उल्टा ही हो रहा है जहां एक ओर रुपया भी कमजोर हो रहा है और दूसरी तरफ आईटी स्टॉक्स भी अच्छा रिटर्न नहीं दे रहे हैं
तो ऐसा क्यों हो रहा है?
इसके लिए कई और फैक्टर्स जिम्मेदार हैं आइए उन पर नजर डाल लेते हैं;
कंपनियों का रिवेन्यू बढ़ने के बावजूद क्यों गिर रहे हैं आईटी शेयर?
ऐसा नहीं है कि आईटी कंपनियां सेल्स नहीं कर पा रही है बल्कि अगर देखा जाए तो इनका रिवेन्यू लगातार बढ़ रहा है
लेकिन प्रॉब्लम यह है कि रेवेन्यू के साथ- साथ इनका प्रॉफिट नहीं बढ़ रहा है
और इसीलिए आईटी सेक्टर के शेयर लगातार गिर रहे हैं।
अगर आप कंपनियों के तिमाही नतीजे देखें तो आपको रेवेन्यू में लगातार वृद्धि दिखेगी
चाहे वह टीसीएस हो इंफोसिस हो या विप्रो. सभी आईटी कंपनियों ने रेवेन्यू में वृद्धि दर्ज की है और प्रॉफिट में कमी आई है
और यही वजह है कि इन्वेस्टर्स आईटी कंपनियों में रुचि नहीं दिखा रहे हैं और आईटी स्टॉक्स लगातार गिर रहे हैं।
लेकिन आईटी सेक्टर के शेयरों में गिरावट का यह अकेला कारण नहीं है इसके अलावा इन्वेस्टर्स के मन में बहुत सारे डर हैं जैसे―
- Orders की कमी होने का डर
- Recession का डर
- Inflation का डर
ऐसे ही कुछ डरों के कारण भी लोग आईटी शेयरों में इन्वेस्ट नहीं कर रहे हैं जिससे भी आईटी इंडस्ट्री के शेयर लगातार नीचे आ रहे हैं।
आपको पता होना चाहिए कि इंडिया की आईटी कंपनियों का प्रदर्शन अमेरिका की इकॉनमी पर भी काफी हद तक निर्भर करता है
क्योंकि हम आईटी सर्विसेस का आधे से ज्यादा निर्यात (export) अमेरिका को ही करते हैं.
आजकल यूएसए में महंगाई काफी बढ़ चुकी है इसलिए लोगों को रिसेशन का डर सता रहा है और इसीलिए लोगों के मन में एक डर यह भी है कि इससे भारतीय IT कंपनियों को आर्डर मिलना बंद हो जाएंगे या कम हो जाएंगे जिससे इंडिया के आईटी कंपनियों का मुनाफा भी भविष्य में कम हो जाएगा
और यही कारण है कि टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो आदि कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे हैं।
महंगाई के कारण गिर रहे हैं आईटी स्टॉक्स
जब भी आईटी स्टॉक्स गिरते या बढ़ते हैं तो उसका कारण कहीं ना कहीं अमेरिका की economy से ही जुड़ा होता है.
जुलाई 2022 में अमेरिका में महंगाई अपने उच्चतम स्तर 8.22% पर पहुंच गई थी जिसका असर यूएसए की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत के आईटी उद्योग पर भी पड़ा.
जिसका नतीजा यह हुआ कि भारत की आईटी कंपनियों के एक्सपेंस बढ़ जाए जिससे उनका मुनाफा कम हो गया और शेयर गिरने लगे.
आईटी स्टॉक्स में गिरावट का एक कारण सीपीआई सूचकांक में बढ़ोतरी भी हो सकता है।
Cpi इंडेक्स का बढ़ना
अगर आप अमेरिकन सीपीआई यानी consumer price index के डाटा पर नजर डालें तो आप देखेंगे कि energy cpi 32.9% बढ़ गया है।
आपको लग रहा होगा कि ऐसा रूस यूक्रेन वॉर के कारण हुआ है
- लेकिन आपको बता दूं कि food inflation भी 10.9% बढ़ गया है जोकि मई 1979 के बाद देखी जाने वाली सबसे बड़ी inflation है।
महंगाई बढ़ने का कारण डिमांड का बढ़ना होता है इसलिए कुछ लोगों को लग रहा होगा कि कोविड की वजह से भी inflation बढ़ी है।
क्योंकि lockdown खुलने के बाद चीजों की डिमांड अचानक से बहुत बढ़ने लगी थी जिससे raw material यानी कच्चे माल की कीमतें बढ़ने लगी और फलस्वरुप महंगाई भी बढ़ गई।
Recession का डर
अमेरिका का एक इंडेक्स है जिसका नाम है ‘Leading economic index‘ जो यह बताता है कि आने वाले समय में इकोनामिक गतिविधियां कैसी रहेगी.
पिछले कुछ समय से यह इंडेक्स बहुत नीचे जा चुका है जिसका अर्थ यह है कि आने वाले समय में इकॉनमी में मंदी आने की आशंका है।
इसीलिए लोगों को लग रहा है कि यूएसए में Recession यानी आर्थिक मंदी आने वाली है और इसीलिए अधिकतर निवेशक पैनिक में आकर बिकवाली कर रहे हैं।
अगर अमेरिका में आर्थिक मंदी आती है तो कंपनियां अपनी spending यानी खर्चे कम कर देती हैं जिसका सीधा असर भारत की आईटी कंपनियों पर पड़ता है
क्योंकि भारत का ज्यादातर आईटी रिवेन्यू अमेरिका से ही आता है।
रूस यूक्रेन वॉर के कारण
अमेरिका में जितनी महंगाई बढ़ी है उसका जिम्मेदार हम रूस यूक्रेन वॉर को नहीं ठहरा सकते क्योंकि अमेरिका के पास खुद की पर्याप्त एनर्जी कैपेसिटी है.
US इकॉनमी में आर्थिक मंदी के लिए कुछ अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं जो आपको पता होना चाहिए जैसे―
5 ट्रिलियन डॉलर के pandemic relief package के कारण महंगाई बढ़ी
कोविड खत्म होने के बाद अमेरिकी सरकार ने बंद पड़ी हुई economy को रिकवर करने के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर (यह अमाउंट इंडिया की GDP से भी काफी ज्यादा है) के खर्चे को मंजूरी दी.
अमेरिकी सरकार के अनुसार इस अमाउंट का उपयोग household और businesses के लिए किया जाएगा।
इतना सारा पैसा आने से अब लोगों ने जोरों शोरों से खर्चा करना शुरू कर दिया जिससे महंगाई बढ़ना शुरू हो गई।
एक सर्वे के अनुसार यूएसए में 3% महंगाई सिर्फ इसी पैकेज के कारण बड़ी थी।
जब इस पैकेज को बाटा गया था तो सरकार का कहना था कि इसके कारण टेंपरेरी इन्फ्लेशन आएगा जो बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा
लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि रसिया यूक्रेन युद्ध ने इसमें आग में घी डालने का काम किया और महंगाई अपने चरम स्तर 8.5% पर पहुंच गई.
आप सोच रहे होंगे कि अमेरिका की inflation से हमारी आईटी इंडस्ट्री को क्या लेना देना?
देखिए inflation से आईटी इंडस्ट्री को कुछ लेना देना नहीं है लेकिन जिस तरह से अमेरिकी गवर्नमेंट और फेडरल रिजर्व महंगाई को कंट्रोल करने के लिए स्टेप्स ले रहे हैं उससे IT industry को फ्यूचर में प्रॉब्लम हो सकती है।
चलिए अब जान लेते हैं कि;
आईटी शेयर कब बढ़ेंगे? What is the future of IT stocks?
इंटरेस्ट रेट बढ़ाने पर:
अगर महंगाई को कंट्रोल करना है तो इंटरेस्ट रेट बढ़ाना सबसे बड़ा जरिया है जिसके द्वारा महंगाई को कम किया जा सकता है।
जब फेडरल रिजर्व (अमेरिका का केंद्रीय बैंक) के द्वारा इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाते हैं तो loans भी महंगे हो जाते हैं
जिससे लोग बैंकों से कम लोन लेते हैं और धीरे-धीरे लोगों के पास पैसा कम होने लगता है जिससे इकॉनमी में spending या खर्चे भी कम होने लगते है
इस प्रकार वस्तुओं की डिमांड घट जाती है जिससे चीजों के भाव भी कम होने लगते हैं और महंगाई कम होने लगती है।
तो इस प्रकार ब्याज दरें बढ़ाकर सरकार महंगाई पर कंट्रोल करती है।
जब अमेरिका में महंगाई की दर सामान्य हो जाएगी तो इंडिया की आईटी कंपनियों को भी पर्याप्त आर्डर मिलेंगे और उनके खर्चे भी कम हो जाएंगे जिससे टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा जैसी आईटी कंपनियों के मुनाफे (नेट प्रॉफिट) वापस बढ़ना शुरू हो जाएंगे।
अमेरिकी सरकार ने ब्याज दरों में पिछले 1 साल में काफी बढ़ोतरी की है।
- जो इंटरेस्ट रेट पहले 0.5% के करीब हुआ करते थे अब वह बढ़कर 2.5% हो चुके हैं।
आईटी कंपनियां छोड़कर क्यों जा रहे हैं लोग?
भारत की आईटी कंपनियों में प्रॉब्लम का एक कारण attrition भी है मतलब आईटी employees कंपनियां छोड़कर जा रहे हैं।
- पिछले 1 साल में attrition रेट 12% से बढ़कर 25% के करीब जा चुका है
- कुछ IT कंपनियों का attrition रेट तो 35% से 40% पर पहुंच गया है।
FY 2022 के पहले तिमाही के डाटा के अनुसार, इंडिया के 4.89 लाख employees ने Top 8 कंपनियों से जॉब छोड़ दी है।
लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है? लोग IT कंपनियों से जॉब छोड़कर क्यों जा रहे हैं?
Digital ocean के एक सर्वे के अनुसार 44% सॉफ्टवेयर डेवलपर इस साल अपनी जॉब छोड़ना चाहते हैं जिसके कई कारण हैं जैसे;
- लोगों को अच्छा work atmosphere नहीं मिल पा रहा है।
- working flexibility की कमी है.
- अच्छा compensation नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा Talent trend की एक रिपोर्ट के अनुसार, 48% लोग career progression और प्रमोशन के लिए अपनी जॉब चेंज कर रहे हैं
और 48% लोग अपनी इंडस्ट्री बदलने के लिए जॉब छोड़ रहे हैं।
एक अन्य रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि 68% employees अपनी सैलरी कम करने को भी तैयार है अगर उन्हें अच्छा work atmosphere और अच्छी learning opportunity मिलती है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह आता है
कि पिछले 1 साल में ही क्यों अधिकतर IT employees अपनी जॉब छोड़ रहे हैं?
क्योंकि ऊपर जॉब छोड़ने के जो कारण बताए गए हैं उन सभी सुविधाओं की जरूरत तो employees को पहले भी थी
लेकिन आखिर पिछले 1-2 सालों में ही ऐसा क्या हो गया जिसके कारण इतने सारे लोग अचानक से आईटी कंपनियों को छोड़ कर जा रहे हैं?
तो लोगों के आईटी कंपनियों को छोड़कर जाने का असली कारण है पिछले 2-3 सालों से startups को आसानी से फंडिंग मिलना।
और स्टार्टअप्स इसी फंडिंग के अधिकतर हिस्से का उपयोग talent acquisition के लिए करने लगे
चूंकि देखा जाए तो अधिकतर स्टार्टअप टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसीलिए अधिकतर स्टार्टअप्स TCS, infosys जैसी बड़ी आईटी कंपनियों से IT employees को hire करने लगे
अब चूंकि ये startups उन employees को सालाना 30-40% का hike देते हैं जबकि एक नॉर्मल आईटी कंपनी 8-10% परसेंट का ही hike देती है
और यही कारण है कि आईटी employees बहुत तेजी से बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों को छोड़कर इन startups की तरफ जाने लगे।
देखा जाए तो इन सब में सबसे ज्यादा फायदा IT employees को हुआ क्योंकि इंडिया में tech employees की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ने लगी जबकि supply उतनी है नहीं।
इसका बुरा असर आईटी कंपनियों पर पडने लगा क्योंकि आईटी कंपनियों को अपने employees की सैलरी बहुत तेजी से बढ़ानी पड़ गई जिससे इनके employee expense बहुत ज्यादा बढ़ गए जिसके कारण कंपनियों के प्रॉफिट कम हो गए।
आईटी कंपनियों के प्रॉफिट कब बढ़ेंगे?
मुझे लगता है अगले 1-2 सालों में IT employees की डिमांड और सप्लाई मैच हो जाएगी क्योंकि अभी इंडिया में काफी सारे प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस आ चुके हैं जो इस दिशा में काम कर रहे हैं.
मतलब भविष्य में जब आईटी कंपनियों के employee expenses कम हो जाएंगे तो प्रॉफिट अपने आप बढ़ने लगेंगे।
FAQ’s (IT sector share news in hindi)
आईटी शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी बड़ी- बड़ी आईटी कंपनियों का प्रॉफिट ना कमा पाना और सैलरी एक्सपेंस का बढ़ना आईटी शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण है।
आईटी सेक्टर के शेयरों का भविष्य क्या है?
फ्यूचर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी की डिमांड बढ़ने से आईटी सेक्टर के शेयरों का भविष्य काफी बेहतर दिखाई पड़ता है।
आईटी सेक्टर के शेयर कब ऊपर जाएंगे?
जैसे-जैसे आईटी कंपनियां अपने खर्चों को कम करेंगी और अमेरिकी इकॉनमी के हालात सुधरेंगे तो कंपनियों को आर्डर मिलना चालू होंगे जिससे रेवेन्यू के साथ-साथ कंपनियों के मुनाफे भी बढ़ेंगे इस प्रकार भविष्य में आईटी सेक्टर के शेयर ऊपर जाने की उम्मीद है।
क्या आईटी सेक्टर निवेश करने के लिए अच्छा है?
जी हां, बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के डिमांड को देखते हुए आईटी सेक्टर निवेश करने के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट है।
निष्कर्ष (IT sector share news in hindi)
मेरा मानना है कि आईटी सेक्टर में अभी जो प्रॉब्लम हैं वह टेंपरेरी हैं जो कुछ समय बाद ठीक हो जाएंगी। साथ ही इंडिया का आईटी सेक्टर फंडामेंटली काफी मजबूत है और भविष्य में टेक्नोलॉजी की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ने वाली है चाहे फिर वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या मशीन लर्निंग.
इन सभी टेक्नोलॉजी के जरिए कंपनियां अपने बहुत सारे खर्चे (expense) कम कर पाएंगी जिससे IT कंपनियों के प्रॉफिट बहुत तेजी से बढ़ेंगे.
इस प्रकार भविष्य में आईटी सेक्टर के शेयर भी बहुत तेजी से बढेंगे या ऊपर जाएंगे।
इस पोस्ट में हमने आईटी सेक्टर के शेयर क्यों गिर रहे हैं (Why IT sector share is falling) इसके कई कारण बताए हैं. साथ ही कंपनियां रेवेन्यू के साथ-साथ प्रॉफिट क्यों नहीं कमा पा रही हैं और लोग आईटी कंपनियों को छोड़ कर क्यों जा रहे हैं यह भी बताया है. इसके अलावा भविष्य में आईटी सेक्टर के शेयर कब बढ़ेंगे (What is the future of IT stocks) इसकी जानकारी भी दी है।
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